करनाल में दो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर 28 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। फेसबुक के जरिए संपर्क किए गए एक व्यक्ति ने ऑस्ट्रेलिया भेजने का झांसा देकर पैसे मांगे। पीड़ितों ने करनाल की एक फाइनेंस कंपनी के माध्यम से यह रकम दे दी। लेकिन न तो काम हुआ और न ही पैसे वापस किए गए। मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता कैमला निवासी फतेह सिंह और करनाल निवासी दीपक कुमार ने बताया कि फेसबुक के जरिए उनकी हरमन सिंह नाम के व्यक्ति से बात हुई। हरमन ने दावा किया कि वह मलेशिया में रहता है और लोगों को विदेश भेजने का काम करता है। बातचीत के दौरान उसने उन्हें विश्वास में लिया और कहा कि वह उन्हें करनाल की मान फाइनेंस कंपनी से मिलवा देगा, जहां से उनका काम पूरा हो जाएगा। फाइनेंस कंपनी के जरिए सिक्योरिटी के तौर पर लिए 28 लाख रुपए हरमन सिंह ने बताया कि भूपेंद्र मान और अजमेर सिंह नाम के व्यक्ति फाइनेंस कंपनी चलाते हैं। इनके जरिए सिक्योरिटी के तौर पर 28 लाख रुपए जमा करवाने की बात हुई थी। पीड़ितों ने यह रकम 14 मई को कंपनी के दफ्तर में जमा करवा दी। भूपेंद्र मान ने लेटर हेड पर लिखकर दिया कि काम न होने पर पैसे वापस कर दिए जाएंगे। मुंबई तक भेजा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट नहीं मिली रकम जमा होने के बाद हरमन सिंह ने पीड़ितों के बच्चों को दिल्ली से मुंबई भेजने की टिकट दी। उसने आश्वासन दिया कि दो दिन में ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट का इंतजाम कर देगा। लेकिन 15 से 30 मई तक कोई इंतजाम नहीं हुआ, और बच्चों को मजबूरी में घर लौटना पड़ा। जिम्मेदारी से मुकरा फाइनेंस कंपनी का मालिक जब फतेह सिंह और दीपक कुमार ने हरमन सिंह से संपर्क किया तो उसने धमकी देते हुए कहा कि पैसे वापस नहीं मिलेंगे। उसने सारी जिम्मेदारी भूपेंद्र मान और अजमेर सिंह पर डाल दी। जब फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि पैसे हवाला के जरिए भेज दिए गए हैं और अब उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। थाने में शिकायत के बाद मामला दर्ज शिकायतकर्ताओं ने इस मामले की शिकायत 24 जून को थाना घरौंडा में की थी। लेकिन जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने 17 दिसंबर को फिर से आवेदन दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भूपेंद्र मान और अजमेर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। थाना घरौंडा के एएसआई प्रवीण कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। करनाल में दो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर 28 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। फेसबुक के जरिए संपर्क किए गए एक व्यक्ति ने ऑस्ट्रेलिया भेजने का झांसा देकर पैसे मांगे। पीड़ितों ने करनाल की एक फाइनेंस कंपनी के माध्यम से यह रकम दे दी। लेकिन न तो काम हुआ और न ही पैसे वापस किए गए। मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता कैमला निवासी फतेह सिंह और करनाल निवासी दीपक कुमार ने बताया कि फेसबुक के जरिए उनकी हरमन सिंह नाम के व्यक्ति से बात हुई। हरमन ने दावा किया कि वह मलेशिया में रहता है और लोगों को विदेश भेजने का काम करता है। बातचीत के दौरान उसने उन्हें विश्वास में लिया और कहा कि वह उन्हें करनाल की मान फाइनेंस कंपनी से मिलवा देगा, जहां से उनका काम पूरा हो जाएगा। फाइनेंस कंपनी के जरिए सिक्योरिटी के तौर पर लिए 28 लाख रुपए हरमन सिंह ने बताया कि भूपेंद्र मान और अजमेर सिंह नाम के व्यक्ति फाइनेंस कंपनी चलाते हैं। इनके जरिए सिक्योरिटी के तौर पर 28 लाख रुपए जमा करवाने की बात हुई थी। पीड़ितों ने यह रकम 14 मई को कंपनी के दफ्तर में जमा करवा दी। भूपेंद्र मान ने लेटर हेड पर लिखकर दिया कि काम न होने पर पैसे वापस कर दिए जाएंगे। मुंबई तक भेजा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट नहीं मिली रकम जमा होने के बाद हरमन सिंह ने पीड़ितों के बच्चों को दिल्ली से मुंबई भेजने की टिकट दी। उसने आश्वासन दिया कि दो दिन में ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट का इंतजाम कर देगा। लेकिन 15 से 30 मई तक कोई इंतजाम नहीं हुआ, और बच्चों को मजबूरी में घर लौटना पड़ा। जिम्मेदारी से मुकरा फाइनेंस कंपनी का मालिक जब फतेह सिंह और दीपक कुमार ने हरमन सिंह से संपर्क किया तो उसने धमकी देते हुए कहा कि पैसे वापस नहीं मिलेंगे। उसने सारी जिम्मेदारी भूपेंद्र मान और अजमेर सिंह पर डाल दी। जब फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि पैसे हवाला के जरिए भेज दिए गए हैं और अब उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। थाने में शिकायत के बाद मामला दर्ज शिकायतकर्ताओं ने इस मामले की शिकायत 24 जून को थाना घरौंडा में की थी। लेकिन जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने 17 दिसंबर को फिर से आवेदन दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भूपेंद्र मान और अजमेर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। थाना घरौंडा के एएसआई प्रवीण कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 20 साल बाद कच्चे कर्मचारी होंगे पक्के:सरकार ने HC में दिया जबाव; दो सप्ताह में जारी होंगे नियुक्ति पत्र
हरियाणा में 20 साल बाद कच्चे कर्मचारी होंगे पक्के:सरकार ने HC में दिया जबाव; दो सप्ताह में जारी होंगे नियुक्ति पत्र हरियाणा में 20 साल बाद कच्चे कर्मचारी नियमित होंगे। सरकार ने बताया है कि दो सप्ताह के भीतर ही ऐसे कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यह जानकारी प्रदेश सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों द्वारा दायर अवमानना याचिका के जवाब में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में यह जानकारी दी है। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इसको लेकर एक प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था, जिस पर वित्त विभाग ने अपनी मुहर लगा दी है। हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से कार्यरत सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कैडर पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश के बाद 28 नवंबर को मुख्य सचिव कार्यालय पहले ही मंजूरी दे चुका है। वित्तीय लाभ भी मिलेंगे मुख्य सचिव कार्यालय के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने अपनी मुहर लगाकर यह उम्मीद जगा दी है कि अब अस्थायी कर्मचारियों को वास्तव में पक्की नौकरियां मिल सकती हैं। हरियाणा सरकार के अधिकारी दो सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसे सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित पदों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करेंगे। साथ ही परिणामी-वित्तीय लाभ भी देंगे। अवमानना याचिका पर हो रही सुनवाई सरकार के जवाब के बाद मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस हरकेश मनुजा ने स्पष्ट किया कि यदि हरियाणा सरकार द्वारा उपरोक्त अवधि के भीतर आवश्यक कार्यवाही नहीं की जाती है, तो याचिकाकर्ता वर्तमान अवमानना याचिका पर दोबारा सुनवाई करने की मांग करने के लिए स्वतंत्र होंगे और ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी मुकदमेबाजी के खर्च के लिए प्रत्येक याचिकाकर्ता को 50 हजार रुपए की राशि अपनी जेब से देने के लिए उत्तरदायी होंगे। याचिकाकर्ताओं ने राज्य में 20 साल से अधिक समय से कार्यरत ऐसे सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए हाई कोर्ट द्वारा 13 मार्च को पारित आदेश को लागू नहीं करने के लिए मुख्य सचिव हरियाणा के खिलाफ न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश मांगे थे। राज्य ने मार्च के आदेश को लागू नहीं किया याचिकाकर्ता राज्य सरकार की एक अक्टूबर 2003 की नियमितीकरण नीति के तहत अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग कर रहे थे। हालांकि, सरकार ने पहले दावा किया था कि याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को नियमित करने के लिए राज्य के पास कोई स्वीकृत पद नहीं हैं। इस पर हाई कोर्ट ने अपने मार्च के आदेश में राज्य को उचित पद सृजित करने के लिए कहा था। चूंकि राज्य ने मार्च के आदेश को लागू नहीं किया था, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने मुख्य सचिव हरियाणा के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने दिये थे पद सृजित करने के निर्देश यमुनानगर निवासी ओमप्रकाश व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर एक बार राज्य सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों को उस पद पर सेवा जारी रखने की अनुमति दे दी है, जिस पर उन्हें शुरू में नियुक्त किया गया था तो यह नहीं कहा जा सकता कि संबंधित पद के लिए कोई नियमित कार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई कर्मचारी एक दशक से अधिक समय तक काम कर चुका है और उक्त पद का कार्य मौजूद है तो राज्य का यह कर्तव्य है कि वह पद सृजित करे, ताकि उक्त कर्मचारी को सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा सके। हाई कोर्ट ने कहा था कि एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते राज्य को अपने कर्मचारियों का ध्यान रखना चाहिए, न कि ऐसा निर्णय लें, जिससे कर्मचारी के नियमितीकरण के दावे खारिज हो जाएं।
फतेहाबाद में दिवाली पर झगड़े में चली गोली:आपसी विवाद के चलते घर पर हमला, युवती समेत तीन लोग घायल
फतेहाबाद में दिवाली पर झगड़े में चली गोली:आपसी विवाद के चलते घर पर हमला, युवती समेत तीन लोग घायल फतेहाबाद के अग्रवाल कॉलोनी में दीपावली की रात दो गुटों में झगड़ा हो गया। झगड़े के दौरान एक गुट ने दूसरे के घर में घुसकर हमला कर दिया और हवाई फायरिंग कर दी। इस दौरान एक युवती के हाथ पर गोली लग गई। युवती के अलावा उसके माता-पिता भी मारपीट में घायल हो गए। जिन्हें नागरिक अस्पताल लाया गया, यहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। किसी बात पर महिला से हुआ था झगड़ा जानकारी के अनुसार अग्रवाल कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय दिनकर भट्टू रोड पर एक किराना की दुकान पर खड़ा था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान अंजलि कॉलोनी निवासी महिला के साथ किसी बात को लेकर उसका आपस में झगड़ा हो गया। झगड़े के बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए। रात को दिनकर जब अपने घर पर परिवार के साथ था तो इसी दौरान घर के बाहर कार पर कुछ लोग आए। कार में सवार होकर पहुंचे लोग बताया जा रहा है कार में महिला और दो-तीन अन्य युवक सवार थे और उन्होंने आकर मारपीट शुरू कर दी। जानकारी मिली है कि कार सवार युवकों ने गोली चला दी, जो दिनकर की बेटी चंदा के हाथ पर जा लगी। इस घटना में चंदा के अलावा उसके पिता दिनकर व मां मोती को भी चोटें लगी। जिन्हें नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। जांच में जुटी पुलिस शहर थाना पुलिस मामले में जांच पड़ताल कर रही है। एसएचओ प्रहलाद सिंह ने बताया कि झगड़े की सूचना मिली थी। एक युवती को हाथ के पास गोली लगी है। पुलिस घायल दिनकर के बेटे के बयान दर्ज कर रही है। बयानों के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।