करनाल में एक युवक के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। युवक ने सोने के बदले डीसीबी बैंक से 14.50 लाख का लोन लिया था, जिसे फाइनेंस कंपनी ने लोन ट्रांसफर करवाने के लिए 5 दिसंबर 2024 को डीसीबी बैंक में 14.50 लाख जमा करवा दिए। आरोपी ने 9 लाख लौटा दिए, लेकिन 5.50 लाख अभी भी बकाया है। बार-बार कहने और चक्कर लगाने के बावजूद आरोपी ने न तो बकाया रकम चुकाई और न ही सोना लौटाया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। क्या है मामला? आईआईएफएल फाइनेंस की शाखा प्रबंधक वीना मनचंदा के अनुसार, करनाल निवासी सन्नी ने डीसीबी बैंक से सोने के बदले 14.50 लाख रुपये का लोन लिया था। इसके बाद सन्नी ने इस लोन को आईआईएफएल फाइनेंस में ट्रांसफर करवाने के लिए 11 नवंबर, 12 नवंबर, 13 नवंबर और 16 नवंबर 2024 को शाखा का दौरा किया। फाइनेंस कंपनी ने उसके सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीसीबी लोन स्टेटमेंट और सिक्योरिटी चेक लेकर प्रक्रिया शुरू की। 5 दिसंबर 2024 को कंपनी ने अपने वेंडर की मदद से 14.50 लाख रुपये की रकम डीसीबी बैंक में ट्रांसफर कर दी। कहां हुआ विवाद? भुगतान के बाद सनी टुटेजा को सोना फाइनेंस शाखा में जमा करवाना था, लेकिन वह टालमटोल करता रहा। शाखा प्रबंधक और उनकी टीम ने कई बार फॉलोअप किया और घर का चक्कर भी लगाया, लेकिन सनी ने सोना लौटाने या पूरी रकम देने से इनकार कर दिया। शिकायत के अनुसार सनी ने 18 दिसंबर 2024 को अपनी बहन के खाते से अब तक 9 लाख की रकम दी है। हालांकि, 5.50 लाख की शेष रकम अभी भी बकाया है। वीना मनचंदा ने बताया कि उन्होंने अपनी तरफ से सनी को बार-बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह बकाया 5.50 लाख की रकम देने को तैयार नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की अपील की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसआई कृष्ण लाल ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। करनाल में एक युवक के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। युवक ने सोने के बदले डीसीबी बैंक से 14.50 लाख का लोन लिया था, जिसे फाइनेंस कंपनी ने लोन ट्रांसफर करवाने के लिए 5 दिसंबर 2024 को डीसीबी बैंक में 14.50 लाख जमा करवा दिए। आरोपी ने 9 लाख लौटा दिए, लेकिन 5.50 लाख अभी भी बकाया है। बार-बार कहने और चक्कर लगाने के बावजूद आरोपी ने न तो बकाया रकम चुकाई और न ही सोना लौटाया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। क्या है मामला? आईआईएफएल फाइनेंस की शाखा प्रबंधक वीना मनचंदा के अनुसार, करनाल निवासी सन्नी ने डीसीबी बैंक से सोने के बदले 14.50 लाख रुपये का लोन लिया था। इसके बाद सन्नी ने इस लोन को आईआईएफएल फाइनेंस में ट्रांसफर करवाने के लिए 11 नवंबर, 12 नवंबर, 13 नवंबर और 16 नवंबर 2024 को शाखा का दौरा किया। फाइनेंस कंपनी ने उसके सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीसीबी लोन स्टेटमेंट और सिक्योरिटी चेक लेकर प्रक्रिया शुरू की। 5 दिसंबर 2024 को कंपनी ने अपने वेंडर की मदद से 14.50 लाख रुपये की रकम डीसीबी बैंक में ट्रांसफर कर दी। कहां हुआ विवाद? भुगतान के बाद सनी टुटेजा को सोना फाइनेंस शाखा में जमा करवाना था, लेकिन वह टालमटोल करता रहा। शाखा प्रबंधक और उनकी टीम ने कई बार फॉलोअप किया और घर का चक्कर भी लगाया, लेकिन सनी ने सोना लौटाने या पूरी रकम देने से इनकार कर दिया। शिकायत के अनुसार सनी ने 18 दिसंबर 2024 को अपनी बहन के खाते से अब तक 9 लाख की रकम दी है। हालांकि, 5.50 लाख की शेष रकम अभी भी बकाया है। वीना मनचंदा ने बताया कि उन्होंने अपनी तरफ से सनी को बार-बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह बकाया 5.50 लाख की रकम देने को तैयार नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की अपील की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसआई कृष्ण लाल ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में सड़क पर मिले 70 ब्लड बैग:स्वास्थ्य विभाग ने किए जब्त; लोग बोले- हमारे रक्त को बेक़द्री से फेंका सोनीपत की गोहाना के गुढ़ा गांव में रोहतक मोड़ के पास करीब 70 ब्लड बैग मिले हैं। जिसे देखकर आसपास के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ब्लड बैग को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल भेजा दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक ब्लड बैग पर सैंपल लेने की तारीख 13 नवंबर लिखी हुईं है। 25 नवंबर को एक्सपायरी डेट लिखी हुई है। जहां ब्लड सैंपल से संबंधित सिरिंज व अन्य सभी सैंपल किट और ब्लड किट संबंधित अन्य सामान कोई डालकर चला गया। उन्होंने कहा कि रक्त को हम लोगों की जान बचाने के लिए डोनेट करते हैं। उसको बड़ी बेक़द्री के साथ इस प्रकार डाला गया है। मामले को लेकर जांच करने की भी मांग स्थानीय लोगों ने उठाई है। लोगों का यह भी आरोप है कि यह किसी कैंप में लिया गया ब्लड सैंपल हो सकता है। वर्ल्ड यूनिट की कुछ थैलियों में मिला रक्त सिविल हॉस्पिटल गोहाना के एसएमओ संजय छिक्कारा ने कहा कि वर्ल्ड यूनिट की कुछ थैलियों में रक्त है। अन्य बायो वेस्ट का सामान पड़ा हुआ मिला है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से ब्लड यूनिट की थैंलियों को नहीं डाला जा सकता। नंबर के आधार पर लगाया जा रहा हॉस्पिटल का पता उन्होंने यह भी बताया कि मित्रा नाम की एक कंपनी के यूनिट बैग हैं। वहां से नंबर के आधार पर पता लगवाया जाएगा कि किस हॉस्पिटल में यह बैग भेजे गए थे। संबंधित हॉस्पिटल के खिलाफ ऐसा गलत काम करने के एवज में भी कार्रवाई की जाएगी। कुलदीप सिंह ने कहा कि सिविल सर्जन डिप्टी सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर संज्ञान में मामला लाया गया है।