भास्कर न्यूज | अमृतसर मेयर जतिंदर मोती भाटिया ने कार्यभार संभालने के बाद 84 एकड़ पार्क कंपनी बाग का पैदल दौरा कर अफसरों संग ब्यूटीफिकेशन कराने को लेकर प्लान तैयार किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर जैसा तो नहीं बनाया जा सकता लेकिन राजस्थान से आइडिया लेकर पार्क का ब्यूटीफिकेशन उस तरह से कराया जाए। डवलपमेंट से जुड़े काम एक या 2 साल नहीं हमेशा के लिए होने चाहिए। उन्होंने कहा कि टूटी लाइटें-सड़कों व ग्रीनरी के काम तत्काल शुरू कराए जाएं। जिस जगह से गुजर रहे थे वहां अवैध रेहड़ी व दुकानें लगी दिखी तो उनको हटाने के लिए कहा। वहीं पार्क में कई ऐसे जगह भी थे जो खाली दिखे, किसी का आना-जाना नहीं था। इस पर ग्रीनरी व डवलप करवाने को निर्देश दिया। उन्होंने अफसरों से पूछा कि जब 5 साल पहले फाउंटेन चलता था तो अब क्यों नहीं चलाया जा रहा। बैक साइड गेट में लगी लाइटें बंद पड़ी मिली। वहीं पार्क में लोगों ने मेयर से मुलाकात कर आने वाली मुश्किलें उठाई। जिसमें जिम टूटे होने पर दुरुस्त करवाने, चूहों के आतंक-परमानेंट सफाई कर्मी नहीं होने, जगह-जगह पक्षियों को दाना डालने सहित अन्य मुद्दे शामिल रहे। कूड़ों के ढेर दिखने व डस्टबिन के टूटे होने पर नाराजगी। जताई बता दें कि मेयर सुबह 8 बजे ही कंपनी बाग पहुंच गए थे। जिसके बाद सबसे पहले निगम के अलग-अलग विंग से जुड़े अफसरों संग इसकी ग्राउंड रिपोर्ट ली। एक घंटे बाद पार्क के विजिट पर निकले। कई ऐसे जगह गंदगी-पानी लीकेज देखने को मिले, जहां बदहाली का बुरा हाल बना हुआ था। सुबह 10 बजे वापस अफसरों संग मीटिंग की गई, जिसमें अफसरों को रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा। मेयर ने बताया कि जल्द ही निगम कमिश्नर से मीटिंग कर कंपनी बाग के ब्यूटीफिकेशन को अंतिम रूप दिया जाएगा। जगह की कमी नहीं है। जो भी खाली पड़े हैं, उनको टेकओवर करके और भी बेहतर बनाया जा सकता है। इस मौके पर सुपरवाइजिंग इंजीनियर संदीप सिंह, एमओएच डॉ. योगेश अरोड़ा, एक्स-ईएन एसपी सिंह, एलएसओ यादविंदर सिंह, जेई रमन कुमार व अन्य मौजूद रहे। मेयर के अफसरों संग मीटिंग में पार्क की दुर्दशा को लेकर सबसे बड़ी वजह यह सामने आई कि मुलाजिमों की संख्या काफी कम है। 168 होने चाहिए जो कि 15 ही हैं। देखभाल से लेकर साफ-सफाई के लिए यह संख्या पूरी होनी जरूरी है। ऐसे में आउटसोर्स पर मुलाजिम रखे जाएं। वहीं पार्क में रखे बिजली के पोलों को तत्काल हटवाने के लिए कहा। जबकि पेड़ों के कटे हुए लकड़ियों को हटाए जाने के बारे प्लान बनाया गया कि इनको तत्काल नीलाम किया जा सकता है। हर जगह फोर-ह्वीलर व दो पहिया वाहनों को देखकर मेयर नाराजगी जाहिर करते हुए निश्चित जगह निर्धारित करें। पार्क के अंदर ऐसी कोई भी फालतू की चीजें नजर नहीं आनी चाहिए जो ब्यूटीफिकेशन पर धब्बा लगाए। भास्कर न्यूज | अमृतसर मेयर जतिंदर मोती भाटिया ने कार्यभार संभालने के बाद 84 एकड़ पार्क कंपनी बाग का पैदल दौरा कर अफसरों संग ब्यूटीफिकेशन कराने को लेकर प्लान तैयार किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर जैसा तो नहीं बनाया जा सकता लेकिन राजस्थान से आइडिया लेकर पार्क का ब्यूटीफिकेशन उस तरह से कराया जाए। डवलपमेंट से जुड़े काम एक या 2 साल नहीं हमेशा के लिए होने चाहिए। उन्होंने कहा कि टूटी लाइटें-सड़कों व ग्रीनरी के काम तत्काल शुरू कराए जाएं। जिस जगह से गुजर रहे थे वहां अवैध रेहड़ी व दुकानें लगी दिखी तो उनको हटाने के लिए कहा। वहीं पार्क में कई ऐसे जगह भी थे जो खाली दिखे, किसी का आना-जाना नहीं था। इस पर ग्रीनरी व डवलप करवाने को निर्देश दिया। उन्होंने अफसरों से पूछा कि जब 5 साल पहले फाउंटेन चलता था तो अब क्यों नहीं चलाया जा रहा। बैक साइड गेट में लगी लाइटें बंद पड़ी मिली। वहीं पार्क में लोगों ने मेयर से मुलाकात कर आने वाली मुश्किलें उठाई। जिसमें जिम टूटे होने पर दुरुस्त करवाने, चूहों के आतंक-परमानेंट सफाई कर्मी नहीं होने, जगह-जगह पक्षियों को दाना डालने सहित अन्य मुद्दे शामिल रहे। कूड़ों के ढेर दिखने व डस्टबिन के टूटे होने पर नाराजगी। जताई बता दें कि मेयर सुबह 8 बजे ही कंपनी बाग पहुंच गए थे। जिसके बाद सबसे पहले निगम के अलग-अलग विंग से जुड़े अफसरों संग इसकी ग्राउंड रिपोर्ट ली। एक घंटे बाद पार्क के विजिट पर निकले। कई ऐसे जगह गंदगी-पानी लीकेज देखने को मिले, जहां बदहाली का बुरा हाल बना हुआ था। सुबह 10 बजे वापस अफसरों संग मीटिंग की गई, जिसमें अफसरों को रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा। मेयर ने बताया कि जल्द ही निगम कमिश्नर से मीटिंग कर कंपनी बाग के ब्यूटीफिकेशन को अंतिम रूप दिया जाएगा। जगह की कमी नहीं है। जो भी खाली पड़े हैं, उनको टेकओवर करके और भी बेहतर बनाया जा सकता है। इस मौके पर सुपरवाइजिंग इंजीनियर संदीप सिंह, एमओएच डॉ. योगेश अरोड़ा, एक्स-ईएन एसपी सिंह, एलएसओ यादविंदर सिंह, जेई रमन कुमार व अन्य मौजूद रहे। मेयर के अफसरों संग मीटिंग में पार्क की दुर्दशा को लेकर सबसे बड़ी वजह यह सामने आई कि मुलाजिमों की संख्या काफी कम है। 168 होने चाहिए जो कि 15 ही हैं। देखभाल से लेकर साफ-सफाई के लिए यह संख्या पूरी होनी जरूरी है। ऐसे में आउटसोर्स पर मुलाजिम रखे जाएं। वहीं पार्क में रखे बिजली के पोलों को तत्काल हटवाने के लिए कहा। जबकि पेड़ों के कटे हुए लकड़ियों को हटाए जाने के बारे प्लान बनाया गया कि इनको तत्काल नीलाम किया जा सकता है। हर जगह फोर-ह्वीलर व दो पहिया वाहनों को देखकर मेयर नाराजगी जाहिर करते हुए निश्चित जगह निर्धारित करें। पार्क के अंदर ऐसी कोई भी फालतू की चीजें नजर नहीं आनी चाहिए जो ब्यूटीफिकेशन पर धब्बा लगाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
