कांगड़ा में जिला पुलिस नूरपुर ने नूरपुर में नशे के खिलाफ कुछ ठोस कदम उठाए हैं। जिला पुलिस नूरपुर द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत ड्रग माफिया ज्वाली निवासी सोहन सिंह उर्फ सोहनी की अवैध संपत्तियों की वित्तीय जांच किया। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उसकी ड्रग तस्कर की 1 करोड़ 42 लाख 37 हज़ार 322 रुपए कीमत की अचल संपत्ति को कुर्क कर जब्त कर ली गई। नूरपुर के एसपी अशोक रतन ने बताया कि पुलिस ने नूरपुर पुलिस ने 23 दिसंबर 23 को पुलिस स्टेशन ज्वाली के अंतर्गत अमणी में नाकाबंदी के दौरान गाड़ी से चेकिंग के दौरान श्याम लाल पुत्र शुन्का राम निवासी जिला मंडी के गांव जिल्हन के कब्जे से 1 किलो 0.43 ग्राम चरस बरामद की थी। जिला पुलिस नूरपुर द्वारा मामले की जांच के दौरान एक अन्य आरोपी सोहन सिंह पुत्र होशियार सिंह निवासी गांव टियूकर तहसील ज्वाली जिला कांगड़ा को घाटी बैरियर नजदीक पौंग डैम से गिरफ्तार किया था। जिला पुलिस नूरपुर ने मामले में गिरफ्तार आरोपी सोहन सिंह की चल और अचल संपत्ति की वित्तीय जांच की है। जिसमें आरोपी सोहन सिंह की कुल 1 करोड़, 42 लाख, 37 हजार 322 रुपए की चल व अचल संपत्ति को जब्त किया गया है। जिला पुलिस नूरपुर के द्वारा आज दिन तक कुल 9 मामलों में नशे के अवैध कारोबार में शामिल आरोपियों के द्वारा अर्जित की गई कुल 17,71,69,475 रुपए की चल व अचल संपत्ति को जब्त करवाने मे सफलता प्राप्त की है । कांगड़ा में जिला पुलिस नूरपुर ने नूरपुर में नशे के खिलाफ कुछ ठोस कदम उठाए हैं। जिला पुलिस नूरपुर द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत ड्रग माफिया ज्वाली निवासी सोहन सिंह उर्फ सोहनी की अवैध संपत्तियों की वित्तीय जांच किया। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उसकी ड्रग तस्कर की 1 करोड़ 42 लाख 37 हज़ार 322 रुपए कीमत की अचल संपत्ति को कुर्क कर जब्त कर ली गई। नूरपुर के एसपी अशोक रतन ने बताया कि पुलिस ने नूरपुर पुलिस ने 23 दिसंबर 23 को पुलिस स्टेशन ज्वाली के अंतर्गत अमणी में नाकाबंदी के दौरान गाड़ी से चेकिंग के दौरान श्याम लाल पुत्र शुन्का राम निवासी जिला मंडी के गांव जिल्हन के कब्जे से 1 किलो 0.43 ग्राम चरस बरामद की थी। जिला पुलिस नूरपुर द्वारा मामले की जांच के दौरान एक अन्य आरोपी सोहन सिंह पुत्र होशियार सिंह निवासी गांव टियूकर तहसील ज्वाली जिला कांगड़ा को घाटी बैरियर नजदीक पौंग डैम से गिरफ्तार किया था। जिला पुलिस नूरपुर ने मामले में गिरफ्तार आरोपी सोहन सिंह की चल और अचल संपत्ति की वित्तीय जांच की है। जिसमें आरोपी सोहन सिंह की कुल 1 करोड़, 42 लाख, 37 हजार 322 रुपए की चल व अचल संपत्ति को जब्त किया गया है। जिला पुलिस नूरपुर के द्वारा आज दिन तक कुल 9 मामलों में नशे के अवैध कारोबार में शामिल आरोपियों के द्वारा अर्जित की गई कुल 17,71,69,475 रुपए की चल व अचल संपत्ति को जब्त करवाने मे सफलता प्राप्त की है । हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में 10 दिन बाद बहाल हुई पजौंड़ पेयजल योजना:लाखों लोगों को राहत; बादल फटने से तहस नहस हो गई थी पाइपलाइन मंडी जिले के पधर उपमंडल की पजौंड़ नाला पेयजल योजना दस दिन बाद बहाल हो गई है। जिससे लोगों बड़ी राहत मिली। लगभग पच्चीस करोड़ से अधिक लागत की इस पेयजल स्कीम से पधर की लगभग दो दर्जन से अधिक पंचायतों की एक लाख के करीब आबादी लाभान्वित होती है। बीते 31 जुलाई देर रात को चौहारघाटी के राजबन में बादल फटने से पेयजल स्कीम बाधित हो गई थी। जगह जगह पर पाइप लाइन टूटने से जल शक्ति महकमे को सवा करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया। जबकि पधर मंडल में दो करोड़ से अधिक महकमे के एक ही दिन में डूब गए थे। पजौंड़ पेयजल स्कीम को बहाल करने के लिए विभाग ने दिन रात एक कर दिया। थलटूखोड़-ग्रामण सड़क बाधित हो जाने से बड़े डॉया की पाइपें कंधों में उठाकर राजबन और पजौंड़ तक पहुंचानी पड़ी। जिससे स्कीम को बहाल करने में दस दिन का समय लगा। मौके मौजूद रहे अधिकारी राहत कार्य को गति देने के लिए विभागीय अधिशाषी अभियंता अरविंद वर्मा और सहायक अभियंता दीक्षांत शर्मा स्वयं घटनास्थल पर जायजा लेते रहे। इस बड़ी स्कीम के साथ साथ चौहारघाटी की ग्राम पंचायत लटराण, धमच्याण, तरसवाण और जिल्हण की अन्य छोटी स्कीमें दो दिनों के भीतर बहाल कर लोगों को बढ़ी राहत मिली। सभी पंचायतों में पहुंचा पानी जबकि बड़ी स्कीम पजौंड़ नाला के बाधित रहने से पधर क्षेत्र की कुछ पंचायतों में त्राहि त्राहि मचना शुरू हो गई थी। अब दस दिन बाद पेयजल आपूर्ति बहाल होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। अधिशाषी अभियंता अरविंद वर्मा ने कहा कि बीते शनिवार को योजना पूर्ण रूप से बहाल हो चुकी है। सभी पंचायतों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कर दी है। भारी बरसात से पधर मंडल में ढाई करोड़ से अधिक का नुकसान विभाग को हुआ है।
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धर्मशाला में दो मीडिया कर्मी 50-50 की रिश्वत संग गिरफ्तार:विजिलेंस ब्यूरो ने शिकायत के बाद बिछाया जाल; नकदी और चेक आरोपियों से बरामद हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को दो मीडिया कर्मियों को रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी मीडिया कर्मी मृत्युंजय पूरी और राकेश भारद्वाज पर दो निजी स्कूलों के चेयरमैन से 50-50 हजार रुपए जबरन वसूली का आरोप है। विजिलेंस के अनुसार, दोनों आरोपी स्कूल प्रबंधन को झूठी और अपमानजनक खबर छापने की धमकी दे रहे थे। इसके एवज में दोनों ने रिश्वत की मांग की थी। निजी स्कूल चेयरमैन ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी। इसके बाद विजिलेंस ने इनकी धरपकड़ के लिए जाल बिछाया और आज रंगे हाथ गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों के पास से 25-25 हजार रुपए नकद और 25-25 हजार रुपए के चेक बरामद किए गए हैं। विजिलेंस ने धर्मशाला थाना में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 308(2) और 3(5) के तहत एफआईआर कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
खट्टर आवास एवं शहरी विकास और ऊर्जा मंत्री बने:नड्डा स्वास्थ्य मंत्री, बिट्टू रेल व फूड प्रोसेसिंग राज्यमंत्री, राव को प्लानिंग, गुर्जर सहकारिता राज्यमंत्री
खट्टर आवास एवं शहरी विकास और ऊर्जा मंत्री बने:नड्डा स्वास्थ्य मंत्री, बिट्टू रेल व फूड प्रोसेसिंग राज्यमंत्री, राव को प्लानिंग, गुर्जर सहकारिता राज्यमंत्री मोदी 3.0 कैबिनेट में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। हरियाणा से कैबिनेट मंत्री बनाए मनोहर लाल खट्टर को आवास एवं शहरी विकास और ऊर्जा मंत्री लगाया गया है। खट्टर करनाल से सांसद हैं। वह 2 बार हरियाणा के CM रह चुके हैं। हरियाणा से राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन और योजना मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय में राव कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत के साथ बतौर राज्यमंत्री काम करेंगे। राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री लगाया गया है। वे कैबिनेट मंत्री अमित शाह के साथ इस विभाग में काम करेंगे। पंजाब से राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्य मंत्री लगाया गया है। रेलवे में वे कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव और फूड प्रोसेसिंग में कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान के साथ काम करेंगे। खास बात यह है कि जब पंजाब से अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल केंद्र में मंत्री थी तो उन्हें फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्रालय दिया गया था। हिमाचल प्रदेश से इकलौते मंत्री जेपी नड्डा को स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई विभाग और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया है। अब पढ़िए… मोदी 3.0 में हरियाणा से 3 मंत्री क्यों बनाए?
भाजपा ने मोदी 3.0 सरकार में हरियाणा के 5 लोकसभा सांसदों में से 3 को मंत्री बनाकर सबको चौंका दिया। लोकसभा चुनाव में BJP राज्य की 10 में से 5 सीटें हार गई और 5 ही जीत पाई। इसके बावजूद केंद्रीय कैबिनेट में करनाल के सांसद मनोहर लाल खट्टर, गुरुग्राम के राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर को जगह दी गई। ऐसे में सब जानना चाहते हैं कि आखिर BJP और नरेंद्र मोदी की क्या राजनीति है, जो हरियाणा में पार्टी की सीटें घटने के बावजूद पिछली टर्म के मुकाबले मंत्रियों की संख्या 2 से बढ़ाकर 3 कर दी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। 3 सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर भाजपा ने हरियाणा के पंजाबी, अहीर व गुर्जर समुदाय के साथ-साथ जीटी रोड और अहीरवाल बेल्ट को साधते हुए 90 सीटों वाली विधानसभा में 46 के बहुमत वाले आंकड़े के जुगाड़ की कोशिश की है। पहले जानिए, हरियाणा से 3 मंत्री क्यों बनाए? 1. विधानसभा चुनाव की मजबूरी
भाजपा लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीटें ही जीत पाई। 2019 में पार्टी ने क्लीन स्वीप किया था। अब 5 महीने बाद, राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों को विधानसभा चुनाव से पहले का ट्रेलर माना जा रहा है और इससे भाजपा डरी हुई है। लोकसभा चुनाव नतीजों का अगर विधानसभा सीटवाइज एनालिसिस करें तो राज्य की 90 सीटों में से 46 पर कांग्रेस और 44 पर BJP आगे रही। ऐसे में भाजपा नेतृत्व विधानसभा चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। 2. क्षेत्रीय संतुलन साधा, नॉन जाट राजनीति बरकरार
मोदी 3.0 में BJP ने हरियाणा को लेकर क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की है। खट्टर के जरिए जीटी रोड बेल्ट और राव इंद्रजीत के जरिए दक्षिण हरियाणा को साधने का प्रयास किया गया है। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इन्हीं दोनों बेल्ट से राज्य में सबसे ज्यादा सीटें मिली। इसके साथ ही BJP ने एक तरह से ये भी क्लियर कर दिया कि वह हरियाणा में अपनी नॉन-जाट की राजनीति के सहारे ही आगे बढ़ेगी। जाट बिरादरी से आने वाले BJP सांसद चौधरी धर्मबीर भी इस बार मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन लगातार तीसरी बार जीतने के बावजूद उन्हें मिनिस्टर नहीं बनाया गया। हरियाणा में गैरजाट की राजनीति की शुरुआत भाजपा ने 2014 में ही पंजाबी समुदाय के मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाकर कर दी थी। 2019 में भी खट्टर ही सीएम बने। 3. ओवर कॉन्फिडेंस से तौबा हरियाणा में BJP साढ़े 9 साल से सत्ता में है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ओवर-कॉन्फिडेंस का शिकार थी और सभी 10 लोकसभा सीटें जीत लेने का दम भर रही थी। मगर, चुनाव नतीजे आए तो रोहतक और सिरसा सीट बड़े अंतर से हार गई। गुरुग्राम में राव इंद्रजीत और कुरुक्षेत्र में नवीन जिंदल आखिर तक करीबी मुकाबले में फंसे नजर आए। पांच सीटें पार्टी के हाथ से निकल गईं। जब रिजल्ट की समीक्षा की गई तो पता चला कि पार्टी ने अपने गढ़ रहे जीटी रोड बेल्ट और अहीरवाल जैसे इलाकों को कुछ समय में तरजीह देना बंद कर दिया था। यही कारण है कि भाजपा अब राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अपने गढ़ को सुरक्षित कर लेने की कोशिश करती दिख रही है। 4. मोदी मैजिक दिखाने की तैयारी
लोकसभा चुनाव में भाजपा इस बार अपने बूते बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटें नहीं जीत पाई और 240 पर सिमट गई। ऐसे में न केवल केंद्र में JDU और TDP से गठबंधन मजबूरी बन गया बल्कि नरेंद्र मोदी की साख भी दांव पर लग गई। मोदी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपने नाम पर वोट मांगे थे। अगर भाजपा 5 महीने बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत जाती है तो फिर से माहौल बन सकेगा कि भले ही भाजपा को लोकसभा में बहुमत नहीं मिला लेकिन हिंदी बेल्ट में मोदी मैजिक बरकरार है। इससे गठबंधन में मोदी और पार्टी की पोजिशन मजबूत होगी। NDA में शामिल बाकी दलों के बीच यह संदेश पहुंच जाएगा कि अगर BJP का साथ छोड़ा तो आगे की राह मुश्किल हो सकती है। जानिए, कैसे 3 मंत्री बनाकर BJP हरियाणा विधानसभा में बहुमत का जुगाड़ करने की कोशिश करती नजर आई… 1. मनोहर लाल खट्टर के जरिये जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों पर आंख मनोहर लाल खट्टर पंजाबी समुदाय से आते हैं। उनकी करनाल लोकसभा सीट हरियाणा की जीटी रोड बेल्ट में आती है। इस बेल्ट में अंबाला, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और कैथल जिलों की तकरीबन 30 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पंजाबी वोटरों के अलावा जनरल कैटेगरी का वोट-बैंक है जो अमूमन BJP के साथ रहता है। खट्टर को केंद्रीय मंत्री बनाने की यही बड़ी वजह है। अगर यह दांव कामयाब रहा तो पार्टी जीटी रोड बेल्ट में बढ़त मिलने की उम्मीद लगा सकती है। इसके अलावा रोहतक, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम के पंजाबी वोटरों में भी अच्छा संदेश जा सकता है। 2. राव इंद्रजीत से अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता हैं। दक्षिण हरियाणा के अंदर आने वाली अहीरवाल बेल्ट में 14 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 3 मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले की सीटें हैं, जहां कांग्रेस का दबदबा है। इन्हें छोड़ भी दें तो 2014 में भाजपा ने अहीरवाल बेल्ट की बची हुई सभी 11 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। 2019 में भाजपा को अहीरवाल बेल्ट की 11 में से 8 सीटें मिली और तब 40 विधायक होने के कारण जजपा के 10 विधायकों की मदद से सरकार बनानी पड़ी। इस लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस की ओर से पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजबब्बर को उतारने के बाद यहां राव इंद्रजीत को जीतने में पसीने छूट गए। ऐसे में भाजपा ने लगातार दूसरी बार राव इंद्रजीत को मंत्री बनाकर अहीरवाल बेल्ट को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश की है। 3. कृष्णपाल गुर्जर के जरिए हरियाणा के अलावा यूपी-राजस्थान पर भी फोकस
फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर की गिनती अपने समुदाय के बड़े नेताओं में होती है। फरीदाबाद जिले की 4 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां गुर्जर समुदाय का वोट डिसाइडिंग फैक्टर है। इसके अलावा सोहना, रेवाड़ी, नांगल चौधरी और गुरुग्राम विधानसभा सीट पर भी गुर्जर वोटबैंक का अच्छा-खासा असर है। यही नहीं, फरीदाबाद से सटे वेस्ट यूपी के गाजियाबाद व नोएडा और राजस्थान से सटे इलाके भी गुर्जर बाहुल्य हैं। ऐसे में BJP ने कृष्णपाल गुर्जर को ड्रॉप करने का रिस्क न लेते हुए लगातार तीसरी बार उन्हें मंत्री बनाया है। अंत में.. 2019 के मुकाबले इस बार क्या अंतर
2019 की मोदी सरकार में BJP ने हरियाणा से 2 मंत्री बनाए थे। इनमें गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर शामिल थे। इस बार इन दोनों के अलावा पहली बार सांसद बने मनोहर लाल खट्टर को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। खास बात यह है कि BJP ने 2019 में हरियाणा की सभी 10 सीटें और 2014 में 10 में से 7 लोकसभा सीटें जीती थीं। इस बार सीटें घटने के बावजूद मंत्रियों की संख्या बढ़ गई है। मनोहर लाल खट्टर को PM नरेंद्र मोदी से करीबी का फायदा भी मिला। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी