हरियाणा कांग्रेस की शुक्रवार रात सूची जारी कर दी गई। इस सूची में 32 नाम हैं। इसमें 28 मौजूदा विधायकों को कांग्रेस ने दोबारा टिकट दिया है। वहीं 58 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस पहले हारी थी। इन सीटों पर 1945 लोगों ने अप्लाई किया है जिसमें पूर्व विधायक, कांग्रेस पदाधिकारी से लेकर पूर्व चेयरमैन तक शामिल हैं। इन सीटों पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा बगावत का डर है। इस कारण कांग्रेस ने इन सीटों पर नामों को होल्ड कर दिया है। हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, दादरी, कैथल जिलों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है लिहाजा इन जिलों में किसी के टिकट की घोषणा नहीं की है। हालांकि लोकसभा चुनाव में इन जिलों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा था। यहां की कई विधानसभा में कांग्रेस आगे रही थी। कांग्रेस ने बगावत के डर से लंबी लिस्ट जारी करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। कांग्रेस टुकड़ों में लिस्ट जारी कर सकती है। यह लिस्ट 3 से 4 बार में एक-एक दिन के अंतराल में जारी होगी। कांग्रेस की ओर से 71 सीटों पर सहमति बना ली गई, मगर फिर भी 31 सीटों पर ही प्रत्याशियों की घोषणा कर पाई है। कांग्रेस ने इन 4 कारणों से सूची होल्ड की
होल्ड की गई सीटों पर हार : कांग्रेस ने उन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है जहां 2019 में कांग्रेस की हार हुई थी। हालांकि कांग्रेस ने निर्दलीय और जजपा के विधायकों का साथ लिया है मगर वहां भी बगावत का डर कांग्रेस को है। बगावत नहीं होने का मैसेज : कांग्रेस ने पहले सूची जारी कर यह मैसेज देने का प्रयास किया है कि भाजपा की तरह उनकी पार्टी में किसी तरह की भगदड़ नहीं है। इससे अन्य सूची जारी होने तक कार्यकर्ताओं व आवेदनकर्ताओं में सही मैसेज जाएगा, विरोध कम होगा। राज परिवारों का होल्ड : हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, दादरी जिलों में राजपरिवारों का अच्छा होल्ड है। हिसार, फतेहाबाद में भजनलाल परिवार और भिवानी, दादरी जिलों में बंसीलाल परिवार का होल्ड है। टिकट कटने पर भागने का मौका ना मिले : पार्टी अपने प्रत्याशियों के नामों में देरी इसलिए भी कर रही है ताकि टिकट वितरण से नाराज लोगों को नामांकन करने के लिए ज्यादा मौका न मिल सके। कांग्रेस के सामने सबसे ज्यादा परेशानी निर्दलीय विधायकों को एडजस्ट करने की है। सैलजा, सुरजेवाला समर्थकों को एडजस्ट करना : कांग्रेस की पहली सूची में हुड्डा समर्थक ही अधिकतर विधायकों को टिकट मिला है। हालांकि अंबाला में सैलजा समर्थक उममीदवार उतारे गए हैं मगर हिसार की 7, सिरसा की 3, फतेहाबाद की 3 सीटों पर सैलजा अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलवाना चाहती है। इसी तरह सुरजेवाला के कैथल, नरवाना सहित सीटों पर सुरजेवाला अपने समर्थकों के लिए अड़े हैं। हरियाणा में गठबंधन के फार्मूले पर उलझीं कांग्रेस और आप
हरियाणा में कांग्रेस और आप भले ही भाजपा के विरुद्ध एकजुट होकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन दोनों के बीच सीटों को लेकर तालमेल नहीं बन पा रहा है। यही वजह है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। इस कारण सूची जारी होने में भी देरी हो रही है। हालांकि दोनों ही दल अभी भी गठबंधन को लेकर आशान्वित है। दोनों ने इस पर जल्द ही सहमति के संकेत दिए हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 5 सितंबर से ही शुरू हो चुकी है। नामांकन की अंतिम तारीख 12 सितंबर तक है। हरियाणा कांग्रेस की शुक्रवार रात सूची जारी कर दी गई। इस सूची में 32 नाम हैं। इसमें 28 मौजूदा विधायकों को कांग्रेस ने दोबारा टिकट दिया है। वहीं 58 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस पहले हारी थी। इन सीटों पर 1945 लोगों ने अप्लाई किया है जिसमें पूर्व विधायक, कांग्रेस पदाधिकारी से लेकर पूर्व चेयरमैन तक शामिल हैं। इन सीटों पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा बगावत का डर है। इस कारण कांग्रेस ने इन सीटों पर नामों को होल्ड कर दिया है। हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, दादरी, कैथल जिलों में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है लिहाजा इन जिलों में किसी के टिकट की घोषणा नहीं की है। हालांकि लोकसभा चुनाव में इन जिलों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा था। यहां की कई विधानसभा में कांग्रेस आगे रही थी। कांग्रेस ने बगावत के डर से लंबी लिस्ट जारी करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। कांग्रेस टुकड़ों में लिस्ट जारी कर सकती है। यह लिस्ट 3 से 4 बार में एक-एक दिन के अंतराल में जारी होगी। कांग्रेस की ओर से 71 सीटों पर सहमति बना ली गई, मगर फिर भी 31 सीटों पर ही प्रत्याशियों की घोषणा कर पाई है। कांग्रेस ने इन 4 कारणों से सूची होल्ड की
होल्ड की गई सीटों पर हार : कांग्रेस ने उन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है जहां 2019 में कांग्रेस की हार हुई थी। हालांकि कांग्रेस ने निर्दलीय और जजपा के विधायकों का साथ लिया है मगर वहां भी बगावत का डर कांग्रेस को है। बगावत नहीं होने का मैसेज : कांग्रेस ने पहले सूची जारी कर यह मैसेज देने का प्रयास किया है कि भाजपा की तरह उनकी पार्टी में किसी तरह की भगदड़ नहीं है। इससे अन्य सूची जारी होने तक कार्यकर्ताओं व आवेदनकर्ताओं में सही मैसेज जाएगा, विरोध कम होगा। राज परिवारों का होल्ड : हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, दादरी जिलों में राजपरिवारों का अच्छा होल्ड है। हिसार, फतेहाबाद में भजनलाल परिवार और भिवानी, दादरी जिलों में बंसीलाल परिवार का होल्ड है। टिकट कटने पर भागने का मौका ना मिले : पार्टी अपने प्रत्याशियों के नामों में देरी इसलिए भी कर रही है ताकि टिकट वितरण से नाराज लोगों को नामांकन करने के लिए ज्यादा मौका न मिल सके। कांग्रेस के सामने सबसे ज्यादा परेशानी निर्दलीय विधायकों को एडजस्ट करने की है। सैलजा, सुरजेवाला समर्थकों को एडजस्ट करना : कांग्रेस की पहली सूची में हुड्डा समर्थक ही अधिकतर विधायकों को टिकट मिला है। हालांकि अंबाला में सैलजा समर्थक उममीदवार उतारे गए हैं मगर हिसार की 7, सिरसा की 3, फतेहाबाद की 3 सीटों पर सैलजा अपने उम्मीदवारों को टिकट दिलवाना चाहती है। इसी तरह सुरजेवाला के कैथल, नरवाना सहित सीटों पर सुरजेवाला अपने समर्थकों के लिए अड़े हैं। हरियाणा में गठबंधन के फार्मूले पर उलझीं कांग्रेस और आप
हरियाणा में कांग्रेस और आप भले ही भाजपा के विरुद्ध एकजुट होकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन दोनों के बीच सीटों को लेकर तालमेल नहीं बन पा रहा है। यही वजह है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। इस कारण सूची जारी होने में भी देरी हो रही है। हालांकि दोनों ही दल अभी भी गठबंधन को लेकर आशान्वित है। दोनों ने इस पर जल्द ही सहमति के संकेत दिए हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 5 सितंबर से ही शुरू हो चुकी है। नामांकन की अंतिम तारीख 12 सितंबर तक है। हरियाणा | दैनिक भास्कर