वेस्ट यूपी में सावन के चौथे सोमवार पर आस्था का सैलाब उमड़ा है। 60 किमी में हाईवे पर सिर्फ कांवड़िए ही कांवड़िए नजर आ रहे हैं। कोई डीजे पर डांस कर रहा तो कोई झांकी लेकर जा रहा। सुबह 5 बजे तक 3 लाख कांवड़िए मुरादाबाद पहुंचे और जलाभिषेक कर रहे हैं। हाईवे के दोनों साइडों में भंडारे लगे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। इस बार कांवड़ियों की संख्या में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भास्कर ने ड्रोन से जल लेकर आ रहे कांवड़ियों का वीडियो बनवाया। ड्रोन की नजरों से कांवड़ियों का VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक करें… वेस्ट यूपी में सावन के चौथे सोमवार पर आस्था का सैलाब उमड़ा है। 60 किमी में हाईवे पर सिर्फ कांवड़िए ही कांवड़िए नजर आ रहे हैं। कोई डीजे पर डांस कर रहा तो कोई झांकी लेकर जा रहा। सुबह 5 बजे तक 3 लाख कांवड़िए मुरादाबाद पहुंचे और जलाभिषेक कर रहे हैं। हाईवे के दोनों साइडों में भंडारे लगे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। इस बार कांवड़ियों की संख्या में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भास्कर ने ड्रोन से जल लेकर आ रहे कांवड़ियों का वीडियो बनवाया। ड्रोन की नजरों से कांवड़ियों का VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक करें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मध्य प्रदेश के इस गांव में अंतिम सफर भी हुआ कष्टदायी, नाले के पानी से गुजरकर निकालनी पड़ती है शवयात्रा
मध्य प्रदेश के इस गांव में अंतिम सफर भी हुआ कष्टदायी, नाले के पानी से गुजरकर निकालनी पड़ती है शवयात्रा <div dir=”ltr”>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Bhopal News: </strong>मध्य प्रदेश में जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास के तमाम दावे किए जाते हों लेकिन यह दावे हकीकत से कोसो दूर हैं. अब भी प्रदेश के कई गांव मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. एक ऐसा ही वीडियो दमोह (Damoh) जिले का वायरल हो रहा है, जिसमें अंतिम सफर भी कष्टदायी नजर आ रहा है. लोग जान जोखिम में डालकर पानी से भरे नाले से गुजरकर एक व्यक्ति की अंतिम यात्रा में जा रहे हैं. </div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश के दमोह जिले के सिग्रामपुर के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं. पहले विधानसभा चुनाव और फिर बाद में <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों से वादा किया था कि गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, लेकिन जनप्रतिनिधियों के यह वादे सिर्फ चुनावी वादे ही बनकर रह गए. ग्राम सिग्रामपुर में नाले के दूसरी तरफ श्मशाम घाट स्थित है. बारिश के दिनों में यह नाला ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनता है. गांव में किसी घर में मौत हो जाने पर अंतिम यात्रा के लिए नाला पार कर श्मशाम घाट तक पहुंचना पड़ता है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>लोग गिरते पड़ते जाते हैं श्मशान घाट तक</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>शुक्रवार को गांव में एक परिवार में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. अंतिम यात्रा निकाली गई, अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे. इस दौरान लोग पानी से भरे नाले से निकले, इस दौरान अंतिम यात्रा में शामिल बुुजुर्ग गिरते-पड़ते हुए श्मशान घाट स्थल तक पहुंचे. बता दें यह गांव दमोह जबलपुर स्टेट हाइवे पर स्थित है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>इतिहास के पन्नों में अंकित है गांव का नाम</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>इतिहास के पन्नो पर इस कस्बे का नाम अंकित है. गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावत्ती की संग्राम स्थली यही सिग्रामपुर है, जहां प्रदेश और देश के नामी नेता महत्वपूर्ण पदों बैठे हैं. राजनेता और अफसर वर्षों से आ रहे हैं. वर्तमान में इस इलाके के विधायक धर्मेन्द्र लोधी प्रदेश सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्री है, लेकिन सिग्रामपुर के लोग मरघट तक जाने के लिए महज रास्ते के लिए तरस रहे हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>8 से 10 महीने भरा रहता है नाला</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दरअसल सिग्रामपुर बस्ती में रहने वाले लोग सालो सें इलाके के दो श्मशान घाटों का उपयोग करते हैं. इन मरघट तक पहुंचने के लिए जो रास्ता है उंस रास्ते पर एक नाला है. आम तौर पर सिर्फ गर्मी के दिनों में इस नाले का पानी कम होता है, जबकि आठ से दस महीने तक नाला बराबर भरा रहता है और जब बरसात हो तो नाले का पानी लबालब हो जाता है. इलाके के लोग भगवान से प्रार्थना करते रहते हैं कि किसी के यहां भी इन दिनों में कोई मौत न हो वरना शव के अंतिम संस्कार के लिए मरघट तक ले जाना बहुत कठिन है. </div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>दशकों पुरानी है समस्या</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>सिग्रामपुर के लोगों के लिए ये समस्या नई नही है, बल्कि लोग दशकों से इस समस्या से जूझ रहे हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस स्थिति को वो संतरी से लेकर मंत्री तक सबको अवगत करा चुके हैं, लेकिन सालों बाद भी किसी ने इस मरघट मार्ग की तरफ ध्यान नहीं दिया और लोग ऐसे ही परेशान हो रहे हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”मध्य प्रदेश में 11 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट, कई जिलों में तेज बरसात से चरमराई व्यवस्था” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/madhya-pradesh-weather-today-7-july-rain-alert-imd-monsoon-updates-ann-2731858″ target=”_self”>मध्य प्रदेश में 11 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट, कई जिलों में तेज बरसात से चरमराई व्यवस्था</a></strong></div>
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Baloda Bazar Protest: जैतखाम में तोड़फोड़ पर एक्शन में छत्तीसगढ़ सरकार, DGP को किया तलब, दिए जांच के आदेश
Baloda Bazar Protest: जैतखाम में तोड़फोड़ पर एक्शन में छत्तीसगढ़ सरकार, DGP को किया तलब, दिए जांच के आदेश <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh Protest</strong>: छत्तीसगढ़ में धार्मिक प्रतीक जैतखाम में तोड़फोड़ के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार एक्शन मोड में है. इसके विरोध में सतनामी समाज के प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने फौरन मामले में कदम उठाया है. अमर गुफा में तोड़फोड़ के मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए है, वहीं इस मामले में राज्य के डीजीपी को तलब किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि पवित्र अमर गुफा में 15-16 की दरम्यानी रात को पूज्य जैतखाम को क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई थी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली इस घटना की न्यायिक जांच करवाई जाएगी. वहीं मुख्यमंत्री ने मामले में डीजीपी को तलब किया है.</p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>पवित्र अमर गुफा में 15-16 मैं की दरम्यानी रात को पूज्य जैत खाम को क्षति पहुँचाने की कोशिश की गई थी। <br />माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के निर्देशानुसार सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली इस घटना की “न्यायिक जाँच” करवाई जाएगी। <a href=”https://twitter.com/vishnudsai?ref_src=twsrc%5Etfw”>@vishnudsai</a></p>
— Vijay sharma (मोदी का परिवार) (@vijaysharmacg) <a href=”https://twitter.com/vijaysharmacg/status/1799736921935196279?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 9, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में सोमवार को बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्टर का घेराव किया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने दशहरा मैदान में एक जुट होकर विरोध जताया. इस प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया. हालांकि मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गाड़ियों को किया आग के हवाले</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल सतनामी समाज के प्रदर्शनकारी पुलिस की सुरक्षा को भेद कर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए. कलेक्टर कार्यालय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर सहित खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों को रोकने में पुलिस के पसीने छुट गए. जानकारी के मुताबिक 3–4 हजार की संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद है. कलेक्टर कार्यालय के पीछे के रास्ते से कर्मचारियों को सुरक्षित निकला गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/tokhan-sahu-joins-pm-modi-new-cabinet-as-state-minister-bjp-mp-from-bilaspur-lok-sabha-seat-2711451″>छत्तीसगढ़ के तोखन साहू को पहली बार मिली मोदी कैबिनेट में जगह, राज्यमंत्री बनने वाले राज्य के 7वें सांसद</a></strong></p>
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108 साल का पूरा हुआ BHU:कुलपति बोले- तीन तरह से पैसे जुटाए, 2293 करोड़ की आय हुई; अभी बहुत कुछ करना बाकी
108 साल का पूरा हुआ BHU:कुलपति बोले- तीन तरह से पैसे जुटाए, 2293 करोड़ की आय हुई; अभी बहुत कुछ करना बाकी काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) 108 साल का हो गया है। इतने साल में विश्वविद्यालय में कई नई सुविधाएं शुरू हुईं और विश्वविद्यालय में कई सफलताओं को भी हासिल किया। वहीं, कुछ मुद्दों पर छात्रों ने आंदोलन भी किया। इन सभी प्रश्नों के साथ दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने कुलपति सुधीर कुमार जैन से बात की। आगे सवाल-जवाब पढ़िए… सवाल: आपने विश्वविद्यालय के लिए तीन साल में कितना बदलाव किया?
जवाब: तीन साल में बहुत-सी उपलब्धियां रहीं। हमने काफी रिफॉर्म किया। प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया। लोगों की तकलीफों को देखते हुए ब्यूरोक्रेसी को आसान किया। यहां के प्रोफेसर्स को रिसर्च और ट्रैवल करने के लिए फंडिंग दी गई। हमने लीडरशिप डेवलपमेंट और स्पोर्ट के क्षेत्र में भी काफी कुछ डेवलपमेंट किया। हमने क्लासेस को रेगुलराइज किया। रिसर्च के क्षेत्र में भी काफी कुछ काम किया गया है। हमने अपने फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हॉस्टल बनवाए। आने वाले समय में इसको और भी डेवलप किया जाएगा। सवाल: IIT से निकलकर यूनिवर्सिटी सिस्टम में आकर आप खुद को कितना सफल मान रहे हैं?
जवाब: विश्वविद्यालय की व्यवस्था मेरे लिए बिल्कुल नई थी। इसे लेकर आश्वस्त भी नहीं था, लेकिन तीन साल बाद उम्मीद से ज्यादा काम किया। अभी भी काफी कुछ करना बाकी है। सवाल: रैंकिंग में सुधार के लिए क्या प्रयास रहे?
जवाब: रैंकिंग एक रिजल्ट है। हमें खुद को और इंप्रूव करने के लिए आगे और भी काम करना है। अभी विश्वविद्यालय को काफी ज्यादा इंप्रूव करने की जरूरत है। इसके लिए पूरे विश्वविद्यालय को काम करना होगा। इससे रैंकिंग काफी अच्छी हो जाए, हमारा प्रयास इसी की तरफ है। सवाल: आपने पूर्व छात्रों और कर्मचारियों को अनुदान के लिए आमंत्रित किया, कितना फायदेमंद रहा?
जवाब: हमने 350 स्कॉलरशिप इस्टैबलिश्ड की है। हमारा लक्ष्य है कि आगामी दिनों में इसको 35 हजार स्कॉलरशिप में बदल जाए। तीन साल में आय 50-60% बढ़ी है। 2020 में 1414 करोड़ के मुकाबले 2024 में 2293 करोड़ की आय हुई। तीन तरह से पैसे जुटाए। सरकारी ग्रांट, रेंट, ट्यूशन फीस और डोनेशन की रकम बढ़ी है। सवाल: तीन साल में दान में कितना फंड मिला?
जवाब: डोनेशन से मिली आय को 80 लाख से 3.75 करोड़ रुपए तक पहुंचाया गया। हमने मुंह खोलकर पैसा मांगना शुरू किया। पहले तो कहते ही नहीं थे कि हमें पैसे चाहिए। अब दान देने में बार्गेनिंग और डिस्कसन का काम खत्म। पांच लाख की स्कॉलरशिप बना दी है। इसमें छात्र को 25 हजार रुपए देने ही होंगे। सवाल: आंदोलन करने वाले छात्रों को सस्पेंड किया जा रहा। अंकुश रखने की ऐसी व्यवस्था कब तक चलेगी?
जवाब: हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का वातावरण किसी भी तरह से बाधित न हो। अनुशासन से जुड़े मामलों को देखने के लिए विश्वविद्यालय में एक स्थापित व्यवस्था है, जो प्रभावी रूप से अपना काम कर रही है। सवाल: ईसी गठन को लेकर सवाल उठ रहा है?
जवाब: ये कहना ठीक नहीं है। विश्वविद्यालय स्थापित नियमों और प्रावधानों के हिसाब से चलता है। इसमें न कोई ढील बरती जा रही है और न ही किसी तरह के समझौते की कोई गुंजाइश है। ——————- ये खबर भी पढ़िए- नेहा राठौर बोलीं- सरकार सिर्फ हिंदू-मुसलमान को लड़ा रही: बेटी बचाओ की बात करते हैं; बेटी BHU आई तो थी, पढ़ न पाई ‘का बा…’ फेम भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर वाराणसी पहुंचीं। उन्होंने महिला सुरक्षा, मंदिर-मस्जिद, राजनीति और बेरोजगारी के मुद्दे पर बेबाकी से दैनिक भास्कर के सवालों का जवाब दिए। नेहा ने कहा- IIT-BHU में छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ था। उसके तीनों आरोपी जेल से बाहर घूम रहे हैं। ये लोग (सरकार) ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हैं। बेटी बनारस पढ़ने आई तो थी…न बेटी बच पाई, न पढ़ पाई। ये लोग (सरकार) सिर्फ हिंदू-मुसलमान को लड़वा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…