हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जनपद किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ियों का दरकना लोगों के लिए परेशानियों का सबब बनी हुई है। यहां पर लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण सफर भी जानलेवा बना है। देश की सुरक्षा दृष्टि से अहम जिला किन्नौर को जोड़ने वाली NH-5 निगुलसरी के करीब 17 घंटे से बंद पड़ा है। ऐसे में किन्नौर, काजा-स्पीति तथा शिमला की ओर जाने वाले हजारों लोगों को आवाजाही करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। कल शाम 6 बजे से बंद एनएच के दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतार लगी रही। लोग मार्ग बहाली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऊपरी पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिरने से एनएच को बहाल करना चुनौती बना रहा।आपको बता दें कि, गुरुवार रात करीब 8 बजे से यहां पर यातायात बंद हो गया। शुक्रवार को भी ऊपरी पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थरों के गिरने का क्रम जारी रहा। जिस कारण मार्ग को बहाल करने में दिक्कतें पेश आई। करीब 4 बजे बजे बाधित एचएच को बहाल किया गया, लेकिन फिर शाम 6 बजे से NH-5 एक बार फिर से बंद हो गया है। बरसात शुरू होने से जारी है भूस्खलन गौरतलब है कि निगुलसारी में बरसात के शुरू होते ही ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन का सिलसिला जारी हो जाता है। ऐसे में एनएच-5 पर सफर कर रहे हजारों लोगों को भी खतरा बना हुआ है। लोग डर के साये में सफर करने को मजबूर हैं। बहरहाल, यहां पर भूस्खलन को रोकने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए हैं। रात को हुई बारिश से एक बार फिर निगुलसरी के पास ऊपरी पहाड़ी से लगातार पत्थरों के गिर रहे हैं। इस कारण NH-5 को बहाल करने में काफी दिक्कतें पेश आ रही है। सड़क से पत्थर और दलदल को हटाने के लिए मौके पर मशीन तैनात की गई है। जैसे ही पहाड़ी से पत्थर गिरना रुक जाएगा, वैसे ही सड़क को खोलने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जनपद किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ियों का दरकना लोगों के लिए परेशानियों का सबब बनी हुई है। यहां पर लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण सफर भी जानलेवा बना है। देश की सुरक्षा दृष्टि से अहम जिला किन्नौर को जोड़ने वाली NH-5 निगुलसरी के करीब 17 घंटे से बंद पड़ा है। ऐसे में किन्नौर, काजा-स्पीति तथा शिमला की ओर जाने वाले हजारों लोगों को आवाजाही करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। कल शाम 6 बजे से बंद एनएच के दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतार लगी रही। लोग मार्ग बहाली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऊपरी पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिरने से एनएच को बहाल करना चुनौती बना रहा।आपको बता दें कि, गुरुवार रात करीब 8 बजे से यहां पर यातायात बंद हो गया। शुक्रवार को भी ऊपरी पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थरों के गिरने का क्रम जारी रहा। जिस कारण मार्ग को बहाल करने में दिक्कतें पेश आई। करीब 4 बजे बजे बाधित एचएच को बहाल किया गया, लेकिन फिर शाम 6 बजे से NH-5 एक बार फिर से बंद हो गया है। बरसात शुरू होने से जारी है भूस्खलन गौरतलब है कि निगुलसारी में बरसात के शुरू होते ही ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन का सिलसिला जारी हो जाता है। ऐसे में एनएच-5 पर सफर कर रहे हजारों लोगों को भी खतरा बना हुआ है। लोग डर के साये में सफर करने को मजबूर हैं। बहरहाल, यहां पर भूस्खलन को रोकने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए हैं। रात को हुई बारिश से एक बार फिर निगुलसरी के पास ऊपरी पहाड़ी से लगातार पत्थरों के गिर रहे हैं। इस कारण NH-5 को बहाल करने में काफी दिक्कतें पेश आ रही है। सड़क से पत्थर और दलदल को हटाने के लिए मौके पर मशीन तैनात की गई है। जैसे ही पहाड़ी से पत्थर गिरना रुक जाएगा, वैसे ही सड़क को खोलने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
मंडी में निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन:अवैध मस्जिद निर्माण को सील करवाने की मांग; आयुक्त कोर्ट में चल रही सुनवाई
मंडी में निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन:अवैध मस्जिद निर्माण को सील करवाने की मांग; आयुक्त कोर्ट में चल रही सुनवाई मंडी जिले के वार्ड पैलेस कॉलोनी-1 में जेल रोड के पास बने अवैध मस्जिद मामले में आयुक्त कोर्ट में सुनवाई से पहले स्थानीय लोग विरोध में उतर आए हैं। लोग निगम कार्यालय के बाहर जुटे और मस्जिद को सील करने की मांग रखी। इस दौरान कार्यालय के बाहर लोगों ने हनुमान चालीसा भी गाया। गोपाल कपूर ने कहा कि अगर मामले में आज मस्जिद को सील करने के आदेश नहीं दिए, तो विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। उधर स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी है। मामले की आयुक्त कोर्ट में सुनवाई बता दें कि जेल रोड पर बनी मस्जिद मामले कि आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट की ओर से मस्जिद वालों को नक्शा दिखाने और लोक निर्माण विभाग की एनओसी दिखाने के लिए कहा गया है। आरोप है कि लोक निर्माण विभाग की जमीन पर मस्जिद का ढांचा बनाया गया है। आज मस्जिद के अवैध निर्माण मामले की सुनवाई नगर निगम आयुक्त मंडी के न्यायालय में होनी है। फिलहाल नोटिस जारी करने के बाद मस्जिद में निर्माण कार्य बंद है। मस्जिद के ढांचे का निर्माण करने वाली संस्था से लोक निर्माण विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मांगा गया है। जून 2024 में निगम के ध्यान में आया मामला इसके अलावा नगर निगम की ओर से जारी स्वीकृति के साथ ढांचे का व अन्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। जून 2024 में यह मामला नगर निगम के ध्यान में आया था। करीब दो माह से इस पर सुनवाई जारी है।
हिमाचल कैबिनेट मीटिंग आज:मिड सेशन में टीचरों की ट्रांसफर पर लग सकता है बैन; विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि हो सकती है तय
हिमाचल कैबिनेट मीटिंग आज:मिड सेशन में टीचरों की ट्रांसफर पर लग सकता है बैन; विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि हो सकती है तय हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होगी। इसमें शिक्षा विभाग में टीचरों की ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव और मिड सेशन में इनकी ट्रांसफर पर बैन लग सकता है। कैबिनेट में चर्चा के बाद सरकार इस पर निर्णय ले सकती है। मंत्रिमंडल में यह निर्णय लिया गया तो टीचरों की ट्रांसफर साल में एक बार ही शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले हो सकेगी। हिमाचल में टीचरों की ट्रांसफर हमेशा हर सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रही है, क्योंकि प्रदेश में शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी है। इनमें लगभग 60 हजार अकेले टीचर है। मिड सेशन में ट्रांसफर पर बैन लगने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं पड़ेगा। स्कूल बंद करने को मिल सकती है मंजूरी कैबिनेट में 700 से ज्यादा मिडल व प्राइमरी स्कूलों को बंद करने और साथ लगती दूसरी पाठशाला में मर्ज करने के फैसला पर मुहर लग सकती है, क्योंकि प्रदेश में 100 स्कूल ऐसे है, जिनमें एक भी बच्चा नहीं है। लगभग 600 स्कूलों में पांच या इससे कम छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। इसे देखते हुए कम बच्चों वाले स्कूल भी साथ लगती पाठशाला में मर्ज किए जाने है। जिन क्षेत्रों में दो स्कूल दो से तीन किलोमीटर के दायरे में चल रहे हैं, वहां पर ऐसी पाठशालाओं को मर्ज किया जा सकता है। विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि तय हो सकती है मंत्रिमंडल मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि भी तय हो सकती है। विधानसभा का मानसून सत्र 28 अगस्त से पहले बुलाना जरूरी है। कायदे से पिछला सत्र संपन्न होने के छह महीने के भीतर सत्र बुलाना होता है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने सरकार को प्रस्ताव भेज रखा है। अब कैबिनेट में सत्र की तारीख तय की जा सकती है। पटवारी कानूनगो के स्टेट कॉडर के फैसले को रिव्यू कर सकती है कैबिनेट इसी तरह कैबिनेट में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल को देखते हुए इन्हें स्टेट कॉडर बनाने के फैसले पर रिव्यू किया जा सकता है। पिछली कैबिनेट में सरकार ने पटवारी और कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का निर्णय लिया था। मगर पटवारी-कानूनगो इससे भड़क गए हैं और 11 दिन से इन्होंने ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी है। आज इन्होंने एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्कल दफ्तरों का काम भी बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में कैबिनेट में इस निर्णय को रिव्यू किया जा सकता है। HRTC के घाटे वाले बस रूट बंद करने पर हो सकता है फैसला कैबिनेट मीटिंग में आज हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) की रिपोर्ट भी पेश की जा सकती है। इसमें ज्यादा घाटे वाले बस रूट बंद करने को लेकर चर्चा की जा सकती है। देहरा जिला पुलिस में नए पद सृजित करने पर भी फैसला हो सकता है। सेब, आम आदि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के मामले में भी निर्णय लिया जा सकता है। नगर नियोजन नियमों को मंजूरी देने का मामला भी बैठक में भेजा जा रहा है।
पेरिस से वापस लौटे ओलिंपिक खिलाड़ी निषाद:बोले- प्रदेश के किसी नेता ने जरूरी नहीं समझा बधाई देना; माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा
पेरिस से वापस लौटे ओलिंपिक खिलाड़ी निषाद:बोले- प्रदेश के किसी नेता ने जरूरी नहीं समझा बधाई देना; माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव बदायूं के निषाद कुमार ने पेरिस पैरा ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीत कर दूसरी बार हिमाचल का नाम रोशन किया है। मंगलवार को वह पैरिस से वापस दिल्ली पहुंचे। निषाद ने बताया कि पेरिस में सिल्वर मेडल जीतने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे 3 मिनट 13 सेकेंड बात की और उसे बधाईयां दी। लेकिन हिमाचल का एकमात्र पैराओलंपियन होने के बावजूद मुझे प्रदेश के किसी भी मंत्री या नेता ने फोन कर बधाई देना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि यहां अन्य राज्यों में ओलंपियन खिलाड़ियों पर खूब प्यार लुटाया जा रहा है। उनके लिए इनामों के साथ घोषणाओं की झड़ी लग रही है। वही प्रदेश की तरफ से उसके लिए भी कोई घोषणा नहीं की गई। निषाद को है गोल्ड नहीं जीत पाने का दुख निषाद ने कहा कि गोल्ड मेडल जीतने के लिए उसने खूब पसीना बहाया था, यहां तक की पेरिस जाने से पहले कोच ने उसे 10 दिन की छुट्टी देते हुए अपने घर जाकर परिजनों से मिलकर मन बदल जाने की बात की थी। तब भी वह 10 दिन की बजाय मात्र 4 दिन बाद ही वापस अपने कैंप में पहुंच गए था। उसे गोल्ड नहीं जीत पाने का बहुत दुखी हैं। दो दिन रहेगा दिल्ली, खेल मंत्री व प्रधानमंत्री से मुलाकात उन्होंने कहा कि दो दिन तक दिल्ली में रहकर खेल मंत्री व प्रधानमंत्री से मिलने के बाद वह अपने घर बदायूं आएगा। घर पहुंच कर सबसे पहले अपनी मां के हाथों की बनाई खीर खाना चाहते हैं और अपने घर में रखी हुई भैंस का दूध पीना चाहते हैं। उसने बताया कि पिछले 3 महीने से बाजार का पैकेट बंद दूध पीकर उनका मन ऊब चुका है। निषाद ने कहा कि वह घर वापस आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे और उनके सामने अपनी बात रखेंगे। माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा निषाद ने बताया कि क्लोजिंग सेरेमनी के दिन पेरिस में तेज बारिश होने के चलते वह उसमें में शामिल नहीं हो पाया। उसने खेल विलेज में बैंड की धुनों पर नाच कर खूब मस्ती की। निषाद ने बताया कि वह अपनी माता-पिता व बहन के लिए पहले से विशेष तोहफ़ा लेकर आया हैं। निकट भविष्य में गोल्ड मेडल तक पहुंचाने के लिए तैयारी के बारे में पूछे जाने पर निषाद ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और इसके बारे में फिर कभी बात करने की बात कही ।