पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन पर जनजातीय जिला किन्नौर के लोगों को जागरूक करने के लिए पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग हिमाचल प्रदेश, जिला प्रशासन किन्नौर व जेडटेल्स संस्था द्वारा रिकांगपिओ के बचत भवन में पर्यावरण फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस दौरान वृत्तचित्र व फिल्मों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के बचाव बारे जानकारी प्रदान की गई। किन्नौर के उपायुक्त डा. अमित कुमार शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्यावरण में जो बदलाव आ रहा है, उसे ठीक करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि सर्वप्रथम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए। जिसमें इस प्रकार के फिल्म फेस्ट अहम भूमिका निभाते हैं। डा. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि पेड़ों का अत्याधिक कटान, विभिन्न स्तर पर होने वाला प्रदूषण, वनों में आगजनी की घटनाएं, लोगों का शहरों की ओर पलायन, केमिकल फर्टिलाइजर्स का उपयोग आदि ऐसी वजह है जिससे पर्यावरण बदलाव होता है। इसे रोकने के लिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा व अपने अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना पड़ेगा। प्रदूषण को रोकने के प्रयास किए जाए : उपायुक्त उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि सभी अपने स्तर पर प्रदूषण को रोकने का प्रयास करें और अन्य लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें। उन्होंने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण पर लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनियों व पेंटिंग्स का अवलोकन भी किया। इस दौरान उपस्थित लोगों से पर्यावरण संरक्षण पर उनके विचारों को भी सुना गया तथा लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के विशेषज्ञों से ऑनलाइन संवाद स्थापित किया। पेड़ों के महत्व पर दी जानकारी इस अवसर पर वन विभाग द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसके माध्यम से लोगों को वनों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया और पेड़ों के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, पंचायत समिति कल्पा की अध्यक्षा ललिता पंचारस, उपमंडलाधिकारी कल्पा डॉ मेजर शशांक गुप्ता, सहायक आयुक्त ओ.पी यादव व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन पर जनजातीय जिला किन्नौर के लोगों को जागरूक करने के लिए पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग हिमाचल प्रदेश, जिला प्रशासन किन्नौर व जेडटेल्स संस्था द्वारा रिकांगपिओ के बचत भवन में पर्यावरण फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस दौरान वृत्तचित्र व फिल्मों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण के बचाव बारे जानकारी प्रदान की गई। किन्नौर के उपायुक्त डा. अमित कुमार शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्यावरण में जो बदलाव आ रहा है, उसे ठीक करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि सर्वप्रथम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए। जिसमें इस प्रकार के फिल्म फेस्ट अहम भूमिका निभाते हैं। डा. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि पेड़ों का अत्याधिक कटान, विभिन्न स्तर पर होने वाला प्रदूषण, वनों में आगजनी की घटनाएं, लोगों का शहरों की ओर पलायन, केमिकल फर्टिलाइजर्स का उपयोग आदि ऐसी वजह है जिससे पर्यावरण बदलाव होता है। इसे रोकने के लिए हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा व अपने अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना पड़ेगा। प्रदूषण को रोकने के प्रयास किए जाए : उपायुक्त उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि सभी अपने स्तर पर प्रदूषण को रोकने का प्रयास करें और अन्य लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें। उन्होंने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण पर लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनियों व पेंटिंग्स का अवलोकन भी किया। इस दौरान उपस्थित लोगों से पर्यावरण संरक्षण पर उनके विचारों को भी सुना गया तथा लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के विशेषज्ञों से ऑनलाइन संवाद स्थापित किया। पेड़ों के महत्व पर दी जानकारी इस अवसर पर वन विभाग द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसके माध्यम से लोगों को वनों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया और पेड़ों के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, पंचायत समिति कल्पा की अध्यक्षा ललिता पंचारस, उपमंडलाधिकारी कल्पा डॉ मेजर शशांक गुप्ता, सहायक आयुक्त ओ.पी यादव व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। बीते 24 घंटे के दौरान 4 शहरों धर्मशाला, सोलन और कांगड़ा में अधिकतम तापमान ने नवंबर महीने में गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड ब्रेक कर डाले है। धर्मशाला का अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इससे पहले आज तक कभी भी नवंबर में इतना तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया। धर्मशाला का नवंबर का रिकॉर्ड टैम्परेचर 07 नवंबर 2022 को 27.4 डिग्री था। इसी तरह सोलन में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। सोलन का आज तक का रिकॉर्ड तापमान 01 नवंबर 2020 को 28.7 डिग्री था। कांगड़ा के तापमान ने भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। कांगड़ा का टैम्परेचर 29.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यहां का रिकॉर्ड तापमान 05 नवंबर 2020 को 28.4 डिग्री था। नवंबर में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। इससे नवंबर माह में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा चल रहा है। कई शहरों के तापमान 9 डिग्री तक का उछाल आया है। केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री अधिक हुआ प्रदेश के सबसे ठंडे शहरों में शुमार केलांग के अधिकतम तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 9.2 डिग्री का उछाल आया है। यहां का पारा 19.2 डिग्री पहुंच गया है। वहीं हमीरपुर का तापमान भी नॉर्मल से 8.6 डिग्री ज्यादा के साथ 35.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। हिमाचल के किसी भी शहर में आज तक नवंबर में 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान नहीं गया। वहीं कल्पा का तापमान भी नॉर्मल की तुलना में 6.9 डिग्री का उछाल के बाद 23.4 डिग्री, शिमला का तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 23.2 डिग्री, नाहन का पारा 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 28.8 डिग्री और भुंतर का तापमान 4.5 डिग्री ज्यादा के साथ 30 डिग्री सेल्सियस हो गया है। लंबे ड्राइ स्पेल के कारण बढ़ रहा तापमान आलम यह है कि प्रदेश के छह का पारा 30 डिग्री से ज्यादा हो गया है। अमूमन नवंबर में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती, बल्कि तापमान में कमी से ठंड रिकॉर्ड तोड़ती है। मगर इस बार लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से बारिश-बर्फबारी नहीं हो रही। इससे तापमान में उछाल आ रहा है। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन में 97 प्रतिशत से कम बारिश हुई है। छह जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, सोलन और सिरमौर में तो एक बीते 33 दिनों के दौरान एक बूंद भी नहीं बरसी।
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