कुरुक्षेत्र में मारकंडा का पानी झील में छोड़ने पर महापंचायत:12 गांवों के किसान होंगे इकट्‌ठा; दीवार तोड़ने की कोशिश पर टकराव की आशंका

कुरुक्षेत्र में मारकंडा का पानी झील में छोड़ने पर महापंचायत:12 गांवों के किसान होंगे इकट्‌ठा; दीवार तोड़ने की कोशिश पर टकराव की आशंका

कुरुक्षेत्र के पिहोवा में बीबीपुर झील में मारकंडा नदी का पानी छोड़ने के मामले में आज जलबेहड़ा-मारकंडा हेड पर किसान महापंचायत करेंगे। रविवार को सिंचाई विभाग के झील में पानी छोड़ने की भनक लगते ही 12 गांवों के सैकड़ों किसान हेड पर इकट्ठा हो गए थे। विरोध के बाद विभाग को पीछे हटना पड़ा था। आज विभाग दीवार तोड़ने की कोई कार्रवाई करेगा तो किसानों के साथ टकराव की आशंका है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग झील में जबरन पानी छोड़कर उनकी करीब 6 हजार एकड़ में खड़ी फसल को बर्बाद करना चाहता है। विभाग चुपचाप पानी छोड़ने की तैयारी में था। इसके लिए विभाग पूरी तैयारी के साथ दीवार तोड़ने के लिए जलबेहड़ा हेड पर दीवार तोड़ने के लिए पहुंचा था। भनक लगते ही किसानों ने दीवार तोड़ने का विरोध शुरू कर दिया। आज सुबह तक का समय
किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच के मुताबिक, विरोध के बाद विभाग को पीछे हटना पड़ा। विभाग ने किसानों को दीवार तोड़ने के लिए सोमवार तक का अल्टीमेटम दिया। इस पर किसानों ने विभाग के एक्सइएन से बातचीत की, मगर उन्होंने दीवार तोड़ने के ऑर्डर होने का हवाला दिया। आज किसान महापंचायत कर कोई फैसला लेंगे। 12 गांव होंगे शामिल आज होने वाली महापंचायत में बीबीपुर कलां, मुर्तजापुर, टकोरन, भौर सैयदां, मुकीमपुरा, सुरमी, ज्योतिसर, गढ़ी रोड़ान और चनालहेड़ी समेत 12 गांवों के किसान हेड पर एकत्रित होंगे। अगर विभाग दीवार तोड़ने की कार्रवाई करेगा तो किसानों ने दीवार को नहीं टूटने देने और ऑर्डर भी फाड़कर फेंकने की चेतावनी दी है। महापंचायत में विभाग की कार्रवाई के खिलाफ फैसला लिया जाएगा।
इमरजेंसी में प्रशासन के साथ किसानों ने साफ किया कि निकासी चैनल जर्जर है, सफाई नहीं हुई और पटरियां टूटी हैं। ऐसे में झील में पानी छोड़ा गया तो हजारों एकड़ फसल, ट्यूबवेल और खाद-बीज सब बर्बाद हो जाएगा। अगर आपदा की स्थिति हुई, तो वे सहयोग करेंगे, लेकिन बेवजह पानी छोड़ा गया तो आंदोलन होगा। कुरुक्षेत्र के पिहोवा में बीबीपुर झील में मारकंडा नदी का पानी छोड़ने के मामले में आज जलबेहड़ा-मारकंडा हेड पर किसान महापंचायत करेंगे। रविवार को सिंचाई विभाग के झील में पानी छोड़ने की भनक लगते ही 12 गांवों के सैकड़ों किसान हेड पर इकट्ठा हो गए थे। विरोध के बाद विभाग को पीछे हटना पड़ा था। आज विभाग दीवार तोड़ने की कोई कार्रवाई करेगा तो किसानों के साथ टकराव की आशंका है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग झील में जबरन पानी छोड़कर उनकी करीब 6 हजार एकड़ में खड़ी फसल को बर्बाद करना चाहता है। विभाग चुपचाप पानी छोड़ने की तैयारी में था। इसके लिए विभाग पूरी तैयारी के साथ दीवार तोड़ने के लिए जलबेहड़ा हेड पर दीवार तोड़ने के लिए पहुंचा था। भनक लगते ही किसानों ने दीवार तोड़ने का विरोध शुरू कर दिया। आज सुबह तक का समय
किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच के मुताबिक, विरोध के बाद विभाग को पीछे हटना पड़ा। विभाग ने किसानों को दीवार तोड़ने के लिए सोमवार तक का अल्टीमेटम दिया। इस पर किसानों ने विभाग के एक्सइएन से बातचीत की, मगर उन्होंने दीवार तोड़ने के ऑर्डर होने का हवाला दिया। आज किसान महापंचायत कर कोई फैसला लेंगे। 12 गांव होंगे शामिल आज होने वाली महापंचायत में बीबीपुर कलां, मुर्तजापुर, टकोरन, भौर सैयदां, मुकीमपुरा, सुरमी, ज्योतिसर, गढ़ी रोड़ान और चनालहेड़ी समेत 12 गांवों के किसान हेड पर एकत्रित होंगे। अगर विभाग दीवार तोड़ने की कार्रवाई करेगा तो किसानों ने दीवार को नहीं टूटने देने और ऑर्डर भी फाड़कर फेंकने की चेतावनी दी है। महापंचायत में विभाग की कार्रवाई के खिलाफ फैसला लिया जाएगा।
इमरजेंसी में प्रशासन के साथ किसानों ने साफ किया कि निकासी चैनल जर्जर है, सफाई नहीं हुई और पटरियां टूटी हैं। ऐसे में झील में पानी छोड़ा गया तो हजारों एकड़ फसल, ट्यूबवेल और खाद-बीज सब बर्बाद हो जाएगा। अगर आपदा की स्थिति हुई, तो वे सहयोग करेंगे, लेकिन बेवजह पानी छोड़ा गया तो आंदोलन होगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर