झोझू कलां। ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देते हुए लोगों के स्वास्थ्य एवं जमीन की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के किए किसान युवा क्लब द्वारा तेजी एवं मजबूती से कार्य किए जा रहे है। फसलों में पेस्टीसाइड मापने की मशीन लाने करने लिए किसान युवा क्लब के संस्थापक राकेश बेनीवाल अन्य देशों का दौरा कर वहां की कृषि व्यवस्था की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि विशेषज्ञों से जुटा रहे हैं। केवाईसी के संस्थापक राकेश बेनीवाल ने बीते दिनों दुबई का दौरा कर वहां पर विभिन्न देशों से आए कृषि क्षेत्र के लिए नई व आधुनिक मशीनें बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की तथा पेस्टीसाइड मापने की मशीन लाने करने को लेकर चर्चा की। दुबई से लौटने के बाद राकेश बेनीवाल, सुधीर तंवर व विनीत पिलानिया ने बताया कि ऑर्गेनिक खेती मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बेहतर बनाए रखने का कार्य करती है। आधुनिक मशीन बनाने वाली कंपनियों से बातचीत की। जिसमें उन्हें पता लगा कि पूरे विश्व में अभी तक इस प्रकार की मशीन नहीं बनाई गई है। लेकिन उन्होंने कृषि क्षेत्र में नई व आधुनिक मशीनें लाने करने वाली कंपनियों से इस मशीन को लेकर एक्सपेरिमेंट करने की बात कहीं। झोझू कलां। ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देते हुए लोगों के स्वास्थ्य एवं जमीन की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के किए किसान युवा क्लब द्वारा तेजी एवं मजबूती से कार्य किए जा रहे है। फसलों में पेस्टीसाइड मापने की मशीन लाने करने लिए किसान युवा क्लब के संस्थापक राकेश बेनीवाल अन्य देशों का दौरा कर वहां की कृषि व्यवस्था की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि विशेषज्ञों से जुटा रहे हैं। केवाईसी के संस्थापक राकेश बेनीवाल ने बीते दिनों दुबई का दौरा कर वहां पर विभिन्न देशों से आए कृषि क्षेत्र के लिए नई व आधुनिक मशीनें बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की तथा पेस्टीसाइड मापने की मशीन लाने करने को लेकर चर्चा की। दुबई से लौटने के बाद राकेश बेनीवाल, सुधीर तंवर व विनीत पिलानिया ने बताया कि ऑर्गेनिक खेती मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बेहतर बनाए रखने का कार्य करती है। आधुनिक मशीन बनाने वाली कंपनियों से बातचीत की। जिसमें उन्हें पता लगा कि पूरे विश्व में अभी तक इस प्रकार की मशीन नहीं बनाई गई है। लेकिन उन्होंने कृषि क्षेत्र में नई व आधुनिक मशीनें लाने करने वाली कंपनियों से इस मशीन को लेकर एक्सपेरिमेंट करने की बात कहीं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में मिड डे मील वर्कर्स का प्रदर्शन:शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा से की मुलाकात, सौंपा मांग पत्र, दिया आश्वासन
फरीदाबाद में मिड डे मील वर्कर्स का प्रदर्शन:शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा से की मुलाकात, सौंपा मांग पत्र, दिया आश्वासन हरियाणा के फरीदाबाद जिले में हरियाणा के 22 जिलों से आई में मिड डे मिल वर्करों ने आज नगर निगम के बाहर एकत्रित होकर शिक्षा मंत्री सीमा मंत्री का और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मिड डे मिल वर्करों को फरीदाबाद के सेक्टर 21 स्थित शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा के आवास पर जाकर उनका घेराव करना और प्रदर्शन करना था। लेकिन सीमा तिरखा खुद प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बीच पहुंची और उन्होंने हरियाणा के तमाम जिलों से आई मिड डे मील वर्करों का धन्यवाद किया और फरीदाबाद पहुंचने पर स्वागत किया। जिनके सामने मिड डे मील वर्कर यूनियन के नेताओं ने अपनी 10 मांगों को शिक्षा मंत्री के सामने रखा। ये है प्रमुख मांगे प्रदर्शन कर रही मिड डे मील वर्करों की मांगे कुछ प्रमुख इस प्रकार है। मिड डे मिल वर्करों को पक्का किया जाए, सभी सामाजिक सुरक्षा लाभों सहित 26000 न्यूनतम वेतन दिया जाए, रिटायरमेंट लाभ 2 लाख किया जाए ,स्कूलों को मर्ज ना किया जाए, सभी मिड डे मिल वर्कर्स को 10 महीने की बजाय 12 महीने का वेतन दिया जाए, छटनी की गई सभी वर्कर्स को दोबारा से नौकरी कर वापस लिया जाए, बकाया वेतन तुरंत जारी किया जाए। इन मांगों का मिड डे मील वर्कर ने सीमा त्रिखा को ज्ञापन सौंपा। शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने मिड डे मील वर्करों और मीडिया के सामने कहा की उनकी 10 मांगों में से कुछ मांगे जायज हैं। जिन्हें अधिकारी के सामने रखेंगी। इस मीटिंग में वर्कर यूनियन के कुछ नेता कर भी मौजूद रहेंगे। जहां पर उनकी मांगों को रखा जाएगा और विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव को कुछ समय बचे है जितना भी संभव हो पाएगा उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। उज्जवला योजना का नहीं मिला लाभ शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने मिड डे मील वर्करों से मंच के माध्यम से बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा सभी को उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए हैं। यदि नहीं दिए गए तो वह हाथ खड़ा करें। सीमा त्रिखा के इतना कहने के बाद लगभग दर्जन भर महिलाओं ने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उन्हें उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर अब तक नहीं मिले हैं। दर्जनों हाथ खड़ा होने के बाद सीमा रेखा भड़क गई और कहा की ऐसा नहीं हो सकता कि उज्ज्वला योजना का उन तक लाभ न पहुंचा हो इसकी वह जांच कराएंगी। स्कूलों में लकड़ी से बन रहा खाना फिर सीमा त्रिखा ने दूसरा सवाल करते हुए महिलाओं से कहा कि ऐसा कौन सा स्कूल बचा है, जहां पर आज गैस सिलेंडर से खाना नहीं बनता, वह महिला हाथ खड़ा करें। इसके बाद फिर कुछ महिलाओं ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उनके स्कूल में आज भी लकड़ी पर मिड डे मील बनवाया जाता है। यह देखते ही फिर सीमा त्रिखा गुस्से से लाल हो गई और कहा की ऐसी महिलाएं उनके सामने खड़ा होकर आए और लिखित में उन्हें शिकायत दें। इसके बाद मिड डे मील वर्कर यूनियन की प्रधान सुलेखा ने सीमा त्रिखा को बताया कि ऐसा ही कई स्कूलों में हो रहा है, लेकिन सीमा त्रिखा उनकी बातों से सहमत नहीं हुई और कहा कि यदि ऐसा है तो वह लिखित में उन्हें शिकायत दें। वह ऐसे स्कूल और टीचरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी। मिड डे मील वर्करों ने दी चेतावनी वहीं मिड डे मील वर्करों की कुछ कर्मचारी नेताओं ने कहा कि चुनाव को कुछ दिन बचे हैं। सीमा त्रिखा उन्हें चुनावी लॉलीपॉप देने के लिए आई है। यदि चुनाव से पहले उनकी कुछ मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वह बीजेपी सरकार को वोट की चोट से सबक सिखाएंगे। जैसा हाल ही में लोकसभा चुनावों में बीजेपी के साथ हरियाणा में हुआ है।
सुंदर लिखावट स्पर्धा में बच्चों ने दिखाया उत्साह
सुंदर लिखावट स्पर्धा में बच्चों ने दिखाया उत्साह भास्कर न्यूज । झोझू कलां मौड़ी हिन्दू मॉडल स्कूल में शनिवार को सुलेख प्रतियोगिता हुई। कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों ने इसमें भाग लिया। प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों को सुंदर और सुगठित लेखन के प्रति जागरूक करना था। विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। हिन्दी टीचर नीलम कुमारी ने कहा कि सुंदर लिखावट विद्यार्थी का दर्पण होती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ भाषा और लेखन कौशल को भी निखारती है। सुलेख से भाषा की शुद्धता, लेखन और विचारों की स्पष्टता विकसित होती है। प्राचार्य सोमवीर जाखड़ ने कहा कि सुलेख लेखन न केवल लिखने की कला को आकर्षक बनाता है, बल्कि धैर्य, अनुशासन और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। इससे अभिव्यक्ति क्षमता निखरती है और भाषा के प्रति रुचि बढ़ती है। स्कूल निदेशक सोमवीर जाखड़ ने विजेता छात्रों को सम्मानित किया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को नियमित रूप से सुंदर लिखावट पर ध्यान देने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ के सदस्य संदीप, सरिता, सुशीला देवी, निशा, सुमन मुंझाल, अंजू, सीमा और स्कूल निर्देशिका अर्चना जाखड़ मौजूद रहीं।

ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में:कल दोनों बेटों ने मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी श्रद्धांजलि दी
ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में:कल दोनों बेटों ने मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी श्रद्धांजलि दी हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को होगी। सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में यह सभा सुबह 11 बजे शुरू होगी। कल (21 दिसंबर) शनिवार को ओपी चौटाला का सिरसा के तेजा खेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चौटाला के दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, कर्ण और अर्जुन चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने चौटाला को श्रद्धांजलि दी। ओपी चौटाला का शुक्रवार (20 दिसंबर) को दिल का दौरा पड़ने के बाद 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हो गया था। ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार से जुडी 4 अहम बातें… 1. पार्थिव देह तिरंगे से लपेटी, हरी तुर्रा पगड़ी–चश्मा पहनाया
ओपी चौटाला की पार्थिव देह शनिवार को अंतिम दर्शन के लिए तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में रखी गई। इस दौरान उनकी पार्थिव देह तिरंगे में लपेटी गई। इसके अलावा उनके सिर पर हरे रंग की तुर्रा पगड़ी और चश्मा पहनाया गया। हरी तुर्रा पगड़ी इनेलो की पहचान और चश्मा चुनाव चिन्ह है। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक समर्थकों ने उनके अंतिम दर्शन किए। 2. 12 क्विंटल फूलों से सजा समाधि स्थल, चिता के लिए चंदन की लकड़ी
ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार के लिए फार्म हाउस में ही समाधि स्थल बनाया गया। जिसे 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया। इनमें 8 क्विंटल गेंदा और 2–2 क्विंटल गुलाब व गुलदाउदी के फूल थे। यह फूल कोलकाता से मंगाए गए थे। इसके अलावा चिता के लिए लाल चंदन की लकड़ियां मंगाई गईं थी। 3. दोनों बेटों–पोतों, भाईयों ने अर्थी को कंधा दिया
ओपी चौटाला की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के बाद समाधि स्थल के लिए ले जाया गया तो सबसे आगे उनके दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला ने अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद उनके पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, कर्ण चौटाला, अर्जुन चौटाला के अलावा भाई रणजीत चौटाला और भतीजे आदित्य चौटाला ने अंतिम यात्रा में अर्थी के साथ रहे। 4. समर्थकों ने फूल बरसाए, नारे लगाए
ओपी चौटाला की पार्थिव देह को समाधि स्थल की तरफ ले जाया गया तो समर्थकों की भारी भीड़ उनके साथ रही। इस दौरान करीब 200 मीटर के रास्ते भर में समर्थक उनकी पार्थिव देह पर फूल बरसाते रहे। उन्होंने ‘ओपी चौटाला–अमर रहे’ के नारे लगाए। अंतिम संस्कार के मौके एकजुट दिखा चौटाला परिवार
ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार के मौके पर पूरा चौटाला परिवार एकजुट दिखा। ओपी के बेटे अजय और अभय के साथ पूर्व सीएम के पूर्व मंत्री भाई रणजीत चौटाला भी मौजूद रहे। वे श्रद्धांजलि देने आए लोगों का आभार व्यक्त करते रहे। राजनीतिक तौर पर अभय इनेलो के प्रधान महासचिव हैं। अजय और उनके बेटों दुष्यंत–दिग्विजय को ओपी चौटाला के इनेलो से निकालने के बाद उन्होंने JJP बना ली। वहीं रणजीत लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में गए थे लेकिन अब निर्दलीय राजनीति कर रहे हैं। इनके अलावा चौटाला फैमिली की बहुएं भी एक साथ बैठी दिखीं। इनमें हिसार से एक–दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली नैना चौटाला और सुनैना चौटाला भी शामिल हैं। ओपी चौटाला से जुड़ी 5 खास बातें 1. पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ। वे 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 2. पिता से ज्यादा न पढ़ जाएं, इसके लिए शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। जब वे टीचर घोटाले में जेल गए तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की। 3. 1968 में ओपी चौटाला ने ऐलानाबाद से पहला चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाकर उन्होंने चुनाव रद्द करा दिया। 2 साल बाद 1970 में हुए उपचुनाव में वह इसी सीट से जीते। 4. ओपी चौटाला के CM रहते 2 कांड बड़े मशहूर हुए। पहला महम कांड, जिसमें उन्होंने महम सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हिंसा और बूथ कैप्चरिंग के बाद चुनाव रद्द हो गया। पुलिस की गोलियों से 10 लोगों की मौत हुई। दूसरा कंडेला कांड, जिसमें फ्री बिजली और कर्ज माफी वादा पूरा न होने पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान गोलियों से 9 किसानों की मौत हुई। 5. ओपी चौटाला के 1999–2000 के सीएम कार्यकाल के दौरान टीचर भर्ती घोटाला हुआ। जिसमें उन्हें व उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद हुई। वे तिहाड़ जेल में रहे लेकिन बाद में 60 से ज्यादा उम्र और आधी सजा पूरी होने की वजह से केंद्र की माफी स्कीम के तहत उन्हें 2 साल पहले रिहा कर दिया गया। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा के पूर्व CM ओपी चौटाला का निधन:रात 10 बजे पार्थिव शरीर फार्म हाउस पहुंचा, कल सुबह 8 बजे से लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। वे 89 साल के थे। शुक्रवार को वे गुरुग्राम में अपने घर पर थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद साढ़े 11 बजे उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लाया गया। करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पूरी खबर पढ़ें… 5 बार के CM ओपी चौटाला पंचतत्व में विलीन:दोनों बेटों ने मिलकर दी मुखाग्नि, चारों पोतों ने अंतिम रस्में निभाईं; समर्थकों ने फूल बरसाए हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओपी चौटाला शनिवार (21 दिसंबर) शाम करीब 4 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। सिरसा के गांव तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरी खबर पढ़ें… ओपी चौटाला की अंतिम विदाई के PHOTOS:तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह, हरी पगड़ी-चश्मा पहनाया; उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दी श्रद्धांजलि हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। सिरसा के गांव तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में ही उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दोनों बेटों अजय और अभय चौटाला ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ा। पूरी खबर पढ़ें…