कैथल में हत्या के प्रयास में 10 साल की सजा:साढ़े 12 हजार जुर्माना; पूर्व सरपंच पर रॉड से हमला, 3 आरोपी थे, 2 को क्लीन चिट

कैथल में हत्या के प्रयास में 10 साल की सजा:साढ़े 12 हजार जुर्माना; पूर्व सरपंच पर रॉड से हमला, 3 आरोपी थे, 2 को क्लीन चिट

कैथल की अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में सजा का ऐलान करते हुए एक युवक को 10 साल की कैद और 12,500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर उसे 10 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इस संबंध में गांव कमालपुर के पूर्व सरपंच इंद्र दत्त ने 16 मार्च 2017 को कलायत थाने में आईपीसी के तहत मुकदमा नंबर 54 दर्ज करवाया था। रॉड और डंडे लेकर पहुंचे शिकायतकर्ता की ओर से मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी जय भगवान गोयल ने की। गोयल ने बताया कि 14 मार्च 2017 को शिकायतकर्ता इंद्र दत्त अपने पोते सौरभ के साथ अपने घर जा रहा था। जब वे गांव के गेट के पास पहुंचे तो वहां पहले से ही मोनू, बालकिशन, ईश्वर मौजूद थे। उनके हाथों में लोहे की रॉड और डंडे थे। उन्होंने सौरभ का रास्ता रोक लिया और गाली-गलौज करने लगे। जब इंद्र दत्त ने उनका विरोध किया तो मोनू ने सौरभ के सिर पर रॉड से और बालकिशन ने डंडे से वार किया। इससे सौरभ बेहोश हो गया। फिर ईश्वर ने भी सौरभ पर डंडे से वार किया। मारपीट देखकर जब लोग इकट्ठा होने लगे तो तीनों हथियार लेकर वहां से भाग गए और जाते समय जान से मारने की धमकी दी। मुकदमे के दौरान कुल 9 गवाहों की गवाही हुई इस तरह तीनों ने मिलकर सौरभ की हत्या का प्रयास किया। इस शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान बालकिशन और ईश्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए उनके नाम एफआईआर से हटा दिए गए। मुकदमे के दौरान कुल 9 गवाहों की गवाही हुई। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एडीजे अमित गर्ग ने मोनू को हत्या के प्रयास का दोषी पाते हुए 10 साल कैद और 12,500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने डीएलएसए को नियमानुसार पीड़ित को मुआवजा दिलाने के निर्देश भी दिए। कैथल की अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में सजा का ऐलान करते हुए एक युवक को 10 साल की कैद और 12,500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर उसे 10 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इस संबंध में गांव कमालपुर के पूर्व सरपंच इंद्र दत्त ने 16 मार्च 2017 को कलायत थाने में आईपीसी के तहत मुकदमा नंबर 54 दर्ज करवाया था। रॉड और डंडे लेकर पहुंचे शिकायतकर्ता की ओर से मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी जय भगवान गोयल ने की। गोयल ने बताया कि 14 मार्च 2017 को शिकायतकर्ता इंद्र दत्त अपने पोते सौरभ के साथ अपने घर जा रहा था। जब वे गांव के गेट के पास पहुंचे तो वहां पहले से ही मोनू, बालकिशन, ईश्वर मौजूद थे। उनके हाथों में लोहे की रॉड और डंडे थे। उन्होंने सौरभ का रास्ता रोक लिया और गाली-गलौज करने लगे। जब इंद्र दत्त ने उनका विरोध किया तो मोनू ने सौरभ के सिर पर रॉड से और बालकिशन ने डंडे से वार किया। इससे सौरभ बेहोश हो गया। फिर ईश्वर ने भी सौरभ पर डंडे से वार किया। मारपीट देखकर जब लोग इकट्ठा होने लगे तो तीनों हथियार लेकर वहां से भाग गए और जाते समय जान से मारने की धमकी दी। मुकदमे के दौरान कुल 9 गवाहों की गवाही हुई इस तरह तीनों ने मिलकर सौरभ की हत्या का प्रयास किया। इस शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान बालकिशन और ईश्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए उनके नाम एफआईआर से हटा दिए गए। मुकदमे के दौरान कुल 9 गवाहों की गवाही हुई। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एडीजे अमित गर्ग ने मोनू को हत्या के प्रयास का दोषी पाते हुए 10 साल कैद और 12,500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने डीएलएसए को नियमानुसार पीड़ित को मुआवजा दिलाने के निर्देश भी दिए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर