खट्‌टर ने जिसका टिकट काटा नायब उसे BJP में लाएंगे:सिरसा के कालांवाली से चुनाव लड़े राजेद्र देसुजोधा की 5 साल बाद एंट्री

खट्‌टर ने जिसका टिकट काटा नायब उसे BJP में लाएंगे:सिरसा के कालांवाली से चुनाव लड़े राजेद्र देसुजोधा की 5 साल बाद एंट्री

सिरसा जिले की कालांवाली विधानसभा से 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके राजेंद्र देसूजोधा की एक बार फिर भाजपा में एंट्री होने जा रही है। 5 साल पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर ने देसुजोधा का टिकट काट दिया था। खट्‌टर ने तब देसूजोधा पर नशा तस्करों की मदद करने का आरोप लगाया था। मगर अब नायब सैनी ने खट्‌टर का एक और फैसला पलटते हुए उनकी एंट्री के दरवाजे भाजपा के लिए खोल दिए हैं। राजेंद्र देसूजोधा आज कार्यकर्ताओं के साथ सिरसा में नायब सैनी के कार्यक्रम में भाजपा ज्वाइन करेंगे। देसुजोधा की भाजपा में एंट्री से कालांवाली से भाजपा के पूर्व विधायक बलकौर सिंह नाराज हो गए हैं। बलकौर सिंह ने कहा कि खट्‌टर एक संत पुरुष हैं और उन्होंने ही देसुजोधा पर नशा तस्करों की मदद के आरोप लगाए थे। बकायदा मनोहर लाल ने देसुजोधा का नाम भी लिया था। मगर अब भाजपा देसुजोधा को फिर पार्टी में ला रही है यह गलत है। मैं कभी ऐसे नेता का स्वागत नहीं करूंगा और ना ही नायब सैनी के कार्यक्रम में जाऊंगा। देसूजोधा बोले-कभी नशा तस्करों की मदद नहीं की वहीं कालांवाली से 2 बार चुनाव लड़ चुके देसूजोधा अकाली दल छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं। देसूजोधा ने खट्‌टर के पहले दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने कभी नशा तस्करों की मदद नहीं की। देसूजोधा मेरा गांव जरूर है और नशे के लिए बदनाम भी है। मगर मैंने कभी किसी नशा तस्कर के लिए एक फोन तक नहीं किया। हम 4 भाई हैं और 3 भाईयों के रिश्ते चौथे से नहीं है, जो गांव में रहता है। अपने इलाके कालांवाली के विकास के लिए मेरी घर वापसी हो रही है। नशे के खिलाफ इतने काम करूंगा की कालांवाली ही नहीं , डबवाली-सिरसा के युवाओं को रोजगार, खेल और शिक्षा के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। भाजपा को इसलिए पड़ी देसूजोधा की जरूरत दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में देसूजोधा का टिकट खट्‌टर ने काटकर बलकौर सिंह को दे दिया। कालांवाली आरक्षित सीट है। टिकट कटने पर देसूजोधा ने भाजपा छोड़कर अकाली दल ज्वाइन कर लिया। अकाली ने देसूजोधा को टिकट दे दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के शीशपाल केहरवाला को 53059 वोट मिले थे, वहीं दूसरे नंबर पर अकाली उम्मीदवार राजेंद्र देसूजोधा रहे जिनको 33816 वोट मिले थे। भाजपा के बलकौर सिंह तीसरे नंबर रहे जिनको 30134 वोट मिले। भाजपा के पास अब कोई कालांवाली में बड़ा चेहरा नहीं है। टिकट कटने पर फूट-फूटकर रोए थे देसूजोधा 2014 में भाजपा की टिकट पर सिरसा से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी सुनीता सेतिया और कालांवाली से विधानसभा चुनाव लड़ चुके राजेंद्र देसूजोधा जब लोगों के बीच बैठे थे तो दोनों ही नेता फूट फूट कर रोए थे। दोनों ही नेताओं का कहना था कि उन्होंने भाजपा की दिलो जान से सेवा की है लेकिन पार्टी ने उनकी सेवा को दरकिनार कर दिया। सुनीता सेतिया के बेटे गोकुल सेतिया इस समय सक्रिय हैं और उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तोर पर सिरसा शहर से चुनाव लड़ा मगर गोपाल कांडा से हार गए। वही कालांवाली से राजेंद्र देसूजोधा ने अकाली दल का दामण थाम लिया था। सिरसा जिले की कालांवाली विधानसभा से 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके राजेंद्र देसूजोधा की एक बार फिर भाजपा में एंट्री होने जा रही है। 5 साल पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर ने देसुजोधा का टिकट काट दिया था। खट्‌टर ने तब देसूजोधा पर नशा तस्करों की मदद करने का आरोप लगाया था। मगर अब नायब सैनी ने खट्‌टर का एक और फैसला पलटते हुए उनकी एंट्री के दरवाजे भाजपा के लिए खोल दिए हैं। राजेंद्र देसूजोधा आज कार्यकर्ताओं के साथ सिरसा में नायब सैनी के कार्यक्रम में भाजपा ज्वाइन करेंगे। देसुजोधा की भाजपा में एंट्री से कालांवाली से भाजपा के पूर्व विधायक बलकौर सिंह नाराज हो गए हैं। बलकौर सिंह ने कहा कि खट्‌टर एक संत पुरुष हैं और उन्होंने ही देसुजोधा पर नशा तस्करों की मदद के आरोप लगाए थे। बकायदा मनोहर लाल ने देसुजोधा का नाम भी लिया था। मगर अब भाजपा देसुजोधा को फिर पार्टी में ला रही है यह गलत है। मैं कभी ऐसे नेता का स्वागत नहीं करूंगा और ना ही नायब सैनी के कार्यक्रम में जाऊंगा। देसूजोधा बोले-कभी नशा तस्करों की मदद नहीं की वहीं कालांवाली से 2 बार चुनाव लड़ चुके देसूजोधा अकाली दल छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं। देसूजोधा ने खट्‌टर के पहले दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने कभी नशा तस्करों की मदद नहीं की। देसूजोधा मेरा गांव जरूर है और नशे के लिए बदनाम भी है। मगर मैंने कभी किसी नशा तस्कर के लिए एक फोन तक नहीं किया। हम 4 भाई हैं और 3 भाईयों के रिश्ते चौथे से नहीं है, जो गांव में रहता है। अपने इलाके कालांवाली के विकास के लिए मेरी घर वापसी हो रही है। नशे के खिलाफ इतने काम करूंगा की कालांवाली ही नहीं , डबवाली-सिरसा के युवाओं को रोजगार, खेल और शिक्षा के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। भाजपा को इसलिए पड़ी देसूजोधा की जरूरत दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में देसूजोधा का टिकट खट्‌टर ने काटकर बलकौर सिंह को दे दिया। कालांवाली आरक्षित सीट है। टिकट कटने पर देसूजोधा ने भाजपा छोड़कर अकाली दल ज्वाइन कर लिया। अकाली ने देसूजोधा को टिकट दे दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के शीशपाल केहरवाला को 53059 वोट मिले थे, वहीं दूसरे नंबर पर अकाली उम्मीदवार राजेंद्र देसूजोधा रहे जिनको 33816 वोट मिले थे। भाजपा के बलकौर सिंह तीसरे नंबर रहे जिनको 30134 वोट मिले। भाजपा के पास अब कोई कालांवाली में बड़ा चेहरा नहीं है। टिकट कटने पर फूट-फूटकर रोए थे देसूजोधा 2014 में भाजपा की टिकट पर सिरसा से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी सुनीता सेतिया और कालांवाली से विधानसभा चुनाव लड़ चुके राजेंद्र देसूजोधा जब लोगों के बीच बैठे थे तो दोनों ही नेता फूट फूट कर रोए थे। दोनों ही नेताओं का कहना था कि उन्होंने भाजपा की दिलो जान से सेवा की है लेकिन पार्टी ने उनकी सेवा को दरकिनार कर दिया। सुनीता सेतिया के बेटे गोकुल सेतिया इस समय सक्रिय हैं और उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तोर पर सिरसा शहर से चुनाव लड़ा मगर गोपाल कांडा से हार गए। वही कालांवाली से राजेंद्र देसूजोधा ने अकाली दल का दामण थाम लिया था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर