खन्ना में इंटरनेशनल पैरा कराटे खिलाड़ी का अपमान हुआ। अमेरिका में पैरा वर्ल्ड कराटे चैंपियनशिप जीतकर शहर लौटे इस खिलाड़ी का कोई स्वागत तक नहीं किया गया। खिलाड़ी तरुण शर्मा ने पंजाब सरकार खिलाफ रोष जताया। अमेरिका में जीत का परचम फहराने वाले तरुण को उम्मीद थी कि जब वह शहर पहुंचेगा तो उसका मान सम्मान होगा। लेकिन तरुण जब बस स्टैंड पर उतरा तो वहां उस उपलब्धि की खुशी का कोई नामोनिशान नहीं था। तरुण को लेने उसके कुछ दोस्त ही पहुंचे थे। तरुण की नाराजगी का कारण तरुण शर्मा पैरा कराटे खिलाड़ी है। गरीब परिवार से संबंधित है। पिता के साथ सब्जी की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा चलाता था। कुछ समय पहले पिता की मौत हो गई। अब खुद रेहड़ी लगाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार देश और राज्य का नाम रोशन कर चुका है। लंबे समय से सरकार के पास नौकरी की गुहार लगा रहा है। किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। अपने खेल के शौक को पूरा करने के लिए तरुण ने घर तक गिरवी रखा है। 12 लाख रुपए का कर्ज है। इस बार भी आर्थिक मदद से अमेरिका खेलने गया। इतनी गरीबी है कि दिल्ली से वापस बस में खन्ना लौटा। शहर पहुंचने पर भी जब किसी को तरुण की जीत पर खुशी महसूस नहीं देखी गई तो वह मायूस हो गया। पिछले साल भी किया था नजरअंदाज पिछले साल भी तरुण शर्मा 21 से 23 जुलाई तक आयोजित दूसरी एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत की तरफ से भाग लेने मलेशिया गया था। इस चैंपियनशिप में 43 देशों के पैरा खिलाड़ी पहुंचे थे। भारत की तरफ से मात्र दो खिलाड़ी एक तरुण शर्मा और दूसरा दिल्ली से था। तरुण ने मलेशिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए भारत को ब्राँज मेडल दिलाया था। लेकिन उसे दिल्ली से बस खन्ना लौटना पड़ा था और किसी ने स्वागत नहीं किया था। इस खिलाड़ी का अपमान होने के बाद विभिन्न सियासी दलों के नेता तरुण के घर पहुंचे थे और सरकार से नौकरी दिलवाने का वादा किया था। खन्ना में इंटरनेशनल पैरा कराटे खिलाड़ी का अपमान हुआ। अमेरिका में पैरा वर्ल्ड कराटे चैंपियनशिप जीतकर शहर लौटे इस खिलाड़ी का कोई स्वागत तक नहीं किया गया। खिलाड़ी तरुण शर्मा ने पंजाब सरकार खिलाफ रोष जताया। अमेरिका में जीत का परचम फहराने वाले तरुण को उम्मीद थी कि जब वह शहर पहुंचेगा तो उसका मान सम्मान होगा। लेकिन तरुण जब बस स्टैंड पर उतरा तो वहां उस उपलब्धि की खुशी का कोई नामोनिशान नहीं था। तरुण को लेने उसके कुछ दोस्त ही पहुंचे थे। तरुण की नाराजगी का कारण तरुण शर्मा पैरा कराटे खिलाड़ी है। गरीब परिवार से संबंधित है। पिता के साथ सब्जी की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा चलाता था। कुछ समय पहले पिता की मौत हो गई। अब खुद रेहड़ी लगाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार देश और राज्य का नाम रोशन कर चुका है। लंबे समय से सरकार के पास नौकरी की गुहार लगा रहा है। किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। अपने खेल के शौक को पूरा करने के लिए तरुण ने घर तक गिरवी रखा है। 12 लाख रुपए का कर्ज है। इस बार भी आर्थिक मदद से अमेरिका खेलने गया। इतनी गरीबी है कि दिल्ली से वापस बस में खन्ना लौटा। शहर पहुंचने पर भी जब किसी को तरुण की जीत पर खुशी महसूस नहीं देखी गई तो वह मायूस हो गया। पिछले साल भी किया था नजरअंदाज पिछले साल भी तरुण शर्मा 21 से 23 जुलाई तक आयोजित दूसरी एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत की तरफ से भाग लेने मलेशिया गया था। इस चैंपियनशिप में 43 देशों के पैरा खिलाड़ी पहुंचे थे। भारत की तरफ से मात्र दो खिलाड़ी एक तरुण शर्मा और दूसरा दिल्ली से था। तरुण ने मलेशिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए भारत को ब्राँज मेडल दिलाया था। लेकिन उसे दिल्ली से बस खन्ना लौटना पड़ा था और किसी ने स्वागत नहीं किया था। इस खिलाड़ी का अपमान होने के बाद विभिन्न सियासी दलों के नेता तरुण के घर पहुंचे थे और सरकार से नौकरी दिलवाने का वादा किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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