खन्ना में दो जगहों पर पहले से ही बायो गैस फैक्ट्री के विरोध में लगातार धरने जारी हैं। खन्ना के गांव घुंगराली राजपूतां और समराला के गांव मुस्काबाद में चालू इस फैक्ट्री के विरोध में लोग पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। इसी वजह से करीब 8 गांवों ने लोकसभा चुनावों का भी बायकाट किया था। अब खन्ना के करीबी गांव गोह में भी बायो गैस फैक्ट्री के निर्माण की भनक लगते ही लोग पहले ही विरोध में जुट गए। सेह गांव में लोग इकट्ठे हुए और पक्का मोर्चा लगाने पर विचार किया गया। खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध व समराला से विधायक जगतार सिंह दयालपुरा लोगों को भरोसा दिलाने पहुंचे। पहले का हाल देखकर चौकस हुए लोग हालांकि गोह गांव में अभी बायो गैस फैक्ट्री के निर्माण का कोई नामोनिशान भी नहीं है] लेकिन पहले से इस फैक्ट्री की मार झेल रहे लोगों का हाल देखकर यहां के लोग चौकस हो गए हैं। लोगों को जानकारी मिली कि गोह गांव में जमीन फैक्ट्री लगाने के लिए खरीदी गई है। इसके बाद गोह, सेह, मानकी समेत कई गांवों के गुरुद्वारों से अनाउंसमेंट करवा दी गई। सेह गांव के गुरुद्वारा साहिब में लोग इकट्ठे हुए और ऐलान किया कि एक ईंट भी यहां नहीं लगने देंगे। जरूरत पड़ी तो वे पक्का मोर्चा लगाएंगे। माहौल को भांपते दोनों विधायक पहुंचे क्योंकि, पहले ही घुंगराली राजपूतां और मुस्काबाद में फैक्ट्री के विरोध में लोगों का धरना जारी है। अगर गोह में भी लोग धरने पर बैठ गए तो सरकार व प्रशासन दोनों के लिए चुनौती रहेगी। इसे भांपते हुए खन्ना से विधायक सौंध तथा समराला से विधायक दयालपुरा सीधे सेह गांव में पहुंचे। लोगों के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि वे इस मांग को तुरंत सीएम पंजाब भगवंत मान व चीफ सेक्रेटरी के समक्ष उठाकर हल निकालेंगे। खन्ना में दो जगहों पर पहले से ही बायो गैस फैक्ट्री के विरोध में लगातार धरने जारी हैं। खन्ना के गांव घुंगराली राजपूतां और समराला के गांव मुस्काबाद में चालू इस फैक्ट्री के विरोध में लोग पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। इसी वजह से करीब 8 गांवों ने लोकसभा चुनावों का भी बायकाट किया था। अब खन्ना के करीबी गांव गोह में भी बायो गैस फैक्ट्री के निर्माण की भनक लगते ही लोग पहले ही विरोध में जुट गए। सेह गांव में लोग इकट्ठे हुए और पक्का मोर्चा लगाने पर विचार किया गया। खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध व समराला से विधायक जगतार सिंह दयालपुरा लोगों को भरोसा दिलाने पहुंचे। पहले का हाल देखकर चौकस हुए लोग हालांकि गोह गांव में अभी बायो गैस फैक्ट्री के निर्माण का कोई नामोनिशान भी नहीं है] लेकिन पहले से इस फैक्ट्री की मार झेल रहे लोगों का हाल देखकर यहां के लोग चौकस हो गए हैं। लोगों को जानकारी मिली कि गोह गांव में जमीन फैक्ट्री लगाने के लिए खरीदी गई है। इसके बाद गोह, सेह, मानकी समेत कई गांवों के गुरुद्वारों से अनाउंसमेंट करवा दी गई। सेह गांव के गुरुद्वारा साहिब में लोग इकट्ठे हुए और ऐलान किया कि एक ईंट भी यहां नहीं लगने देंगे। जरूरत पड़ी तो वे पक्का मोर्चा लगाएंगे। माहौल को भांपते दोनों विधायक पहुंचे क्योंकि, पहले ही घुंगराली राजपूतां और मुस्काबाद में फैक्ट्री के विरोध में लोगों का धरना जारी है। अगर गोह में भी लोग धरने पर बैठ गए तो सरकार व प्रशासन दोनों के लिए चुनौती रहेगी। इसे भांपते हुए खन्ना से विधायक सौंध तथा समराला से विधायक दयालपुरा सीधे सेह गांव में पहुंचे। लोगों के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि वे इस मांग को तुरंत सीएम पंजाब भगवंत मान व चीफ सेक्रेटरी के समक्ष उठाकर हल निकालेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना के सिविल अस्पताल पहुंचे सांसद अरोड़ा:बोले- सरकारी अस्पताल को बनाउंगा प्राइवेट जैसा; नया सीवरेज सिस्टम का काम पूरा
लुधियाना के सिविल अस्पताल पहुंचे सांसद अरोड़ा:बोले- सरकारी अस्पताल को बनाउंगा प्राइवेट जैसा; नया सीवरेज सिस्टम का काम पूरा पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल आए दिन बदइंतजामी के चलते चर्चा में रहता है। आज लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य का जायजा लिया। उनके साथ सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह भी मौजूद थे। सांसद संजीव अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि वह लुधियाना के सरकारी अस्पताल को प्राइवेट अस्पताल जैसा बनाने के लिए काम कर रहे हैं। अस्पताल में लंबे समय से सीवरेज सिस्टम की समस्या थी। बारिश के दिनों में सीवरेज सिस्टम ओवरफ्लो हो जाता था, लेकिन अब बड़ी पाइपें और नया सीवरेज सिस्टम डालकर अस्पताल को बेहतर बनाया गया है। 10 साल से बंद पड़ी लिफ्टों को किया जा रहा शुरू अस्पताल में लाखों रुपए की लागत से लगाई गई और पिछले 10 साल से बंद पड़ी लिफ्टों को शुरू करने का काम किया जा रहा है। लिफ्टों को शुरू करने का ठेका जॉनसन कंपनी को दिया गया है। अरोड़ा ने बताया कि इमरजेंसी की रंगाई-पुताई की जा रही है। अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ से भी काम के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में पूछा जा रहा है और उनका समाधान निकाला जा रहा है। चूहों की समस्या का हुआ समाधान अरोड़ा ने कहा कि अस्पताल में चूहों की समस्या सबसे बड़ी थी जिसका अब पक्के तौर पर हल करवा दिया है। अस्पताल के पीछे बने कूड़े के डंप को निगम अधिकारियों की मदद से हटा दिया है। सिविल अस्पताल की वाटर प्रूफिंग को सही करवाया जा रहा है। अस्पताल में सामान की चोरी काफी हो रही थी इस कारण अब आधुनिक सुरक्षा का भी इंतजाम किया जा रहा है। आने वाले समय में सीसीटीवी भी अधिक लगवाए जाएंगे। आने वाले समय में डाक्टरों और अन्य स्टाफ की भर्ती सरकार करेगी।
जैम . रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन की आखिरी तारीख आज
जैम . रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन की आखिरी तारीख आज भास्कर न्यूज | जालंधर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली की ओर से ली जॉइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) 2025 के लिए आवेदन करने की आज आखिरी तारीख है। उम्मीदवार 11 अक्टूबर 2024 तक इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। जैम-205 का आयोजन दो फरवरी को होगा, जिसके लिए एडमिट कार्ड जनवरी के पहले हफ्ते में जारी किया जाएगा। दो सेशन में यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। रिजल्ट 16 मार्च 2025 को जारी होगा। इस एग्जाम के जरिए देशभर के विभिन्न आईआईटी संस्थानों में संचालित होने वाले एमएससी, एमटेक, पीएचडी प्रोग्राम्स में एडमिशन दिया जाएगा। जैम 2025 एप्लीकेशन फॉर्म में करेक्शन के लिए नवंबर से शुरुआत होगी। जिसमें परीक्षा शहर, टेस्ट पेपर, श्रेणी या लिंग में बदलाव 30 नवंबर तक किया जा सकेगा। कंपनसेटरी टाइम या स्क्रीब असिस्टेंट की पुष्टि 30 दिसंबर और ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र अपलोड करने की अंतिम तिथि 20 नवंबर है। जैम 2025 का आयोजन कंप्यूटर आधारित मोड में दो शिफ्ट में किया जाएगा। जैम परीक्षा के लिए एक पेपर का आवेदन शुल्क 1800 रुपए है। वहीं दो पेपर के लिए शुल्क ढाई हजार रुपए है। एससी, एसटी और महिलाओं के लिए एक पेपर की फीस 900 रुपए और दो पेपर के लिए 1250 रुपए शुल्क है। गौरतलब है कि परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में होगी। किसी भी उम्र के छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा देश के 100 शहरों में होगी। 2025-26 अकेडेमिक सेशन के लिए 22 आईआईटी के 89 पीजी प्रोग्राम में प्रवेश होंगे। इनमें करीब तीन हजार सीटें हैं। विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट https://jam2025.iit d .ac.in/ पर देख सकते हैं। वहीं इसके साथ ही जैम स्कोर के आधार पर आईआईएससी, एनआईटी जैसे अन्य टेक्निकल संस्थानों की दो हजार से अधिक सीटों पर भी प्रवेश किया जाएगा। पंजाब में जालंधर में सेंटर बनाया जाएगा। इस परीक्षा में सात विषयों बायोटेक्नोलॉजी, कैमिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, जियोलॉजी, मैथेमेटिकल स्टेटिस्टिक्स, मैथेमेटिक्स और फिजिक्स के विषयों में कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी राष्ट्रीयता के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। जो उम्मीदवार 2025 में बैचलर डिग्री के फाइनल इयर में अपीयर हो रहे हैं वो भी इसके लिए आवेदन करने के लिए योग्य होंगे।
मेरिटोरियस स्कूल में दाखिले के लिए होगी चौथी काउंसिलिंग:23 जिलों में बनाए गए केंद्र, जल्द घोषित होगा मेरिट व शेड्यूल
मेरिटोरियस स्कूल में दाखिले के लिए होगी चौथी काउंसिलिंग:23 जिलों में बनाए गए केंद्र, जल्द घोषित होगा मेरिट व शेड्यूल पंजाब के मेरिटोरियस स्कूलों में 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए चौथी काउंसलिंग 5 जून को होगी। काउंसलिंग राज्य के 23 जिलों में बनाए गए केंद्रों पर होगी। हालांकि, विभाग ने अभी मेरिट लिस्ट और शेड्यूल जारी नहीं किया है। विभाग का दावा है कि जल्द ही शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा ताकि योग्य छात्रों को मौका मिल सके। 60 फीसदी सीटें लड़कों के लिए राज्य के तलवाड़ा, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मोहाली, पटियाला, संगरूर में केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन स्कूलों में 4600 सीटों के लिए दाखिले की प्रोसेस चल रही है। अब तक तीन बार इन सीटों के लिए काउंसलिंग की जा चुकी है। तीसरी काउंसलिंग 29 और 30 मई को संपन्न हुई थीं। इसमें 1736 लड़कों और 931 लड़कियों को बुलाया गया था। हालांकि इसके बाद भी कुछ सीटें रह गई थी। बता दें कि 60 फीसदी सीटें लड़कों व 40 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए तय की गई हैं। मार्च से चल रही है प्रक्रिया मेरिटोरियस स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में मार्च माह से चल रही है। इसके लिए पहले परीक्षा आयोजित की थी। इसके बाद मई माह में तीन बार काउंसिलिंग हुई। हालांकि काउंसिलिंग को लेकर नियम काफी सख्त है। जो शेड्यूल विभाग द्वारा जारी किया जाता है, उसके मुताबिक ही स्कूल में पहुंचना होता है। इसके अलावा सीट अलॉट होने पर दो दिनों के भीतर अलॉट होने वाले स्कूल में रिपोर्ट करनी होती है। वहीं, काउंसिलिंग में आने वाले मतलब यह नहीं है कि आपका दाखिला तय है।