मोगा/फरीदकोट | गणपति महोत्सव मंगलवार को संपन्न हो गया। जिला मोगा और फरीदकोट में भक्तों ने शोभायात्रा निकालकर गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन किया। मोगा जिले में भक्त नाचते झूमते हुए शाम को हरिके पतन और फरीदकोट जिले में कोटकपूरा-फरीदकोट रोड पर स्थित राजस्थान नहर में भगवान गणेश जी की मूर्ति को जल विसर्जन किया। तस्वीरों में मोगा शहर में निकाली शोभायात्रा में शामिल श्री सनातन धर्म मंदिर एवं इंस्टीट्यूशंस प्रबंधक कमेटी के मेंबर। वहीं, फरीदकोट की नहर में गणपति का विसर्जन करते भक्त। संबंधित खबर पेज 2 पर मोगा/फरीदकोट | गणपति महोत्सव मंगलवार को संपन्न हो गया। जिला मोगा और फरीदकोट में भक्तों ने शोभायात्रा निकालकर गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन किया। मोगा जिले में भक्त नाचते झूमते हुए शाम को हरिके पतन और फरीदकोट जिले में कोटकपूरा-फरीदकोट रोड पर स्थित राजस्थान नहर में भगवान गणेश जी की मूर्ति को जल विसर्जन किया। तस्वीरों में मोगा शहर में निकाली शोभायात्रा में शामिल श्री सनातन धर्म मंदिर एवं इंस्टीट्यूशंस प्रबंधक कमेटी के मेंबर। वहीं, फरीदकोट की नहर में गणपति का विसर्जन करते भक्त। संबंधित खबर पेज 2 पर पंजाब | दैनिक भास्कर
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अंडा विक्रेता की बेटी बनी पंजाब क्रिकेट टीम की कप्तान:महिला अंडर-23 टी-20 टीम का कर रही नेतृत्व, राजकोट में पहला मैच जीता फाजिल्का के लाल बत्ती चौक के नजदीक अंडे की रेहड़ी लगाने वाले टेकचंद उर्फ बबली की बेटी प्रियंका पंजाब महिला क्रिकेट टीम की कप्तान चुनी गई है l इसके बाद बबली को उसकी रेहड़ी पर आने वाले लोग बधाइयां देने लगे हैं l बबली का कहना है कि उसकी बेटी ने फाजिल्का का ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब का नाम रोशन किया है l इतना ही नहीं हाल ही में राजकोट में हुआ पहला मैच भी उन्होंने जीत लिया है l पंजाब महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनी प्रियंका के पिता टेकचंद उर्फ बबली रेवाड़िया ने बताया कि उसकी बेटी प्रियंका को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक थाl उसके इस शौक को फाजिल्का जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने पूरा किया l एसोसिएशन द्वारा कोच अर्पित ने उसे क्रिकेट सिखाया और माहिर बनाया l सबसे पहले प्रियंका फरीदकोट में पढ़ाई के दौरान मोगा क्रिकेट एसोसिएशन के साथ जुड़ी l जिसके बाद अपनी पढ़ाई दौरान बरनाला क्रिकेट एसोसिएशन के साथ खेलते हुए अपने इस खेल के प्रति जुनून को साबित कियाl बेटे से कम नहीं है प्रियंका : टेकचंद आज उसके इसी शौक ने उसे इस मुकाम पर पहुंचा दियाl आज उसे महिला अंडर-23 इंटरस्टेट टी-20 टीम पंजाब का कप्तान चुना गया है l जिस पर उन्हें गर्व हैl बबली का कहना है कि उसकी बेटी प्रियंका ने फाजिल्का का शहर का ही नहीं बल्कि पंजाब का नाम रोशन कर दिया हैl उन्होंने बताया कि उनकी लड़की 17 वर्ष की थी, जब से उसे क्रिकेट खेलने का शौक थाl उन्होंने भी अपनी बेटी का बहुत सहयोग किया है l उसकी बेटी, उसके लिए बेटे से कम नहीं है l बबली ने बताया कि उसकी बेटी की लगन और मेहनत के चलते ही आज वह पंजाब टीम की कप्तान चुनी गई है l
लुधियाना में मां-बेटे की हत्या:कमरे में पड़े मिले शव, बदबू आने पर लोगों को हुई जानकारी, सिर पर चोट के निशान
लुधियाना में मां-बेटे की हत्या:कमरे में पड़े मिले शव, बदबू आने पर लोगों को हुई जानकारी, सिर पर चोट के निशान पंजाब के लुधियाना में मां-बेटे का शव कमरे पड़े मिले है। इलाके में बदबू फैलने के कारण पड़ोस के लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को को दी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी घर का दरवाजा तोड़ कर अंदर दाखिल हुए। पुलिस कर्मियों को बेड पर मां-बेटा का शव बुरी हालत में मिला। फिलहाल पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। जानकारी मुताबिक मृतक महिला का नाम सोनिया है और उसके बेटे का नाम कार्तिक है। दोनों के सिर पर चोट के निशान मिले है। 4 सालों से रह रहे थे दोनों जानकारी के मुताबिक महिला सोनिया करीब 4 साल पहले प्रेम विहार में रहने आई थी। महिला अपने बेटे के साथ यहां रहती थी। इलाके के लोगों ने बताया कि महिला का उसके पहले पति के साथ तलाक हुआ है। कुछ समय पहले एक अन्य व्यक्ति के साथ वह लिव इन रिलेशन में रह रही थी। वह व्यक्ति कई बार महिला के घर आता जाता था। आज जब घटना स्थल पर थाना हैबोवाल और चौकी जगतपुरी की पुलिस पहुंची तो इलाके के लोगों ने उन्हें पूरी बात बताई। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया फिलहाल पुलिस ने लिव इन रिलेशन में रहने वाले व्यक्ति को भी दबोच लिया। उसे व्यक्ति के मोबाइल को पुलिस ने जब्त कर लिया है और उसकी कॉल डिटेल आदि खंगाली जा रही है। गिरफ्तार किए व्यक्ति का नाम विजय है। इलाके के लोगों ने बताया कि विजय पिछले एक महीने से महिला के घर नहीं आ रहा था। लोगों ने यह भी बताया कि महिला और उसका बेटा यहां रह रहे थे, और उन लोगों ने एक पालतू कुत्ता भी रखा था। घर से महिला और उसके बेटे का शव तो मिला लेकिन कुत्ते का कुछ अता-पता नहीं चल पाया।
रूस-यूक्रेन युद्ध में मरे तेजपाल का शव नहीं पहुंचा भारत:डेढ़ महीने से भटक रही पत्नी ने उठाए इंडियन एंबेसी पर सवाल; दावा-DNA टेस्ट तक नहीं कराया
रूस-यूक्रेन युद्ध में मरे तेजपाल का शव नहीं पहुंचा भारत:डेढ़ महीने से भटक रही पत्नी ने उठाए इंडियन एंबेसी पर सवाल; दावा-DNA टेस्ट तक नहीं कराया पंजाब के अमृतसर में रहने वाले तेजपाल सिंह ने आर्मी जॉइन करने का सपना पूरा करने के लिए जनवरी 2024 में रूस का रुख किया था। उस समय रूस को यूक्रेन के खिलाफ लड़ाकों की आवश्यकता थी। वहां मार्च में तेजपाल की युद्ध में मौत हुई और 9 जून को परिवार को इसकी जानकारी मिली, लेकिन अब तक परिवार को उसका शरीर नहीं मिला है। तेजपाल की विधवा परमिंदर कौर का कहना है कि रूस सरकार उसके पति को शहीद का दर्जा दे चुकी है, लेकिन यहां भारत में एक-एक काम करवाने के लिए उन्हें चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। परमिंदर कौर के मुताबिक, ‘रूसी अधिकारियों ने कहा है कि चूंकि तेजपाल सिंह के शव की पहचान नहीं हो पाई है, इसलिए DNA टेस्ट कराने की जरूरत है। रूस ने करीबी रिश्तेदारों का DNA टेस्ट करवाने को कहा है। विशेषकर मां का, ताकि रिपोर्ट रूसी पक्ष के साथ साझा की जा सके।’ कोई सहयोग नहीं कर रहा
6 साल के लड़के और 3 साल की लड़की की मां परमिंदर कौर ने बताया कि रूस की राजधानी मॉस्को में भारतीय दूतावास में कोई भी अधिकारी सहयोग नहीं कर रहा, और न ही अमृतसर में कोई बता रहा है कि DNA कैसे करवाया जाए। मेडिकल कॉलेज से भेजा थाने
परमिंदर कौर का कहना है कि वह रूस से आए भारतीय दूतावास की ईमेल का प्रिंट लेकर मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आते गुरु नानक देव अस्पताल पहुंच गईं, लेकिन वहां से उन्हें सदर पुलिस थाने भेज दिया गया। सदर पुलिस थाने से उन्हें यह कह कर वापस भेजा गया कि आप सभी गलत काम कर रहे हो। इस मेल पर रूस या भारतीय सरकार की कोई स्टैंप नहीं है। चाचा की शहादत का किस्सा सुन जॉइन करना चाहता था आर्मी
तेजपाल की मां सर्बजीत कौर का कहना है कि 1992 में उनके देवर श्रीनगर में शहीद हो गए थे। एक साल बाद तेजपाल हो गया। तेजपाल उनके शहादत के किस्से सुनता था। तभी से उसके सिर पर आर्मी जॉइन करने का भूत सवार था। स्कूल में NCC भी जॉइन की। हथियार चलाने की ट्रेनिंग उसने NCC में ही ले ली थी। तेजपाल ने 6-7 बार आर्मी जॉइन करने की कोशिश की। फिटनेस व लिखित परीक्षा भी पास की, लेकिन हर बार लिस्ट में नाम आने से चूक गया। अंत में उसके दोस्तों ने रूसी आर्मी में हो रही भर्ती के बारे में बताया तो वह जनवरी में यहां से रूस के लिए रवाना हो गया। 4 महीने बाद परिवार को तेजपाल की मौत की सूचना मिली
परमिंदर कौर ने बताया कि तेजपाल को रूसी सेना ने सुरक्षा सहायक के रूप में नियुक्त किया था। जॉइनिंग से पहले कांट्रैक्ट भी साइन हुआ। उसके कुछ पेज उनके पास हैं, लेकिन वे रशियन भाषा में हैं। परमिंदर कौर ने बताया कि 3 मार्च को अंतिम बार तेजपाल से बात हुई थीं, लेकिन परिवार को 9 जून को उनकी मौत के बारे में पता चला। 4 भारतीयों की हो चुकी मौत
यूक्रेन-रशिया युद्ध में अब तक 4 भारतीय मारे जा चुके हैं। जबकि, दो अन्य लापता बताए जा रहे हैं। मृतकों में से केवल 2 के शव भारत वापस लाए जा सके हैं। इनमें गुजरात में सूरत के हेमिल मंगुकिया (23) और तेलंगाना में हैदराबाद के मोहम्मद असफान (31) के शव शामिल हैं। बीते माह मंत्री- DC आए, उसके बाद नहीं ली सुध
परिवार ने बताया कि 9 जून को जब देहांत की सूचना अमृतसर पहुंची तो मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और DC अमृतसर घनश्याम थोरी परिवार उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद से उनकी फाइल DC ऑफिस में पड़ी है। परिजनों का कहना है कि उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बारे में जब मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद मैसेज भी भेजा गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है।