गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में बदमाश ने दिनदहाड़े घर के बाहर एक व्यक्ति से सोने की चेन लूट ली। ये व्यक्ति कुछ समझ पाता, तब तक बदमाश गले से चेन तोड़कर फरार हो चुका था। मामले में इंदिरापुरम थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बदमाश की तलाश शुरू कर दी है। वसुंधरा सेक्टर-एक निवासी निखिल वर्मा ने बताया- 15 सितंबर की दोपहर 3.10 बजे मैं गाड़ी खड़ी करके घर की तरफ आ रहा था। घर के गेट के पास ही बाइक सवार एक बदमाश पीछे से आया और सोने की चेन गले से तोड़कर भाग निकला। मैंने पीछा भी किया, लेकिन वो हाथ नहीं आया। बदमाश ने पहचान छिपाने को पहना हेलमेट
इस पूरी घटना का एक CCTV फुटेज भी सामने आया है। फुटेज में दिख रहा है कि बदमाश स्पोटर्स बाइक पर था और उसने पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहना हुआ था। गली में दो युवक मौजूद थे। एक शख्स मोबाइल पर बात कर रहा था, जबकि दूसरा शख्स निखिल अपने घर की तरफ आ रहा था। निखिल का चेहरा घर की तरफ था, इसलिए उन्हें पीछे सड़क पर घूम रहे बदमाश के बारे में कुछ पता नहीं था। बदमाश ने इसी बात का फायदा उठाया और चुपके से पीछे से आकर चेन तोड़कर भाग गया। गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में बदमाश ने दिनदहाड़े घर के बाहर एक व्यक्ति से सोने की चेन लूट ली। ये व्यक्ति कुछ समझ पाता, तब तक बदमाश गले से चेन तोड़कर फरार हो चुका था। मामले में इंदिरापुरम थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बदमाश की तलाश शुरू कर दी है। वसुंधरा सेक्टर-एक निवासी निखिल वर्मा ने बताया- 15 सितंबर की दोपहर 3.10 बजे मैं गाड़ी खड़ी करके घर की तरफ आ रहा था। घर के गेट के पास ही बाइक सवार एक बदमाश पीछे से आया और सोने की चेन गले से तोड़कर भाग निकला। मैंने पीछा भी किया, लेकिन वो हाथ नहीं आया। बदमाश ने पहचान छिपाने को पहना हेलमेट
इस पूरी घटना का एक CCTV फुटेज भी सामने आया है। फुटेज में दिख रहा है कि बदमाश स्पोटर्स बाइक पर था और उसने पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहना हुआ था। गली में दो युवक मौजूद थे। एक शख्स मोबाइल पर बात कर रहा था, जबकि दूसरा शख्स निखिल अपने घर की तरफ आ रहा था। निखिल का चेहरा घर की तरफ था, इसलिए उन्हें पीछे सड़क पर घूम रहे बदमाश के बारे में कुछ पता नहीं था। बदमाश ने इसी बात का फायदा उठाया और चुपके से पीछे से आकर चेन तोड़कर भाग गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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ननदोई ने हाथ-पैर पकड़े, सिपाही पति ने गला काटा:रामपुर की कॉन्स्टेबल पत्नी पर बेवफाई का शक था; कहता- 7वीं फेल के इश्क में है रामपुर में स्पेशल ब्रांच की रीजनल इंटेलिजेंस यूनिट के एक सिपाही ने अपनी कॉन्स्टेबल बीवी की हत्या कर दी। उसने चाकू से रेत कर पहले अपनी बीवी की गर्दन धड़ से अलग की। फिर उसे इत्मिनान से पॉलीथिन में पैक किया। करीब 30 किमी दूर मुरादाबाद में रामगंगा किनारे फेंक आया। दरअसल, कॉन्स्टेबल को शक था कि पत्नी उसके साथ बेवफाई कर रही है। कॉन्स्टेबल अक्सर अपनी सास से कहता था- आपकी बेटी का अपने गांव के 7वीं फेल मजदूर से अफेयर चल रहा है। वो मेरे समझाने पर भी मान नहीं रही। इसे समझाइए, वरना इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। फिलहाल, रामपुर पुलिस ने रामपुर के महिला थाने में तैनात महिला सिपाही रिंकी सिंह (35) की हत्या में उसके कॉन्स्टेबल पति सोनू सिंह और ननदोई ब्रजपाल उर्फ बंटी को अरेस्ट कर लिया है। आज दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आपको इस कोल्ड ब्लडेड मर्डर की पूरी कहानी बताते हैं। मृतक महिला कॉन्स्टेबल के पिता ने भी दैनिक भास्कर से कहा- इस घटना में जितना कसूर मेरे दामाद का है, उससे कहीं अधिक कसूरवार मेरी बेटी का प्रेमी ओमपाल है। उसे भी जेल भेजना चाहिए। पहले इस कहानी की शुरुआत को समझिए 17 अक्टूबर को मुरादाबाद में मिली थी सिर कटी लाश
मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में पुलिस को कल्याणपुर के जंगल में 17 अक्टूबर की दोपहर एक महिला की सिर कटी लाश झाड़ियों में पड़ी मिली थी। लाश फूल चुकी थी। ऐसा लगता था, जैसे इसे पानी में फेंका गया था। फूलने के बाद डेडबॉडी किनारे झाड़ियों में आकर फंस गई थी। डेडबॉडी पर सिर नहीं था। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो धड़ से करीब 50 मीटर दूर एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ महिला का सिर मिला। इसके 100 मीटर दूरी पर एक 7 साल के बच्चे की लाश भी मिली थी। पहले इन्हें मां-बेटे की लाश माना जा रहा था। लेकिन, शनिवार को महिला के शव की पहचान हुई, तो पता चला कि ये लाश रामपुर के महिला थाने की कॉन्स्टेबल रिंकी सिंह की थी। पास में मिली बच्चे की लाश मुरादाबाद के एक बच्चे इजहान अंसारी की निकली। अब पढ़िए कॉन्स्टेबल सोनू सिंह का कबूलनामा हम पड़ोसी थे, हमारी शादी भी रजामंदी से हुई थी
सोनू सिंह ने पुलिस पूछताछ में कहा- बिजनौर में मेरा गांव रायपुर और रिंकी का गांव दरबड़ आसपास है। हमारे गांवों की दूरी बमुश्किल 7 किमी होगी। 2011 में हम दोनों पुलिस कॉन्स्टेबल बने थे। हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। हमारी आपसी रजामंदी और हमारे परिवारों की सहमति से ही 2013 में हमारी शादी हुई थी। हमारे 2 बच्चे हैं। हमारा हंसता-खेलता परिवार था। हम दोनों ने संभल जिले के चंदौसी में लंबे समय तक नौकरी की। हमने वहां अपना मकान भी बना लिया था। करीब 2 साल पहले मेरा ट्रांसफर रामपुर हो गया। एक साल बाद रिंकी भी यहीं महिला थाने में आ गई। चंदौसी का मकान बेचकर हम यहां रामपुर में ही शिफ्ट हाे गए। 7वीं फेल ओमपाल हमारी लव स्टोरी में विलेन बनकर हावी हुआ
कॉन्स्टेबल सोनू ने पुलिस से कहा- अचानक रिंकी के गांव का ओमपाल हमारी लाइफ में विलेन बनकर दाखिल हाे गया। वह 7वीं फेल है, शराबी और आवारा है। पता नहीं रिंकी को उसमें ऐसा क्या नजर आया कि वो उससे लंबी-लंबी बातें करने लगी। फिर वो एक तरह से उसके पूरी तरह से चंगुल में फंस गई थी। पति और बच्चों से ज्यादा वह ओमपाल को तरजीह देने लगी थी। ये बात मुझे शुरू से नागवार गुजरती थी। शुरू में तो मैंने इसे ये सोचकर नजरंदाज किया कि वो उसके मायके का है। लेकिन, कुछ ही वक्त में मुझे महसूस हो गया कि रिंकी और ओमपाल के बीच का रिश्ता मायकेदारी और दोस्ती से कहीं आगे जा चुका है। मैं उसे सालभर से समझा रहा था, लेकिन नहीं मानी
सोनू ने बताया- उसे करीब एक साल पहले पता चल गया था कि उसकी बीवी के मायके के रहने वाले ओमपाल से अवैध संबंध हैं। इसके बाद उसने उसे पटरी पर लाने के लिए कई बार कोशिशें कीं। कई बार उसे समझाया। लेकिन, रिंकी कुछ समझने को तैयार नहीं थी। वो किसी भी सूरत में ओमपाल से दूरी बनाने को राजी नहीं थी। मैं महीनेभर की ट्रेनिंग पर आया तो रिंकी ओमपाल के पास चली गई
सोनू ने बताया- एक महीने तक मेरी मुरादाबाद में एक ट्रेनिंग थी। ट्रेनिंग के लिए मुरादाबाद पुलिस एकेडमी आ गया था। उधर, रिंकी ने भी एक महीने की छुट्टी ले ली। वो ओमपाल से मिलने-जुलने लगी। मैं ट्रेनिंग से लौटा, तो भी मैंने रिंकी को ओमपाल के साथ ही देखा। ये देखकर मेरा खून खौल गया। मैंने तय कर लिया कि अब रिंकी को जिंदा नहीं छोड़ूंगा। ननदोई ने हाथ-पैर पकड़े, मैंने गर्दन रेत दी
पति सोनू कुमार ने पत्नी के कत्ल के बारे में बताया- जब मैंने रिंकी की हत्या करने का मन बना लिया तो अपने बहनोई (बिजनौर के ही गांव जमालुद्दीनपुर निवासी ब्रजपाल उर्फ बंटी) की मदद ली। इसके बाद 14 अक्टूबर की रात रिंकी की हत्या कर दी। रिंकी के ननदोई ब्रजपाल उर्फ बंटी ने उसके हाथ पैर पकड़े और मैंने उसकी गर्दन पर चाकू चला दिया। सिर को धड़ से अलग करने तक मैं चाकू चलाता रहा। इसके बाद सिर को अलग से पॉलीथिन में पैक किया और धड़ को अलग फेंक दिया। कार में डेडबॉडी रखकर रामगंगा में फेंक आए
रिंकी का मर्डर करके उसकी डेडबॉडी को पॉलीथिन में पैक करने के बाद सोनू अपने बहनोई ब्रजपाल उर्फ बंटी के साथ कार से रामपुर से निकल पड़ा। दोनों ने रिंकी की डेडबॉडी को कार की डिग्गी में डाल लिया था। कार पर आगे पुलिस लिखा था, इसलिए सोनू को चेकिंग में पकड़े जाने का डर नहीं था। वो लाश को सही जगह ठिकाने लगाने के बारे में सोचता रहा। पत्नी का कटा सिर फेंका, लेकिन वो नदी की जगह झाड़ियों में फंस गया
मुरादाबाद आने पर नेशनल हाईवे बाईपास पर रामगंगा किनारे कच्चे रास्ते से कार नीचे उतारी। इसके बाद कल्याणपुर के जंगल (देवापुर को जाने वाले रास्ते) के पास डेडबॉडी को डिग्गी से निकालकर रामगंगा में फेंक दिया। लेकिन, जल्दबाजी की वजह से सोनू शव को रामगंगा की धार तक नहीं डाल पाया। उसने पॉलिथीन में पैक सिर को फेंका, लेकिन वो रामगंगा में जाने की जगह उसके किनारे ही झाड़ियों में फंस गया। अंधेरा और जल्दबाजी की वजह से सोनू और ब्रजपाल वहां से जल्दी निकल गए। सोनू ने सोचा था, शव रामगंगा नदी के बहाव में बह जाएगा। उसने सोचा था कि सिर और धड़ अलग-अलग बह जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 3 दिन बाद ही ये डेडबॉडी कटघर पुलिस के हाथ लग गई। मर्डर के बाद 5 दिन कैसे पुलिस को छकाता रहा सोनू, आगे पढ़िए… सास से कहा- बिना बताए रिंकी कहीं चली गई
महिला कॉन्स्टेबल रिंकी की मां हरवती ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 14 अक्टूबर को बेटी को कॉल की तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। कई बार कॉल करने पर भी जब रिंकी से उनकी बात नहीं हुई तो उन्होंने दामाद सोनू कुमार को कॉल की। इस पर सोनू ने बताया कि रिंकी बिना बताए घर छोड़कर कहीं चली गई है। दरअसल, 14 अक्टूबर को पत्नी रिंकी की हत्या करने के बाद सोनू ने अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। दामाद पर शक हुआ, 16 अक्टूबर को रामपुर आए रिंकी के परिजन
रिंकी की मां हरवती ने पुलिस को बताया कि उन्हें दामाद की बातों पर शक था। रिंकी अक्सर उन्हें बताती थी कि अवैध संबंधों के शक में पति उसे टॉर्चर करता है। इसलिए 16 अक्टूबर को वो अपने पति हरचरन सिंह और दूसरे दामाद नाहर सिंह के साथ रामपुर पहुंचीं। यहां उन्हें रिंकी के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। इस बीच 17 अक्टूबर की दोपहर में एक महिला की सिर कटी लाश मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिली थी। 19 अक्टूबर को हरवती अपने परिजनों के साथ इस लाश की पहचान करने पहुंचीं तो उन्होंने शव की पहचान अपनी बेटी रिंकी के रूप में की। हाथ पर बने ओम के निशान से मां ने पहचाना
रिंकी की हत्या उसका गला काटकर की गई थी। शिनाख्त न हो सके, इसलिए उसके चेहरे को भी जला दिया गया था। मां हरवती ने रिंकी के हाथ पर बने ओम के निशान से उसकी शिनाख्त की। दाहिने हाथ की उंगली के नाखून देखकर भी उन्होंने उसे पहचाना। सास के पहचान लेने के बाद पूछताछ में टूटा सोनू
19 अक्टूबर को हरवती ने जैसे ही मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिले शव की पहचान अपनी बेटी और लापता महिला कॉन्स्टेबल रिंकी के रूप में की, रामपुर पुलिस ने तुरंत कॉन्स्टेबल सोनू कुमार को हिरासत में ले लिया। उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। केस के ट्रायल के दौरान शव की पहचान को लेकर कोई सवाल खड़ा न हो, इसके लिए पुलिस रिंकी के शव का DNA टेस्ट भी कराएगी। रिंकी के शव के DNA का उसके परिजनों के DNA से मिलान कराया जाएगा। – रणविजय सिंह, SP सिटी 2 दिन पुलिस कस्टडी में रहा महिला कॉन्स्टेबल का प्रेमी
महिला सिपाही की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद रामपुर पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी थी। लेकिन, काफी कोशिशों के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग रहा था। दूसरी तरफ रिंकी का पति सोनू कुमार रूटीन में अपनी ड्यूटी पर जा रहा था। वो पुलिस के सामने पूरी तरह अनजान होने का नाटक कर रहा था। ऐसे में रिंकी के मायके वालों को भी लगा कि उनकी बेटी के गायब होने के पीछे उनका दामाद सोनू नहीं, बल्कि उनकी बेटी का प्रेमी ओमपाल है। उन्होंने पुलिस से ओमपाल से पूछताछ करने को कहा। इसके बाद पुलिस ने ओमपाल को उठा लिया और करीब 2 दिन तक उससे पूछताछ करती रही। सबसे पहले ओमपाल ने ही की रिंकी की पहचान
जब पुलिस ने पहचान कराने की कोशिश की तो सोनू ने मुरादाबाद में रामगंगा किनारे मिली डेडबॉडी की पहचान करने से इनकार कर दिया था। उसने पुलिस से कहा था कि ये डेडबॉडी उसकी पत्नी रिंकी की नहीं है। इसके बाद पुलिस ने अपनी कस्टडी में मौजूद ओमपाल को डेडबॉडी और तस्वीरें दिखाईं। जिसे देख ओमपाल ने तुरंत उसकी शिनाख्त रिंकी के रूप में कर ली। रिंकी के हाथ की एक उंगली में मिली अंगूठी, नाखून और हाथ पर बने ओम से उसने तुरंत उसे पहचान लिया। इसके बाद रिंकी के माता-पिता को बुलाकर डेडबॉडी दिखाई गई तो उन्होंने भी उसकी शिनाख्त रिंकी के रूप में की। रिंकी के पिता हरचरन सिंह ने क्या कहा, पढ़िए- दामाद से ज्यादा गलती ओमपाल की, उसे जेल भेजे पुलिस
रिंकी के पिता हरचरन सिंह ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरा दामाद सोनू देखने में ओमपाल से कहीं बेहतर है। फिर भी पता नहीं मेरी बेटी पर क्या भूत सवार हुआ था। हमें तो एक साल पहले ही दोनों के रिश्ते के बारे में पता चला। ओमपाल शराबी है और दबंग, आवारा किस्म का है। वो मेरी बेटी को परेशान करता था। हमने कई बार उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन रिंकी ही उसके पक्ष में खड़ी हो जाती थी तो हम भला क्या करते। ये जो भी कुछ हुआ है, उसमें जितना कसूर मेरे दामाद का है, उससे कहीं अधिक कसूर उस ओमपाल का है, जिसने मेरी बेटी की हंसती-खेलती दुनिया उजाड़ दी। मैं चाहता हूं कि पुलिस ओमपाल को भी जेल भेजे। लेकिन, हमने सुना है कि उसे छोड़ा जा रहा है। हमने शिकायत में उसका भी नाम लिखा था। लेकिन, अब रिपोर्ट में बदलवाकर उसे एक परिचित कहकर लिख दिया गया है। हरचरन सिंह ने कहा- रिंकी मेरी सबसे छोटी बेटी थी। वो सभी की लाडली थी। मेरे चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा अशोक कुमार सिंचाई विभाग में है। छोटा नरेंद्र गांव में ही शिक्षामित्र है। दूसरी बेटी निर्मला का पति भी फोर्थ क्लास में कर्मचारी है। ——————– ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में प्रेमिका का गला काटकर थाने पहुंचा प्रेमी: बोला- उसका अफेयर था, लाश होटल के कमरे में है कानपुर के एक होटल में प्रेमी ने प्रेमिका को गला रेत कर मार डाला। इसके बाद वह मौके से 10 किलोमीटर दूर गोविंदनगर थाने पहुंचा। वहां सरेंडर कर दिया। उसने पुलिस से कहा- मैंने अपनी प्रेमिका का मर्डर कर दिया है। उसकी लाश कराची खाना के होटल गगन सागर के रूम नंबर 402 में पड़ी है। इसके बाद गोविंदनगर पुलिस ने होटल स्टाफ को खबर दी। साथ ही फीलखाना थाना पुलिस को भी सूचना दी। इसके बाद शनिवार शाम वेटर रूम पर पहुंचा। वह दरवाजा खोलकर अंदर गया, तो वहां युवती का खून से लथपथ शव पड़ा था। पढ़ें पूरी खबर…
चुनाव नतीजों ने AAP के सामने खड़ी की चुनौतियां:पार्टी को 3 चुनावों का करना है सामना, वादों को पूरा करने का दबाव रहेगा
चुनाव नतीजों ने AAP के सामने खड़ी की चुनौतियां:पार्टी को 3 चुनावों का करना है सामना, वादों को पूरा करने का दबाव रहेगा पंजाब में जिस तरह के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, उसने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के सामने कई नए चैलेंज खड़े कर दिए हैं। क्योंकि करीब ढाई साल पहले 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटें जीतकर AAP राज्य की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन इन चुनावों में लोगों ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है। चुनावी दंगल में उतरे AAP के पांच मंत्रियों और तीन विधायकों में से एक चुनाव जीत पाया है। 54 विधानसभा हलकों में पार्टी को हार मिली है। ऐसे में पार्टी की आगे की राह आसान नहीं है। हालांकि फ्री बिजली और किसानों से जुड़े कुछ फैसले लेने से पार्टी अपना वोट बैंक 26 फीसदी तक बचाने में कामयाब रही है। हालांकि अब सरकार को एक के बाद चुनाव का सामना करना पड़ेगा। वहीं, अब विपक्षी दल संख्या भले ही कम हो, लेकिन आक्रमक रहेंगे। वहीं, अगर AAP ने सत्ता में आने वाले से पहले गारंटियां लोगों को दी तो थी, वह पूरी नहीं की तो साल 2027 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को मुश्किल उठानी पडे़गी। यह रहे AAP के मंत्रियों के हाल संगरूर में 1.72 लाख मतों से जीते आप की तरफ से संगरूर लोकसभा हलके से मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। उन्होंने 3.64 लाख मत हासिल किए हैं। जबकि उनके मुकाबले में खड़े सुखपाल सिंह खैहरा को 1.72 लाख मतों से हराया। 2014 से यहां आप पहली बार जीती थी, 2019 में भी पार्टी ने सीट जीती थी। लेकिन जब भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने यह सीट छोड़ी दी थी। उसके बाद यहां पर हुए उप चुनाव में पार्टी को हार मिली थी। लोगों से दूरी पड़ गई भारी पटियाला से डॉ. बलबीर सिंह को AAP ने उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वह दूसरे नंबर पर रहे हैं। जानकारों की माने तो इस इलाके में उनके हारने के कई कारण थे। एक तो इस लोकसभा के अधीन आने वाले हलकों के विधायकों से लोग खुश नहीं है। महिलाओं को हजार रुपए न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा मंत्री बनने के बाद उनका लोगों से सीधा संपर्क टूट गया था। अपने हलके तक ही रह गए सीमित आप की तरफ से तेज तर्रार मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को अमृतसर से मैदान में उतारा गया था। लेकिन यहां भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। जबकि उनकी चुनावी कैंपेन का धार देने खुद आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पहुंचे थे। इस हलके में हार की वजह धालीवाल का प्रभाव अपने एरिया तक सीमित था। कई हलकों के विधायक ज्यादा एक्टिव नहीं थे। नशा और बॉर्डर का इश्यू बढ़ा है। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कुछ नेता पार्टी से जुड़े उससे पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है। जिस सीट से विधायक बने, वहां ही हार गए मंत्री गुमरीत सिंह खुड़ियां को आप ने बठिंडा लोकसभा हलके से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन जिस उम्मीद के साथ उन्हें पार्टी ने मैदान में उतारा था। उस हिसाब से रिजल्ट नहीं आए। हालांकि इस सीट पर सीएम ने पूरी ताकत लगाई। लगातार दो से तीन वह वहां रहे थे। लेकिन नतीजा यह रहा कि जिस लंबी सीट से वह पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। उस सीट से उन्हें 23264 मतों से हार मिली है। इसके पीछे किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। पंथक मुद्दे पड़ गए भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। जहां दूसरी पार्टियों से आए नेता मैदान में उतारे गए फतेहगढ़ साहिब में जीपी पिछड़े भले ही आप प्रचंड बहुमत से पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन पार्टी के पास चेहरों की की कमी थी। दूसरी लाइन का कोई नेता तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में चुनाव घोषित होने पर दूसरी पार्टियों से चेहरे लाकर उम्मीदवार बनाए गए है। फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस के बस्सी पठाना से पूर्व विधायक रहे गुरप्रीत सिंह जीपी को उतारा था। लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़। उन्हें 297439 वोट मिले, जबकि वहां से 331326 वोट लेकर कांग्रेस के अमर सिंह विजयी रहे। यहां पार्टी के अंदर मनमुटाव व कांग्रेस की एकजुटता की कमी रही है। कांग्रेस को प्रियंका गांधी की रैली का फायदा मिला। जालंधर में पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंची इसी तरह जालंधर से आप के उम्मीदवार व पूर्व सांसद भाजपा में शामिल हो गए तो उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के नेता पवन कुमार टीनू को जालंधर से उम्मीदवार बनाया। लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वह वहां पर तीसरे नंबर पर रहे है। उनके लिए सीएम भगवंत मान और आप सुप्रीमों ने प्रोग्राम किए थे। होशियारपुर में मिली जीत होशियारपुर में आप की तरफ से कांग्रेस के विधायक राज कुमार चब्बेवाल को चुनावी मैदान में उतारा गया। वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे है। वह इलाके में बड़े दलित नेताओं में गिने जाते है। उन्होंने 302402 वोट हासिल किए हैं। चुनौतियां सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए अब पांच बड़ी चुनौतियां है। जिनका उन्हें सामना करना पडे़गा। हालांकि पार्टी का थिंक टैंक भी इससे निपटने की रणनीति बनाने में जुट गया है। आइए जानते है इन चुनौतियों को पंचायत चुनाव पंजाब में जनवरी में 13 हजार पंचायतों का कार्यकाल पूरा हाे चुका है। इस समय अफसरों को ही पंचायतों का प्रबंधकीय अफसर लगाया गया है। ऐसे में यह चुनाव सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि पार्टी को केवल 34 हलकों में लीड मिली है। पांच नगर निगमों के चुनाव पांच नगर निगमों के चुनाव भी अब सरकार को करवाने होंगे। यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा है। जनवरी 2023 से पांच नगर निगमों का कार्यकाल संपन्न है। वहीं, इस लोकसभा चुनाव नतीजों ने पार्टी के सामने नई स्थिति पैदा कर दी है। क्योंकि सभी शहरी एरिया में भाजपा में आगे रही है। जिन नगर निगमों के चुनाव होने है। उनमें लुधियाना, जालंधर, फगबाड़ा, अमृतसर और पटियाला शामिल है। पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव पंजाब की पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने है। इनमें बरनाला से गुरमीत सिंह मीत हेयर की सीट है। क्योंकि वह संगरूर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इसी तरह राज कुमार चब्बेवाल होशियारपुर से सांसद चुने गए हैं। उनकी चब्बेवाल सीट पर उप चुनाव होगा। गिदड्बाहा से विधायक व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अब लुधियाना के सांसद बन गए हैं। ऐसे में उनकी सीट पर भी चुनाव होगा। इसी तरह डेरा बाबा नानक सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर लोसकभा हलके से सांसद बने हैं। उनकी सीट पर उप चुनाव होंगे। जबकि जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में उनकी सीट पर भी उप चुनाव होगा। गारंटियां पूरी करना चुनौती सरकार ने महिलाओं को हजार रुपये की गारंटी दी है। यह गांरटी बहुत बड़ी है। इस चुनाव में सभी दलों ने आप को इसी चीज पर घेरा था। इसे शर्त को उन्हें हर हाल में पूरा करना होगा। वरना यह मुसीबत बनेगी। इसके अलावा अभी कानून व्यवस्था व नशे का मुद्दा भी प्रमुख रहेगा। RDF की राशि लाना चुनौती सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) को लाने की है। क्योंकि केंद्र अब दोबारा भाजपा की सरकार आ गई है। जबकि इस मामले में केंद्र पहले साफ कर चुका है कि वह नियमों के मुताबिक ही अदायगी करेगा। यदि पैसे नहीं आते है तो गांवों में विकास प्रभावित होगा। इसके अलावा अभी तक प्लॉटों की एनओसी, राशन कार्ड समेत कई मामले चुनौती बने हुए है। क्या कहते हैं माहिर गारंटी पूरी न होने से मोह हुआ भंग राजनीतिक माहिर व सीनियर पत्रकार करमजीत सिंह चिल्ला का मानना हैं कि लोगों का सरकार से मोह भंग होने की मुख्य वजह है जो गारंटियां चुनाव से पहले दी गई थी, सरकार ने वह पूरी नहीं की है। सबसे बड़ी बात महिलाओं का हजार रुपए देने वाली बात थी। इसका पूरा असर चुनाव में पड़ा है। इसके अलावा नशा, कानूनी व्यवस्था व सेहत सुविधाओं आदि भी इसके लिए जिम्मेदार है। जहां तक आने वाला समय अब सरकार के लिए चुनौतियां भरा रहेगा। अब हर दल उन्हें घेरने की कोशिश करेगा। विधायकों के पास नहीं थी कोई पावर राजनीतिक माहिर व सीनियर पत्रकार कुलदीप सिंह मानते हैं कि इस चुनाव में आप के हारने की कई वजह थी। सारी कमान सीएम के हाथ में थी। किसी को कुछ समझा नहीं गया। विधायकों व मंत्रियों के पास कोई पावर नहीं है। उनके काम तक नहीं हुए। वह हलकों में अपने स्तर पर कुछ नहीं करवा सकते हैं। पार्टी के वालंटियरों से तालमेल नहीं रखा गया। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। इसके अलावा कुछ नेता बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है। वहीं, चुनावी गारंटियां पूरी न करने से भी पार्टी काे नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि स्थिति यही रही तो आगे भी नुकसान उठाना पडे़गा।
दिल्ली में टूट गए अब तक के सारे रिकॉर्ड, 52 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा पारा
दिल्ली में टूट गए अब तक के सारे रिकॉर्ड, 52 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा पारा <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में गर्मी के सारे रिकॉर्ड बुधवार (29 मई) को टूट गए. पहली बार दिल्ली में पारा 52 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया. मौसम विभाग के मुताबिक, मंगेशपुर में 52.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. </p>