गुरुग्राम में गुरुवार को गढ़ी हरसरू स्टेशन के पास 40 वर्षीय व्यक्ति ने अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। वह अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जा रहा था, लेकिन स्कूल जाने की बजाय वह रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। देर रात उनकी पहचान गांव कांकरौला निवासी देवेंद्र और उनके बेटे लोकेश के रूप में हुई है। जीआरपी थाना पुलिस मुताबिक देवेंद्र सुबह 8:30 बजे बेटे को स्कूल यूनिफॉर्म में बाइक से स्कूल छोड़ने निकले थे। लेकिन स्कूल जाने के बजाय वह रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। करीब साढ़े नौ बजे बीकानेर एक्सप्रेस के आगे कूदकर उसने जान दे दी। ट्रेन के लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर को बताया कि देवेंद्र ट्रैक पर अकेले खड़े थे। ट्रेन के नजदीक आने पर उन्होंने हॉर्न बजाया, लेकिन देवेंद्र नहीं हटे। जैसे ही ट्रेन पास आई, उन्होंने ट्रैक किनारे खड़े लोकेश को जबरन अपनी ओर खींच लिया और दोनों ट्रेन के सामने आ गए। एसी रिपेयरिंग का काम करता था रेलवे अधिकारियों की तरफ से सूचना मिलते ही जीआरपी मौके पर पहुंची और शवों को पहचान के लिए लोगों को दिखाए, लेकिन उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्च्युरी भिजवाया। देर शाम देवेंद्र और बेटे को तलाश कर रहे परिवार वालों को घटना की जानकारी मिली तो वे पुलिस स्टेशन पहुंचे। जहां से उन्हें मॉर्च्युरी ले जाया गया और शव की शिनाख्त करवाई गई। परिजनों ने बताया कि देवेंद्र एसी रिपेयरिंग का काम करता था। सुसाइड की वजह नहीं बता पाए परिजन परिवार वालों ने बताया कि घर में कोई बड़ा विवाद नहीं था। जीआरपी को आत्महत्या के कारणों के बारे में परिवार से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सुसाइड नोट या ठोस कारण सामने नहीं आया है। जांच अधिकारी योगेश का कहना है कि परिजनों से जानकारी हासिल की जा रही है। कोई सुसाइड भी प्राप्त नहीं हुआ है। गुरुग्राम में गुरुवार को गढ़ी हरसरू स्टेशन के पास 40 वर्षीय व्यक्ति ने अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। वह अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जा रहा था, लेकिन स्कूल जाने की बजाय वह रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। देर रात उनकी पहचान गांव कांकरौला निवासी देवेंद्र और उनके बेटे लोकेश के रूप में हुई है। जीआरपी थाना पुलिस मुताबिक देवेंद्र सुबह 8:30 बजे बेटे को स्कूल यूनिफॉर्म में बाइक से स्कूल छोड़ने निकले थे। लेकिन स्कूल जाने के बजाय वह रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। करीब साढ़े नौ बजे बीकानेर एक्सप्रेस के आगे कूदकर उसने जान दे दी। ट्रेन के लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर को बताया कि देवेंद्र ट्रैक पर अकेले खड़े थे। ट्रेन के नजदीक आने पर उन्होंने हॉर्न बजाया, लेकिन देवेंद्र नहीं हटे। जैसे ही ट्रेन पास आई, उन्होंने ट्रैक किनारे खड़े लोकेश को जबरन अपनी ओर खींच लिया और दोनों ट्रेन के सामने आ गए। एसी रिपेयरिंग का काम करता था रेलवे अधिकारियों की तरफ से सूचना मिलते ही जीआरपी मौके पर पहुंची और शवों को पहचान के लिए लोगों को दिखाए, लेकिन उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्च्युरी भिजवाया। देर शाम देवेंद्र और बेटे को तलाश कर रहे परिवार वालों को घटना की जानकारी मिली तो वे पुलिस स्टेशन पहुंचे। जहां से उन्हें मॉर्च्युरी ले जाया गया और शव की शिनाख्त करवाई गई। परिजनों ने बताया कि देवेंद्र एसी रिपेयरिंग का काम करता था। सुसाइड की वजह नहीं बता पाए परिजन परिवार वालों ने बताया कि घर में कोई बड़ा विवाद नहीं था। जीआरपी को आत्महत्या के कारणों के बारे में परिवार से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सुसाइड नोट या ठोस कारण सामने नहीं आया है। जांच अधिकारी योगेश का कहना है कि परिजनों से जानकारी हासिल की जा रही है। कोई सुसाइड भी प्राप्त नहीं हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
