हरियाणा में गुरुग्राम में शॉर्ट सर्किट के चलते LED टीवी फटने से घर में आग लग गई। जिसमें एक व्यक्ति झुलस गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसा पटौदी के गांव जाटौली में कल देर शाम को हुआ है। मृतक की पहचान सतबीर के नाम से हुई है। वार्ड नंबर-12 में स्थित मकान में सतबीर अपने उसके दो लड़कों के साथ रहता था। सतबीर को दो साल पहले लकवा हो गया था। उसकी पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। घर पर अकेला थ सतबीर घटना के समय सतबीर का एक लड़का नौकरी पर गया था। जबकि दूसरा सतबीर को खाना खिलाकर बाहर दवाई लेने गया था। घर में सतबीर अकेला था। इसी दौरान LED टीवी फट गई। देखते ही देखते मकान में आग लग गई। धुआं देखकर मौके पर पहुंचे पड़ोसी आग में सतबीर बुरी तरह से झुलस गया। धुआं देखकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। कुछ ही देर बाद फायर बिग्रेड की टीम भी मौके पर पहुंच और आग पर काबू पाया। घायल सतबीर को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया | हरियाणा में गुरुग्राम में शॉर्ट सर्किट के चलते LED टीवी फटने से घर में आग लग गई। जिसमें एक व्यक्ति झुलस गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसा पटौदी के गांव जाटौली में कल देर शाम को हुआ है। मृतक की पहचान सतबीर के नाम से हुई है। वार्ड नंबर-12 में स्थित मकान में सतबीर अपने उसके दो लड़कों के साथ रहता था। सतबीर को दो साल पहले लकवा हो गया था। उसकी पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। घर पर अकेला थ सतबीर घटना के समय सतबीर का एक लड़का नौकरी पर गया था। जबकि दूसरा सतबीर को खाना खिलाकर बाहर दवाई लेने गया था। घर में सतबीर अकेला था। इसी दौरान LED टीवी फट गई। देखते ही देखते मकान में आग लग गई। धुआं देखकर मौके पर पहुंचे पड़ोसी आग में सतबीर बुरी तरह से झुलस गया। धुआं देखकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। कुछ ही देर बाद फायर बिग्रेड की टीम भी मौके पर पहुंच और आग पर काबू पाया। घायल सतबीर को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया | हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चौटाला के मंत्री बने रहने पर विवाद:निर्दलीय MLA के तौर पर शपथ, अब विधायकी से इस्तीफा दे चुके, फिर भी मंत्रीपद बरकरार
हरियाणा में चौटाला के मंत्री बने रहने पर विवाद:निर्दलीय MLA के तौर पर शपथ, अब विधायकी से इस्तीफा दे चुके, फिर भी मंत्रीपद बरकरार हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह 12 मार्च को निर्दलीय विधायक के रूप में सरकार में शामिल हुए थे। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। 24 मार्च को उन्होंने रानियां विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए दोबारा मंत्री की शपथ लेनी होगी। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रपति से भी की है। जहां से हरियाणा के मुख्य सचिव को लेटर भेजकर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भेजने को कहा गया है। रणजीत चौटाला को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश ने हरा दिया। यहां पढ़िए कब क्या हुआ…
हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में गठित भाजपा की नई सरकार 12 जून को अपने 3 माह का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ शपथ लेने वाले 5 कैबिनेट मंत्रियों में रणजीत सिंह भी शामिल थे, जो तब सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक थे। 22 मार्च को रणजीत को ऊर्जा और जेल विभाग आबंटित किए गए। हालांकि वह पिछली मनोहर लाल खट्टर सरकार में भी इन विभागों के मंत्री रह चुके थे। इसके बाद 24 मार्च की शाम रणजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए। जिसके कुछ समय बाद ही उन्हें हिसार लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। जिस कारण रणजीत ने उसी दिन विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया। इसलिए रणजीत चौटाला ने दिया इस्तीफा
चूंकि निर्दलीय विधायक रहते हुए कोई भी किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसे दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। हालांकि विधायक पद से त्यागपत्र के साथ रणजीत ने प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रीपद ने अपना इस्तीफा नहीं दिया। रानियां विधानसभा सीट से विधायक पद से त्यागपत्र देने के बाद स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने उसे स्वीकार कर लिया। क्यों उठ रहे नियुक्ति पर सवाल
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने 2 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और हरियाणा गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय को लेटर लिखकर उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। लेटर में लिखा कि रणजीत सिंह 12 मार्च को वर्तमान 14वीं हरियाणा विधानसभा के सदस्य (विधायक) थे। इस दिन उन्होंने सीएम नायब सैनी के साथ मंत्रीपद के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद 24 मार्च 2024 से विधायक के रूप में उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद अब वह पूर्व विधायक या दूसरे शब्दों में एक गैर-विधायक हो गए हैं। मंत्री बने रहने के लिए लेनी होगी दोबारा शपथ
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(4) के अनुसार गैर- विधायक के तौर पर अधिकतम 6 माह तक मंत्रीपद पर तो रह सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें हरियाणा के राज्यपाल द्वारा मंत्री के रूप में नए सिरे से पद एवं गोपनीयता की शपथ लेनी होगी। क्योंकि 24 मार्च 2024 से वे गैर-विधायक हैं। टेक्निकल सवाल यह भी है कि जब उन्होंने मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी तब वह निर्दलीय विधायक थे, लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं, इसलिए गैर-विधायक होने के नाते मंत्री के रूप में उनका नया कार्यकाल माना जाएगा। कानूनी जानकारों का क्या कहना है?
राष्ट्रपति सचिवालय के अंडर सेक्रेटरी द्वारा 9 मई को इस विषय पर हरियाणा के मुख्य सचिव को लिखकर मामले में आवश्यक कार्यवाही करने एवं उसकी सूचना याचिकाकर्ता को देने बारे कहा गया था, हालांकि अभी तक हेमंत को हरियाणा सरकार से कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ है। हेमंत का कहना है कि जब भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार में नियुक्त किसी मंत्री का निर्वाचन (सांसद या विधायक के रूप में, जैसा भी मामला हो) संबंधित उच्च न्यायालय या भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द या अमान्य घोषित कर दिया जाता है तो ऐसे सांसद या विधायक को तत्काल केंद्र सरकार या राज्य सरकार में मंत्रीपद से इस्तीफा देना होता है। वह व्यक्ति यह तर्क नहीं दे सकता कि गैर-सांसद या गैर-विधायक के रूप में भी, वह सांसद या विधायक के रूप में अपने अयोग्य होने की तिथि से अधिकतम छह महीने तक केंद्र या राज्य सरकार में मंत्री के रूप में बना रह सकता है।
सोनीपत में नकल के लिए स्टूडेंट्स से मांगे 5-5 हजार:कॉलेज में दिखाया फ्लाइंग का डर; रुपए न देने पर छीन ली आंसर शीट
सोनीपत में नकल के लिए स्टूडेंट्स से मांगे 5-5 हजार:कॉलेज में दिखाया फ्लाइंग का डर; रुपए न देने पर छीन ली आंसर शीट हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में आज छात्र छात्राओं ने एसडीएम कार्यालय के बाहर हंगामा किया। स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि कॉलेज में फर्जी फ्लाइंग बुलाकर उनको डराया और प्रति छात्र 5 हजार रुपए की डिमांड की गई। जिन स्टूडेंट्स ने रुपए नहीं दिए, उनके पेपर छीन लिए गए। स्टूडेंट्स ने पूरे मामले में एसडीएम को शिकायत देकर कॉलेज प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की। जानकारी के अनुसार बुधवार को गोहाना के ऋषिकुल संस्कृत महाविद्यालय में परीक्षा करवाने के नाम पर छात्र छात्राओं से रुपयों की डिमांड की गई। मनीषा, निशा व अन्य छात्रों ने बताया कि वे एकता संस्कृत कॉलेज में शास्त्री की पढ़ाई के लिए ग्रेजुएशन कर रहे हैं। आज वे गोहाना के ऋषिकुल संस्कृत महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। परीक्षा के दौरान क्लास रूम में दो युवक पहुंचे। उन्होंने खुद को फ्लाइंग का हवाला दिया। स्टूडेंट्स ने बताया कि इस दौरान वे परीक्षार्थियों की आंसर शीट छीन कर ले गए। परीक्षा शुरू होने के आधा घंटे बाद ही उनकी शीट छीन ली गई। जब विद्यार्थियों ने पेपर छीनने को लेकर कारण पूछा तो उनसे प्रति छात्र 5000 रुपए की डिमांड की गई। आरोप है कि पहले भी इस प्रकार से डिमांड की गई थी। आज सेकेंड लास्ट पेपर था। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि उनको कहा गया है कि पैसे देने पर ही एग्जाम करवाया जाएगा। वहीं विद्यार्थियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर शिकायत दी है और मांग की है कि उनकी परीक्षा दोबारा से आयोजित करवाई जाए। पूरे मामले को लेकर कार्रवाई की भी मांग उठाई है।
हरियाणा के इकलौते ब्लेड रनर की कहानी:साढ़े 5 साल की उम्र में पैर गंवाया; थाइलैंड में 100 मीटर दौड़कर गोल्ड मेडल जीता
हरियाणा के इकलौते ब्लेड रनर की कहानी:साढ़े 5 साल की उम्र में पैर गंवाया; थाइलैंड में 100 मीटर दौड़कर गोल्ड मेडल जीता तारीख: 7 दिसंबर 2024 थाईलैंड में हरियाणा का बेटा दिलबाग ऐसा दौड़ा कि हर कोई देखता रह गया। हिसार के गांव कालवास के ब्लेड रनर दिलबाग ने थाइलैंड के नाखोन रत्चासिमा में वर्ल्ड एबिलिटी स्पोर्ट्स यूथ गेम्स में 17.57 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ लगाई और गोल्ड मेडल जीता। दिलबाग ने दौड़ने का जो सपना देखा था, वह न केवल पूरा किया बल्कि ऐसे दौड़ा कि विदेशी भी हैरान रह गए। दिलबाग रोजाना कई घंटे गांव से हिसार के गिरी सेंटर में प्रैक्टिस करने आते हैं। दिलबाग का सपना अब पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। दिलबाग की उम्र अभी महज 18 साल है। उन्होंने 2021 में ब्लेड लगाकर दौड़ना शुरू किया। दिलबाग को किसी परिचित ने अमेरिका से यह ब्लेड मंगवाकर दिया। दिलबाग ने 2013 में एक टांग से दौड़ना शुरू किया था। लगातार कई सालों तक प्रैक्टिस भी की, मगर दिलबाग का सपना दोनों टांगों पर दौड़ना था। दिलबाग ने 4 साल के करियर में एक गोल्ड सहित 2 मेडल जीते हैं। अपने पहले इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड जीतकर दिलबाग ने हर किसी को अपना कायल बना लिया है। दिलबाग को एक पैर क्यों गंवाना पड़ा, इस पर वह कहते हैं… जब मेरी साढ़े 5 साल उम्र थी मैं अपने ताऊ की बेटी रिंकू के साथ खेत की ढाणी से अपने गांव कालवास पैदल जा रहा था। इस दौरान पीछे से टाटा 407 ने टक्कर मारी दी। हादसे में एक पैर गंवाना पड़ा। मैं दूसरों को दौड़ते देखता तो मुझे लगता था मैं भी दौडू़ं। पहले एक पैर से दौड़ना शुरू किया। 2021 में अमेरिका से ब्लेड मंगवाया और दौड़ना शुरू किया। पिता ने बेटे के लिए छोड़ दिया काम
दिलबाग रोजाना सुबह-शाम अपने पिता लीलूराम के साथ गिरी सेंटर में अभ्यास करने जाते हैं। पिता लीलूराम बताते हैं कि पहले वह फर्नीचर का काम करते थे। कई साल से उन्होंने बेटे के लिए काम छोड़ दिया। रोजाना गिरी सेंटर में बेटे को लाना-ले जाना होता है। लीलूराम का कहना है कि बेटे को ओलिंपिक में खेलते देखना उनका सपना है। पिता ने बताया कि दिलबाग ने 2013 में स्कूली स्तर पर दिलबाग ने ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर और शॉटपुट खेलना शुरू किया। स्टेट लेवल पर स्वर्ण पदक भी जीता। रोजाना 5 घंटे कड़ी मेहनत करता है दिलबाग
ब्लेड रनर दिलबाग रोजाना सुबह ढाई घंटे और शाम को ढाई घंटे प्रैक्टिस करते हैं। दिलबाग ने बताया कि अमेरिका से 5 लाख रुपए में ब्लेड मंगवाया है। इस ब्लेड की खासियत है कि इसमें लाइनर और शॉकेट लगा होता है जो प्रेशर को ऑब्जर्व करता है। दिलबाग ने बताया कि उसका सारा खर्च उसके पिता उठाते हैं। उसके घर में माता-पिता और दादी के अलावा एक छोटा भाई और है। दौड़ने के साथ लॉन्ग जंप की भी तैयारी कर रहा
बता दें कि दिलबाग हरियाणा के इकलौते ब्लेड रनर हैं। दिलबाग और उसके कोच पैरालिंपिक के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। दिलबाग ने बताया कि वह दौड़ने के अलावा लॉन्ग जंप की भी तैयारी कर रहे हैं। वह मैदान पर दौड़ने के अलावा हफ्ते में दो दिन जिम में प्रैक्टिस भी करते हैं।