पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की टॉप ब्यूरोक्रेसी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को दी गई सिक्योरिटी को वापस ले। कोर्ट ने कहा है कि जिन ऑफिसर्स को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारी या अर्ध-न्यायिक कार्य के लिए तैनात किया गया यह आदेश उन्ही अफसरों पर लागू होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक हरियाणा (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को एक हलफनामा दायर कर यह बताने का भी निर्देश दिया है कि क्या हरियाणा राज्य में किसी आईपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी सौंपी गई है। येलो बुक कब्जे में लेने के निर्देश हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने वाली येलो बुक (सुरक्षा उपलब्ध कराने व सुरक्षा प्राप्त लोगों की जानकारी की किताब) को भी प्रशासन के सुरक्षित कब्जे में रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख पर बुक वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी गई है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब एवं हरियाणा राज्य में विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दी गई सुरक्षा से संबंधित एक चल रही याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने डीजीपी के दिए फैक्ट का वेरिफिकेशन कराने को कहा राज्य पुलिस प्रमुख को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उनसे कहा कि वह हलफनामा दायर करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि हरियाणा राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारियों या अर्ध-न्यायिक कार्यों से निपटने के दौरान कोई सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाए। डीजीपी ने यह जानकारी दी है कि आज तक राज्य में किसी भी आईपीएस अधिकारी को किसी भी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन का कर्तव्य नहीं सौंपा गया है। कोर्ट ने डीजीपी से अनुरोध किया कि वह इन इस तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अपने हलफनामे में उचित जवाब दें। डीजीपी बोले- हरियाणा शांतिपूर्ण राज्य चार अक्टूबर को हाईकोर्ट में मामले की हुई सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए और कहा कि हरियाणा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण राज्य है, राज्य के भीतर आईएएस अधिकारियों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिन्हें नागरिक प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों से जोड़ा गया है, सिवाय किसी ऐसे अधिकारी को छोड़कर जिसे असाधारण परिस्थितियों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए काम सौंपा गया हो। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की टॉप ब्यूरोक्रेसी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को दी गई सिक्योरिटी को वापस ले। कोर्ट ने कहा है कि जिन ऑफिसर्स को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारी या अर्ध-न्यायिक कार्य के लिए तैनात किया गया यह आदेश उन्ही अफसरों पर लागू होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक हरियाणा (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को एक हलफनामा दायर कर यह बताने का भी निर्देश दिया है कि क्या हरियाणा राज्य में किसी आईपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी सौंपी गई है। येलो बुक कब्जे में लेने के निर्देश हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने वाली येलो बुक (सुरक्षा उपलब्ध कराने व सुरक्षा प्राप्त लोगों की जानकारी की किताब) को भी प्रशासन के सुरक्षित कब्जे में रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख पर बुक वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी गई है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब एवं हरियाणा राज्य में विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दी गई सुरक्षा से संबंधित एक चल रही याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने डीजीपी के दिए फैक्ट का वेरिफिकेशन कराने को कहा राज्य पुलिस प्रमुख को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उनसे कहा कि वह हलफनामा दायर करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि हरियाणा राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारियों या अर्ध-न्यायिक कार्यों से निपटने के दौरान कोई सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाए। डीजीपी ने यह जानकारी दी है कि आज तक राज्य में किसी भी आईपीएस अधिकारी को किसी भी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन का कर्तव्य नहीं सौंपा गया है। कोर्ट ने डीजीपी से अनुरोध किया कि वह इन इस तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अपने हलफनामे में उचित जवाब दें। डीजीपी बोले- हरियाणा शांतिपूर्ण राज्य चार अक्टूबर को हाईकोर्ट में मामले की हुई सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए और कहा कि हरियाणा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण राज्य है, राज्य के भीतर आईएएस अधिकारियों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिन्हें नागरिक प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों से जोड़ा गया है, सिवाय किसी ऐसे अधिकारी को छोड़कर जिसे असाधारण परिस्थितियों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए काम सौंपा गया हो। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंचकूला पुलिस का सख्त कदम:इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट होंगे ब्लॉक, चालान भरने में हो रही देरी, पूरे प्रदेश में लागू होगा नियम
पंचकूला पुलिस का सख्त कदम:इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट होंगे ब्लॉक, चालान भरने में हो रही देरी, पूरे प्रदेश में लागू होगा नियम यदि आपने अपने वाहन का ट्रैफिक चालान नहीं भरा है, तो अब सावधान हो जाइए। पंचकूला पुलिस कमिश्नरेट ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत लंबित चालान की स्थिति में आपके वाहन का इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं हो पाएगा। यह कदम ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने और चालान भरने में हो रही देरी को रोकने के लिए उठाया गया है। पंचकूला में ट्रैफिक नियमों को मजबूत करने के लिए यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसे पूरे हरियाणा में लागू करने की योजना है। नियमों के तहत, यदि कोई व्यक्ति चालान का भुगतान नहीं करता है, तो वाहन बेचने, ट्रांसफर करने या इंश्योरेंस रिन्यू कराने में समस्या हो सकती है। इसी के तहत पंचकूला पुलिस ने सभी इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी करने वाली कंपनियों को इस बारे में नोटिस भेज दिया है। ट्रायल के बाद प्रदेश भर में लागू होगा नियम पंचकूला पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज और डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र सांगवान के नेतृत्व में एक विशेष बैठक हुई, जिसमें ट्रैफिक नियमों की स्थिति और चालान भुगतान की समस्याओं पर चर्चा की गई। इसके बाद फैसला लिया गया कि यदि पंचकूला में यह नियम सफल रहता है, तो इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा। कंपनियों को नोटिस जारी पंचकूला पुलिस ने इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी करने वाली कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे उन वाहनों का इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट रिन्यू ना करें, जिनका चालान लंबित है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, पंचकूला के पेट्रोल पंपों और वाहन एजेंसियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इन नियमों का पालन सुनिश्चित करें।
रानियां से हटे पॉलिटिकल पोस्टर:नगर पालिका की कार्रवाई; होर्डिंग उतारने के लिए टीम भेजी
रानियां से हटे पॉलिटिकल पोस्टर:नगर पालिका की कार्रवाई; होर्डिंग उतारने के लिए टीम भेजी रानियां में आचार संहिता लागू होने के बाद नगर पालिका ने शहर से पॉलिटिकल पोस्टर हटाने में लग गए है। पालिका ने होर्डिंग को हटाने के लिए टीम का गठन किया। नगर पालिका के कार्यवाहक सचिव गिरधारी लाल ने तुरंत प्रभाव से आदेश जारी करते हुए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग उतारने के लिए टीम को भेजी । टीम के इंचार्ज मेजर सिंह ने बताया कि नगर पालिका की स्ट्रीट लाइट और बिजली के पोलो पर काफी होर्डिंग लगे हुए हैं, जिन्हें उतार कर नगर पालिका कब्जे में ले रही हैं। नगर पालिका प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेशों के अनुसार विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के होर्डिंग बैनर, पम्पलेट और झंडे लगाने पर पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार निर्धारित की गई जगह पर अनुमति लेकर होर्डिंग लगाए जाने की अनुमति दी जाएगी ।
हरियाणा में शादी के एक महीने बाद सुसाइड:मां बोली- बहू ने मेरे बेटे को नामर्द बताया, इससे आहत होकर लगा लिया फंदा
हरियाणा में शादी के एक महीने बाद सुसाइड:मां बोली- बहू ने मेरे बेटे को नामर्द बताया, इससे आहत होकर लगा लिया फंदा हरियाणा के सोनीपत में युवक ने शादी के करीब एक महीने बाद ही सुसाइड कर लिया। परिजनों का कहना है कि उसे उसकी पत्नी प्रताड़ित कर रही थी। शादी के अगले दिन ही पति-पत्नी में झगड़ा शुरू हो गया था। आरोप है कि पत्नी ने उसे नामर्द कहा। पुलिस ने उसकी पत्नी, सास-ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार गोहाना में समता चौक वाल्मीकि कॉलोनी में रहने वाला नवीन लेडीज गारमेंट्स की दुकान पर काम करता था। उसकी करीब एक महीने पहले ही गांव बीचपड़ी की युवती से शादी हुई थी। परिजनों को फंदे पर लटका मिला बेटा
परिवार ने दोनों का विवाह बड़े ही धूमधाम के साथ किया था। इस बीच बीती रात नवीन ने आत्महत्या कर ली। सोमवार सुबह वह कमरे से नहीं निकला तो परिजन उसके कमरे में गए। वहां पर नवीन का शव फंदे पर लटका मिला। इसके बाद परिवार में हाहाकार मच गया। नवीन की पत्नी अपने मायके गई हुई थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस
युवक के सुसाइड की सूचना के बाद समता चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद पुलिस ने नवीन की मां सुनीता के बयान दर्ज किए और शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक की मां ने पुलिस को बताया कि बेटे ने अपनी पत्नी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या की है। पत्नी के माता-पिता भी उसे नाजायज परेशान कर रहे थे। शादी के अगले दिन ही पत्नी ने नवीन के साथ झगड़ा शुरू कर दिया था। वह उसे सुसाइड की धमकी देने लगी। सास-ससुर भी लगातार नवीन के साथ झगड़ा करते थे। आहत होकर उठाया कदम
मां ने बताया कि नवीन को उसकी पत्नी ने नामर्द कहा और छोड़ कर घर चली गई। इससे आहत होकर नवीन ने बीती रात जीवन लीला समाप्त कर ली। सिटी थाना पुलिस ने पत्नी सपना और ससुर व साले के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। गोहाना सिटी थाना प्रभारी मोहनलाल ने बताया कि मृतक नवीन की मां सुनीता के बयान पर तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अभी मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।