गोरखपुर में छोटे भाइयों के परिवार को जिंदा जलाया:प्रॉपर्टी में हिस्सा चाहता था, शादी में नहीं बुलाया तो आग लगाई

गोरखपुर में छोटे भाइयों के परिवार को जिंदा जलाया:प्रॉपर्टी में हिस्सा चाहता था, शादी में नहीं बुलाया तो आग लगाई

‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी ही एक औलाद पूरे परिवार को खत्म कर देगी। मैं कई दिनों से भूखा हूं। घर का सारा सामान जलकर राख हो चुका है। कई दिनों तक गांव के लोग डरकर मेरे घर भी नहीं आ रहे थे। जब बेटियां आईं, तब गांव के पट्टीदार खाना दे रहे हैं।’ यह कहते हुए बुजुर्ग पिता मुन्नीलाल निषाद थोड़ा भावुक हो जाते हैं। उनके सबसे बड़े बेटे बेचन निषाद ने 14 दिसंबर की आधी रात को अपने दो भाइयों और उनके परिवार को सोते समय जिंदा जला दिया। झुलसे हुए 5 लोगों में से अब तक 3 की मौत हो चुकी है। मुन्नीलाल कहते हैं- 5 दिसंबर को मेरे सबसे छोटे बेटे अरविंद की शादी हुई। घर में नई बहू आई थी। सभी शादी की खुशियां मना रहे थे। लेकिन, अब मेरे 2 बेटे और 8 दिन पहले घर आई नई बहू की मौत हो चुकी है। जबकि, एक बहू और उसकी बेटी अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग से लड़ रहे हैं। वह कहते हैं- वह तो मुझे भी मारना चाहता था, लेकिन घटना वाली रात मैं छत पर सो रहा था। छत पर आग लगाने से पहले ही मेरे नाती ने उसको देख लिया और शोर मचाने लगा। नहीं तो वह मुझे भी जिंदा जला देता। मैंने लोगों की मदद से किसी तरह अपने 3 बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया। खेत रेहन (गिरवी) रख दिया और पानी की मशीन (पंपिंग सेट) बेचकर बच्चों का ​इलाज करा रहा हूं। ताकि, उनकी जिंदगी बचाई जा सके। कोई रिश्तेदार मदद को आगे नहीं आया। अब मेरी यही प्रार्थना है कि मेरे बड़े बेटे बेचन निषाद और उसकी पत्नी को उनके किए की सजा मिले। दोनों को फांसी की सजा दी जाए। तब जाकर मेरे दिल को ठंडक पहुंचेगी। गोरखपुर में दिल दहला देने वाले अग्निकांड को करीब से समझने के लिए भास्कर टीम दहला गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… सबको मारकर पूरी प्रॉपर्टी हड़पना चाहता था बेचन
दरअसल, दहला गांव के रहने वाले मुन्नीलाल पेशे से किसान हैं। 2 साल पहले उनकी पत्नी शारदा की मौत हो चुकी है। मुन्नीलाल के 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। सबसे बड़ा बेटा बेचन निषाद (36) है। दूसरा बेटा बृजेश निषाद (32) और सबसे छोटे बेटे अरविंद निषाद (30) थे। बेचन पानीपत में रहकर पेंट-पालिश का काम करता था। जबकि, बृजेश और अरविंद मुंबई में रहकर पेंट-पालिश का काम करते थे। वहीं, गांव में पिता मुन्नीलाल के अलावा बेचन की पत्नी शांति और उसके तीन बच्चों के अलावा बृजेश की पत्नी (28) और उनके दो बच्चे रहते थे। पिता बोले- अक्सर मारपीट करता था बेचन
भास्कर टीम ने मुन्नीलाल से पूछा- बेचन ने आखिर ऐसा किया क्यों? वह कहते हैं, मेरा बड़ा बेटा बेचन अक्सर परिवार में विवाद और मारपीट करता था। वह जब भी घर आता तो कभी अपनी मां को पीटता था तो कभी मुझको। न ही उसकी भाइयों से बनती थी और न ही गांव में किसी से। उसके डर से गांव में भी कोई उससे बात नहीं करता था। परिवार के लोग भी उससे और उसके परिवार से कोई मतलब नहीं रखते थे। घर के बंटवारे की जिद पर अड़ा था बड़ा बेटा
मुन्नीलाल ने बताया- बेचन के ​ही विवाद के चलते मैंने खेत तीनों बेटों में बांट दिया। लेकिन बेचन चाहता था कि घर और बाकी की जमीनों का भी बंटवारा करके उसे दे दिया जाए। लेकिन, घर के बंटवारे के लिए दोनों छोटे बेटे तैयार नहीं थे। इस बात को लेकर वह अक्सर विवाद करता था और धमकी देता था कि अगर ऐसे नहीं बांटोगे तो सभी को मार दूंगा और उसके बाद सब कुछ मेरा हो जाएगा। बेटे की शादी में नहीं बुलाया तो बौखला गया
परिवार में सबसे छोटे बेटे अरविंद निषाद की अभी 5 दिसंबर को ही नई बाजार की रहने वाली माला निषाद से शादी हुई थी। परिवार में शादी की खुशियों का माहौल था। लेकिन, सभी को पता था कि अगर बेचन शादी में आया तो पूरा माहौल खराब कर देगा। इसलिए पूरे परिवार ने यह फैसला लिया कि जब उससे कोई रिश्ता ही नहीं है तो उसे शादी में नहीं बुलाया जाना चाहिए। हुआ भी ऐसा ही, बेचन को शादी में नहीं बुलाया गया और 4 दिसंबर को अरविंद की धूम-धाम से शादी हुई। बहन बोली- एक दिन पहले दी थी सभी को जिंदा जलाने की धमकी
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद मुन्नीलाल की बड़ी बेटी ज्ञानमती भी अपने मायके पहुंची हैं। ज्ञानमती ने बताया- 5 दिसंबर को घर में नई बहू माला आई। एक कमरा उसे दे दिया गया था। वह अपनी शादी में मिले सामान को कमरे में सजा चुकी थी और अपने पति के साथ रह रही थी। इसके बाद 8 दिसंबर को बेचन अचानक गोरखपुर आ गया। घर आने के साथ ही वह बौखलाया हुआ था कि उसे अरविंद की शादी में क्यों नहीं बुलाया गया? इस बात को लेकर उसने विवाद शुरू कर दिया और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देकर चला गया। चूंकि, वह शराब पीता था और नशा करता था, इसलिए लगा कि वह नशे में ऐसे ही बोल रहा है। ज्ञानमती ने बताया- इसके बाद 13 दिसंबर को फिर बेचन घर आया और अपने पिता मुन्नीलाल से विवाद करने लगा। विवाद इतना बढ़ गया कि उसने पिता को मारा भी। लेकिन, जब परिवार के लोगों ने विरोध किया तो वह धमकी देते हुए चला गया कि पूरे परिवार को जिंदा जला दूंगा। अगले दिन 14 दिसंबर को गांव में एक पट्टीदारी मुंडन का कार्यक्रम था। परिवार के सभी लोगों को उसमें जाना था। मुंडन कार्यक्रम में शामिल होने बेचन भी पहुंचा था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी अपने घर लौट गए और बेचन गांव में ही कहीं छिप गया। पहले बाहर से कुंडी लगाई, फिर थिनर डालकर आग लगा दिया
ज्ञानमती के बड़े बेटे रोहित निषाद ने बताया- मुंडन कार्यक्रम के बाद हम लोग अपने घर लौट गए। जबकि, मेरा छोटा भाई यहीं नाना के घर रुक गया। दोनों मामा-मामी अपने बच्चों के साथ अपने कमरे में सो रहे थे। जबकि, नाना और मेरा भाई छत पर सो रहे थे। रात करीब 12 बजे बड़े मामा बेचन थिनर लेकर पहुंचे और पहले नीचे के जिन दोनों कमरों में दोनों छोटे मामा और उनका परिवार था, उसमें बाहर से कुंडी लगा दी। दरवाजे के नीचे से कमरों में थिनर गिराया और फिर गैस सिलेंडर खोलकर आग लगा दी। मेरा भाई शोर न मचाता तो नाना को भी जिंदा जला देता
नीचे आग लगाने के बाद शायद वह ऊपर जाकर नाना के कमरे में भी आग लगाने वाला था। लेकिन आग और धुंए की वजह से छत पर सो रहा मेरा छोटा भाई उठ गया और वह नीचे आने लगा। सीढ़ी पर आते ही उसने देख लिया कि बेचन मामा नीचे आग लगा रहे हैं। इसके बाद वह नीचे आने की बजाय वापस छत पर गया और सीढ़ी की दरवाजा अंदर से बंद करके छत पर से ही शोर मचाने लगा। उसके शोर की आवाज सुनकर जब गांव के लोग पहुंचने लगे तो बेचन भाग गया। गांव के लोगों ने आग बुझाने और दरवाजा तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन, दरवाजा टूटने से पहले ही बृजेश मामा के कमरे में रखी फ्रिज आग की लपटों से ब्लास्ट कर गई और उनके कमरे की दीवार पीछे से फटकर गिर गई। किसी तरह बृजेश मामा को पीछे फटी दीवार के रास्ते बाहर निकाला गया। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस और फायर बिग्रेड की गाड़ी आई और आग बुझाई। एक बेटी नानी के घर गई थी तो बच गई
इस घटना में मामा बृजेश निषाद (32), उनकी पत्नी मधु निषाद (28) और बेटी रिद्धिमा (3) के अलावा छोटे मामा अरविंद निषाद (30) और उनकी पत्नी माला (25) बुरी तरह झुलस गए। इलाज के दौरान छोटे मामा अरविंद, उनकी पत्नी माला और बड़े मामा बृजेश की मौत हो चुकी है। जबकि, बृजेश की पत्नी मधु निषाद और बेटी रिद्धिमा अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं। उनकी एक और बेटी है। जो घटना के दिन अपने नाना के घर गई थी, इसलिए वह बच गई। जबकि, अभी मधु को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके साथ जले परिवार में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जल्द से जल्द आरोपियों को दिलाई जाएगी सजा
हालांकि, इस घटना के ​बाद पुलिस ने मुन्नीलाल निषाद की तहरीर पर उनके बड़े बेटे बेचन निषाद और उसकी पत्नी शांति उर्फ सोनम के खिलाफ केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। SP नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया- दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उन्हें जेल भेज दिया गया। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जल्द से जल्द इस मामले की चार्जशीट लगाई जाएगी और केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाएगी। परिवार ही नहीं पूरे गांव ने बेचन से बना रखी थी दूरी
वहीं, इस घटना के बाद पूरे दहला गांव में मातम छाया हुआ है। बिना कैमरे पर आए गांव के लोगों ने एक तरफा आरोपी बेचन निषाद को ही दोषी ठहराया। गांव वालों का कहना है कि बेचन शराब का आदी था। लेकिन, उसके यहां न रहने पर उसकी पत्नी शांति भी सिर्फ परिवार से ही नहीं, बल्कि गांव के लोगों से भी लड़ाई करती थी। बेचन परिवार के अलावा अक्सर गांव में भी लोगों से विवाद करता था। यही वजह है कि सिर्फ परिवार के लोग ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लोग उससे बातचीत नहीं करते थे।
……………………………. ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग ​​​​ संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्‌टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्‌टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… ‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी ही एक औलाद पूरे परिवार को खत्म कर देगी। मैं कई दिनों से भूखा हूं। घर का सारा सामान जलकर राख हो चुका है। कई दिनों तक गांव के लोग डरकर मेरे घर भी नहीं आ रहे थे। जब बेटियां आईं, तब गांव के पट्टीदार खाना दे रहे हैं।’ यह कहते हुए बुजुर्ग पिता मुन्नीलाल निषाद थोड़ा भावुक हो जाते हैं। उनके सबसे बड़े बेटे बेचन निषाद ने 14 दिसंबर की आधी रात को अपने दो भाइयों और उनके परिवार को सोते समय जिंदा जला दिया। झुलसे हुए 5 लोगों में से अब तक 3 की मौत हो चुकी है। मुन्नीलाल कहते हैं- 5 दिसंबर को मेरे सबसे छोटे बेटे अरविंद की शादी हुई। घर में नई बहू आई थी। सभी शादी की खुशियां मना रहे थे। लेकिन, अब मेरे 2 बेटे और 8 दिन पहले घर आई नई बहू की मौत हो चुकी है। जबकि, एक बहू और उसकी बेटी अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग से लड़ रहे हैं। वह कहते हैं- वह तो मुझे भी मारना चाहता था, लेकिन घटना वाली रात मैं छत पर सो रहा था। छत पर आग लगाने से पहले ही मेरे नाती ने उसको देख लिया और शोर मचाने लगा। नहीं तो वह मुझे भी जिंदा जला देता। मैंने लोगों की मदद से किसी तरह अपने 3 बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया। खेत रेहन (गिरवी) रख दिया और पानी की मशीन (पंपिंग सेट) बेचकर बच्चों का ​इलाज करा रहा हूं। ताकि, उनकी जिंदगी बचाई जा सके। कोई रिश्तेदार मदद को आगे नहीं आया। अब मेरी यही प्रार्थना है कि मेरे बड़े बेटे बेचन निषाद और उसकी पत्नी को उनके किए की सजा मिले। दोनों को फांसी की सजा दी जाए। तब जाकर मेरे दिल को ठंडक पहुंचेगी। गोरखपुर में दिल दहला देने वाले अग्निकांड को करीब से समझने के लिए भास्कर टीम दहला गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… सबको मारकर पूरी प्रॉपर्टी हड़पना चाहता था बेचन
दरअसल, दहला गांव के रहने वाले मुन्नीलाल पेशे से किसान हैं। 2 साल पहले उनकी पत्नी शारदा की मौत हो चुकी है। मुन्नीलाल के 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। सबसे बड़ा बेटा बेचन निषाद (36) है। दूसरा बेटा बृजेश निषाद (32) और सबसे छोटे बेटे अरविंद निषाद (30) थे। बेचन पानीपत में रहकर पेंट-पालिश का काम करता था। जबकि, बृजेश और अरविंद मुंबई में रहकर पेंट-पालिश का काम करते थे। वहीं, गांव में पिता मुन्नीलाल के अलावा बेचन की पत्नी शांति और उसके तीन बच्चों के अलावा बृजेश की पत्नी (28) और उनके दो बच्चे रहते थे। पिता बोले- अक्सर मारपीट करता था बेचन
भास्कर टीम ने मुन्नीलाल से पूछा- बेचन ने आखिर ऐसा किया क्यों? वह कहते हैं, मेरा बड़ा बेटा बेचन अक्सर परिवार में विवाद और मारपीट करता था। वह जब भी घर आता तो कभी अपनी मां को पीटता था तो कभी मुझको। न ही उसकी भाइयों से बनती थी और न ही गांव में किसी से। उसके डर से गांव में भी कोई उससे बात नहीं करता था। परिवार के लोग भी उससे और उसके परिवार से कोई मतलब नहीं रखते थे। घर के बंटवारे की जिद पर अड़ा था बड़ा बेटा
मुन्नीलाल ने बताया- बेचन के ​ही विवाद के चलते मैंने खेत तीनों बेटों में बांट दिया। लेकिन बेचन चाहता था कि घर और बाकी की जमीनों का भी बंटवारा करके उसे दे दिया जाए। लेकिन, घर के बंटवारे के लिए दोनों छोटे बेटे तैयार नहीं थे। इस बात को लेकर वह अक्सर विवाद करता था और धमकी देता था कि अगर ऐसे नहीं बांटोगे तो सभी को मार दूंगा और उसके बाद सब कुछ मेरा हो जाएगा। बेटे की शादी में नहीं बुलाया तो बौखला गया
परिवार में सबसे छोटे बेटे अरविंद निषाद की अभी 5 दिसंबर को ही नई बाजार की रहने वाली माला निषाद से शादी हुई थी। परिवार में शादी की खुशियों का माहौल था। लेकिन, सभी को पता था कि अगर बेचन शादी में आया तो पूरा माहौल खराब कर देगा। इसलिए पूरे परिवार ने यह फैसला लिया कि जब उससे कोई रिश्ता ही नहीं है तो उसे शादी में नहीं बुलाया जाना चाहिए। हुआ भी ऐसा ही, बेचन को शादी में नहीं बुलाया गया और 4 दिसंबर को अरविंद की धूम-धाम से शादी हुई। बहन बोली- एक दिन पहले दी थी सभी को जिंदा जलाने की धमकी
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद मुन्नीलाल की बड़ी बेटी ज्ञानमती भी अपने मायके पहुंची हैं। ज्ञानमती ने बताया- 5 दिसंबर को घर में नई बहू माला आई। एक कमरा उसे दे दिया गया था। वह अपनी शादी में मिले सामान को कमरे में सजा चुकी थी और अपने पति के साथ रह रही थी। इसके बाद 8 दिसंबर को बेचन अचानक गोरखपुर आ गया। घर आने के साथ ही वह बौखलाया हुआ था कि उसे अरविंद की शादी में क्यों नहीं बुलाया गया? इस बात को लेकर उसने विवाद शुरू कर दिया और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देकर चला गया। चूंकि, वह शराब पीता था और नशा करता था, इसलिए लगा कि वह नशे में ऐसे ही बोल रहा है। ज्ञानमती ने बताया- इसके बाद 13 दिसंबर को फिर बेचन घर आया और अपने पिता मुन्नीलाल से विवाद करने लगा। विवाद इतना बढ़ गया कि उसने पिता को मारा भी। लेकिन, जब परिवार के लोगों ने विरोध किया तो वह धमकी देते हुए चला गया कि पूरे परिवार को जिंदा जला दूंगा। अगले दिन 14 दिसंबर को गांव में एक पट्टीदारी मुंडन का कार्यक्रम था। परिवार के सभी लोगों को उसमें जाना था। मुंडन कार्यक्रम में शामिल होने बेचन भी पहुंचा था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी अपने घर लौट गए और बेचन गांव में ही कहीं छिप गया। पहले बाहर से कुंडी लगाई, फिर थिनर डालकर आग लगा दिया
ज्ञानमती के बड़े बेटे रोहित निषाद ने बताया- मुंडन कार्यक्रम के बाद हम लोग अपने घर लौट गए। जबकि, मेरा छोटा भाई यहीं नाना के घर रुक गया। दोनों मामा-मामी अपने बच्चों के साथ अपने कमरे में सो रहे थे। जबकि, नाना और मेरा भाई छत पर सो रहे थे। रात करीब 12 बजे बड़े मामा बेचन थिनर लेकर पहुंचे और पहले नीचे के जिन दोनों कमरों में दोनों छोटे मामा और उनका परिवार था, उसमें बाहर से कुंडी लगा दी। दरवाजे के नीचे से कमरों में थिनर गिराया और फिर गैस सिलेंडर खोलकर आग लगा दी। मेरा भाई शोर न मचाता तो नाना को भी जिंदा जला देता
नीचे आग लगाने के बाद शायद वह ऊपर जाकर नाना के कमरे में भी आग लगाने वाला था। लेकिन आग और धुंए की वजह से छत पर सो रहा मेरा छोटा भाई उठ गया और वह नीचे आने लगा। सीढ़ी पर आते ही उसने देख लिया कि बेचन मामा नीचे आग लगा रहे हैं। इसके बाद वह नीचे आने की बजाय वापस छत पर गया और सीढ़ी की दरवाजा अंदर से बंद करके छत पर से ही शोर मचाने लगा। उसके शोर की आवाज सुनकर जब गांव के लोग पहुंचने लगे तो बेचन भाग गया। गांव के लोगों ने आग बुझाने और दरवाजा तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन, दरवाजा टूटने से पहले ही बृजेश मामा के कमरे में रखी फ्रिज आग की लपटों से ब्लास्ट कर गई और उनके कमरे की दीवार पीछे से फटकर गिर गई। किसी तरह बृजेश मामा को पीछे फटी दीवार के रास्ते बाहर निकाला गया। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस और फायर बिग्रेड की गाड़ी आई और आग बुझाई। एक बेटी नानी के घर गई थी तो बच गई
इस घटना में मामा बृजेश निषाद (32), उनकी पत्नी मधु निषाद (28) और बेटी रिद्धिमा (3) के अलावा छोटे मामा अरविंद निषाद (30) और उनकी पत्नी माला (25) बुरी तरह झुलस गए। इलाज के दौरान छोटे मामा अरविंद, उनकी पत्नी माला और बड़े मामा बृजेश की मौत हो चुकी है। जबकि, बृजेश की पत्नी मधु निषाद और बेटी रिद्धिमा अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं। उनकी एक और बेटी है। जो घटना के दिन अपने नाना के घर गई थी, इसलिए वह बच गई। जबकि, अभी मधु को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके साथ जले परिवार में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जल्द से जल्द आरोपियों को दिलाई जाएगी सजा
हालांकि, इस घटना के ​बाद पुलिस ने मुन्नीलाल निषाद की तहरीर पर उनके बड़े बेटे बेचन निषाद और उसकी पत्नी शांति उर्फ सोनम के खिलाफ केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। SP नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया- दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उन्हें जेल भेज दिया गया। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जल्द से जल्द इस मामले की चार्जशीट लगाई जाएगी और केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाएगी। परिवार ही नहीं पूरे गांव ने बेचन से बना रखी थी दूरी
वहीं, इस घटना के बाद पूरे दहला गांव में मातम छाया हुआ है। बिना कैमरे पर आए गांव के लोगों ने एक तरफा आरोपी बेचन निषाद को ही दोषी ठहराया। गांव वालों का कहना है कि बेचन शराब का आदी था। लेकिन, उसके यहां न रहने पर उसकी पत्नी शांति भी सिर्फ परिवार से ही नहीं, बल्कि गांव के लोगों से भी लड़ाई करती थी। बेचन परिवार के अलावा अक्सर गांव में भी लोगों से विवाद करता था। यही वजह है कि सिर्फ परिवार के लोग ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लोग उससे बातचीत नहीं करते थे।
……………………………. ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग ​​​​ संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्‌टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्‌टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर