पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल परिसर में पिछले शनिवार को हुई हत्या के मामले में आरोपी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कर्मचारी सुखबीर सिंह का साथ उसके बेटों ने दिया। पुलिस ने सुखबीर सिंह के साथ ही उसके बेटों अर्श और साजन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल तीनों फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुखबीर और दरबारा सिंह के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था। दरअसल सुखबीर की बेटी किसी के साथ घर से भाग गई थी। सुखबीर का मानना था कि उसके भागने में दरबारा सिंह का हाथ है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। इससे पहले भी इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई थी। वहीं एसजीपीसी के प्रधान प्रताप सिंह ने भी सफाई दी थी कि पिछले दिन सुबह भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। सुखबीर के मन में दरबारा सिंह के लिए गुस्सा था। इसका बदला लेने के लिए ही सुखबीर अपने बेटों के साथ आया और दरबारा सिंह पर अपनी कृपाण से हमला कर कत्ल कर दिया। दोपहर हुई वारदात, साथियों संग आया हमलावर पुलिस के मुताबिक सुखबीर सिंह एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी में कार्यरत था और दरबारा सिंह अकाउंट ब्रांच में काम करता था। दोपहर करीब डेढ़ बजे सुखबीर अपने बेटों के साथ अकाउंट्स ब्रांच में दरबारा के पास पहुंचा। वहां पहले दोनों के बीच बहस हुई। इसके बाद सुखबीर ने अपनी कृपाण (खुद की पहनी हुई श्री साहिब) निकाली और दरबारा सिंह पर हमला कर दिया। दरबारा की छाती पर वार किए गए। करीब 5 बार तलवार के वार से दरबारा सिंह वहीं बेहोश होकर गिर गया। वारदात के बाद फरार हुआ हत्यारा दरबारा सिंह को जमीन पर गिरते ही बेहोश होते देख सुखबीर समझ गया कि अब वह जिंदा नहीं बच सकेगा। यह देखकर वह अपने बेटों के साथ वहां से फरार हो गया। शोर सुनकर सभी अकाउंट ब्रांच में पहुंचे। खून से लथपथ दरबारा सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल परिसर में पिछले शनिवार को हुई हत्या के मामले में आरोपी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कर्मचारी सुखबीर सिंह का साथ उसके बेटों ने दिया। पुलिस ने सुखबीर सिंह के साथ ही उसके बेटों अर्श और साजन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल तीनों फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुखबीर और दरबारा सिंह के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था। दरअसल सुखबीर की बेटी किसी के साथ घर से भाग गई थी। सुखबीर का मानना था कि उसके भागने में दरबारा सिंह का हाथ है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। इससे पहले भी इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई थी। वहीं एसजीपीसी के प्रधान प्रताप सिंह ने भी सफाई दी थी कि पिछले दिन सुबह भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। सुखबीर के मन में दरबारा सिंह के लिए गुस्सा था। इसका बदला लेने के लिए ही सुखबीर अपने बेटों के साथ आया और दरबारा सिंह पर अपनी कृपाण से हमला कर कत्ल कर दिया। दोपहर हुई वारदात, साथियों संग आया हमलावर पुलिस के मुताबिक सुखबीर सिंह एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी में कार्यरत था और दरबारा सिंह अकाउंट ब्रांच में काम करता था। दोपहर करीब डेढ़ बजे सुखबीर अपने बेटों के साथ अकाउंट्स ब्रांच में दरबारा के पास पहुंचा। वहां पहले दोनों के बीच बहस हुई। इसके बाद सुखबीर ने अपनी कृपाण (खुद की पहनी हुई श्री साहिब) निकाली और दरबारा सिंह पर हमला कर दिया। दरबारा की छाती पर वार किए गए। करीब 5 बार तलवार के वार से दरबारा सिंह वहीं बेहोश होकर गिर गया। वारदात के बाद फरार हुआ हत्यारा दरबारा सिंह को जमीन पर गिरते ही बेहोश होते देख सुखबीर समझ गया कि अब वह जिंदा नहीं बच सकेगा। यह देखकर वह अपने बेटों के साथ वहां से फरार हो गया। शोर सुनकर सभी अकाउंट ब्रांच में पहुंचे। खून से लथपथ दरबारा सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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