सोनीपत के गोहाना क्षेत्र में एक दुकान पर जबरन कब्जा करने का मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि कुछ लोगों ने उसकी दुकान पर जबरन ताला लगा दिया और दीवार बनाने की कोशिश की। पुलिस मामले में जांच कर रही है। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दुकान पर मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में भी केस चल रहा है। गोहाना निवासी एडवोकेट विनोद कुमार ने गोहाना सदर थाना में दी शिकायत में बताया कि 4 जनवरी को उसकी दुकान पर कब्जे का प्रयास हुआ था। दुकान पर जबरन ताला लगाया गया था। इसकी शिकायत पुलिस में दी गई थी। इसके बाद अब फिर से कविता, बलराज, नितिश और मनीष नामक व्यक्तियों ने उनकी दुकान पर अवैध कब्जे का प्रयास किया है। उसने बताया कि आरोपियों ने जबरदस्ती, ताकत के बिनाह पर दुकान का शटर तोड़ा और चिनाई करने के लिए सामान लाकर दुकान में जबरदस्ती दीवार निकालने की कोशिश की। उन्होंने उनको रोकने की कोशिश की तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। उसको कहा गया कि यदि यहां दिखाई भी दिए तो जान से मार दिया जाएगा। जिसको भी बुलाकर लाना है, ले आओ। उन्होंने कहा कि दुकान को लेकर कविता ने कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की है। यह केस जज डा. ज्योति की कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में कविता बनाम विनोद के नाम से केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक कोर्ट का कोई आदेश न आए तब तक उनकी रक्षा की जाए और दुकान में हुए नुकसान व सामान की भरपाई करवाई जाए। गोहाना पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में धारा 323, 341, 506 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सोनीपत के गोहाना क्षेत्र में एक दुकान पर जबरन कब्जा करने का मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि कुछ लोगों ने उसकी दुकान पर जबरन ताला लगा दिया और दीवार बनाने की कोशिश की। पुलिस मामले में जांच कर रही है। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दुकान पर मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में भी केस चल रहा है। गोहाना निवासी एडवोकेट विनोद कुमार ने गोहाना सदर थाना में दी शिकायत में बताया कि 4 जनवरी को उसकी दुकान पर कब्जे का प्रयास हुआ था। दुकान पर जबरन ताला लगाया गया था। इसकी शिकायत पुलिस में दी गई थी। इसके बाद अब फिर से कविता, बलराज, नितिश और मनीष नामक व्यक्तियों ने उनकी दुकान पर अवैध कब्जे का प्रयास किया है। उसने बताया कि आरोपियों ने जबरदस्ती, ताकत के बिनाह पर दुकान का शटर तोड़ा और चिनाई करने के लिए सामान लाकर दुकान में जबरदस्ती दीवार निकालने की कोशिश की। उन्होंने उनको रोकने की कोशिश की तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। उसको कहा गया कि यदि यहां दिखाई भी दिए तो जान से मार दिया जाएगा। जिसको भी बुलाकर लाना है, ले आओ। उन्होंने कहा कि दुकान को लेकर कविता ने कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की है। यह केस जज डा. ज्योति की कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट में कविता बनाम विनोद के नाम से केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक कोर्ट का कोई आदेश न आए तब तक उनकी रक्षा की जाए और दुकान में हुए नुकसान व सामान की भरपाई करवाई जाए। गोहाना पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में धारा 323, 341, 506 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चौटाला के मंत्री बने रहने पर विवाद:निर्दलीय MLA के तौर पर शपथ, अब विधायकी से इस्तीफा दे चुके, फिर भी मंत्रीपद बरकरार
हरियाणा में चौटाला के मंत्री बने रहने पर विवाद:निर्दलीय MLA के तौर पर शपथ, अब विधायकी से इस्तीफा दे चुके, फिर भी मंत्रीपद बरकरार हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह 12 मार्च को निर्दलीय विधायक के रूप में सरकार में शामिल हुए थे। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। 24 मार्च को उन्होंने रानियां विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए दोबारा मंत्री की शपथ लेनी होगी। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रपति से भी की है। जहां से हरियाणा के मुख्य सचिव को लेटर भेजकर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भेजने को कहा गया है। रणजीत चौटाला को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश ने हरा दिया। यहां पढ़िए कब क्या हुआ…
हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में गठित भाजपा की नई सरकार 12 जून को अपने 3 माह का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ शपथ लेने वाले 5 कैबिनेट मंत्रियों में रणजीत सिंह भी शामिल थे, जो तब सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक थे। 22 मार्च को रणजीत को ऊर्जा और जेल विभाग आबंटित किए गए। हालांकि वह पिछली मनोहर लाल खट्टर सरकार में भी इन विभागों के मंत्री रह चुके थे। इसके बाद 24 मार्च की शाम रणजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए। जिसके कुछ समय बाद ही उन्हें हिसार लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। जिस कारण रणजीत ने उसी दिन विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया। इसलिए रणजीत चौटाला ने दिया इस्तीफा
चूंकि निर्दलीय विधायक रहते हुए कोई भी किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसे दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। हालांकि विधायक पद से त्यागपत्र के साथ रणजीत ने प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रीपद ने अपना इस्तीफा नहीं दिया। रानियां विधानसभा सीट से विधायक पद से त्यागपत्र देने के बाद स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने उसे स्वीकार कर लिया। क्यों उठ रहे नियुक्ति पर सवाल
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने 2 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और हरियाणा गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय को लेटर लिखकर उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। लेटर में लिखा कि रणजीत सिंह 12 मार्च को वर्तमान 14वीं हरियाणा विधानसभा के सदस्य (विधायक) थे। इस दिन उन्होंने सीएम नायब सैनी के साथ मंत्रीपद के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद 24 मार्च 2024 से विधायक के रूप में उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद अब वह पूर्व विधायक या दूसरे शब्दों में एक गैर-विधायक हो गए हैं। मंत्री बने रहने के लिए लेनी होगी दोबारा शपथ
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(4) के अनुसार गैर- विधायक के तौर पर अधिकतम 6 माह तक मंत्रीपद पर तो रह सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें हरियाणा के राज्यपाल द्वारा मंत्री के रूप में नए सिरे से पद एवं गोपनीयता की शपथ लेनी होगी। क्योंकि 24 मार्च 2024 से वे गैर-विधायक हैं। टेक्निकल सवाल यह भी है कि जब उन्होंने मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी तब वह निर्दलीय विधायक थे, लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं, इसलिए गैर-विधायक होने के नाते मंत्री के रूप में उनका नया कार्यकाल माना जाएगा। कानूनी जानकारों का क्या कहना है?
राष्ट्रपति सचिवालय के अंडर सेक्रेटरी द्वारा 9 मई को इस विषय पर हरियाणा के मुख्य सचिव को लिखकर मामले में आवश्यक कार्यवाही करने एवं उसकी सूचना याचिकाकर्ता को देने बारे कहा गया था, हालांकि अभी तक हेमंत को हरियाणा सरकार से कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ है। हेमंत का कहना है कि जब भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार में नियुक्त किसी मंत्री का निर्वाचन (सांसद या विधायक के रूप में, जैसा भी मामला हो) संबंधित उच्च न्यायालय या भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द या अमान्य घोषित कर दिया जाता है तो ऐसे सांसद या विधायक को तत्काल केंद्र सरकार या राज्य सरकार में मंत्रीपद से इस्तीफा देना होता है। वह व्यक्ति यह तर्क नहीं दे सकता कि गैर-सांसद या गैर-विधायक के रूप में भी, वह सांसद या विधायक के रूप में अपने अयोग्य होने की तिथि से अधिकतम छह महीने तक केंद्र या राज्य सरकार में मंत्री के रूप में बना रह सकता है।
हरियाणा के नेताओं को BJP की बड़ी जिम्मेदारी:खट्टर बिहार तो भाटिया जम्मू-कश्मीर के चुनाव अधिकारी नियुक्त, अरूण प्रदेश में करवाएंगे इलेक्शन
हरियाणा के नेताओं को BJP की बड़ी जिम्मेदारी:खट्टर बिहार तो भाटिया जम्मू-कश्मीर के चुनाव अधिकारी नियुक्त, अरूण प्रदेश में करवाएंगे इलेक्शन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हरियाणा के 2 नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर बिहार और करनाल के पूर्व सांसद संजय भाटिया जम्मू और कश्मीर में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करवाएंगे। इसी तरह राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह हरियाणा में संगठन का चुनाव करवाएंगे। भाजपा की ओर से संगठन चुनाव के लिए भारत के 29 राज्यों के लिए चुनाव अधिकारी लगाए गए हैं। भाजपा के लिहाज से जम्मू कश्मीर और बिहार दोनों की राज्य महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में हरियाणा के दोनों नेताओं की चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्ति को अहम माना जा रहा है। भाजपा की ओर से जो लिस्ट जारी की गई है उसमें संजय भाटिया एक मात्र पूर्व सांसद हैं, जिन्हें चुनाव अधिकारी लगाया गया है भाजपा की ओर से जारी की गई सूची… हरियाणा में संगठन चुनाव से पहले खट्टर और सैनी की मीटिंग
वहीं हरियाणा में संगठन चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और CM नायब सैनी के बीच 2 जनवरी को नई दिल्ली में बैठक हुई। यह बैठक काफी देर तक चली। इसमें प्रदेशाध्यक्ष से लेकर मंडलों तक के चुनाव पर विस्तार से चर्चा हुई है। जिलों अध्यक्षों की नियुक्ति में सोशल इंजीनियरिंग का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा मंडलों में सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है। हरियाणा में 6 जनवरी तक बूथ और 12 जनवरी तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव होने हैं। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं….
करनाल में फसल अवशेष जलाने पर 3 किसानों पर FIR:गुपचुप तरीके से की जा रही है आगजनी, सैटेलाइट निगरानी के बावजूद नियमों का उल्लंघन
करनाल में फसल अवशेष जलाने पर 3 किसानों पर FIR:गुपचुप तरीके से की जा रही है आगजनी, सैटेलाइट निगरानी के बावजूद नियमों का उल्लंघन हरियाणा में फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध के बावजूद किसान अपने खेतों में फसल अवशेषों को आग के हवाले कर रहे है। फसल अवशेषों में आग लगाने वाले तीन किसानों के खिलाफ कृषि विभाग ने पुलिस में केस दर्ज करवाया है। चोरी छिपे आगजनी की घटना हरसेक सेटेलाइट के रडार पर आ गई। जिसके बाद कृषि विभाग की टीम ने मौके का मुआयना किया और प्रतिबंध के बावजूद अवशेषों में आग लगाए जाने पर पुलिस को शिकायत दी। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी किसान के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीसी ने गांव स्तर पर बनाई है टीमें धान के अवशेष जलाने की घटनाओं को देखते हुए डीसी करनाल ने ग्राम स्तर पर संयुक्त निगरानी टीमों का गठन किया है। इन टीमों में कृषि विभाग के अधिकारी, पटवारी और ग्राम सचिव शामिल हैं, जो खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं। जांच के दौरान पाया गया कि असंध, फैजलीपुर माजरा, और प्योंत गांव के किसानों ने फसल अवशेष जलाकर जिला प्रशासन के आदेशों की अवहेलना की है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 के अनुसार दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शिकायतों के आधार पर पुलिस में दर्ज हुई एफआईआर असंध, मधुबन, और निसिंग पुलिस थानों में तीन अलग-अलग मामलों में संबंधित किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस दस्तावेजों के अनुसार, असंध में राम रखा, फैजलीपुर माजरा में देवकीनंदन और प्योंत में शमशेर सिंह ने अपने खेतों में अवशेष जलाने का कार्य किया। इन मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के अंतर्गत मामले दर्ज किए गए हैं। किसान समुदाय को जागरूक करने के प्रयास जिला प्रशासन और कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अवशेष जलाने के बजाय उचित विधियों का इस्तेमाल करें। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सहयोग करें और कानून का पालन करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें। पुलिस की माने तो तीनों किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है।