हरियाणा में बालाजी मंदिर तोड़ने पर हंगामा:श्रद्धालुओं-अफसरों में धक्कामुक्की, कई हिरासत में लिए; प्रशासन बोला- कब्जे की जमीन पर बनाया हरियाणा के सिरसा में शुक्रवार को बालाजी मंदिर को जेसीबी से तुड़वा दिया गया। इसे लेकर मंदिर समिति और श्रद्धालु में आक्रोश फैल गया। उन्होंने जेसीबी के आगे खड़े होकर कार्रवाई का विरोध किया। उनकी अधिकारियों से धक्का-मुक्की भी हुई। महिलाएं भी पुलिस से भिड़ती नजर आईं। विवाद बढ़ता देख पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गई। देर शाम तक मामले को लेकर तनाव बना हुआ था। यह घटना सिरसा के रानियां बाजार रोड की है, जहां पर झंडी वाली गली के सामने श्रीवानेश्वर इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर को लेकर जमीन कब्जाने का आरोप है। वहीं, संस्था के सदस्य बोले कि यह मंदिर 30 सालों से यहीं बना है। प्रशासन ने पहले कोई कार्रवाई नहीं। अब अचानक लोगों की आस्था के मंदिर को तोड़ दिया। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए क्या है विवाद … 30 साल पुराना मंदिर, स्थापित कराई हनुमान जी की मूर्ति
श्रीवानेश्वर इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर की देखरेख करने वाली संस्था के सदस्यों ने बताया कि पहले यहां एक बंदर की करंट लगने से मौत हो गई थी। उसके बाद यहां समाधि बना दी गई। मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। करीब 20 से 30 सालों से यह मंदिर बना हुआ है। पिछले कुछ सालों से मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की गई। बड़ी संख्या में लोग यहां प्रसाद चढ़ाते है। संस्था ने दो साल से मंदिर संभाला था। तब से मंदिर में दीवार बनाने से लेकर कई काम करवाए। पड़ोस की महिला ने एक साल पहले की शिकायत
मंदिर के पास रहने वाली महिला सरोज पत्नी कृष्ण कुमार ने करीब एक साल पहले हाईकोर्ट और लोकायुक्त के यहां शिकायत की। बताया कि मंदिर जमीन पर कब्जा करके बनाया गया है। इससे क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है। अब नया निर्माण कराया जा रहा है। इससे उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ जाएगी। उसने अवैध कब्जे को हटवाने की मांग रखी। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में कोर्ट से आदेश आया कि कब्जा हटवाया जाए। लोकायुक्त के यहां से भी कब्जा हटवाने के आदेश आए है। इन्हें आदेशों के अनुपालन में टीम शुक्रवार दोपहर कार्रवाई करने पहुंची थी। मंदिर समिति ने नोटिस लेने से मना किया, अफसरों से भिड़े
प्रशासन ने सबसे पहले मंदिर संस्था को नोटिस देते हुए अवगत कराया। कहा कि हाईकोर्ट के आदेश है कि यह मंदिर कब्जा कर बनाया गया है। इसे हटया जाएगा। मगर, संस्था के पदाधिकारी नहीं माने। कई देर बहस के बार आखिर पुलिस एवं प्रशासन ने मंदिर को तुड़वाने के लिए जेसीबी मशीन को शुरू किया। इसे देख संस्था पदाधिकारियों और आसपास के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई। बात धक्का मुक्की तक पहुंच गई। सूचना देकर पुलिस फोर्स को बुला लिया गया। जेसीबी के सामने खड़े हो गए लोग, महिलाएं भी उलझीं
मंदिर को तुड़वाने से रोकने के लिए लोग जेसीबी के आगे खड़े हो गए और चेतावनी देते हुए वापस जाने की मांग रखी। उन्होंने जय श्रीराम के नारे भी लगाए। महिलाएं गुस्से में पुलिस से भिड़ती नजर आई। लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए।
श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले नोटिस आया था, उसका जवाब दे दिया था। अब प्रशासन कह रहा कि इस पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने अफसरों को घेराव करते हुए कार्रवाई को तुरंत बंद करने की मांग की। कई हिरासत में लिए गए, रस्सा डालकर कार्रवाई की
मामला बढ़ता देख अफसरों ने और पुलिस फोर्स बुला लिया। इसके बाद लोगों को रस्से के सहारे दूर रखकर कार्रवाई शुरू की। पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर गाड़ी में बैठाकर अपने साथ भी ले गई। मंदिर के बाहरी ओर निर्माण को तोड़ने के बाद गेट को दूर रखवा दिया गया। करीब तीन घंटे यह हंगामा चला। इस कार्रवाई को करने में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। देर शाम तक भी पुलिस मौके पर मौजूद थी। समिति सदस्य बोले- जिसने की शिकायत, उसका खुद कब्जा
समिति सदस्य ने बताया कि जिसने यह शिकायत दी है, उसने भी कब्जा किया हुआ है और बरामदा बनाया हुआ है। यहां आसपास कई मकान भी कब्जे की जमीन पर बने हुए है। संस्था ने दो साल से मंदिर संभाला था। तब से मंदिर में दीवार बनाने से लेकर कई काम करवाए। शहर में पहले ही कई कब्जे हैं, मगर उनको नहीं छुड़वाया गया।
उधर, कॉलोनीवासी श्यामलाल ने बताया कि अगर मंदिर की थाह बड़ी है तो उसे छोटी कर दीजिए। प्रशासन खुद मौके पर खड़े होकर इसे तुड़वा रहा है। ऐसा क्यों कर रहे हैं। इस बारे में कोई जवाब नहीं दे रहा। नोटिस देते समय कहा था- नया निर्माण न करे
पंचायती राज के एसडीओ देवेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर शिकायत चंडीगढ हाईकोर्ट और लोकायुक्त में पेंडिंग है। जमीन पर कब्जा है। प्रशासन ने दो बार नोटिस दिए और नया निर्माण पर रोक लगाने को कहा था। मगर, लोग नहीं मानें। पहले तो नोटिस लेने से ही मना कर दिया है। पुराना निर्माण नहीं है। यह दीवार नई बनाई गई है। हाईकोर्ट व लोकायुक्त के आदेशों के बाद यह कार्रवाई की है। पहले ही कार्रवाई होनी थी, पर उस समय आचार संहिता के चलते नहीं की। इस पूरी जमीन पर कब्जा है। इसे छुड़वाना है।