चंडीगढ़ पुलिस में तैनात एक एएसआई की आज मिरगी का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। वह चंडीगढ़ के सेक्टर 19 में अपने परिवार के साथ रहते थे। दौरा पड़ने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित अस्पताल में लेकर गए, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को सौंप दिया है। मृतक एएसआई मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। डीजीपी की सिक्योरिटी में लगा था पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिजेंद्र सिंह चंडीगढ़ की VIP सिक्योरिटी ब्रांच में तैनात थे। वह पहले चंडीगढ़ के डीजीपी की सुरक्षा में लगे हुए थे। लेकिन पिछले कुछ समय से वह पुलिस लाइन सिक्योरिटी ब्रांच में कार्यरत थे। वह पहलवानी के बड़े शौकीन थे। उन्हें बिजेंद्र पहलवान के नाम से डिपार्टमेंट में जाना जाता है। वह खेल कोटे से ही चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे। अभी वह चंडीगढ़ के सेक्टर 19 में रह रहे थे। सोनीपत में ही किया जाएगा संस्कार पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उनका संस्कार उनके पैतृक गांव सोनीपत में ही किया जाएगा। हालांकि अभी तक उनके परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं हो पा रही है। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस को यह सूचना दी गई है, कि उनके शव को हरियाणा के सोनीपत ले जाया जा रहा है। वहीं पर रीति रिवाज के अनुसार उनके संस्कार किया जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस में तैनात एक एएसआई की आज मिरगी का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। वह चंडीगढ़ के सेक्टर 19 में अपने परिवार के साथ रहते थे। दौरा पड़ने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित अस्पताल में लेकर गए, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को सौंप दिया है। मृतक एएसआई मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। डीजीपी की सिक्योरिटी में लगा था पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिजेंद्र सिंह चंडीगढ़ की VIP सिक्योरिटी ब्रांच में तैनात थे। वह पहले चंडीगढ़ के डीजीपी की सुरक्षा में लगे हुए थे। लेकिन पिछले कुछ समय से वह पुलिस लाइन सिक्योरिटी ब्रांच में कार्यरत थे। वह पहलवानी के बड़े शौकीन थे। उन्हें बिजेंद्र पहलवान के नाम से डिपार्टमेंट में जाना जाता है। वह खेल कोटे से ही चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे। अभी वह चंडीगढ़ के सेक्टर 19 में रह रहे थे। सोनीपत में ही किया जाएगा संस्कार पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उनका संस्कार उनके पैतृक गांव सोनीपत में ही किया जाएगा। हालांकि अभी तक उनके परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं हो पा रही है। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस को यह सूचना दी गई है, कि उनके शव को हरियाणा के सोनीपत ले जाया जा रहा है। वहीं पर रीति रिवाज के अनुसार उनके संस्कार किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम में बिजली करंट से 3 की मौत:इफको मेट्रो के पास भरा था पानी; मृतकों में एक क्वालिटी इंजीनियर भी शामिल हरियाणा के गुरुग्राम में बीत रात को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां इफको चौक मेट्रो पार कर घर लौट रहे तीन युवकों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। फुटपाथ के किनारे स्ट्रीट लाइट की खुली पड़ी बिजली की तार से ये हादसा हुआ। तार खुली होने के चलते बारिश के बाद सड़क के किनारे भरे पानी में करंट आ गया। पुलिस का कहना है कि बीती रात तेज हवा व बारिश के चलते हाईटेंशन लाइन टूटने के कारण यह हादसा हुआ है। हालांकि मौके पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। मृतकों की पहचान दिवेश, जयपाल और वसी उज्जमा के तौर पर हुई है। परिजनों का आरोप है कि जिस तरह से सड़क के किनारे खुली तारे पड़ी हुई थी, इसमें बिजली निगम की बड़ी लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। बारिश के बाद सड़क पर भर पानी से बचने के लिए तीनों ही व्यक्तियों ने फुटपाथ का सहारा लिया था। मेट्रो स्टेशन होने के चलते यहां से बड़ी तादाद में लोगों का आवागमन रहता है। दूसरी तरफ प्रशासन इतने बड़े हादसे के बाद भी मामले पर पर्दा डालने में ही लगा हुआ है। मृतक के परिजनों ने बिजली निगम से लेकर पुलिस व प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए मुआवजा व कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। मौके का निरीक्षण करने से साफ पता चलता है कि वहां पर कुछ खुले तार हैं और संभवत : उनमें करंट होने के चलते यह हादसा हुआ होगा। मृतकों की हुई पहचान एक मृतक की पहचान जयपाल निवासी नांगल चौधरी जिला महेंद्रगढ़ के रूप में हुई है। वह कोरियन कंपनी में ड्राइवर है। वहीं दूसरे मृतक का नाम दिवेश है और वह यूपी के उन्नाव का रहने वाला है। तीसरे मृतक का नाम वसी उज्जमा है और वह यूपी के सुल्तानपुर का रहने वाला है। वह मल्होत्रा केबल कंपनी मानेसर आईएमटी में क्वालिटी इंजीनियर के तौर पर काम करता था।
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हरियाणा में पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल:गुपचुप चक्कर काट लॉबिंग कर रहे; CM सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन को कहा हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का माहौल देख पार्टी छोड़ने वालों की BJP में एंट्री मुश्किल हो गई है। प्रदेश में फिर सरकार बनने के बाद ऐसे नेता 5 साल तक विपक्ष के बजाय फिर से सत्ता पक्ष में आना चाहते हैं। हालांकि CM नायब सैनी ने इन नेताओं की एंट्री पर फुल स्टॉप लगा दिया है। उन्होंने प्रदेश के संगठन को दो टूक कह दिया है कि ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। जिससे BJP में वापसी का जुगाड़ लगा रहे या लॉबिंग में जुटे नेताओं को झटका लगा है। माना जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी को धोखा देने वालों से केंद्रीय नेतृत्व खासा नाराज है। यही वजह है कि अब इन पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में लिया है। ऐसे में उनकी एंट्री मुश्किल ही मानी जा रही है। कौन से नेता वापसी की कोशिश में
BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी में वापसी की कोशिश में टिकट न मिलने पर नाराज होने से लेकर बागी चुनाव लड़ने और पूर्व सांसद-पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। जो प्रदेश के नेताओं के जरिए केंद्रीय नेतृत्व में अपनी पैरवी चाहते थे। संगठन को मजबूत दिखाने के लिए प्रदेश के कुछ नेता एक्टिव भी हो चुके थे। हालांकि जैसे ही CM नायब सैनी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि पार्टी में आने के इच्छुक पहले केंद्रीय नेतृत्व से परमिशन लेकर आएं। प्रदेश में चुनाव के बीच पार्टी छोड़ने वाले 3 बड़े चेहरे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह: पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें भाजपा के हिसार से टिकट कटने का डर था। हालांकि कांग्रेस ने उनकी हिसार-सोनीपत की दावेदारी खारिज कर लोकसभा टिकट ही नहीं दी। विधानसभा चुनाव में उन्हें जींद की उचाना सीट से उतारा लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। रणजीत चौटाला: पूर्व डिप्टी PM देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से बगावत की। जब बीजेपी ने उन्हें रानियां से टिकट देने से इनकार कर दिया तो वह नाराज होकर बागी तेवर दिखाने लगे। हालांकि वह 5 साल BJP सरकार में ही बिजली मंत्री रहे। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी को दरकिनार कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया था लेकिन वह हार गए। विधानसभा चुनाव में बगावत करने के बाद उन्होंने JJP के समर्थन के साथ रानियां से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। अशोक तंवर: तंवर के भाजपा छोड़ने की सबसे दिलचस्प कहानी है। वह भाजपा उम्मीदवार के लिए रैली कर रहे थे। उसी दिन राहुल गांधी की महेंद्रगढ़ में रैली थी। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर के बीच वह अचानक मंच पर पहुंचे और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस जॉइन कर ली। हालांकि उनकी जॉइनिंग से भूपेंद्र हुड्डा खासे खुश नजर नहीं आ रहे थे। तंवर पहले भी कांग्रेस में थे लेकिन 2019 में टिकट बंटवारे को लेकर हुड्डा से अनबन के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और AAP में भी गए लेकिन बाद में भाजपा में आ गए। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सिरसा से सिटिंग सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट काटकर तंवर को दी लेकिन वह हार गए। मगर, वोटिंग से 2 दिन पहले वह कांग्रेस में वापस लौट आए। 2 बागी जो चुनाव जीते लेकिन उनकी वापसी में कानूनी पेंच… भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वालीं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल और गन्नौर से होटेलियर देवेंद्र कादियान जीत गए। वह भाजपा को समर्थन दे चुके हैं लेकिन पार्टी में शामिल होने पर उनका कानूनी पेंच है। हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषक और कानूनी मामलों के जानकार हेमंत कुमार कहते हैं … निर्दलीयों की बीजेपी में जॉइनिंग पर उनकी सदस्यता जा सकती है। हालांकि वह सरकार या किसी राजनीतिक दल को बाहर से समर्थन दे सकते हैं। सरकार में वह मंत्री या अन्य लाभ के पद पर भी रह सकते हैं, लेकिन पार्टी में शामिल होने पर स्पीकर उनकी सदस्यता खारिज कर सकता है। बागी होकर चुनाव जीते निर्दलीय विधायकों के बारे में जानें… BJP सांसद की मां सावित्री जिंदल
विधानसभा चुनाव में हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट इस बार सुर्खियों में रही। इसकी वजह थी, यहां से देश की सबसे अमीर महिला और कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं। सावित्री जिंदल बीजेपी से टिकट मांग रही थीं, लेकिन बीजेपी ने पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को दोबारा उम्मीदवार बना दिया था। हालांकि बीजेपी उम्मीदवार यहां से चुनाव हार गए। इसके बाद अब सावित्री जिंदल बीजेपी को समर्थन दे रही हैं। सूत्रों का कहना है कि उनकी वापसी में कोई रोड़ा नहीं है, वह पहले भी भाजपा में ही थीं। सबसे अहम बात यह है कि बागी चुनाव लड़ने के बाद भी उन्हें पार्टी ने निष्कासित नहीं किया था। कभी राहुल गांधी के करीबी रहे देवेंद्र कादियान
देवेंद्र कादियान मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शरुआत युवा कांग्रेस में की। वे राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। 2019 में मनोहर लाल खट्टर ने रथ यात्रा निकली थी। तब कादियान ने गन्नौर में रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया था, इस दौरान भी वे गन्नौर भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दे दी। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें मनाया था। इस बार भी उनकी टिकट काट दी गई, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता। अब कादयान ने बीजेपी को समर्थन दिया है। BJP ने 8 नेताओं को 6 साल के लिए निकाला था
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बागी हुए 8 नेताओं पर भाजपा ने कार्रवाई की थी। उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया था। इनमें बिजली मंत्री रहे रणजीत चौटाला, गन्नौर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र कादियान, लाडवा से संदीप गर्ग, असंध से जिलेराम शर्मा, सफीदों से बच्चन सिंह आर्य, महम से राधा अहलावत, गुरुग्राम से नवीन गोयल और हथीन से केहर सिंह रावत शामिल हैं।
दीपेंद्र हुड्डा ने खरखौदा में निकाली पदयात्रा:बोले- 500 का सिलेंडर, वो भी अभी मिला नहीं; ये BJP का चुनावी जुमला है
दीपेंद्र हुड्डा ने खरखौदा में निकाली पदयात्रा:बोले- 500 का सिलेंडर, वो भी अभी मिला नहीं; ये BJP का चुनावी जुमला है हरियाणा में कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने रविवार शाम को सोनीपत के खरखौदा पहुंचे। उन्होंने यहां ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान के तहत यात्रा निकाली और कांग्रेस वर्करों को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा सरकार पर अटैक किया। कहा कि कांग्रेस को लोगों की समस्याओं का आभास अब चुनाव के मौके पर हुआ है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आखिरी महीने में 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की है, लेकिन वो भी अभी तक मिलना नहीं शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री भाजपा की सरकार को जाते देख कर घोषणा पर घोषणा कर रहे हैं। सबको पता है कि भाजपा सिर्फ जुमले देती है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खरखौदा में कार्यकर्ताओं के साथ पैदल यात्रा निकाली। बाद में उन्होंने गाड़ी में ही खड़े होकर लोगों को संबोधित किया। दीपेंद्र हुड्डा ने दुकानदारों और स्थानीय लोगों से संवाद किया। कांग्रेस की नीतियों और ंसकल्प के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों की फसलें MSP पर कानून लाकर खरीदने का ऐलान किया। राहुल गांधी लोकसभा में इस पर खुला बयान दे चुके हैं। पदयात्रा में दीपेंद्र हुड्डा के साथ सोनीपत लोकसभा से सांसद सतपाल ब्रह्मचारी और खरखौदा से विधायक जयवीर वाल्मीकि के साथ बड़ी की तादाद में लोग मौजूद रहे।