दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चंडीगढ़ मेयर का चुनाव बहुमत के बजाय क्रॉस वोटिंग के जरिए जीतकर भाजपा ने सभी दलों को चकमा दे दिया है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अब दोनों पार्टियां क्रॉस वोटिंग करने वालों की पहचान करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस जल्द ही चुनाव को लेकर हाईकमान को रिपोर्ट भेजेगी। इससे पहले एक कमेटी बनाकर तमाम जांच-पड़ताल की जाएगी। वहीं आप में भी मंथन शुरू हो गया है। जानकारों की मानें तो जब तक दोनों पार्टियां मंथन करेंगी, भाजपा चार दिन बाद दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठा लेगी। नजर रखने के बाद भी नहीं बचा पाए अपना किला आप और कांग्रेस को शुरू से ही शक था कि भाजपा खेल कर सकती है। ऐसे में कांग्रेस और आप ने चुनाव से चार दिन पहले अपने पार्षदों को चंडीगढ़ से बाहर कर दिया। कांग्रेस ने अपने पार्षदों को लुधियाना में रखा, जबकि आप ने अपने पार्षदों को रोपड़ में रखा। उनके फोन से लेकर हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। पार्षदों को धार्मिक स्थलों पर जाकर शपथ भी दिलाई गई, लेकिन फिर भी पार्टियां कुछ नहीं कर पाईं। जबकि भाजपा के सभी पार्षद शहर में थे। भाजपा लोकसभा चुनाव में हार के बाद एकजुट नजर आई। साथ ही उन्होंने शुरू से ही इंडिया गठबंधन की कमजोरियों पर काम किया। सबसे पहले कांग्रेस के 27वें वार्ड के पार्षद गुरबख्श रावत को चुनाव से दो दिन पहले भाजपा में शामिल करवाकर सबको चौंका दिया। इसके बाद दावा किया गया कि कुछ और लोग भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अंदरखाने यह भी चर्चा चल रही थी कि आप के मेयर प्रत्याशी से उनके पार्षद संतुष्ट नहीं हैं। लेकिन पार्टी ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। AAP और कांग्रेस दोनों के लिए मंथन जरूरी चंडीगढ़ चुनाव में भाजपा के 16 पार्षद थे, जबकि इंडिया गठबंधन के पास 20 पार्षद थे। लेकिन जब मेयर चुनाव हुआ ताे बीजेपी की हरप्रीत कौर 19 वोट मिले और गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिले। इस दौरान तीन वोट क्रॉस हुए। जिससे यह बात तो साफ है कि यह वोट गठबंधन में शामिल पार्षदों की तरफ से भाजपा उम्मीदवार को डाले गए। जिसकी वजह से कांग्रेस समर्थित आप उम्मीदवार प्रेम लता चुनाव हार गई। इसी तरह सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस के जसबीर बंटी जीते । लेकिन गठबंधन के 20 वोट होने के बाद भी उन्हें 19 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा की विमला दुबे को 17 वोट मिले थे। यहां पर भी एक वोट क्रॉस हुआ। इसी तरह डिप्टी मेयर के पद पर कांग्रेस की तरूणा मेहता को 19 वोट मिले। जबकि भाजपा को 17 वोट मिले है। यहां पर एक वोट क्रॉस हुई है। कांग्रेस प्रधान एचएस लक्की ने साफ किया है इस मामले की जांच करवाई जाएगी। साथ ही काली भेड़ों की पहचान की जाएगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चंडीगढ़ मेयर का चुनाव बहुमत के बजाय क्रॉस वोटिंग के जरिए जीतकर भाजपा ने सभी दलों को चकमा दे दिया है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अब दोनों पार्टियां क्रॉस वोटिंग करने वालों की पहचान करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस जल्द ही चुनाव को लेकर हाईकमान को रिपोर्ट भेजेगी। इससे पहले एक कमेटी बनाकर तमाम जांच-पड़ताल की जाएगी। वहीं आप में भी मंथन शुरू हो गया है। जानकारों की मानें तो जब तक दोनों पार्टियां मंथन करेंगी, भाजपा चार दिन बाद दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठा लेगी। नजर रखने के बाद भी नहीं बचा पाए अपना किला आप और कांग्रेस को शुरू से ही शक था कि भाजपा खेल कर सकती है। ऐसे में कांग्रेस और आप ने चुनाव से चार दिन पहले अपने पार्षदों को चंडीगढ़ से बाहर कर दिया। कांग्रेस ने अपने पार्षदों को लुधियाना में रखा, जबकि आप ने अपने पार्षदों को रोपड़ में रखा। उनके फोन से लेकर हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। पार्षदों को धार्मिक स्थलों पर जाकर शपथ भी दिलाई गई, लेकिन फिर भी पार्टियां कुछ नहीं कर पाईं। जबकि भाजपा के सभी पार्षद शहर में थे। भाजपा लोकसभा चुनाव में हार के बाद एकजुट नजर आई। साथ ही उन्होंने शुरू से ही इंडिया गठबंधन की कमजोरियों पर काम किया। सबसे पहले कांग्रेस के 27वें वार्ड के पार्षद गुरबख्श रावत को चुनाव से दो दिन पहले भाजपा में शामिल करवाकर सबको चौंका दिया। इसके बाद दावा किया गया कि कुछ और लोग भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अंदरखाने यह भी चर्चा चल रही थी कि आप के मेयर प्रत्याशी से उनके पार्षद संतुष्ट नहीं हैं। लेकिन पार्टी ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। AAP और कांग्रेस दोनों के लिए मंथन जरूरी चंडीगढ़ चुनाव में भाजपा के 16 पार्षद थे, जबकि इंडिया गठबंधन के पास 20 पार्षद थे। लेकिन जब मेयर चुनाव हुआ ताे बीजेपी की हरप्रीत कौर 19 वोट मिले और गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिले। इस दौरान तीन वोट क्रॉस हुए। जिससे यह बात तो साफ है कि यह वोट गठबंधन में शामिल पार्षदों की तरफ से भाजपा उम्मीदवार को डाले गए। जिसकी वजह से कांग्रेस समर्थित आप उम्मीदवार प्रेम लता चुनाव हार गई। इसी तरह सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस के जसबीर बंटी जीते । लेकिन गठबंधन के 20 वोट होने के बाद भी उन्हें 19 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा की विमला दुबे को 17 वोट मिले थे। यहां पर भी एक वोट क्रॉस हुआ। इसी तरह डिप्टी मेयर के पद पर कांग्रेस की तरूणा मेहता को 19 वोट मिले। जबकि भाजपा को 17 वोट मिले है। यहां पर एक वोट क्रॉस हुई है। कांग्रेस प्रधान एचएस लक्की ने साफ किया है इस मामले की जांच करवाई जाएगी। साथ ही काली भेड़ों की पहचान की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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