चंबा जिले में पत्थर लगने से महिला की मौत हो गई। जिले में महज 24 घंटे के भीतर यहां दूसरे श्रद्धालु की मौत हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला की पहचान सुभद्रा देवी के नाम से हुई है। जानकारी के अनुसार धार्मिक खुंडी जातर में शामिल होने के लिए यह महिला अपने परिजनों के साथ खुंडी माता जा रही थी। बीच रास्ते में अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो गए। इस दौरान खुद को बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग गए, लेकिन सुभद्रा देवी पत्थर के चपेट में आई और गंभीर रूप से घायल हो गई। कुछ ही देर में घायल महिला ने दम तोड़ दिया। तीसा पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया गया, जिसके चलते पुलिस टीम ने घटना स्थल पहुंच कर शव कब्जे में लिया और सिविल अस्पताल तीसा में शव का पोस्टमॉर्टम करवाया। एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई को पूरा कर शव मृतक के परिजनों को सौंपा। श्रद्धालु दुर्गम रास्तों से जाते हैं पैदल गौरतलब है कि खुंडीमराल में हर वर्ष भाद्रपद का ज्येष्ठ मंगलवार को पवित्र स्नान के साथ जातर मेला आयोजित होता है। यह यात्रा बेहद पैदल दुर्गम रास्तों से भरी पड़ी है। यही वजह है कि इस यात्रा को मणिमहेश कैलाश से भी ज्यादा कठिन माना जाता है। यहां कई ऐसे स्थान है जहां पर पत्थर गिरने की घटनाएं घटती रहती हैं। यह दर्दनाक हादसा सोमवार को घटित हुआ, लेकिन बेहद दूर होने व पैदल मार्ग होने की वजह से शव को मंगलवार को पोस्टमॉर्टम हो पाया। चंबा जिले में पत्थर लगने से महिला की मौत हो गई। जिले में महज 24 घंटे के भीतर यहां दूसरे श्रद्धालु की मौत हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला की पहचान सुभद्रा देवी के नाम से हुई है। जानकारी के अनुसार धार्मिक खुंडी जातर में शामिल होने के लिए यह महिला अपने परिजनों के साथ खुंडी माता जा रही थी। बीच रास्ते में अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो गए। इस दौरान खुद को बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग गए, लेकिन सुभद्रा देवी पत्थर के चपेट में आई और गंभीर रूप से घायल हो गई। कुछ ही देर में घायल महिला ने दम तोड़ दिया। तीसा पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया गया, जिसके चलते पुलिस टीम ने घटना स्थल पहुंच कर शव कब्जे में लिया और सिविल अस्पताल तीसा में शव का पोस्टमॉर्टम करवाया। एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई को पूरा कर शव मृतक के परिजनों को सौंपा। श्रद्धालु दुर्गम रास्तों से जाते हैं पैदल गौरतलब है कि खुंडीमराल में हर वर्ष भाद्रपद का ज्येष्ठ मंगलवार को पवित्र स्नान के साथ जातर मेला आयोजित होता है। यह यात्रा बेहद पैदल दुर्गम रास्तों से भरी पड़ी है। यही वजह है कि इस यात्रा को मणिमहेश कैलाश से भी ज्यादा कठिन माना जाता है। यहां कई ऐसे स्थान है जहां पर पत्थर गिरने की घटनाएं घटती रहती हैं। यह दर्दनाक हादसा सोमवार को घटित हुआ, लेकिन बेहद दूर होने व पैदल मार्ग होने की वजह से शव को मंगलवार को पोस्टमॉर्टम हो पाया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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