चंबा के भरमौर में कार बेकाबू होकर 400 मीटर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। जो अपनी भतीजी को मेडिकल कॉलेज चंबा में भर्ती करवाने के बाद घर लौट रहा था। हादसा सुनारा कुंडी रोड पर गुरुवार देर रात हुआ है। मृतक की पहचान अनु कुमार, जो गांव अंदरौंद पंचायत ब्रेही का रहने वाला है। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने 10 दिन पहले ही एक बच्चे का जन्म दिया था। घर से 100 मीटर दूरी पर हादसा जानकारी अनुसार हादसा मृतक के घर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर हुआ था। रात भर मृतक का शव खाई में पड़ा रहा और आसपास के लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं लगी। सुबह जब खच्चर वाले अपने रोजमर्रा के काम के लिए निकले और दुर्घटनाग्रस्त वाहन को देखा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा भेज दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। चंबा के भरमौर में कार बेकाबू होकर 400 मीटर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में एक युवक की मौत हो गई। जो अपनी भतीजी को मेडिकल कॉलेज चंबा में भर्ती करवाने के बाद घर लौट रहा था। हादसा सुनारा कुंडी रोड पर गुरुवार देर रात हुआ है। मृतक की पहचान अनु कुमार, जो गांव अंदरौंद पंचायत ब्रेही का रहने वाला है। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने 10 दिन पहले ही एक बच्चे का जन्म दिया था। घर से 100 मीटर दूरी पर हादसा जानकारी अनुसार हादसा मृतक के घर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर हुआ था। रात भर मृतक का शव खाई में पड़ा रहा और आसपास के लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं लगी। सुबह जब खच्चर वाले अपने रोजमर्रा के काम के लिए निकले और दुर्घटनाग्रस्त वाहन को देखा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा भेज दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में कांगड़ा वैली एसोसिएशन का वार्षिक समारोह:संस्कृति और परंपरा को जीवंत रखने का प्रयास, पहाड़ी गीतों-रंगारंग कार्यक्रम ने मोहा मन चंडीगढ़ में कांगड़ा वैली वेलफेयर एसोसिएशन ने रविवार को सेक्टर 35-बी स्थित एक हॉल में वार्षिक दिवस समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों के रंगारंग प्रस्तुतियों और पारंपरिक पहाड़ी गीतों से हुई। जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को हिमाचली परंपरा और संस्कृति के महत्व को समझाते हुए इसे बनाए रखने का संदेश दिया गया। कांगड़ी धाम बनी आकर्षण का केंद्र समारोह का मुख्य आकर्षण कांगड़ी धाम रही। जो हिमाचली पारंपरिक शैली में तैयार की गई थी। यह विशेष भोजन कांगड़ा से लाए गए पारंपरिक बोटियों द्वारा तैयार किया गया। हिमाचली धाम ने न केवल कांगड़ा के लोगों को उनकी संस्कृति और जड़ों से जोड़ा गया, बल्कि चंडीगढ़ में रहने वाले अन्य लोगों को भी हिमाचली खानपान का स्वाद चखने का अवसर दिया। कांगड़ा की परंपरा से जुड़े रहने का मंच कांगड़ा वैली वेलफेयर एसोसिएशन हर साल नवंबर में इस वार्षिक दिवस का आयोजन करती है। इसका उद्देश्य कांगड़ा से जुड़े लोगों को एक मंच प्रदान करना है। जहां वे अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़े रह सकें। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांगड़ा से लोग जुड़े। जो चंडीगढ़ और आसपास रहते हैं। कार्यकारी सदस्यों का विशेष योगदान एसोसिएशन के महासचिव अनुज कुमार महाजन ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी कार्यकारी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अनुरोध किया कि वे नए परिवारों को भी एसोसिएशन से जोड़ें। ताकि यह परंपरा और मजबूत हो सके। इस वार्षिक आयोजन ने एक बार फिर कांगड़ा की समृद्ध संस्कृति को चंडीगढ़ के लोगों के बीच जीवंत कर दिया और समाज में एकता और परंपराओं को बनाए रखने का संदेश दिया।
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