चचेरे भाई की पत्नी लाया, खुद की मायके चली गई:लखीमपुर में पति बोला- मारती-पीटती थी, इसलिए दे दिया

चचेरे भाई की पत्नी लाया, खुद की मायके चली गई:लखीमपुर में पति बोला- मारती-पीटती थी, इसलिए दे दिया

मैं अपनी पत्नी से बहुत दूर रहना चाहता हूं। उससे बहुत दुखी हूं। मुझे जान का खतरा है। वह मेरे चचेरे भाई सतनाम के साथ मिलकर मुझे मार सकती है। इसलिए मैंने पंचायत की और उसका हाथ सतनाम के हाथ में दे दिया। सतनाम ने सबके सामने हाथ थामा और अब वही इसे रखे।- गुरुनाम सिंह‘​​​ गुरुनाम जब पत्नी को पीटता था तो मैं बीच-बचाव करने चला जाता था। उसे लगा कि मेरा उसकी पत्नी से अफेयर है। उसने मुझे पत्नी सौंप दी। अब मेरे घर में बवाल मचा है। मेरी पत्नी मायके चली गई है। बच्चे हंगामा कर रहे हैं। रिश्तेदार भी इसके यहां रहने पर सवाल खड़ा कर रहे। मैं इसे नहीं रख पाऊंगा। -सतनाम सिंह पत्नी को लेकर मचा यह विवाद लखीमपुर खीरी जिले का है। गुरुनाम और सतनाम दोनों चचेरे भाई हैं। पहले दोनों साथ रहते थे, लेकिन अब एक दूसरे को देखना पसंद नहीं करते। वजह गुरुनाम की पत्नी है। जो इस वक्त सतनाम के साथ चली गई। हालांकि यह कहानी अचानक नहीं शुरू हुई। इसके पीछे एक पूरा घटनाक्रम है। उस घटनाक्रम को समझने दैनिक भास्कर की टीम लखीमपुर पहुंची। आइए इस पूरे मामले को एक तरफ से जानते हैं… 19 साल पहले झारखंड में जाकर शादी की
लखीमपुर खीरी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर चखरा गांव है। गांव में सिखों की आबादी ठीक-ठाक है। आबादी फैली हुई है, लोग अपने परिवार के साथ अपने खेतों में घर बनाकर रह रहे हैं। गन्ने और केले की खेती के बीच यहीं एक परिवार गुरुनाम सिंह का भी है। परिवार में उनकी मां और एक छोटा भाई है, दोनों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। गुरुनाम के तीन बच्चे हैं, एक बेटी की शादी इसी 20 मई को हुई है। 9 साल का बेटा पंजाब के गुरुद्वारा में रहता है, एक बेटी घर से करीब 10 किमी दूर मौसी के घर पर रहती है। कुल मिलाकर गुरुनाम ही परिवार के मुखिया हैं। गुरुनाम के परिवार का सामाजिक बैकग्राउंड क्षेत्र में ठीक नहीं था, इसलिए उनकी शादी नहीं हो रही थी। करीब 19 साल पहले पास के ही दुलही गांव के एक रिश्तेदार झारखंड से शादी करके लड़की ले आए थे। गुरुनाम से भी वहीं से लेकर आने को कहा। गुरुनाम वहां गए और एक लड़की से शादी करके ले आए। उस वक्त 20 हजार रुपए खर्च हुआ था। यहां आने पर लड़की का नया नाम रजविंदर कौर रखा गया। रजविंदर से 3 बच्चे हुए। शुरुआत में सब अच्छा चला, लेकिन इसी 25 मई को सब कुछ बदल गया, दोनों के बीच चल रहे लंबे विवाद के बाद गुरुनाम ने रजविंदर को त्याग दिया। पति-पत्नी के बीच चचेरे भाई की एंट्री हुई
हम इस पूरे मामले को समझने सबसे पहले गुरुनाम के घर पहुंचे। हमारा सवाल था कि विवाद की शुरुआत कहां से हुई? गुरुनाम बताना शुरू करते हैं- मामला तो 2-3 साल पुराना है, लेकिन पिछले 1 साल से ज्यादा बिगड़ गया। मेरी पत्नी रजविंदर कौर का चचेरे भाई सतनाम सिंह से अफेयर हो गया। मैंने अपनी घरवाली को समझाया कि यह सब गलत है। दूसरे लोगों ने भी समझाया कि यह सब गलत है, लेकिन सतनाम ने उसके दिमाग में ऐसा कुछ भर दिया है कि वह किसी की सुनती ही नहीं। इन सबसे परेशान होकर मैंने 2 महीने पहले जहर खा लिया था, मरते-मरते बचा था। ‘20 बीघा खेत हड़पने की साजिश’
गुरुनाम से हमने पूछा- सतपाल भी शादीशुदा है, फिर वह आपकी पत्नी के पीछे क्यों पड़ा है? गुरुनाम कहते हैं, मेरे पास 20 बीघा खेत है। मेरी मां और भाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वह पत्नी को अपने वश में करके मुझे मारना चाहता है, ताकि सारी जमीन उसकी हो जाए। 1 साल पहले मैं खेत में काम कर रहा था, तभी सतनाम, उसकी पत्नी और बच्चों ने मुझ पर हमला बोल दिया। बहुत मारा-पीटा। मेरी पत्नी मुझे बचाने तक नहीं आई, मैंने किसी तरह से 100 नंबर पर फोन किया। पुलिस आई तो वह एम्बुलेंस के जरिए मुझे निघासन के अस्पताल लेकर गई। मेरी पत्नी को मुझसे कोई मतलब ही नहीं है। वह भी अक्सर मुझे मारती-पीटती थी। 20 मई को थी बेटी की शादी, खर्च सतनाम ने किया
गुरुनाम और सतनाम के बीच पत्नी को लेकर यह लड़ाई लगातार चलती रही। गुरुनाम की पत्नी रजविंदर हमेशा से सतनाम के पक्ष में ही बोलती थी। गुरुनाम के बच्चे अपनी मां के कहने पर चलते थे, वह भी सतनाम जो कहता वही करते थे। इसी 20 मई को सतनाम ने गुरुनाम की बड़ी बेटी रमनदीप कौर की शादी गांव के गुरुद्वारे में करवाई। उस शादी में गुरुनाम और रजविंदर दोनों अलग-थलग खड़े नजर आए। वहीं, सतपाल काम करता दिखा। कुछ लोग बताते हैं कि उस शादी के बाद से ही तय हो गया कि अब रजविंदर सतनाम के साथ जाएगी। 25 मई को गुरुनाम ने पंचायत बुलाई। इसमें आसपास के लोग पहुंचे। पंचायत में ही शामिल एक व्यक्ति कहते हैं कि पंचायत शुरू होने वाली थी तभी रजविंदर और सतनाम ने गुरुनाम पर हमला बोल दिया। एक के बाद एक कई थप्पड़ मारे। हम लोगों ने किसी तरह से बीच-बचाव किया। यह पहली बार नहीं था, गुरुनाम के साथ ऐसा कई बार हो चुका था। इसीलिए उन्होंने तय किया कि आज फाइनल फैसला हो जाना चाहिए। गुरुनाम ने अपनी पत्नी का हाथ सतनाम के हाथ में दे दिया। विवाह-विच्छेद लिखवाया गया। इसमें सभी लोगों ने साइन किया। झगड़ा रोकने जाता तो इसे लगता अफेयर है
सतनाम का घर गुरुनाम के घर से करीब 200 मीटर दूर है। हम सतनाम के घर की तरफ बढ़े। रास्ते में उनकी भाभी और भाई मिले। भाभी से हमने इस मामले में बात की, वह कहती हैं कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। जो कुछ है वह सतनाम और गुरुनाम के बीच का मामला है। भाई ने भी इसी तरह की बात कही। हम आगे बढ़े और सतनाम के घर पहुंचे। इस पूरे विवाद को लेकर बातचीत शुरू हुई। सतनाम कहते हैं, 3-4 साल पहले तक हमारे और गुरुनाम के बीच कोई विवाद नहीं था। हम उसके घर जाते और एक थाली में खाते थे। इसके बाद वह बाहर जाकर काम करने लगा। उसके परिवार में जो भी जरूरत लगती, मैं चला जाता था। कई बार इन लोगों के बीच झगड़ा होता तो बीच-बचाव करने चला जाता था। गुरुनाम ने समझा कि मेरा उसकी पत्नी रजविंदर कौर के साथ अफेयर है। इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ तो हम 1 साल तक उसके घर नहीं गए। गुरुनाम और सतनाम के बीच पत्नी को लेकर 10 बार से ज्यादा पंचायत हो चुकी है। सतनाम कहते हैं, दो साल पहले गुरुनाम ने अपनी पत्नी रजविंदर की बहन के घर पर पंचायत रखी। वहां पहले रजविंदर को मारा-पीटा। इसके बाद मुझसे कहने लगा कि तुम अब इसे ले जाओ। हम उस वक्त नहीं ले आए। इन्होंने निघासन में मेरे खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। आरोप लगाया कि हम और रजविंदर बिना कपड़ों के पकड़े गए। दरोगा ने वीडियो मांगा तो वह नहीं दे सका। इस मामले में मुझे जेल भी जाना पड़ा। हमने सुना, पत्नी को मारकर नदी में फेंक दो
सतनाम कहते हैं, गुरुनाम अपनी पत्नी और बच्चों का कोई ख्याल नहीं रखता था। उसके घर में कुछ भी खाने-पीने को नहीं मिलेगा। पत्नी को कोई पैसा नहीं देता। कपड़े लाकर नहीं देता। मेरी बेटी और इसकी बेटी साथ पढ़ते हैं, इसलिए हमने इसकी बेटी की शादी करवाई। लड़का ट्रक ड्राइवर है। उस शादी में भी गुरुनाम का कोई योगदान नहीं रहा। हमने तो यह कहते हुए भी सुना कि शादी हो जाए तो इसके बाद पत्नी को मारकर बोरी में भरेंगे और नहर में फेंककर आ जाएंगे। इन चीजों से वह भी डर गई थी। रजविंदर का हाथ जबरन मेरे हाथ में दिया
हमने कहा कि पंचायत में आपने बकायदा हाथ पकड़ा, विवाह-विच्छेद वाले लेटर पर सिग्नेचर किया। अपने साथ लेकर आए, आगे क्या होगा? सतनाम कहते हैं, हमसे खाली कागज पर दस्तखत करवाया गया और फिर उस पर लिखा गया। रजविंदर का हाथ भी जबरदस्ती हमारे हाथ में दिया गया। जबकि हम वहां से रजविंदर को लेकर नहीं आए, गुरुनाम के साढ़ू ने यहां लाकर छोड़ा। गुरुनाम ने कहा कि अगर नहीं रखता तो अभी पुलिस बुलाकर इसे बताता हूं। इसलिए रजविंदर को हमने अपने घर में रख लिया। रजविंदर अब कहां हैं? पूछने पर सतनाम कहते हैं- दो दिन यहां रही, उस दौरान हमारी पत्नी मायके चली गई। परिवार के लोग नाराज हैं, बच्चे नहीं चाहते कि ऐसा हो। मेरे पूरे जीवन में बवाल मचा हुआ है। हम रजविंदर को अपने पास नहीं रख सकते। वह अपने मां-बाप से बात करके झारखंड चली गई है। हमने उनसे यह भी कहा कि अगर यहां कोई लड़का पसंद हो तो बताएं, हम उनकी शादी करवा देंगे। अब देखिए आगे क्या होता है। गांव के कुछ लोग दावा करते हैं कि रजविंदर कौर कहीं गई नहीं है, बल्कि सतनाम नहीं चाहता कि वह मीडिया में आए, इसलिए ऐसा बता रहा है। हमने इस सिलसिले में सतनाम की 10वीं में पढ़ने वाली बेटी से बात की। वह कहती है- जो कुछ हो रहा है, वह ठीक नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सतनाम के पिता हाथ जोड़ लेते हैं, कहते हैं कि हमको कुछ पता ही नहीं है। सतनाम की पत्नी का भी नाम रजविंदर है, वह नाराज होकर अपने मायके चली गई है। किसी से कोई बात नहीं कर रही। गुरुनाम के भाई की मानसिक हालत ऐसी है कि उसे कुछ समझ ही नहीं आता। पंचायत करने वाले कुछ लोगों से बात हुई। वह कहते हैं कि गुरुनाम को अगर उसकी पत्नी से अलग नहीं किया जाता तो संभव था कि उसके साथ कुछ गलत हो जाता। गुरुनाम कई बार जेल भी गया। वह लगातार झगड़े के चलते इतना परेशान हो गया कि छोटी-छोटी बातों में गुस्साने लगा था। इसलिए हम सबने यह पंचायत करवाई और इसमें ऐसा फैसला लिया। ———————– ये खबर भी पढ़ें… स्मगलिंग का गोल्ड पेट से निकालने को स्पेशल टॉयलेट सीट:30–30 हजार में दुबई जाते हैं कूरियर बॉय, 1 KG सोने पर 20 लाख की कमाई यूपी के मुरादाबाद में 23 मई को पकड़े गए 4 सोना तस्करों से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि रामपुर में कस्बा टांडा क्षेत्र के करीब 150 युवक तस्करी में शामिल हैं। फाइनेंसर उन्हें अपने खर्चे पर दुबई भेजते हैं। उसके बदले गोल्ड मंगवाते हैं। एक गोल्ड कैप्सूल 30 से 35 ग्राम का होता है। एक स्मगलर एक बार में औसत 6 से 8 कैप्सूल अपने पेट में डालकर लाता है। दुबई एयरपोर्ट पर चेक-इन सिक्योरिटी में सेंधमारी करके ये गैंग भारत में एंट्री पा लेता है। पढ़ें पूरी खबर मैं अपनी पत्नी से बहुत दूर रहना चाहता हूं। उससे बहुत दुखी हूं। मुझे जान का खतरा है। वह मेरे चचेरे भाई सतनाम के साथ मिलकर मुझे मार सकती है। इसलिए मैंने पंचायत की और उसका हाथ सतनाम के हाथ में दे दिया। सतनाम ने सबके सामने हाथ थामा और अब वही इसे रखे।- गुरुनाम सिंह‘​​​ गुरुनाम जब पत्नी को पीटता था तो मैं बीच-बचाव करने चला जाता था। उसे लगा कि मेरा उसकी पत्नी से अफेयर है। उसने मुझे पत्नी सौंप दी। अब मेरे घर में बवाल मचा है। मेरी पत्नी मायके चली गई है। बच्चे हंगामा कर रहे हैं। रिश्तेदार भी इसके यहां रहने पर सवाल खड़ा कर रहे। मैं इसे नहीं रख पाऊंगा। -सतनाम सिंह पत्नी को लेकर मचा यह विवाद लखीमपुर खीरी जिले का है। गुरुनाम और सतनाम दोनों चचेरे भाई हैं। पहले दोनों साथ रहते थे, लेकिन अब एक दूसरे को देखना पसंद नहीं करते। वजह गुरुनाम की पत्नी है। जो इस वक्त सतनाम के साथ चली गई। हालांकि यह कहानी अचानक नहीं शुरू हुई। इसके पीछे एक पूरा घटनाक्रम है। उस घटनाक्रम को समझने दैनिक भास्कर की टीम लखीमपुर पहुंची। आइए इस पूरे मामले को एक तरफ से जानते हैं… 19 साल पहले झारखंड में जाकर शादी की
लखीमपुर खीरी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर चखरा गांव है। गांव में सिखों की आबादी ठीक-ठाक है। आबादी फैली हुई है, लोग अपने परिवार के साथ अपने खेतों में घर बनाकर रह रहे हैं। गन्ने और केले की खेती के बीच यहीं एक परिवार गुरुनाम सिंह का भी है। परिवार में उनकी मां और एक छोटा भाई है, दोनों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। गुरुनाम के तीन बच्चे हैं, एक बेटी की शादी इसी 20 मई को हुई है। 9 साल का बेटा पंजाब के गुरुद्वारा में रहता है, एक बेटी घर से करीब 10 किमी दूर मौसी के घर पर रहती है। कुल मिलाकर गुरुनाम ही परिवार के मुखिया हैं। गुरुनाम के परिवार का सामाजिक बैकग्राउंड क्षेत्र में ठीक नहीं था, इसलिए उनकी शादी नहीं हो रही थी। करीब 19 साल पहले पास के ही दुलही गांव के एक रिश्तेदार झारखंड से शादी करके लड़की ले आए थे। गुरुनाम से भी वहीं से लेकर आने को कहा। गुरुनाम वहां गए और एक लड़की से शादी करके ले आए। उस वक्त 20 हजार रुपए खर्च हुआ था। यहां आने पर लड़की का नया नाम रजविंदर कौर रखा गया। रजविंदर से 3 बच्चे हुए। शुरुआत में सब अच्छा चला, लेकिन इसी 25 मई को सब कुछ बदल गया, दोनों के बीच चल रहे लंबे विवाद के बाद गुरुनाम ने रजविंदर को त्याग दिया। पति-पत्नी के बीच चचेरे भाई की एंट्री हुई
हम इस पूरे मामले को समझने सबसे पहले गुरुनाम के घर पहुंचे। हमारा सवाल था कि विवाद की शुरुआत कहां से हुई? गुरुनाम बताना शुरू करते हैं- मामला तो 2-3 साल पुराना है, लेकिन पिछले 1 साल से ज्यादा बिगड़ गया। मेरी पत्नी रजविंदर कौर का चचेरे भाई सतनाम सिंह से अफेयर हो गया। मैंने अपनी घरवाली को समझाया कि यह सब गलत है। दूसरे लोगों ने भी समझाया कि यह सब गलत है, लेकिन सतनाम ने उसके दिमाग में ऐसा कुछ भर दिया है कि वह किसी की सुनती ही नहीं। इन सबसे परेशान होकर मैंने 2 महीने पहले जहर खा लिया था, मरते-मरते बचा था। ‘20 बीघा खेत हड़पने की साजिश’
गुरुनाम से हमने पूछा- सतपाल भी शादीशुदा है, फिर वह आपकी पत्नी के पीछे क्यों पड़ा है? गुरुनाम कहते हैं, मेरे पास 20 बीघा खेत है। मेरी मां और भाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वह पत्नी को अपने वश में करके मुझे मारना चाहता है, ताकि सारी जमीन उसकी हो जाए। 1 साल पहले मैं खेत में काम कर रहा था, तभी सतनाम, उसकी पत्नी और बच्चों ने मुझ पर हमला बोल दिया। बहुत मारा-पीटा। मेरी पत्नी मुझे बचाने तक नहीं आई, मैंने किसी तरह से 100 नंबर पर फोन किया। पुलिस आई तो वह एम्बुलेंस के जरिए मुझे निघासन के अस्पताल लेकर गई। मेरी पत्नी को मुझसे कोई मतलब ही नहीं है। वह भी अक्सर मुझे मारती-पीटती थी। 20 मई को थी बेटी की शादी, खर्च सतनाम ने किया
गुरुनाम और सतनाम के बीच पत्नी को लेकर यह लड़ाई लगातार चलती रही। गुरुनाम की पत्नी रजविंदर हमेशा से सतनाम के पक्ष में ही बोलती थी। गुरुनाम के बच्चे अपनी मां के कहने पर चलते थे, वह भी सतनाम जो कहता वही करते थे। इसी 20 मई को सतनाम ने गुरुनाम की बड़ी बेटी रमनदीप कौर की शादी गांव के गुरुद्वारे में करवाई। उस शादी में गुरुनाम और रजविंदर दोनों अलग-थलग खड़े नजर आए। वहीं, सतपाल काम करता दिखा। कुछ लोग बताते हैं कि उस शादी के बाद से ही तय हो गया कि अब रजविंदर सतनाम के साथ जाएगी। 25 मई को गुरुनाम ने पंचायत बुलाई। इसमें आसपास के लोग पहुंचे। पंचायत में ही शामिल एक व्यक्ति कहते हैं कि पंचायत शुरू होने वाली थी तभी रजविंदर और सतनाम ने गुरुनाम पर हमला बोल दिया। एक के बाद एक कई थप्पड़ मारे। हम लोगों ने किसी तरह से बीच-बचाव किया। यह पहली बार नहीं था, गुरुनाम के साथ ऐसा कई बार हो चुका था। इसीलिए उन्होंने तय किया कि आज फाइनल फैसला हो जाना चाहिए। गुरुनाम ने अपनी पत्नी का हाथ सतनाम के हाथ में दे दिया। विवाह-विच्छेद लिखवाया गया। इसमें सभी लोगों ने साइन किया। झगड़ा रोकने जाता तो इसे लगता अफेयर है
सतनाम का घर गुरुनाम के घर से करीब 200 मीटर दूर है। हम सतनाम के घर की तरफ बढ़े। रास्ते में उनकी भाभी और भाई मिले। भाभी से हमने इस मामले में बात की, वह कहती हैं कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। जो कुछ है वह सतनाम और गुरुनाम के बीच का मामला है। भाई ने भी इसी तरह की बात कही। हम आगे बढ़े और सतनाम के घर पहुंचे। इस पूरे विवाद को लेकर बातचीत शुरू हुई। सतनाम कहते हैं, 3-4 साल पहले तक हमारे और गुरुनाम के बीच कोई विवाद नहीं था। हम उसके घर जाते और एक थाली में खाते थे। इसके बाद वह बाहर जाकर काम करने लगा। उसके परिवार में जो भी जरूरत लगती, मैं चला जाता था। कई बार इन लोगों के बीच झगड़ा होता तो बीच-बचाव करने चला जाता था। गुरुनाम ने समझा कि मेरा उसकी पत्नी रजविंदर कौर के साथ अफेयर है। इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ तो हम 1 साल तक उसके घर नहीं गए। गुरुनाम और सतनाम के बीच पत्नी को लेकर 10 बार से ज्यादा पंचायत हो चुकी है। सतनाम कहते हैं, दो साल पहले गुरुनाम ने अपनी पत्नी रजविंदर की बहन के घर पर पंचायत रखी। वहां पहले रजविंदर को मारा-पीटा। इसके बाद मुझसे कहने लगा कि तुम अब इसे ले जाओ। हम उस वक्त नहीं ले आए। इन्होंने निघासन में मेरे खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। आरोप लगाया कि हम और रजविंदर बिना कपड़ों के पकड़े गए। दरोगा ने वीडियो मांगा तो वह नहीं दे सका। इस मामले में मुझे जेल भी जाना पड़ा। हमने सुना, पत्नी को मारकर नदी में फेंक दो
सतनाम कहते हैं, गुरुनाम अपनी पत्नी और बच्चों का कोई ख्याल नहीं रखता था। उसके घर में कुछ भी खाने-पीने को नहीं मिलेगा। पत्नी को कोई पैसा नहीं देता। कपड़े लाकर नहीं देता। मेरी बेटी और इसकी बेटी साथ पढ़ते हैं, इसलिए हमने इसकी बेटी की शादी करवाई। लड़का ट्रक ड्राइवर है। उस शादी में भी गुरुनाम का कोई योगदान नहीं रहा। हमने तो यह कहते हुए भी सुना कि शादी हो जाए तो इसके बाद पत्नी को मारकर बोरी में भरेंगे और नहर में फेंककर आ जाएंगे। इन चीजों से वह भी डर गई थी। रजविंदर का हाथ जबरन मेरे हाथ में दिया
हमने कहा कि पंचायत में आपने बकायदा हाथ पकड़ा, विवाह-विच्छेद वाले लेटर पर सिग्नेचर किया। अपने साथ लेकर आए, आगे क्या होगा? सतनाम कहते हैं, हमसे खाली कागज पर दस्तखत करवाया गया और फिर उस पर लिखा गया। रजविंदर का हाथ भी जबरदस्ती हमारे हाथ में दिया गया। जबकि हम वहां से रजविंदर को लेकर नहीं आए, गुरुनाम के साढ़ू ने यहां लाकर छोड़ा। गुरुनाम ने कहा कि अगर नहीं रखता तो अभी पुलिस बुलाकर इसे बताता हूं। इसलिए रजविंदर को हमने अपने घर में रख लिया। रजविंदर अब कहां हैं? पूछने पर सतनाम कहते हैं- दो दिन यहां रही, उस दौरान हमारी पत्नी मायके चली गई। परिवार के लोग नाराज हैं, बच्चे नहीं चाहते कि ऐसा हो। मेरे पूरे जीवन में बवाल मचा हुआ है। हम रजविंदर को अपने पास नहीं रख सकते। वह अपने मां-बाप से बात करके झारखंड चली गई है। हमने उनसे यह भी कहा कि अगर यहां कोई लड़का पसंद हो तो बताएं, हम उनकी शादी करवा देंगे। अब देखिए आगे क्या होता है। गांव के कुछ लोग दावा करते हैं कि रजविंदर कौर कहीं गई नहीं है, बल्कि सतनाम नहीं चाहता कि वह मीडिया में आए, इसलिए ऐसा बता रहा है। हमने इस सिलसिले में सतनाम की 10वीं में पढ़ने वाली बेटी से बात की। वह कहती है- जो कुछ हो रहा है, वह ठीक नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सतनाम के पिता हाथ जोड़ लेते हैं, कहते हैं कि हमको कुछ पता ही नहीं है। सतनाम की पत्नी का भी नाम रजविंदर है, वह नाराज होकर अपने मायके चली गई है। किसी से कोई बात नहीं कर रही। गुरुनाम के भाई की मानसिक हालत ऐसी है कि उसे कुछ समझ ही नहीं आता। पंचायत करने वाले कुछ लोगों से बात हुई। वह कहते हैं कि गुरुनाम को अगर उसकी पत्नी से अलग नहीं किया जाता तो संभव था कि उसके साथ कुछ गलत हो जाता। गुरुनाम कई बार जेल भी गया। वह लगातार झगड़े के चलते इतना परेशान हो गया कि छोटी-छोटी बातों में गुस्साने लगा था। इसलिए हम सबने यह पंचायत करवाई और इसमें ऐसा फैसला लिया। ———————– ये खबर भी पढ़ें… स्मगलिंग का गोल्ड पेट से निकालने को स्पेशल टॉयलेट सीट:30–30 हजार में दुबई जाते हैं कूरियर बॉय, 1 KG सोने पर 20 लाख की कमाई यूपी के मुरादाबाद में 23 मई को पकड़े गए 4 सोना तस्करों से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला है कि रामपुर में कस्बा टांडा क्षेत्र के करीब 150 युवक तस्करी में शामिल हैं। फाइनेंसर उन्हें अपने खर्चे पर दुबई भेजते हैं। उसके बदले गोल्ड मंगवाते हैं। एक गोल्ड कैप्सूल 30 से 35 ग्राम का होता है। एक स्मगलर एक बार में औसत 6 से 8 कैप्सूल अपने पेट में डालकर लाता है। दुबई एयरपोर्ट पर चेक-इन सिक्योरिटी में सेंधमारी करके ये गैंग भारत में एंट्री पा लेता है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर