हरियाणा के चरखी दादरी के गांव पिचौपा कलां क्रशर जोन में स्कॉर्पियों सवार लोगों द्वारा सूर्या स्टोन क्रेशर पर मुंशी के साथ मारपीट, तोड़फोड़ करने व ढाई लाख रुपए लूट कर ले जाने का मामला सामने आया है। स्टोन क्रेशर पर कार्यरत मुंशी ने पुलिस को शिकायत दी है। सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच कर रही है। बाढ़ड़ा पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाली अटेला चौकी पुलिस को दी शिकायत में राजस्थान के भरतपुर जिला निवासी प्रहलाद ने बताया कि वह पिचौपा कलां में सूर्या स्टोन क्रेशर पर बतौर मुंशी कार्यरत है। उसने बताया कि 13 जुलाई को स्टोन क्रेशर के पानी के बोरवैल की मोटर खराब हो गई थी। उन्होंने मोटर को ठीक करने के लिए बिजली सप्लाई को बंद कर दिया था। उसी दौरान पडोस में रहने वाले कुछ लोगों के फोन आए जो जबरदस्ती उनके बोरवैल से बिजली की सप्लाई ले रहे थे। उक्त लोगों ने फोन पर गाली-गलौज किया और जान से मारने की धमकी दी। मुंशी का आरोप है कि रात करीब 11 बजे 6-7 आदमी स्कॉर्पियों गाड़ी में सवार होकर आए और स्टोन क्रेशर पर आते ही मारपीट करने लगे। उक्त लोगों ने वहां पर तोड़फोड़ करते हुए लैपटॉप, प्रिंटर,चारों ओर के शीशे तोड़ दिए और धमकी देते हुए चले गए। ये लोग जाते समय गल्ले से 2 लाख 50 हजार रुपए की नकदी और सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी साथ ले गए। मुंशी ने शनिवार को पुलिस को लिखित शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। हरियाणा के चरखी दादरी के गांव पिचौपा कलां क्रशर जोन में स्कॉर्पियों सवार लोगों द्वारा सूर्या स्टोन क्रेशर पर मुंशी के साथ मारपीट, तोड़फोड़ करने व ढाई लाख रुपए लूट कर ले जाने का मामला सामने आया है। स्टोन क्रेशर पर कार्यरत मुंशी ने पुलिस को शिकायत दी है। सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच कर रही है। बाढ़ड़ा पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाली अटेला चौकी पुलिस को दी शिकायत में राजस्थान के भरतपुर जिला निवासी प्रहलाद ने बताया कि वह पिचौपा कलां में सूर्या स्टोन क्रेशर पर बतौर मुंशी कार्यरत है। उसने बताया कि 13 जुलाई को स्टोन क्रेशर के पानी के बोरवैल की मोटर खराब हो गई थी। उन्होंने मोटर को ठीक करने के लिए बिजली सप्लाई को बंद कर दिया था। उसी दौरान पडोस में रहने वाले कुछ लोगों के फोन आए जो जबरदस्ती उनके बोरवैल से बिजली की सप्लाई ले रहे थे। उक्त लोगों ने फोन पर गाली-गलौज किया और जान से मारने की धमकी दी। मुंशी का आरोप है कि रात करीब 11 बजे 6-7 आदमी स्कॉर्पियों गाड़ी में सवार होकर आए और स्टोन क्रेशर पर आते ही मारपीट करने लगे। उक्त लोगों ने वहां पर तोड़फोड़ करते हुए लैपटॉप, प्रिंटर,चारों ओर के शीशे तोड़ दिए और धमकी देते हुए चले गए। ये लोग जाते समय गल्ले से 2 लाख 50 हजार रुपए की नकदी और सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी साथ ले गए। मुंशी ने शनिवार को पुलिस को लिखित शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में अर्धनग्न शव मिला:40 साल के करीब उम्र, अमरूद बाग में मुंह के बल लेटा मिला, कान से बह रहा था खून
सोनीपत में अर्धनग्न शव मिला:40 साल के करीब उम्र, अमरूद बाग में मुंह के बल लेटा मिला, कान से बह रहा था खून सोनीपत में अमरूद बाग में 40 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक के बाएं कान से खून बह रहा था और उसके कपड़ों पर उल्टी के निशान थे। स्थानीय व्यापारी जितेंद्र कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका 5 एकड़ जमीन में अमरूद का बाग है, जो एचएसआईआईडीसी और कर्ण धर्म कांटा के पास स्थित है। जितेंद्र के मुताबिक बाग के पास खाली पड़ी जमीन पर अक्सर फैक्ट्री के कर्मचारी और मजदूर शराब पीने आते हैं। कई बार मना करने के बावजूद यह सिलसिला जारी रहा। 9 जनवरी को उन्हें सूचना मिली कि बाग में एक शव पड़ा है। मौके पर पहुंचे तो एक अधेड़ व्यक्ति मुंह के बल लेटा मिला, जिसके आधे कपड़े उतरे हुए थे। भीख मांगकर पीता था शराब स्थानीय लोगों और आस-पास के लोगों से पूछताछ में पता चला है कि मृतक पिछले 10-15 दिनों से पास की शराब की दुकान पर आता था और भीख मांगकर शराब पीता था। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि शराब के नशे में गिरने से अंदरूनी चोट लगने से मौत हुई है, क्योंकि शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान और मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री का विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मेरा बेटा लड़ेगा; हुड्डा के मार्गदर्शक कहने पर खुद को एक्टिव पॉलिटिशियन बताया था
हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री का विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मेरा बेटा लड़ेगा; हुड्डा के मार्गदर्शक कहने पर खुद को एक्टिव पॉलिटिशियन बताया था हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से किनारा कर लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए बीरेंद्र ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। बीरेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के साथ चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे। हालांकि वहां हुड्डा ने उन्हें मार्गदर्शक कह दिया। जिसके जवाब में बीरेंद्र ने कहा था कि वे एक्टिव पॉलिटिशियन हैं। बीरेंद्र सिंह बोले- बेटा लड़ेगा
बीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा- ”हमारा परिवार चुनाव लड़ेगा। मेरे बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा के सांसद थे। बेटे ने उचाना विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में आवेदन किया है। यहां से मैं 5 बार विधायक रहा। एक बार मेरी पत्नी प्रेमलता विधायक रहीं। मैं समझता हूं कि उससे उपयुक्त कैंडिडेट नहीं है। मैंने भी ये समझा कि राजनीति के इस युग में युवाओं को और पार्टिसिपेट करने का मौका मिलना चाहिए।” बीरेंद्र सिंह को लोकसभा में झटका दे चुकी कांग्रेस
बीरेंद्र सिंह ने भले ही उचाना सीट से दावा ठोक दिया हो लेकिन कांग्रेस में उनकी राह आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उन्हें झटका दे चुकी है। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से BJP के सिटिंग सांसद थे। इसके बावजूद वह बेटे समेत कांग्रेस में आ गए। लोकसभा में कांग्रेस ने उनके बेटे की टिकट काट दी। बीरेंद्र सिंह ने हिसार और सोनीपत से दावेदारी ठोकी थी। हालांकि विधानसभा में उनके बेटे की दावेदारी को कांग्रेस कितनी तवज्जो देगी, इस पर सबकी नजर है। हुड्डा को छोड़ सैलजा संग नजर आ रहे बीरेंद्र
कांग्रेस में इस वक्त संगठन में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का दबदबा है। हालांकि बीरेंद्र सिंह हुड्डा की विरोधी मानी जाती सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के साथ नजर आ रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव के वक्त भी सैलजा का नामांकन भरवाने गए। अब सैलजा कांग्रेस संदेश यात्रा निकाल रही हैं तो बीरेंद्र सिंह उनके साथ नजर आ रहे हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा था- मेरा बेटा CM की दौड़ में
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के मन में अभी भी हरियाणा का मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस है। हिसार से बेटे बृजेंद्र को कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद बीरेंद्र सिंह ने जींद में समर्थकों से मीटिंग की थी। जिसमें बीरेंद्र सिंह ने इशारों-इशारों में कहा था कि मैं CM नहीं बन पाया तो क्या हुआ, उनका बेटा अब CM की दौड़ में शामिल हो गया है। इस पर बीरेंद्र सिंह ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पिता रणबीर सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के बड़े भाई जोगिंद्र के निधन पर बड़ी संख्या में पूरे देश से बड़े नेता आए हुए थे। तब चौधरी रणबीर सिंह ने यह कहा था कि लोग कहते थे क्या रणबीर सिंह कभी CM नहीं बन पाएगा। आज देखो मेरा बेटा प्रदेश का CM है। यह कहकर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब आप लोग समझ जाओ। हरियाणा की राजनीति के ट्रेजेडी किंग बीरेंद्र सिंह
हरियाणा की सियासत में बीरेंद्र सिंह को ट्रेजेडी किंग कहा जाता है। हरियाणा में जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते इलाके को बांगर बेल्ट कहा जाता है। बांगर का यही इलाका किसानों के सबसे बड़े नेता, सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। 5 बार विधायक और 3 दफा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह कभी CM नहीं बन पाए और इसकी टीस उन्हें हमेशा से रही। वह खुद अनेक बार अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी करते रहे। साफ-सुथरी राजनीति करने वाले बीरेंद्र सिंह हर मुद्दे पर अपना पॉइंट ऑफ व्यू बिना किसी लागलपेट के रखते हैं। जो भी कहना, सीधे मुंह पर कहना, उनकी आदत है। इसी बेबाकी के चलते वह कई बार अपनी ही पार्टी , फिर चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा, के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। वह वाक्या, जिसमें उदयभान और हुड्डा ने बीरेंद्र पर तंज कस दिया चंडीगढ़ में कांग्रेस ने ‘हरियाणा मांगे इंसाफ’ कैंपेन की लॉन्चिंग रखी थी। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीरेंद्र सिंह को माइक देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा- ”हमारे प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बड़ा लंबा तजुर्बा है। (हंसते हुए) 42 साल कांग्रेस का है, 10 साल BJP का है। उनका मार्गदर्शन बहुत ही बेहतर रहा है। वह भी अपने विचार रखेंगे।” इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने उदयभान के हाथ से माइक पकड़कर चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए कहा-”मार्गदर्शक बन चुके हैं।”(यह सुनकर सब हंसने लगे) इस पर बीरेंद्र सिंह ने कहा- और ये (मार्गदर्शक) होने वाले हैं। इसके बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने माइक थामा। उन्होंने कहा- ” मैं जो सोचता हूं। मेरी अपनी असेसमेंट है और ये मैं मार्गदर्शक के रूप में नहीं एक्टिव पॉलिटिशियन के रूप में बता रहा हूं कि हरियाणा में 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है।”
हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की रिहाई के 5 इंपैक्ट:दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन; पार्टी को CM की कैंपेनिंग पर भरोसा, कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन
हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की रिहाई के 5 इंपैक्ट:दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन; पार्टी को CM की कैंपेनिंग पर भरोसा, कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब हरियाणा विधानसभा चुनाव पर फोकस करेंगे। पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालने के साथ ही वह पार्टी की रणनीति को भी जमीन पर उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। केजरीवाल के हरियाणा में एक्टिव होने से BJP और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ना तय मानी जा रही है। वह इसलिए है कि हरियाणा में बीजेपी 10 साल से सरकार चला रही है। कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। सियासी जानकारों की मानें तो कांग्रेस और बीजेपी में ही अभी सीधा मुकाबला दिखाई दे रहा है। हालांकि अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP ने भी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। AAP को चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस और बीजेपी के बागी नेताओं से उम्मीदें हैं। 2019 से इतर इस बार AAP ने अपने संगठन का विस्तार भी कर लिया और कई इलाकों में मजबूत पकड़ भी बनाई है। दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई की टाइमिंग हरियाणा चुनाव के हिसाब से परफेक्ट है। फिलहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मोर्चा संभाले देखी गई हैं और केजरीवाल की गैरमौजूदगी में धुआंधार प्रचार कर रहीं थीं। अब हरियाणा चुनाव में पूरी ताकत से पार्टी उतरने की तैयारी कर रही है। चूंकि, हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर लड़ने का फैसला किया है।हरियाणा में आम आदमी पार्टी का संगठन दिल्ली और पंजाब की तुलना में काफी कमजोर है और ऐसे में केजरीवाल की कैंपेनिंग से ही उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा उम्मीद है। चुनाव में AAP के ये होंगे प्लस प्वाइंट… 1. केजरीवाल का हरियाणा उनका अपना गृह राज्य है। केजरीवाल का हरियाणा में हिसार के खेड़ा में पुश्तैनी गांव है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में भी केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते आए हैं। 2. केजरीवाल को दिल्ली वालों की नब्ज पहचानने में माहिर माना जाता है। उन्होंने हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में भी अपनी पार्टी की सरकार बनवाकर इतिहास बनाया है। अब दिल्ली और पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा पर फोकस है। 3. AAP नेता अपने चुनावी प्रचार में इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं। केजरीवाल भी अपने चुनावी अभियान में इसे मुद्दा बना सकते हैं और आम जनता में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। 4. केजरीवाल की रिहाई से AAP को बूस्टर मिला है। इससे संगठन एकजुट हुआ है, अपने सबसे बड़े चेहरे के जरिए बीजेपी और कांग्रेस को घेरने में मदद मिल सकेगी। AAP बड़े स्तर पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है और नुकसान पहुंचा सकती है। 5. एक फैक्ट यह भी है कि हरियाणा में कुछ बड़े नेताओं के परिवार ऐसे हैं, जो नाराज चल रहे हैं। इन्हें बीजेपी और कांग्रेस दोनों से टिकट नहीं मिला है। संभव है कि ऐसे नाराज नेता AAP के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यहां पढ़िए कांग्रेस-बीजेपी के लिए क्यों दिक्कतें खड़ी करेगी AAP शहरी वोटरों पर केजरीवाल की अच्छी पकड़ कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के लिए भी यह टेंशन होगी कि AAP उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। जानकार कहते हैं कि केजरीवाल की रिहाई को बीजेपी के लिए भी राहत नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि, बीजेपी का शहरी इलाके में अच्छा खासा वोट बैंक है और AAP भी शहरी इलाके में पकड़ बना रही है। संभव है कि आप केजरीवाल के जरिए शहरी वोटर्स में सेंध लगा सकती है, इससे बीजेपी का नुकसान हो सकता है। खासकर उन सीटों पर जहां मुकाबला करीबी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है। कांग्रेस को 8 से 10 सीटों पर होगा नुकसान AAP प्रत्याशी कांग्रेस को बहुत परेशान करेंगे। बीजेपी के विरोधी वोटों में अगर सेंध लगती है तो इसका नुकसान कांग्रेस को भुगतना होगा। हरियाणा में कम से कम 8 से 10 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट नहीं जीत सके तो कांग्रेस को कमजोर करने का तो काम कर सकते हैं। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। मगर पार्टी का पार्टी का वोट शेयर केवल 0.48 प्रतिशत रहा था। हरियाणा में AAP का किन इलाकों में प्रभाव ? हरियाणा में AAP का फोकस खासकर शहरी और कस्बा इलाकों में ज्यादा है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( NCR ) में आते हैं। AAP का प्रभाव यहां देखने को मिल सकता है। इन जिलों के लोग दिल्ली की राजनीति और नीतियों से प्रभावित होते हैं। दिल्ली में AAP सरकार के मॉडल के चलते पार्टी ने यहां एक बुनियादी जनाधार तैयार किया है। इसके अलावा, हिसार में AAP की पकड़ धीरे – धीरे बढ़ रही है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के प्रभाव वाला रहा है, जिससे AAP को एक अवसर मिला है। करनाल के लिए अलग बनाई रणनीति कुरुक्षेत्र और करनाल जिले भी NCR के करीब हैं और AAP ने यहां भी अपना आधार बढ़ाने प्रयास किया है। करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गृह जिला है, इसलिए AAP के लिए यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। सोनीपत और पानीपत जिले भी NCR का हिस्सा हैं। यहां के लोग दिल्ली की राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित होते हैं। AAP ने यहां शिक्षा , स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिला है। भिवानी, रेवाड़ी और झज्जर जिले भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। खासकर जब पार्टी ग्रामीण और कस्बा इलाकों में अपनी रणनीति को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रही है।