हिसार| सेक्टर-14 में सर्वेश हॉस्पिटल के सामने चाय व खाने की दुकान चलाने वाले खरड़ वासी नरेंद्र ने सोमवार को जहर का सेवन कर लिया। जिससे वह अचेत हो गया। हालत खराब होने पर उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। युवक नरेंद्र के भाई ने बताया कि नरेंद्र दोपहर को एफिडेविट बनवाने के लिए कोर्ट गया हुआ था। उसने बताया की एक महिला ने मेरे भाई पर दबाव बना रखा था। इससे वह परेशान रहता था। हिसार| सेक्टर-14 में सर्वेश हॉस्पिटल के सामने चाय व खाने की दुकान चलाने वाले खरड़ वासी नरेंद्र ने सोमवार को जहर का सेवन कर लिया। जिससे वह अचेत हो गया। हालत खराब होने पर उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। युवक नरेंद्र के भाई ने बताया कि नरेंद्र दोपहर को एफिडेविट बनवाने के लिए कोर्ट गया हुआ था। उसने बताया की एक महिला ने मेरे भाई पर दबाव बना रखा था। इससे वह परेशान रहता था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
5000 crore drug case: Does accused Tushar have a strong connection with Congress? BJP made a big allegation, demanded an answer
The Special Cell of Delhi Police has achieved a major success by recovering the biggest consignment of drugs in its…
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक का विरोध शुरू हो गया है। कौशिक का विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि उनके ही सगे बड़े भाई नरेश कौशिक ने किया है। नरेश का आरोप है कि उनका छोटा भाई अहंकारी है। उन्होंने कहा, ‘टिकट मिले हुए उसे 3 दिन हो गए, लेकिन उसने आज तक मुझे एक कॉल तक करना ठीक नहीं समझा। भले ही हमारे बीच मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने कभी अपने भाई के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उल्टा वह मेरे खिलाफ लगातार गलत बयानबाजी करता रहा।’ नरेश ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा, ‘मेरे परिवार में बेटी (दिनेश की बेटी) की शादी थी, लेकिन इस आदमी (दिनेश कौशिक) ने मुझे उस शादी तक में शामिल नहीं होने दिया। वह बहुत बड़ा अहंकारी है। मेरे परिवार को साजिश के तहत तोड़ा गया।’ शुक्रवार को नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बगैर नाम लिए ओमप्रकाश धनखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके परिवार में ही फूट डाल दी। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा इस परिस्थिति में पार्टी के कैंडिडेट का समर्थन कैसे संभव है? जो उनके पास एक कॉल तक नहीं कर सकता। मेरे साथ साजिश रची गई। मेरे घर को लूटने काम किया गया। मेरे परिवार को लूटने का काम किया गया। मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। इसलिए मैंने पार्टी को कहा- ये फैसला बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे तो कमल के फूल पर लड़ेंगे। मैंने हमेशा पार्टी हित के लिए काम किया है। मैंने उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई जो लोग कहते थे वोट डालकर दिखा देना। हमने दो बार दीपेंद्र हुड्डा को यहां से हराने का काम किया। मुझे दुख इस बात का है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मैं बीमार हो गया। अगर मैं बीमार नहीं होता तो अबकी बार भी दीपेंद्र को यहां से हराकर भेजते। जो नेता अपनी सीट नहीं जीत पाए वो पूरे झज्जर जिले की सीट दिलाने का काम करते है और वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को घुमराह कर मेरे भाई को लेकर गए। उन्हें पता था कि उनका भाई जीत नहीं सकता। क्योंकि नरेश कौशिक के साथ हलके की जनता हैं। इसी साजिश के तहत मेरी टिकट कटवाई गई। नरेश ने कहा कि पार्टी दो दिन में अपना फैसला बदले। वरना उसके बाद कार्यकर्ता जो फिर फैसला लेंगे मुझे मंजूर हैं। हालांकि नरेश कौशिक ने पार्टी नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी वह पार्टी में थे और आज भी बीजेपी में हैं। आगे का निर्णय कार्यकर्ता लेंगे। पिछले चुनाव में मिली थी हार बता दें कि नरेश कौशिक बहादुरगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2014 में वह इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के सामने चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को दिया। दोनों भाइयों के बीच मतभेद काफी समय से चले आ रहे है। इसी के चलते नरेश कौशिश दिनेश को टिकट दिए जाने से खासे नाराज दिखे। नरेश कौशिक का टिकट कटने की एक वजह उनका आईएनएलडी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में नाम आना भी रहा। हालांकि नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच अभी सीबीआई कर रही हैं। राठी के परिवार ने कौशिक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद कराया था। सीबीआई की टीम नरेश कौशिक के अलावा अन्य नामजद लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।
हरियाणा में कांग्रेस MLA का इस्तीफा:BJP की राज्यसभा उम्मीदवार होंगी, कल नामांकन भरेंगी; भाजपा ने विधायक दल की मीटिंग बुलाई
हरियाणा में कांग्रेस MLA का इस्तीफा:BJP की राज्यसभा उम्मीदवार होंगी, कल नामांकन भरेंगी; भाजपा ने विधायक दल की मीटिंग बुलाई हरियाणा में कांग्रेस छोड़कर BJP में आईं किरण चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा चंडीगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा मंजूर कर लिया है। किरण चौधरी 3 सितंबर को होने वाली राज्यसभा चुनाव के लिए कल नामांकन दाखिल कर सकती हैं। हालांकि भाजपा ने अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं किया है। BJP ने आज शाम 4 बजे चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग बुला ली है। इसमें राज्यसभा उपचुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ पार्टी के सभी विधायक मीटिंग में मौजूद रहेंगे। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा, ‘आज हमारा राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित हो जाएगा। वोटिंग होने की स्थिति में सभी विधायकों को हमने चंडीगढ़ पहुंचने के लिए कहा है। हमारे सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। कल हम अपने उम्मीदवार का नॉमिनेशन करवाएंगे। राज्यसभा चुनाव के लिए हमारे पास पूरा बहुमत है।’ राज्यसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हो चुकी है। उम्मीदवार 21 अगस्त नॉमिनेशन फाइल कर सकेंगे। 27 अगस्त को प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। 3 सितंबर को वोटिंग के बाद ही रिजल्ट जारी होगा। चूंकि अब किरण चौधरी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है तो उनकी बेटी श्रुति चौधरी तोशाम विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हो सकती हैं। 2026 तक राज्यसभा सीट का कार्यकाल किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी का कांग्रेस से टिकट कटने पर लोकसभा चुनाव के बाद 19 जून को भाजपा में शामिल हो गई थीं। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि किरण चौधरी राज्यसभा जा सकती हैं। प्रदेश में राज्यसभा की 5 सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट खाली हुई थी। दीपेंद्र हुड्डा का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनका शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए भारतीय चुनाव आयोग इस सीट पर उपचुनाव करा रहा है। भूपेंद्र हुड्डा कह चुके- हमारे पास नंबर नहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के पास विधानसभा में पूरे नंबर नहीं है। विधानसभा में कांग्रेस के केवल 28 विधायक हैं। इनमें तोशाम की विधायक किरण चौधरी शामिल नहीं हैं, क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के कारण कांग्रेस चुनाव से दूर रहेगी। कांग्रेस को 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इन्हें मिलाकर कांग्रेस के पास 31 विधायक ही बनते हैं। राज्यसभा सीट का चुनाव जीतने के लिए विधानसभा में 44 विधायकों की जरूरत है। अगर कोई 13 विधायक लेकर आता है तो कांग्रेस उसका समर्थन करने को तैयार है। यदि उनके पास पूरे विधायक होते तो वह पहलवान विनेश फोगाट को राज्यसभा भेज देते। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता। दुष्यंत बोले- हमारे कुछ विधायक कांग्रेसी हुए, उम्मीदवार खड़ा करें पूर्व डिप्टी सीएम और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, ’21 अगस्त को हरियाणा राज्यसभा उप चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि है। अब तो हमारे 4-5 विधायक भी कांग्रेसी हो चुके हैं। अब तो कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीतने के करीब है। अगर भूपेंद्र हुड्डा की बीजेपी से सांठगांठ नहीं है तो वो राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करें। हम पहले से ही बीजेपी के खिलाफ वोट करने का वादा कर चुके हैं। जेल के डर से बार-बार बिकता रहे, उधर का हो और इधर का दिखता रहे।’ विधानसभा में अभी ये है राजनीतिक समीकरण हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी अब भाजपा में हैं। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, INLD 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 43 विधायक हैं। विधानसभा में अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति एक जैसी ही है।