वाराणसी में लाखों का सामान चोरी करके भाग रही नौकरानी की चौथे मंजिल से नीचे गिर कर मौत हो गई। उसका शव बिल्डिंग के पीछे पड़ा मिला। मोहल्ले वालों ने उसको पहचान लिया और पुलिस को जानकारी दी। ऊपर जिस कारोबारी घर वह काम करती थी, उनके मकान की खिड़की खुली थी। जमीन पर कपड़े में बंधा सामान और ज्वेलरी बिखरे पड़े थे। पुलिस के मुताबिक, नौकरानी ने चोरी तो कर ली थी, मगर भागने की जल्दबाजी में उसका पैर गीले पाइप पर फिसल गया। वह करीब 35 फीट नीचे गिरकर मर गई। मृतका की पहचान रेनू देवी के रूप में हुई। वह ढेलवारिया में रहती थी। उसके पास साड़ी का बंडल, एक पर्स और छाता मिला है। कुछ सामान बिल्डिंग की छत पर भी मिला। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए। झाड़ू-पोछा करने आई, घर ही साफ कर दिया
जैतपुरा के संजयनगर कॉलोनी कॉटन मिल के पास VDA अपार्टमेंट में आदित्य मेहरोत्रा परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने करीब एक साल पहले सच्चेलाल गोंड की पत्नी रेनू को साफ-सफाई के लिए रखा था। रेनू झाड़ू-पोछा करने के बहाने घर की हर चीज पर निगाह रखती थी। वह आदित्य के घर से जाने और वापस आने का शेड्यूल, परिवार के सोने-जागने की सभी जानकारी जुटा रही थी। उसको ये भी पता था कि परिवार नगद और ज्वेलरी कहां रखता है? अलमारी की चाबी कहां रखी जाती हैं, ये भी उसको पता था। पोते का मुंडन कराने मकान मालिक गए हैं बरेली साड़ी व्यापारी आदित्य मल्होत्रा ने अपने पोते के मुंडन की तैयारी बरेली स्थित अपने पैत्रक गांव कराना तय किया। इसके लिए कार्ड छप गए और रिश्तेदारों को आमंत्रण भी दिया गया। इसके साथ ही रेनू ने चोरी का प्लान बना लिया। उसे पता था, बरेली में मालिक को आने-जाने में चार-पांच दिन लगेंगे। घर पर झाड़ू-पोछा के दौरान वह शादी की तैयारियों और वहां जाने वालों की जानकारी भी लेती रही। 13 जुलाई को आदित्य की पत्नी ने उसे सुबह जल्दी बुलाया। साफ-सफाई करने के बाद रेनू ने कार में सामान भी रखवाया। जब सभी ताला बंद करने लगे, तो रेनू कुछ छूटने की बात कहकर अंदर गई। इसके बाद वह पीछे की तरफ की खिड़की खोल कर बाहर आ गई। आदित्य मेहरोत्रा ने रेनू के अचानक अंदर जाने, फिर कुछ देर में बाहर आने को सामान्य बात समझी। वह परिवार के साथ कोलकाता रवाना हो गए। आदित्य ने कहा- 4-5 दिन काम पर मत आना
आदित्य ने बरेली जाने के पहले रेनू को 5 दिन की छुट्टी दी। उससे कहा कि अब 4-5 दिन मत आना। हम लौटकर तुम्हें फोन करेंगे। मकान मालिक के शादी में जाने की बात उसने कॉलोनी में किसी से साझा नहीं की। अपने पति को भी नहीं बताया। वह कई घरों में काम करती थी और घर से रोज उसी टाइम निकलती-लौटती थी। 1 दिन पहले रेनू आई, मगर चोरी नहीं कर पाई
आस-पास रहने वाले लोगों की मानें, तो 14 जुलाई को भी वह कॉलोनी में आई। मकान तक गई, लेकिन यह रेगुलर मूवमेंट था। इसलिए किसी ने कोई सवाल नहीं किया। रविवार को छुट्टी होने और मोहल्ले में लोगों की भीड़ के चलते वह फ्लैट तक गई, फिर कुछ देर बाद लौट आई। इसके बाद उसने वारदात के लिए 15 जुलाई की शाम को चुना। मकान मालिक के रिश्तेदारी में जाने के बावजूद रेनू सोमवार को काम करने के बहाने से कॉलोनी में गई। फ्लैट के पीछे पहुंचकर पाइप के सहारे खिड़की से अंदर पहुंच गई। रेनू ने घर की अलमारी खोली और 10 बनारसी साड़ियां निकाल लीं। घर के लॉकर में रखे गहने, रुपए और अन्य सामान निकाल लिया। अपनी मालकिन का फेवरेट पर्स और परफ्यूम भी कपड़े में बांध लिया। ज्वेलरी, परफ्यूम समेत कीमती सामान पर्स में डाला और छत पर पहुंच गई। वहां से उसने सारा सामान दो कपड़े की गठरी में बांधा। एक गठरी में 6 साड़ियां और दूसरी में 4 साड़ियां रखीं। कुछ अन्य कपड़े उसने अलग रख दिए। पाइप पकड़कर उतरते ही गिरी
सामान की गठरी बांधकर रेनू पाइप के सहारे नीचे उतरने की तैयारी करने लगी। उसने सारी गठरियों को छज्जे पर रखा और पर्स हाथ में लटकाकर उतरना शुरू किया। बारिश में पाइप गीला होने के चलते उसका हाथ-पैर फिसल गया। वह छत से नीचे जा गिरी। रेनू सिर के बल नीचे गिरी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आवाज सुनकर पहुंचे लोग, तो महिला का शव देखा
वाराणसी के संजय नगर कॉलोनी के फ्लैट में रहने वाले आवाज सुनकर पीछे पहुंचे तो महिला का शव मिला। मोहल्ले वालों ने शिनाख्त के बाद मकान मालिक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां ताला लगा था। लोगों ने पुलिस और मकान मालिक को सूचना दी। साथ ही रेनू के पति सच्चे लाल गोंड को भी जानकारी दी। SO ब्रजेश मिश्रा के मुताबिक, जांच में पता चला कि रेनू चोरी के इरादे से बिल्डिंग में गई। सामान, ज्वेलरी लेकर पीछे से उतरते समय ही हादसे का शिकार हुई। वाराणसी में लाखों का सामान चोरी करके भाग रही नौकरानी की चौथे मंजिल से नीचे गिर कर मौत हो गई। उसका शव बिल्डिंग के पीछे पड़ा मिला। मोहल्ले वालों ने उसको पहचान लिया और पुलिस को जानकारी दी। ऊपर जिस कारोबारी घर वह काम करती थी, उनके मकान की खिड़की खुली थी। जमीन पर कपड़े में बंधा सामान और ज्वेलरी बिखरे पड़े थे। पुलिस के मुताबिक, नौकरानी ने चोरी तो कर ली थी, मगर भागने की जल्दबाजी में उसका पैर गीले पाइप पर फिसल गया। वह करीब 35 फीट नीचे गिरकर मर गई। मृतका की पहचान रेनू देवी के रूप में हुई। वह ढेलवारिया में रहती थी। उसके पास साड़ी का बंडल, एक पर्स और छाता मिला है। कुछ सामान बिल्डिंग की छत पर भी मिला। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए। झाड़ू-पोछा करने आई, घर ही साफ कर दिया
जैतपुरा के संजयनगर कॉलोनी कॉटन मिल के पास VDA अपार्टमेंट में आदित्य मेहरोत्रा परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने करीब एक साल पहले सच्चेलाल गोंड की पत्नी रेनू को साफ-सफाई के लिए रखा था। रेनू झाड़ू-पोछा करने के बहाने घर की हर चीज पर निगाह रखती थी। वह आदित्य के घर से जाने और वापस आने का शेड्यूल, परिवार के सोने-जागने की सभी जानकारी जुटा रही थी। उसको ये भी पता था कि परिवार नगद और ज्वेलरी कहां रखता है? अलमारी की चाबी कहां रखी जाती हैं, ये भी उसको पता था। पोते का मुंडन कराने मकान मालिक गए हैं बरेली साड़ी व्यापारी आदित्य मल्होत्रा ने अपने पोते के मुंडन की तैयारी बरेली स्थित अपने पैत्रक गांव कराना तय किया। इसके लिए कार्ड छप गए और रिश्तेदारों को आमंत्रण भी दिया गया। इसके साथ ही रेनू ने चोरी का प्लान बना लिया। उसे पता था, बरेली में मालिक को आने-जाने में चार-पांच दिन लगेंगे। घर पर झाड़ू-पोछा के दौरान वह शादी की तैयारियों और वहां जाने वालों की जानकारी भी लेती रही। 13 जुलाई को आदित्य की पत्नी ने उसे सुबह जल्दी बुलाया। साफ-सफाई करने के बाद रेनू ने कार में सामान भी रखवाया। जब सभी ताला बंद करने लगे, तो रेनू कुछ छूटने की बात कहकर अंदर गई। इसके बाद वह पीछे की तरफ की खिड़की खोल कर बाहर आ गई। आदित्य मेहरोत्रा ने रेनू के अचानक अंदर जाने, फिर कुछ देर में बाहर आने को सामान्य बात समझी। वह परिवार के साथ कोलकाता रवाना हो गए। आदित्य ने कहा- 4-5 दिन काम पर मत आना
आदित्य ने बरेली जाने के पहले रेनू को 5 दिन की छुट्टी दी। उससे कहा कि अब 4-5 दिन मत आना। हम लौटकर तुम्हें फोन करेंगे। मकान मालिक के शादी में जाने की बात उसने कॉलोनी में किसी से साझा नहीं की। अपने पति को भी नहीं बताया। वह कई घरों में काम करती थी और घर से रोज उसी टाइम निकलती-लौटती थी। 1 दिन पहले रेनू आई, मगर चोरी नहीं कर पाई
आस-पास रहने वाले लोगों की मानें, तो 14 जुलाई को भी वह कॉलोनी में आई। मकान तक गई, लेकिन यह रेगुलर मूवमेंट था। इसलिए किसी ने कोई सवाल नहीं किया। रविवार को छुट्टी होने और मोहल्ले में लोगों की भीड़ के चलते वह फ्लैट तक गई, फिर कुछ देर बाद लौट आई। इसके बाद उसने वारदात के लिए 15 जुलाई की शाम को चुना। मकान मालिक के रिश्तेदारी में जाने के बावजूद रेनू सोमवार को काम करने के बहाने से कॉलोनी में गई। फ्लैट के पीछे पहुंचकर पाइप के सहारे खिड़की से अंदर पहुंच गई। रेनू ने घर की अलमारी खोली और 10 बनारसी साड़ियां निकाल लीं। घर के लॉकर में रखे गहने, रुपए और अन्य सामान निकाल लिया। अपनी मालकिन का फेवरेट पर्स और परफ्यूम भी कपड़े में बांध लिया। ज्वेलरी, परफ्यूम समेत कीमती सामान पर्स में डाला और छत पर पहुंच गई। वहां से उसने सारा सामान दो कपड़े की गठरी में बांधा। एक गठरी में 6 साड़ियां और दूसरी में 4 साड़ियां रखीं। कुछ अन्य कपड़े उसने अलग रख दिए। पाइप पकड़कर उतरते ही गिरी
सामान की गठरी बांधकर रेनू पाइप के सहारे नीचे उतरने की तैयारी करने लगी। उसने सारी गठरियों को छज्जे पर रखा और पर्स हाथ में लटकाकर उतरना शुरू किया। बारिश में पाइप गीला होने के चलते उसका हाथ-पैर फिसल गया। वह छत से नीचे जा गिरी। रेनू सिर के बल नीचे गिरी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आवाज सुनकर पहुंचे लोग, तो महिला का शव देखा
वाराणसी के संजय नगर कॉलोनी के फ्लैट में रहने वाले आवाज सुनकर पीछे पहुंचे तो महिला का शव मिला। मोहल्ले वालों ने शिनाख्त के बाद मकान मालिक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां ताला लगा था। लोगों ने पुलिस और मकान मालिक को सूचना दी। साथ ही रेनू के पति सच्चे लाल गोंड को भी जानकारी दी। SO ब्रजेश मिश्रा के मुताबिक, जांच में पता चला कि रेनू चोरी के इरादे से बिल्डिंग में गई। सामान, ज्वेलरी लेकर पीछे से उतरते समय ही हादसे का शिकार हुई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर