छत्तीसगढ़ में बढ़ेंगे रोजगार के मौके, शिक्षा क्षेत्र में सुधार, कैबिनेट की बैठक में लिए गए ये अहम फैसले

छत्तीसगढ़ में बढ़ेंगे रोजगार के मौके, शिक्षा क्षेत्र में सुधार, कैबिनेट की बैठक में लिए गए ये अहम फैसले

<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh Cabinet Decision:</strong> छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को यहां मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का संचालन करने का निर्णय लिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पालक-शिक्षक सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अभियान के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा. इसके तहत विद्यालयों को गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी. कमजोर स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से तय की जाएगी. मॉडल शालाओं का चयन कर, कमजोर शालाओं के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक टूर कराया जाएगा. पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कलाकारों और साहित्यकारों के लिए बड़ी राहत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक बड़ी राहत देने वाला निर्णय लिया है. विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के परिपालन में अब कलाकारों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. इसके लिए संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालित वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया. इससे उन कलाकारों और साहित्यकारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि यह योजना वर्ष 1986 में शुरू की गई थी, तब न्यूनतम सहायता राशि 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये निर्धारित थी. बाद में वर्ष 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये और फिर 2012 में 2000 रुपये किया गया. लेकिन पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी. वर्तमान में राज्य में कुल 162 कलाकारों को यह पेंशन दी जा रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में हर कलाकार को सालाना 24 हजार रुपये पेंशन मिल रही है, जो संशोधन के बाद बढ़कर 60 हजार रुपये हो जाएगी. इससे कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रुपये से बढ़कर 97.20 लाख रुपये हो जाएगा, जिससे राज्य पर 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा.<br />&nbsp;<br />मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने एवं भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.<br />&nbsp;<br />मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है. इससे राज्य की औद्योगिक नीति और अधिक रोजगारपरक, व्यापक और उद्यमों के लिए लाभकारी हो जाएगी. प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग तक को बढ़ावा मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>युवाओं को मिलेगा रोजगार</strong> -नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की तरफ से अनुदान मिलेगा.<br /><strong>हाइटेक खेती को बढ़ावा</strong> -अब हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा. किसानों को नई तकनीक, जैसे ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का फायदा मिलेगा.<br /><strong>युवाओं के लिए ट्रेनिंग और खेल की सुविधाएं</strong> – राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और करियर के अवसर मिलेंगे.<br />गुणवत्ता पूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा. ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर को सभी विकासखण्ड समूहों में मान्य किया जाएगा.<br /><strong>पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा</strong> -बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है, जिससे इन इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.<br /><strong>कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन</strong> – टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश करने पर अब 200 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन मिलेगा. इससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा मिलेगा.<br /><strong>लॉजिस्टिक हब बनेगा छत्तीसगढ़</strong> -अब राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी. इससे व्यापारियों को फायदा होगा और बाजारों तक पहुंच आसान होगी.<br /><strong>दिव्यांगजनों को विशेष लाभ</strong> – दिव्यांगजनों की परिभाषा को नया रूप दिया गया है ताकि उन्हें ज्यादा योजनाओं का लाभ मिल सके.<br />ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज, निजी औद्योगिक पार्क के लिए अधोसंरचना अनुदान में बढ़ोत्तरी तथा प्लग एंड प्ले फैक्ट्री निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश में इज आफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम 500 विद्यार्थी क्षमता के कक्षा पहली से 12वीं निजी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल एवं मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल से वंचित प्रदेश के नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से भिन्न विकासखण्ड मुख्यालय से 10 किलोमीटर की परिधि तक के क्षेत्र में प्रथम तीन इकाई को थ्रस्ट सेक्टर की भांति सम्मिलित किया जाएगा. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/union-minister-shivraj-singh-chouhan-handed-over-acceptance-letters-of-pm-awas-yojana-in-ambikapur-vishnu-deo-sai-chhattisgahr-2943667″>केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंबिकापुर में सौंपे PM आवास के स्वीकृति पत्र, बोले- ‘कोई गरीब कच्चे मकान में न रहे'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh Cabinet Decision:</strong> छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को यहां मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का संचालन करने का निर्णय लिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पालक-शिक्षक सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अभियान के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा. इसके तहत विद्यालयों को गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी. कमजोर स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से तय की जाएगी. मॉडल शालाओं का चयन कर, कमजोर शालाओं के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक टूर कराया जाएगा. पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कलाकारों और साहित्यकारों के लिए बड़ी राहत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक बड़ी राहत देने वाला निर्णय लिया है. विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के परिपालन में अब कलाकारों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. इसके लिए संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालित वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया. इससे उन कलाकारों और साहित्यकारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि यह योजना वर्ष 1986 में शुरू की गई थी, तब न्यूनतम सहायता राशि 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये निर्धारित थी. बाद में वर्ष 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये और फिर 2012 में 2000 रुपये किया गया. लेकिन पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी. वर्तमान में राज्य में कुल 162 कलाकारों को यह पेंशन दी जा रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में हर कलाकार को सालाना 24 हजार रुपये पेंशन मिल रही है, जो संशोधन के बाद बढ़कर 60 हजार रुपये हो जाएगी. इससे कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रुपये से बढ़कर 97.20 लाख रुपये हो जाएगा, जिससे राज्य पर 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा.<br />&nbsp;<br />मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने एवं भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.<br />&nbsp;<br />मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है. इससे राज्य की औद्योगिक नीति और अधिक रोजगारपरक, व्यापक और उद्यमों के लिए लाभकारी हो जाएगी. प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग तक को बढ़ावा मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>युवाओं को मिलेगा रोजगार</strong> -नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की तरफ से अनुदान मिलेगा.<br /><strong>हाइटेक खेती को बढ़ावा</strong> -अब हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा. किसानों को नई तकनीक, जैसे ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का फायदा मिलेगा.<br /><strong>युवाओं के लिए ट्रेनिंग और खेल की सुविधाएं</strong> – राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और करियर के अवसर मिलेंगे.<br />गुणवत्ता पूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा. ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर को सभी विकासखण्ड समूहों में मान्य किया जाएगा.<br /><strong>पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा</strong> -बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है, जिससे इन इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.<br /><strong>कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन</strong> – टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश करने पर अब 200 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन मिलेगा. इससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा मिलेगा.<br /><strong>लॉजिस्टिक हब बनेगा छत्तीसगढ़</strong> -अब राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी. इससे व्यापारियों को फायदा होगा और बाजारों तक पहुंच आसान होगी.<br /><strong>दिव्यांगजनों को विशेष लाभ</strong> – दिव्यांगजनों की परिभाषा को नया रूप दिया गया है ताकि उन्हें ज्यादा योजनाओं का लाभ मिल सके.<br />ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज, निजी औद्योगिक पार्क के लिए अधोसंरचना अनुदान में बढ़ोत्तरी तथा प्लग एंड प्ले फैक्ट्री निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश में इज आफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम 500 विद्यार्थी क्षमता के कक्षा पहली से 12वीं निजी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल एवं मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल से वंचित प्रदेश के नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से भिन्न विकासखण्ड मुख्यालय से 10 किलोमीटर की परिधि तक के क्षेत्र में प्रथम तीन इकाई को थ्रस्ट सेक्टर की भांति सम्मिलित किया जाएगा. &nbsp;</p>
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