सब इंस्पेक्टर अनुराग अवस्थी को जांच करना नहीं आता। SSP उनको जांच के प्रशिक्षण के लिए एकेडमी भेजें। ताकि आगे नियमानुसार जांच करें। ये टिप्पणी झांसी में अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने पति-देवर को सजा सुनाते हुए की। दोनों ने करीब सवा 3 साल पहले महिला की हत्या करने की कोशिश की थी। कोर्ट ने दोनों को 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई है। 2.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पैसे नहीं देने पर 1-1 साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। घटना के समय एसआई अनुराग अवस्थी झांसी में विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज थे। इसके बाद कटेरा, टोड़ी फतेहपुर समेत अन्य थानों में थानाध्यक्ष रहे। यहां से उनका ललितपुर तबादला हो गया था। एक महीने पहले प्रमोशन पाकर अनुराग इंस्पेक्टर बन गए हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग ललितपुर में है। वे तालबेहट थाना के प्रभारी पद पर तैनात हैं। जज की पूरी टिप्पणी… जज सुनील कुमार यादव ने कहा- विवेचक उप निरीक्षक अनुराग अवस्थी ने घटनास्थल से लोहे का रॉड, कैंची और चाकू एकत्रित नहीं किए। न ही दाखिल वीडियो के संबंध में धारा 65 बी (4) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के अन्तर्गत प्रमाणपत्र दिया। जिससे यह साबित होता है कि इनको जांच करने का विधिक ज्ञान नहीं है। इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी को निर्देशित किया जाता है कि उप निरीक्षक अनुराग अवस्थी काे जांच के प्रशिक्षण के लिए एकेडमी में भेजें। अगर इनका ट्रांसफर हो चुका हो तो इस संदर्भ में डीजीपी लखनऊ को पत्र के साथ आदेश की कॉपी भेजी जाए। अब पढ़िए पूरा मामला… मकान को लेकर विवाद था
सहायक जिला शासकीय वकील तेज सिंह गौर ने बताया कि सोनिया घई ने 16 दिसंबर 2021 को नवाबाद थाना में शिकायत दी थी। इसमें बताया था कि उसकी शादी मुकेश घई उर्फ बंटी से 22 साल पहले हुई थी। पति और देवर राजेश घई उर्फ लकी नशा करते हैं। मौत से पहले सास संतोष घई ने मकान की वसीयत पति और देवर के नाम कर दी थी। मगर वसीयत में शर्त रखी कि दोनों मकान को सोनिया की अनुमति के बिना बेच नहीं सकते हैं। सोनिया का पति, उसका भाई और बहन मकान को बेचना चाहते थे। सोनिया ने उन्हें मकान बेचने की अनुमति नहीं दी तो उनके साथ मारपीट की। 15 दिसंबर 2021 की शाम 6 बजे सोनिया अपने कमरे में थी। तभी पति और देवर आए। गाली गलौच कर जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। पति ने लोहे की रॉड सिर पर मारी और देवर ने कैंची से सिर और सीने पर वॉर किया। जिससे सोनिया लहूलुहान हो गई। दोनों गेट पर ताला लगाकर भाग गए। चिल्लाने पर आसपास के लोग आए और पुलिस को बुलाया। पुलिस ने गेट तोड़कर जान बचाई और घटना का वीडियो भी बनाया। पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। आज दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। ——————————- ये भी पढ़ें : कानपुर IIT छात्रा का केस लड़ेंगी निर्भया की वकील: बोलीं- ACP ने रेप और लव-जेहाद किया, ACP मोहसिन को सख्त सजा दिलाऊंगी कानपुर की IIT छात्रा का केस रेप और लव जेहाद का है। छात्रा पर गलत तरीके से कोर्ट की मदद से क्रॉस FIR दर्ज कराई गई है। ACP मोहसिन को हाईकोर्ट से मिली अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दूंगी। आरोपी ACP मोहसिन को सख्त सजा दिलाऊंगी। छात्रा को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी मेरी है। यह कहना है निर्भया का केस लड़ने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि का। सीमा अब IIT रिसर्च स्कॉलर का केस लड़ेंगी। IIT छात्रा ने बताया कि हाईकोर्ट से ACP मोहसिन को राहत और क्रॉस FIR के बाद मेरे ऊपर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। पूरी खबर पढ़िए…. सब इंस्पेक्टर अनुराग अवस्थी को जांच करना नहीं आता। SSP उनको जांच के प्रशिक्षण के लिए एकेडमी भेजें। ताकि आगे नियमानुसार जांच करें। ये टिप्पणी झांसी में अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने पति-देवर को सजा सुनाते हुए की। दोनों ने करीब सवा 3 साल पहले महिला की हत्या करने की कोशिश की थी। कोर्ट ने दोनों को 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई है। 2.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पैसे नहीं देने पर 1-1 साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। घटना के समय एसआई अनुराग अवस्थी झांसी में विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज थे। इसके बाद कटेरा, टोड़ी फतेहपुर समेत अन्य थानों में थानाध्यक्ष रहे। यहां से उनका ललितपुर तबादला हो गया था। एक महीने पहले प्रमोशन पाकर अनुराग इंस्पेक्टर बन गए हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग ललितपुर में है। वे तालबेहट थाना के प्रभारी पद पर तैनात हैं। जज की पूरी टिप्पणी… जज सुनील कुमार यादव ने कहा- विवेचक उप निरीक्षक अनुराग अवस्थी ने घटनास्थल से लोहे का रॉड, कैंची और चाकू एकत्रित नहीं किए। न ही दाखिल वीडियो के संबंध में धारा 65 बी (4) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के अन्तर्गत प्रमाणपत्र दिया। जिससे यह साबित होता है कि इनको जांच करने का विधिक ज्ञान नहीं है। इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी को निर्देशित किया जाता है कि उप निरीक्षक अनुराग अवस्थी काे जांच के प्रशिक्षण के लिए एकेडमी में भेजें। अगर इनका ट्रांसफर हो चुका हो तो इस संदर्भ में डीजीपी लखनऊ को पत्र के साथ आदेश की कॉपी भेजी जाए। अब पढ़िए पूरा मामला… मकान को लेकर विवाद था
सहायक जिला शासकीय वकील तेज सिंह गौर ने बताया कि सोनिया घई ने 16 दिसंबर 2021 को नवाबाद थाना में शिकायत दी थी। इसमें बताया था कि उसकी शादी मुकेश घई उर्फ बंटी से 22 साल पहले हुई थी। पति और देवर राजेश घई उर्फ लकी नशा करते हैं। मौत से पहले सास संतोष घई ने मकान की वसीयत पति और देवर के नाम कर दी थी। मगर वसीयत में शर्त रखी कि दोनों मकान को सोनिया की अनुमति के बिना बेच नहीं सकते हैं। सोनिया का पति, उसका भाई और बहन मकान को बेचना चाहते थे। सोनिया ने उन्हें मकान बेचने की अनुमति नहीं दी तो उनके साथ मारपीट की। 15 दिसंबर 2021 की शाम 6 बजे सोनिया अपने कमरे में थी। तभी पति और देवर आए। गाली गलौच कर जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। पति ने लोहे की रॉड सिर पर मारी और देवर ने कैंची से सिर और सीने पर वॉर किया। जिससे सोनिया लहूलुहान हो गई। दोनों गेट पर ताला लगाकर भाग गए। चिल्लाने पर आसपास के लोग आए और पुलिस को बुलाया। पुलिस ने गेट तोड़कर जान बचाई और घटना का वीडियो भी बनाया। पुलिस ने दोनों को अरेस्ट कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। आज दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। ——————————- ये भी पढ़ें : कानपुर IIT छात्रा का केस लड़ेंगी निर्भया की वकील: बोलीं- ACP ने रेप और लव-जेहाद किया, ACP मोहसिन को सख्त सजा दिलाऊंगी कानपुर की IIT छात्रा का केस रेप और लव जेहाद का है। छात्रा पर गलत तरीके से कोर्ट की मदद से क्रॉस FIR दर्ज कराई गई है। ACP मोहसिन को हाईकोर्ट से मिली अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दूंगी। आरोपी ACP मोहसिन को सख्त सजा दिलाऊंगी। छात्रा को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी मेरी है। यह कहना है निर्भया का केस लड़ने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि का। सीमा अब IIT रिसर्च स्कॉलर का केस लड़ेंगी। IIT छात्रा ने बताया कि हाईकोर्ट से ACP मोहसिन को राहत और क्रॉस FIR के बाद मेरे ऊपर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। पूरी खबर पढ़िए…. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
जज बोले-दरोगा को जांच करना नहीं आता:झांसी SP इनको ट्रेनिंग पर भेजें; एक महीना पहले ही प्रमोशन पाकर बने हैं इंस्पेक्टर
