जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने लौटाई अब्दुल्ला सरकार की फाइल लौटाई, जानें क्या है वजह?

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने लौटाई अब्दुल्ला सरकार की फाइल लौटाई, जानें क्या है वजह?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा मार्च की शुरुआत में उनकी मंजूरी के लिए भेजी गई प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर) से संबंधित फाइल लौटा दी है. उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि नियमों को तैयार करते समय आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों ने बताया कि फाइल को दो दिन पहले वापस भेजा गया था. करीब दो महीने पहले इसे पहली बार जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की मंजूरी के बाद एलजी की मंजूरी के लिए भेजा गया था.&nbsp;टीबीआर, जो यह स्पष्ट करना चाहता है कि जम्मू-कश्मीर में सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालय कैसे काम करेंगे, का मसौदा वरिष्ठ वकील रोहिंटन नरीमन की एक उच्च स्तरीय समिति ने तैयार किया था. एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि फाइल इसलिए लौटाई गई क्योंकि एलजी के कार्यालय ने टीबीआर को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत पाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फाइल लौटाने को लेकर कही यह बात&nbsp;</strong><br />टीबीआर में प्रस्ताव है कि आईएएस अधिकारियों सहित सभी पोस्टिंग और ट्रांसफर को जम्मू-कश्मीर कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 53 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपराज्यपाल अपने कार्यों के दौरान अखिल भारतीय सेवाओं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित मामलों में अपने विवेक से काम करेंगे, इसके अलावा ऐसे मामले जो विधानसभा की शक्तियों से बाहर हैं या किसी न्यायिक कार्य के अभ्यास से संबंधित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीबीआर राज्य के दर्जे के बिना भी राज्य के दर्जे से जुड़ी शक्तियों का दावा करता प्रतीत होता है. एक अधिकारी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों की गलत व्याख्या की गई है. कोई भी नियम संसद के अधिनियम में लिखित शब्द से आगे नहीं जा सकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>29 अप्रैल को 96 जेकेएएस अधिकारियों के तबादले का किए आदेश जारी</strong><br />अब्दुल्ला सरकार जम्मू-कश्मीर में कई सरकारी विभागों के शीर्ष पर आईएएस अधिकारियों की तैनाती के बारे में शिकायत कर रही है, जो पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के अधिकारियों के कब्जे में थे या उनके लिए निर्धारित थे. केवल 29 अप्रैल को अब्दुल्ला सरकार ने 96 जेकेएएस अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>.ये भी पढ़ें: <a title=”जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भीषण हादसा, गहरी खाई में सेना का वाहन गिरने से 3 सैन्यकर्मियों की मौत” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-news-3-soldiers-died-in-j-k-highway-accident-in-ramban-2937541″ target=”_self”>जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भीषण हादसा, गहरी खाई में सेना का वाहन गिरने से 3 सैन्यकर्मियों की मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा मार्च की शुरुआत में उनकी मंजूरी के लिए भेजी गई प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर) से संबंधित फाइल लौटा दी है. उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि नियमों को तैयार करते समय आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों ने बताया कि फाइल को दो दिन पहले वापस भेजा गया था. करीब दो महीने पहले इसे पहली बार जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की मंजूरी के बाद एलजी की मंजूरी के लिए भेजा गया था.&nbsp;टीबीआर, जो यह स्पष्ट करना चाहता है कि जम्मू-कश्मीर में सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यालय कैसे काम करेंगे, का मसौदा वरिष्ठ वकील रोहिंटन नरीमन की एक उच्च स्तरीय समिति ने तैयार किया था. एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि फाइल इसलिए लौटाई गई क्योंकि एलजी के कार्यालय ने टीबीआर को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत पाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फाइल लौटाने को लेकर कही यह बात&nbsp;</strong><br />टीबीआर में प्रस्ताव है कि आईएएस अधिकारियों सहित सभी पोस्टिंग और ट्रांसफर को जम्मू-कश्मीर कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 53 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपराज्यपाल अपने कार्यों के दौरान अखिल भारतीय सेवाओं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित मामलों में अपने विवेक से काम करेंगे, इसके अलावा ऐसे मामले जो विधानसभा की शक्तियों से बाहर हैं या किसी न्यायिक कार्य के अभ्यास से संबंधित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीबीआर राज्य के दर्जे के बिना भी राज्य के दर्जे से जुड़ी शक्तियों का दावा करता प्रतीत होता है. एक अधिकारी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों की गलत व्याख्या की गई है. कोई भी नियम संसद के अधिनियम में लिखित शब्द से आगे नहीं जा सकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>29 अप्रैल को 96 जेकेएएस अधिकारियों के तबादले का किए आदेश जारी</strong><br />अब्दुल्ला सरकार जम्मू-कश्मीर में कई सरकारी विभागों के शीर्ष पर आईएएस अधिकारियों की तैनाती के बारे में शिकायत कर रही है, जो पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के अधिकारियों के कब्जे में थे या उनके लिए निर्धारित थे. केवल 29 अप्रैल को अब्दुल्ला सरकार ने 96 जेकेएएस अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>.ये भी पढ़ें: <a title=”जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भीषण हादसा, गहरी खाई में सेना का वाहन गिरने से 3 सैन्यकर्मियों की मौत” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-news-3-soldiers-died-in-j-k-highway-accident-in-ramban-2937541″ target=”_self”>जम्मू-कश्मीर हाईवे पर भीषण हादसा, गहरी खाई में सेना का वाहन गिरने से 3 सैन्यकर्मियों की मौत</a></strong></p>  जम्मू और कश्मीर भगवान काशी विश्वनाथ को नहीं सताएगी गर्मी, ठंडक के लिए गर्भगृह में लगाया गया खास फव्वरा