कॉन्स्टेबल सौरभ की हत्या के बाद नाहल गांव के ज्यादातर लोग घर छोड़कर चले गए हैं। 200 मकान खाली पड़े हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। सड़कों पर सिर्फ हथियार लिए पुलिस के जवान दिख रहे। जिन लोगों से घरों के अंदर मुलाकात हुई, उन्होंने बताया- पुलिस वाले आधी रात को दरवाजों पर राइफल की बट मारते हैं, ट्रक में भर-भरकर लोगों को कहीं ले जाते हैं। जो लोग बचे हैं, वो गांव छोड़कर रिश्तेदार और दोस्तों के यहां चले गए हैं। कुछ घरों में महिलाएं और बच्चे हैं, मगर उन्हें रोजमर्रा की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। घर से बाहर निकलते ही पुलिस तमाम सवाल करती हैं, भगा देती है। ज्यादातर वक्त गांव के ऊपर ड्रोन उड़ता हुआ दिखता है। ये सब 25 मई की रात के बाद हुआ। जब नोएडा पुलिस हिस्ट्रीशीटर कादिर को पकड़ने आई थी। जहां कादिर को छुड़ाते हुए उसके भाई और गुर्गों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पथराव करते हुए पुलिस पर फायरिंग कर दी। आरोपियों ने बीच गांव में ही नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ कुमार की हत्या कर दी। पुलिस अब तक मुख्य आरोपी कादिर समेत 14 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है, 15 से ज्यादा लोग हिरासत में हैं। गांव का माहौल कैसा है, घटना को लेकर लोग क्या कह रहे हैं, वो आरोपियों और पुलिस कार्रवाई के बारे में क्या कहते हैं? ये सब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर गाजियाबाद में मसूरी थाने से 5 किमी दूर नाहल गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव का माहौल सड़कों पर सन्नाटा, स्कूल में टीचर नहीं आ रहे
टीम नाहल पहुंचीं तो कस्बे के मार्केट की दुकानों के शटर गिरे मिले। कॉन्स्टेबल की हत्या हुए 4 दिन बीत चुके हैं। मगर हालात नॉर्मल नहीं हुए हैं। सड़क पर सिर्फ कुछ जानवर नजर आए। ये जानवर उन घरों के बताए गए, जो लोग गांव छोड़कर जा चुके थे। अब हम हिस्ट्रीशीटर कादिर की कोठी की तरफ चल पड़े। यहां पर PAC की ट्रक खड़ी थी, कादिर के घर के बाहर पुलिस वाले कुर्सियों पर बैठे थे। हमने उनसे बात करने का प्रयास किया, मगर उन्होंने साफ मना कर दिया। कहा- आप गांव से चले जाइए। हम गांव के प्राथमिक स्कूल तक पहुंचे, यहां भी ताला लगा हुआ था। हमने अंदाजा लगाया कि इस खौफ के माहौल में शायद टीचर भी स्कूल नहीं आ रहे थे। एक्सप्रेसवे की तरफ से चलते हुए हम गांव के दूसरे छोर पर पहुंचे। यहां कुछ चहल पहल जरूर थी, मार्केट की दुकानें भी खुली हुई थी। कुछ लोग खरीदारी करते हुए दिख रहे थे। पुलिस ट्रक से लोगों को पकड़कर ले गई
गांव में 100 मीटर अंदर चलने पर मो. दानिश से मुलाकात हुई। वह गांव से बाहर जा रहे थे। हमने उन्हें रोका और पूछा- आप गांव के ही रहने वाले हैं? उन्होंने कहा- हां…। हमने फिर पूछा- आप कहां जा रहे हैं और गांव में सन्नाटा क्यों है? दानिश बोले- मेरी किराने की दुकान है। सिपाही की हत्या के बाद से गांव के ज्यादातर घर खाली हैं। कोई सब्जी और फल खरीदने वाला भी नहीं है। तीन दिन हो गए पुलिस की गाड़ी आती है। बुधवार रात पुलिस ट्रक से लोगों को लेकर गई। पुलिस का इतना खौफ है कि लोग घरों में ताले लगा कर चले गए। जो हैं वो डर के कारण बाहर नहीं निकल रहे। लोग बोले- पुलिस दुकानें बंद करवा देती है, अब हम क्या करें
अब हमने घरों के अंदर मौजूद लोगों से बातचीत शुरू की। मोहम्मद मुनसेद ने कहा- इस मामले में वो लोग परेशान किए जा रहे हैं, जिनका कोई लेनादेना नहीं। सारा गांव क्रिमिनल तो नहीं हो सकता है। पुलिस सबको परेशान कर रही है। कासिम ने कहा- पुलिस दुकानें बंद करवाए रही है, लोगों के पास पैसा नहीं हैं। घर कैसे चलाएंगे, इसलिए लोग परिवार को रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं। क्या कर सकते हैं? ग्राम प्रधान हाजी तवस्सुर से मोबाइल पर बात हुई, उन्होंने बताया- मैं गांव के बाहर हूं। पुलिस के डर से आधे घरों से फरार हैं। पूरे गांव में कोई भी युवा नहीं मिलेगा। इस गांव में करीब 600 घर हैं। यहां की ज्यादातर आबादी मुस्लिम है। हमारा बस इतना ही कहना है कि जिसने अपराध किया है उसी को पुलिस जेल भेजे। लेकिन किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए। इस समय गांव में पुलिस की इतनी दहशत है कि लोग डरकर पलायन कर गए। कादिर समेत 14 को जेल भेजा, 7 और हमलावर भी चिह्नित
नोएडा पुलिस के SI सचिन राठी की तरफ से मसूरी थाने में कादिर, उसके भाई समेत अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। इसकी जांच इंस्पेक्टर योगेंद्र पंवार को दी गई है। अभी तक जिन हमलावरों को जेल भेजा गया है। उन सभी पर कॉमन धारा लगाई गई हैं। जिसमें सभी ने घेरकर एक साथ पुलिस पर हमला किया। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर कादिर, नन्हू, अब्दुल सलाम, मुशाहिद, अब्दुल खालिद, जावेद, मुरसलीन, इनाम, महताब, मेहराज, जावेद, हसीन, मुरसलीम,अब्दुल रहमान को अरेस्ट किया है। 7 अन्य हमलावर भी चिह्नित किए गए हैं, जो घर से फरार बताए जा रहे हैं। अब कॉन्स्टेबल सौरभ हत्याकांड की पूरी कहानी समझिए पुलिस पर पथराव, गाड़ी के पीछे छिपकर जान बचाई
रविवार रात 11.40 बजे नोएडा पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर को पकड़कर ले जा रही थी, तभी उसके साथियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिसवालों ने गाड़ी रोकी और भागकर जान बचाई। मौका मिलते ही हिस्ट्रीशीटर कादिर (24) भाग गया। फिर उसने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर गोलियां बरसा दीं। दरअसल, सातों पुलिसवालों की हत्या करने की साजिश थी। 20-25 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाई गईं। इसी बीच, कादिर की चलाई गोली सिपाही सौरभ के सिर में लग गई। यह देखकर कादिर अपने साथियों के साथ वहां से भाग गया। वहीं, हमले के बाद पुलिसकर्मी सिपाही को ऑटो से अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शासन ने सौरभ के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। हालांकि, रविवार रात 12 बजे ही पुलिस ने कादिर को दोबारा गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या, लूट जैसे 24 से ज्यादा केस दर्ज हैं। ……….
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यूपी पुलिस पर कैसे भारी पड़े हिस्ट्रीशीटर: गाजियाबाद में 7 पुलिसकर्मी को मारने वाले थे, बदमाश बोले- कोई बचना नहीं चाहिए नाहल गांव में आज भी पुलिस के बूटों की थाप सुनाई पड़ रही थी। ये वही गांव है, जहां हिस्ट्रीशीटर कादिर ने यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। हालांकि सिर्फ 2 घंटे के अंदर पुलिस ने कादिर को दोबारा अरेस्ट कर लिया। पढ़िए पूरी खबर… कॉन्स्टेबल सौरभ की हत्या के बाद नाहल गांव के ज्यादातर लोग घर छोड़कर चले गए हैं। 200 मकान खाली पड़े हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। सड़कों पर सिर्फ हथियार लिए पुलिस के जवान दिख रहे। जिन लोगों से घरों के अंदर मुलाकात हुई, उन्होंने बताया- पुलिस वाले आधी रात को दरवाजों पर राइफल की बट मारते हैं, ट्रक में भर-भरकर लोगों को कहीं ले जाते हैं। जो लोग बचे हैं, वो गांव छोड़कर रिश्तेदार और दोस्तों के यहां चले गए हैं। कुछ घरों में महिलाएं और बच्चे हैं, मगर उन्हें रोजमर्रा की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। घर से बाहर निकलते ही पुलिस तमाम सवाल करती हैं, भगा देती है। ज्यादातर वक्त गांव के ऊपर ड्रोन उड़ता हुआ दिखता है। ये सब 25 मई की रात के बाद हुआ। जब नोएडा पुलिस हिस्ट्रीशीटर कादिर को पकड़ने आई थी। जहां कादिर को छुड़ाते हुए उसके भाई और गुर्गों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पथराव करते हुए पुलिस पर फायरिंग कर दी। आरोपियों ने बीच गांव में ही नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ कुमार की हत्या कर दी। पुलिस अब तक मुख्य आरोपी कादिर समेत 14 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है, 15 से ज्यादा लोग हिरासत में हैं। गांव का माहौल कैसा है, घटना को लेकर लोग क्या कह रहे हैं, वो आरोपियों और पुलिस कार्रवाई के बारे में क्या कहते हैं? ये सब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर गाजियाबाद में मसूरी थाने से 5 किमी दूर नाहल गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव का माहौल सड़कों पर सन्नाटा, स्कूल में टीचर नहीं आ रहे
टीम नाहल पहुंचीं तो कस्बे के मार्केट की दुकानों के शटर गिरे मिले। कॉन्स्टेबल की हत्या हुए 4 दिन बीत चुके हैं। मगर हालात नॉर्मल नहीं हुए हैं। सड़क पर सिर्फ कुछ जानवर नजर आए। ये जानवर उन घरों के बताए गए, जो लोग गांव छोड़कर जा चुके थे। अब हम हिस्ट्रीशीटर कादिर की कोठी की तरफ चल पड़े। यहां पर PAC की ट्रक खड़ी थी, कादिर के घर के बाहर पुलिस वाले कुर्सियों पर बैठे थे। हमने उनसे बात करने का प्रयास किया, मगर उन्होंने साफ मना कर दिया। कहा- आप गांव से चले जाइए। हम गांव के प्राथमिक स्कूल तक पहुंचे, यहां भी ताला लगा हुआ था। हमने अंदाजा लगाया कि इस खौफ के माहौल में शायद टीचर भी स्कूल नहीं आ रहे थे। एक्सप्रेसवे की तरफ से चलते हुए हम गांव के दूसरे छोर पर पहुंचे। यहां कुछ चहल पहल जरूर थी, मार्केट की दुकानें भी खुली हुई थी। कुछ लोग खरीदारी करते हुए दिख रहे थे। पुलिस ट्रक से लोगों को पकड़कर ले गई
गांव में 100 मीटर अंदर चलने पर मो. दानिश से मुलाकात हुई। वह गांव से बाहर जा रहे थे। हमने उन्हें रोका और पूछा- आप गांव के ही रहने वाले हैं? उन्होंने कहा- हां…। हमने फिर पूछा- आप कहां जा रहे हैं और गांव में सन्नाटा क्यों है? दानिश बोले- मेरी किराने की दुकान है। सिपाही की हत्या के बाद से गांव के ज्यादातर घर खाली हैं। कोई सब्जी और फल खरीदने वाला भी नहीं है। तीन दिन हो गए पुलिस की गाड़ी आती है। बुधवार रात पुलिस ट्रक से लोगों को लेकर गई। पुलिस का इतना खौफ है कि लोग घरों में ताले लगा कर चले गए। जो हैं वो डर के कारण बाहर नहीं निकल रहे। लोग बोले- पुलिस दुकानें बंद करवा देती है, अब हम क्या करें
अब हमने घरों के अंदर मौजूद लोगों से बातचीत शुरू की। मोहम्मद मुनसेद ने कहा- इस मामले में वो लोग परेशान किए जा रहे हैं, जिनका कोई लेनादेना नहीं। सारा गांव क्रिमिनल तो नहीं हो सकता है। पुलिस सबको परेशान कर रही है। कासिम ने कहा- पुलिस दुकानें बंद करवाए रही है, लोगों के पास पैसा नहीं हैं। घर कैसे चलाएंगे, इसलिए लोग परिवार को रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं। क्या कर सकते हैं? ग्राम प्रधान हाजी तवस्सुर से मोबाइल पर बात हुई, उन्होंने बताया- मैं गांव के बाहर हूं। पुलिस के डर से आधे घरों से फरार हैं। पूरे गांव में कोई भी युवा नहीं मिलेगा। इस गांव में करीब 600 घर हैं। यहां की ज्यादातर आबादी मुस्लिम है। हमारा बस इतना ही कहना है कि जिसने अपराध किया है उसी को पुलिस जेल भेजे। लेकिन किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए। इस समय गांव में पुलिस की इतनी दहशत है कि लोग डरकर पलायन कर गए। कादिर समेत 14 को जेल भेजा, 7 और हमलावर भी चिह्नित
नोएडा पुलिस के SI सचिन राठी की तरफ से मसूरी थाने में कादिर, उसके भाई समेत अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। इसकी जांच इंस्पेक्टर योगेंद्र पंवार को दी गई है। अभी तक जिन हमलावरों को जेल भेजा गया है। उन सभी पर कॉमन धारा लगाई गई हैं। जिसमें सभी ने घेरकर एक साथ पुलिस पर हमला किया। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर कादिर, नन्हू, अब्दुल सलाम, मुशाहिद, अब्दुल खालिद, जावेद, मुरसलीन, इनाम, महताब, मेहराज, जावेद, हसीन, मुरसलीम,अब्दुल रहमान को अरेस्ट किया है। 7 अन्य हमलावर भी चिह्नित किए गए हैं, जो घर से फरार बताए जा रहे हैं। अब कॉन्स्टेबल सौरभ हत्याकांड की पूरी कहानी समझिए पुलिस पर पथराव, गाड़ी के पीछे छिपकर जान बचाई
रविवार रात 11.40 बजे नोएडा पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर को पकड़कर ले जा रही थी, तभी उसके साथियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिसवालों ने गाड़ी रोकी और भागकर जान बचाई। मौका मिलते ही हिस्ट्रीशीटर कादिर (24) भाग गया। फिर उसने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर गोलियां बरसा दीं। दरअसल, सातों पुलिसवालों की हत्या करने की साजिश थी। 20-25 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाई गईं। इसी बीच, कादिर की चलाई गोली सिपाही सौरभ के सिर में लग गई। यह देखकर कादिर अपने साथियों के साथ वहां से भाग गया। वहीं, हमले के बाद पुलिसकर्मी सिपाही को ऑटो से अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शासन ने सौरभ के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। हालांकि, रविवार रात 12 बजे ही पुलिस ने कादिर को दोबारा गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या, लूट जैसे 24 से ज्यादा केस दर्ज हैं। ……….
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जहां कॉन्स्टेबल की हत्या…वहां 200 मकान खाली:गाजियाबाद में सड़कों-बाजारों में सन्नाटा, लोग बोले-पुलिस लोगों को आधी रात ट्रक में भरकर ले गई
