हाईकोर्ट ने 17 नशा तस्करों को नहीं दी जमानत:कहा- लंबी कैद जमानत का आधार नहीं; पंजाब में सप्लाई की थी नशे की दवा

हाईकोर्ट ने 17 नशा तस्करों को नहीं दी जमानत:कहा- लंबी कैद जमानत का आधार नहीं; पंजाब में सप्लाई की थी नशे की दवा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नशा तस्करी के मामले में 17 आरोपियों को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब किसी के पास भारी मात्रा में नशा बरामद हुआ हो तो सिर्फ यह कहना कि आरोपी लंबे समय से जेल में है, जमानत का आधार नहीं बन सकता। यह मामला साल 2020 की एफआईआर से जुड़ा है। आरोप है कि आरोपियों ने एक गैंग बनाकर बाहर से भारी मात्रा में नशीली गोलियां और कैप्सूल खरीदे और उन्हें पंजाब के गांवों में बेचने के लिए सप्लाई किया। जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने बताया कि इस केस में जो नशा बरामद हुआ, वो सिर्फ कॉमर्शियल नहीं बल्कि बहुत ज्यादा मात्रा में है। भारी मात्रा में ड्रग बरामद पुलिस ने जो बरामद किया उसमें 3 करोड़ 5 लाख 72 हजार 696 नशीली गोलियां और कैप्सूल, 15 किलो 70 ग्राम टूटी हुई टैबलेट्स, 9.35 लाख रुपए की ड्रग मनी और 6 वाहन और 10 मोबाइल फोन शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से पकड़ा गया है, जो यह दिखाता है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश और संगठित ड्रग रैकेट है। NDPS एक्ट की धारा 37 के तहत सख्त नियम कोर्ट ने कहा कि NDPS एक्ट की धारा 37 बहुत सख्त है। इस एक्ट के तहत जमानत तभी दी जा सकती है जब अदालत को पूरा यकीन हो कि आरोपी गुनहगार नहीं है, और वह जमानत पर बाहर आकर फिर से कोई अपराध नहीं करेगा। कोर्ट ने साफ कहा कि इन दोनों शर्तों का साथ-साथ पूरा होना जरूरी है, कोई एक भी अधूरी हो तो जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी बताया कि अभी तक 54 गवाहों की गवाही हो चुकी है और मुकदमा ठीक रफ्तार से चल रहा है। अभियोजन पक्ष की तरफ से कोई देरी नहीं की गई है। साथ ही, कई आरोपी आदतन अपराधी हैं। कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को दिए निर्देश कोर्ट ने जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए स्पेशल कोर्ट को आदेश दिए कि मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी की जाए और दोनों पक्षों की ओर से बिना कारण तारीखें ना ली जाएं। इन कानूनी धाराओं में चल रहा केस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नशा तस्करी के मामले में 17 आरोपियों को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब किसी के पास भारी मात्रा में नशा बरामद हुआ हो तो सिर्फ यह कहना कि आरोपी लंबे समय से जेल में है, जमानत का आधार नहीं बन सकता। यह मामला साल 2020 की एफआईआर से जुड़ा है। आरोप है कि आरोपियों ने एक गैंग बनाकर बाहर से भारी मात्रा में नशीली गोलियां और कैप्सूल खरीदे और उन्हें पंजाब के गांवों में बेचने के लिए सप्लाई किया। जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने बताया कि इस केस में जो नशा बरामद हुआ, वो सिर्फ कॉमर्शियल नहीं बल्कि बहुत ज्यादा मात्रा में है। भारी मात्रा में ड्रग बरामद पुलिस ने जो बरामद किया उसमें 3 करोड़ 5 लाख 72 हजार 696 नशीली गोलियां और कैप्सूल, 15 किलो 70 ग्राम टूटी हुई टैबलेट्स, 9.35 लाख रुपए की ड्रग मनी और 6 वाहन और 10 मोबाइल फोन शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब से पकड़ा गया है, जो यह दिखाता है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश और संगठित ड्रग रैकेट है। NDPS एक्ट की धारा 37 के तहत सख्त नियम कोर्ट ने कहा कि NDPS एक्ट की धारा 37 बहुत सख्त है। इस एक्ट के तहत जमानत तभी दी जा सकती है जब अदालत को पूरा यकीन हो कि आरोपी गुनहगार नहीं है, और वह जमानत पर बाहर आकर फिर से कोई अपराध नहीं करेगा। कोर्ट ने साफ कहा कि इन दोनों शर्तों का साथ-साथ पूरा होना जरूरी है, कोई एक भी अधूरी हो तो जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी बताया कि अभी तक 54 गवाहों की गवाही हो चुकी है और मुकदमा ठीक रफ्तार से चल रहा है। अभियोजन पक्ष की तरफ से कोई देरी नहीं की गई है। साथ ही, कई आरोपी आदतन अपराधी हैं। कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को दिए निर्देश कोर्ट ने जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए स्पेशल कोर्ट को आदेश दिए कि मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी की जाए और दोनों पक्षों की ओर से बिना कारण तारीखें ना ली जाएं। इन कानूनी धाराओं में चल रहा केस   पंजाब | दैनिक भास्कर