<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics: </strong>उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है. बसपा चीफ ने जातीय जनगणना के ऐलान के बाद नई सियासी चाल चल दी है. बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि ’वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा’.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा चीफ ने लिखा कि काफी लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद अब केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराने के निर्णय का भाजपा व कांग्रेस आदि द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़, जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित व वंचित.<br /><br />मायावती ने लिखा कि वैसे भी कांग्रेस एवं भाजपा आदि की अगर नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति पाक-साफ होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बन गया होता, जिससे इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का ’आत्म-सम्मान व स्वाभिमान’ का मिशन सफल होता हुआ ज़रूर दिखता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-updates-imd-alerts-thunderstorms-till-7-may-noida-ghaziabad-moradabad-2936144″><strong>UP में तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश और ओले गिरे, नोएडा-गाजियाबाद में मौसम हुआ सुहाना, जानें- IMD अपडेट</strong></a><br /><br /><strong>क्या है मायावती की रणनीति?</strong><br />यूपी की पूर्व सीएम ने लिखा लेकिन बाबा साहेब एवं बीएसपी के अनवरत संघर्ष के कारण ओबीसी समाज आज जब काफी हद तक जागरुक है, तो दलितों की तरह ओबीसी वोटों के लिए ललायित इन पार्टियों में इनका हितैषी दिखने का स्वार्थ व मजबूरी है, अर्थात् स्पष्ट है कि ओबीसी का हित बीएसपी में ही निहित है, अन्यत्र नहीं.<br /><br />उन्होंने लिखा कि अतः ’वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा’ के मानवतावादी संघर्ष को सही व सार्थक बनाकर अपने पैरों पर खड़े होने का समय करीब है, जिसके लिए कोताही व लापरवाही घातक तथा भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों पर दलित, ओबीसी समेत बहुजन-हित, कल्याण व उत्थान हेतु भरोसा करना ठीक नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा चीफ ने ओबीसी वर्ग को लेकर जो अपील की है, वह निश्चित तौर पर सपा और बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकता है. मायावती की इस नई चाल को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वह दलित मतों के साथ-साथ ओबीसी वोट्स पर भी अपनी नजर बनाए हुए हैं. उनकी कोशिश है कि वर्ष 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव ओबीसी और दलित मतों का गठजोड़ कर के सत्ता का 15 साल का सूखा खत्म कर सकें.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics: </strong>उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है. बसपा चीफ ने जातीय जनगणना के ऐलान के बाद नई सियासी चाल चल दी है. बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि ’वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा’.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा चीफ ने लिखा कि काफी लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद अब केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराने के निर्णय का भाजपा व कांग्रेस आदि द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़, जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित व वंचित.<br /><br />मायावती ने लिखा कि वैसे भी कांग्रेस एवं भाजपा आदि की अगर नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति पाक-साफ होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बन गया होता, जिससे इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का ’आत्म-सम्मान व स्वाभिमान’ का मिशन सफल होता हुआ ज़रूर दिखता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-updates-imd-alerts-thunderstorms-till-7-may-noida-ghaziabad-moradabad-2936144″><strong>UP में तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश और ओले गिरे, नोएडा-गाजियाबाद में मौसम हुआ सुहाना, जानें- IMD अपडेट</strong></a><br /><br /><strong>क्या है मायावती की रणनीति?</strong><br />यूपी की पूर्व सीएम ने लिखा लेकिन बाबा साहेब एवं बीएसपी के अनवरत संघर्ष के कारण ओबीसी समाज आज जब काफी हद तक जागरुक है, तो दलितों की तरह ओबीसी वोटों के लिए ललायित इन पार्टियों में इनका हितैषी दिखने का स्वार्थ व मजबूरी है, अर्थात् स्पष्ट है कि ओबीसी का हित बीएसपी में ही निहित है, अन्यत्र नहीं.<br /><br />उन्होंने लिखा कि अतः ’वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा’ के मानवतावादी संघर्ष को सही व सार्थक बनाकर अपने पैरों पर खड़े होने का समय करीब है, जिसके लिए कोताही व लापरवाही घातक तथा भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों पर दलित, ओबीसी समेत बहुजन-हित, कल्याण व उत्थान हेतु भरोसा करना ठीक नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा चीफ ने ओबीसी वर्ग को लेकर जो अपील की है, वह निश्चित तौर पर सपा और बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकता है. मायावती की इस नई चाल को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वह दलित मतों के साथ-साथ ओबीसी वोट्स पर भी अपनी नजर बनाए हुए हैं. उनकी कोशिश है कि वर्ष 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव ओबीसी और दलित मतों का गठजोड़ कर के सत्ता का 15 साल का सूखा खत्म कर सकें.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पहलगाम में पर्यटकों की मदद करने वालीं मुमताज का बड़ा बयान, ‘न किसी मुस्लिम, न किसी हिंदू…’
जातीय जनगणना की घोषणा होते ही बसपा चीफ ने चली नई चाल, BJP, सपा की बढ़ी टेंशन?
