पंजाब के जालंधर में देहात पुलिस ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर पैसे ऐंठने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। शाहकोट थाने की पुलिस ने उक्त आरोपियों को शाहकोट इलाके से गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान राजा निवासी कपूरथला, दविंदर सिंह निवासी ढुड्डीवाल, कपूरथला और हरजिंदर सिंह निवासी टिब्बा थाना तलवंडी चौधरी कपूरथला के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। तीनों में मुख्य आरोपी राजा है पंजाब पुलिस में थाना प्रभारी था और आखिरी बार कपूरथला जिले में तैनात था। लेकिन विभाग ने राजा को भ्रष्टाचार के एक मामले में पहले ही बर्खास्त कर दिया था। आरोपी खुद को सीआईए स्टाफ कपूरथला का कर्मचारी बताकर लोगों से पैसे ऐंठने का काम करते थे। तीनों के खिलाफ पहले भी इसी तरह के तीन मामले दर्ज हैं। चंडीगढ़ नंबर की कार में सवार होकर आए थे आरोपी शाहकोट थाने के एसएचओ अमन सैनी ने बताया कि शाहकोट के ट्रक यूनियन सैदपुर झिड़ी निवासी नवनीत अरोड़ा उर्फ नितिन ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। नितिन ने बताया था कि बुधवार शाम को मैं किसी काम से बाहर गया था। इस दौरान कार नंबर सीएच-01-एवाई-5234 में सवार होकर आए तीन आरोपियों ने उसे रोक लिया और कहने लगे कि तुम गलत कामों में संलिप्त हो, हमें सब पता है। हम सीआईए कपूरथला से आए हैं। हम तुम्हारे घर पर छापा मारने आए हैं। पैसे और कार बरामद तीनों ने पीड़ित को कार में बैठा लिया और उसे छोड़ने के लिए 50 हजार रुपए मांगे। जान बचाने के लिए नितिन ने जेब से चार हजार रुपए निकालकर आरोपियों को दे दिए। जब आरोपी इससे खुश नहीं हुए तो पीड़ित ने घर से 8 हजार रुपए और लाकर आरोपियों को दे दिए। पैसे लेने के बाद आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी। मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर 12 हजार रुपए व कार बरामद कर ली। पंजाब के जालंधर में देहात पुलिस ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर पैसे ऐंठने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। शाहकोट थाने की पुलिस ने उक्त आरोपियों को शाहकोट इलाके से गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान राजा निवासी कपूरथला, दविंदर सिंह निवासी ढुड्डीवाल, कपूरथला और हरजिंदर सिंह निवासी टिब्बा थाना तलवंडी चौधरी कपूरथला के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। तीनों में मुख्य आरोपी राजा है पंजाब पुलिस में थाना प्रभारी था और आखिरी बार कपूरथला जिले में तैनात था। लेकिन विभाग ने राजा को भ्रष्टाचार के एक मामले में पहले ही बर्खास्त कर दिया था। आरोपी खुद को सीआईए स्टाफ कपूरथला का कर्मचारी बताकर लोगों से पैसे ऐंठने का काम करते थे। तीनों के खिलाफ पहले भी इसी तरह के तीन मामले दर्ज हैं। चंडीगढ़ नंबर की कार में सवार होकर आए थे आरोपी शाहकोट थाने के एसएचओ अमन सैनी ने बताया कि शाहकोट के ट्रक यूनियन सैदपुर झिड़ी निवासी नवनीत अरोड़ा उर्फ नितिन ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। नितिन ने बताया था कि बुधवार शाम को मैं किसी काम से बाहर गया था। इस दौरान कार नंबर सीएच-01-एवाई-5234 में सवार होकर आए तीन आरोपियों ने उसे रोक लिया और कहने लगे कि तुम गलत कामों में संलिप्त हो, हमें सब पता है। हम सीआईए कपूरथला से आए हैं। हम तुम्हारे घर पर छापा मारने आए हैं। पैसे और कार बरामद तीनों ने पीड़ित को कार में बैठा लिया और उसे छोड़ने के लिए 50 हजार रुपए मांगे। जान बचाने के लिए नितिन ने जेब से चार हजार रुपए निकालकर आरोपियों को दे दिए। जब आरोपी इससे खुश नहीं हुए तो पीड़ित ने घर से 8 हजार रुपए और लाकर आरोपियों को दे दिए। पैसे लेने के बाद आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी। मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर 12 हजार रुपए व कार बरामद कर ली। पंजाब | दैनिक भास्कर
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डॉ. हरप्रीत ने दैनिक भास्कर से बातचीत दौरान कहा कि बुधवार सुबह चार्ज संभालने के बाद उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर्स व स्टाफ से मीटिंग आज करनी है। इस कारण जरुरी था कि पहले खुद एक आम व्यक्ति की तरह अस्पताल में घुम कर वहां के हालात जानना। सबसे जरूरी यही जानना था कि मरीजों के साथ स्टाफ किस तरह का बर्ताव करता है। यह भी जानना चाहते थे कि अस्पताल में कहां-कहां पर कोई समस्याएं हैं ताकि उनका हल किया जा सके। अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं को किया जाए सुनिश्चित
डॉ. हरप्रीत ने कहा कि अस्पताल में सुविधाएं तो बढ़ाई ही जाएंगी लेकिन उससे पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनका मरीजों को लाभ जरूर मिले। इसके अलावा मरीजों को बेवजह रेफर करने से भी गुरेज करने को कहा जाएगा। डॉ. हरप्रीत ने कहा कि अस्पताल में सीवरेज समेत कई डेवलपमेंट वर्क चल रहे हैं जिन्हें समय पर पूरा करवाया जाएगा। यह देखने को मिला है कि मरीजों को पीने के पानी की काफी समस्या है। सीवरेज सिस्टम का बुराहाल है जिसे जल्द सही भी करवाया जा रहा है। बेड की संख्या भी चैक करवाई जा रही है SMO ने कोशिश की लेकिन स्टाफ पहचान लिया
यहां बता दें कि SMO ने पूरी कोशिश की कि यहां पर कोई उन्हें पहचान ना सके ताकि वह असल ग्राउंड रिपोर्ट हासिल कर सकें लेकिन डॉ. हरप्रीत सिंह करीब 17 साल तक सिविल अस्पताल में बतौर शिशु रोग विशेषज्ञ तैनात रह चुके हैं, इसलिए काफी स्टाफ ने उन्हें पहचान ही लिया।