पंजाब के जालंधर में विधानसभा उप चुनाव को लेकर सीएम भगवंत सिंह मान आज जालंधर वेस्ट हलके में कुछ ही देर जनसभा को संबोधित करेंगे। सीएम भगवंत मान अबादपुरा, वार्ड नंबर-32, श्री वाल्मीकि मंदिर के पास शाम को सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद सीएम मान के लगातार तीन और कार्यक्रम रहेंगे। सीएम मान इसके बाद वार्ड नंबर-47, 37 और फिर आखिरी में 77 में सीएम मान लोगों को संबोधित करेंगे। सीएम के आवाजाही को लेकर पुलिस ने एरिया की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उप चुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं। पंजाब के जालंधर में विधानसभा उप चुनाव को लेकर सीएम भगवंत सिंह मान आज जालंधर वेस्ट हलके में कुछ ही देर जनसभा को संबोधित करेंगे। सीएम भगवंत मान अबादपुरा, वार्ड नंबर-32, श्री वाल्मीकि मंदिर के पास शाम को सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद सीएम मान के लगातार तीन और कार्यक्रम रहेंगे। सीएम मान इसके बाद वार्ड नंबर-47, 37 और फिर आखिरी में 77 में सीएम मान लोगों को संबोधित करेंगे। सीएम के आवाजाही को लेकर पुलिस ने एरिया की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उप चुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोहाली अदालत में गिप्पी गरेवाल की पेशी आज:छह साल पुराना है मामला, गैंगस्टर दिलप्रीत ने दी थी मारने की धमकी, गवाही होनी है पंजाबी सिंगर व एक्टर गिप्पी ग्रेवाल से जुडे़ छह साल पुराने मामले की आज (मंगलवार) को मोहाली अदालत में सुनवाई होगी। वह गत पांच बार से अदालत में लगातार पेश नहीं हो रहे हैं। हर बार उनके वकीलों द्वारा पेश होने के लिए समय लिया जाता है। एक बार तो उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी हुए थे। साथ ही उन्हें 5 हजार का श्योरिटी बॉन्ड भरने को कहा गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पेश जरूर होंगे। फोन पर मिली थी जान से मारने की धमकी यह मामला 31 मई 2018 का है। 4 चार बजे एक्टर गिप्पी ग्रेवाल को एक अज्ञात नंबर से उनके वॉट्सऐप पर वॉसस और टेक्स्ट मैसेज आया था। इस मैसेज में उन्हें एक नंबर दिया गया था। इस नंबर पर गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह बाबा से बात करने के लिए कहा था। उसमें लिखा था कि यह मैसेज रंगदारी मांगने के लिए किया गया है। आप बात कर लें, नहीं तो आपका हाल परमीश वर्मा और चमकीला जैसा कर दिया जाएगा। इसके बाद गिप्पी ग्रेवाल ने इसकी शिकायत मोहाली पुलिस को दी थी। मोहाली पुलिस ने गिप्पी ग्रेवाल की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। अब गिप्पी ग्रेवाल को गवाही के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं। जिस समय उन्हें यह धमकी मिली थी, उस समय वह अपनी मूवी ‘कैरी ऑन जट्टा 2’ के प्रमोशन के लिए पंजाब से बाहर थे। इसलिए जारी हुआ था वारंट एक्टर गिप्पी ग्रेवाल को मोहाली जिला अदालत की तरफ से पहले 4 जुलाई को वारंट जारी किया था। साथ ही उन्हें 10 जुलाई को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे। लेकिन अदालत में बैलिफ ने बताया था कि गिप्पी इस समय पंजाब में नहीं है। उन्हें पता चला है कि वह कनाडा गए हुए है। हालांकि कोर्ट का मानना है कि इस मामले में गिप्पी ग्रेवाल केस में शिकायतकर्ता है। साथ ही उनकी गवाही जरूरी है। ऐसे में उनका अदालत में पेश होना जरूरी है। कनाडा वाले घर पर फायरिंग हो चुकी गिप्पी ग्रेवाल कनाडा में वैंकूवर के व्हाइट रॉक इलाके में रहते हैं। पिछले साल 25 नवंबर को इनके घर पर फायरिंग भी हो चुकी है। इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली थी। लॉरेंस ने पोस्ट लिखकर न सिर्फ जिम्मेदारी ली, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी थी। लॉरेंस ने लिखा था, ‘हां जी सत श्री अकाल, राम राम सबनू। आज वैंकूवर व्हाइट रॉक एरिया में गिप्पी ग्रेवाल के बंगले पर फायरिंग लॉरेंस गैंग ने करवाई है। सलमान खान को बहुत भाई-भाई करता है तू, बोल अब बताए तुझे तेरा भाई। सलमान को भी वहम है कि दाउद उसकी मदद करेगा। कोई नहीं बचा सकता तुम्हें हमसे।’
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लुधियाना के सांसद राजा वड़िंग ने वित्तमंत्री से की मुलाकात:धारा 43-बी को स्थगित करने की रखी मांग, कहा- खत्म हो जाएगा एमएसएमई पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वित्त अधिनियम 2023 की धारा 43 बी के कार्यान्वयन को स्थगित करने की मांग की। जो एमएसएमई के रूप में पंजीकृत सूक्ष्म और लघु विक्रेताओं को भुगतान से संबंधित है। राजा वड़िंग ने इस संबंध में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। एमएसएमई सेक्टर होगा प्रभावित इस संशोधन के अनुसार, यदि एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 की धारा 15 के तहत निर्दिष्ट अवधि के भीतर छोटे और सूक्ष्म विक्रेताओं को भुगतान नहीं किया जाता है, तो व्यय को आयकर कानूनों के तहत कटौती के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। इसने एमएसएमई क्षेत्र को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है, और उनकी वित्तीय क्षमताओं पर दबाव डाला है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की मौजूदा गतिशीलता को देखते हुए, जो कि अत्यंत विखंडित और काफी हद तक अनौपचारिक है। इंट्रा-सेक्टर ऋण सहायता पर बहुत अधिक निर्भरता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को औपचारिक बैंकिंग चैनलों द्वारा प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधाओं से व्यापक रूप से लाभ नहीं मिलता है। उद्योग के भीतर सामान्य ऋण अवधि 90 से 120 दिनों तक होती है, जो अक्सर 180 दिनों तक बढ़ जाती है। राजा वड़िंग ने कहा कि यह स्थिति विशेष रूप से लुधियाना में प्रचलित है। जिस निर्वाचन क्षेत्र का वह प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां व्यवसाय अपने संचालन को बनाए रखने और नकदी प्रवाह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए लचीले ऋण शर्तों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। यह उठाई मांग पीसीसी अध्यक्ष ने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि वे खरीदारों से भुगतान प्राप्त करने की समय सीमा को 31 मार्च, 2025 तक अधिकतम 90 दिन और 31 मार्च, 2026 तक 60 दिन तक बढ़ाने पर विचार करें और अंत में इसे 31 मार्च, 2027 तक 45 दिन तक घटा दें।