जिम ट्रेनर बोला-एक घूंसे में मरी कारोबारी की पत्नी:कानपुर में अधिकारियों को ट्रेनिंग देता, इसी बात से इंप्रेस हुई; इंगेजमेंट से नाराज थी

जिम ट्रेनर बोला-एक घूंसे में मरी कारोबारी की पत्नी:कानपुर में अधिकारियों को ट्रेनिंग देता, इसी बात से इंप्रेस हुई; इंगेजमेंट से नाराज थी

‘मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। इस बात से वह काफी नाराज थी, मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उस दिन गुस्से में मैने एकता को एक घूंसा मार दिया, जिससे वह मर गई।’ ये कबूलनामा है, उस जिम ट्रेनर का, जिसने शेयर कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता की हत्या की। चार महीने तक फरार रहा और जब पकड़ा गया तो कई दिन तक पुलिस को गुमराह करता रहा… सबसे पहले पूरा मामला जान लीजिए…. विमल सोनी कानपुर में ग्रीन पार्क की हाई प्रोफाइल जिम का ट्रेनर है। वह रायपुरवा के शक्कर मिल खलवा मकान नंबर 85/65 में रहता है। सिविल लाइंस के शेयर कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता (32) ग्रीन पार्क जिम जाती थी। विमल ने एकता की चार महीने पहले जून में हत्या कर दी। उसने शव को डीएम आवास के कंपाउंड में दफना दिया। पुलिस ने शुरुआत में मामले को अफेयर के एंगल से देखा। एकता और विमल की तलाश में पुलिस ने कानपुर, महोबा, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत कई शहरों में छापा मारा। आखिरकार विमल बीते शनिवार को पकड़ा गया। वह कई दिन तक पुलिस को बरगलाता रहा, लेकिन जब सख्ती की गई तो उसने सारा राज कबूल दिया। अब पुलिस की केस डायरी के हवाले से पूरी कहानी पढ़िए…. कानपुर पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की केस डायरी लिख रही है। उसके हवाले से पूरी कहानी समझिए… 19 फरवरी, 2023 को ग्रीनपार्क में हाईटेक जिम का उद्घाटन हुआ। सरकारी ग्राउंड पर बने इस जिम में ज्यादातर अफसर और उनकी पत्नियां एक्सरसाइज करने आती थीं। यहीं पर विमल सोनी अफसरों को ट्रेनिंग देता था, वह कई बार बड़े अफसरों के साथ उनके कैंपस में जाता और वहां घंटों बैठा रहता। अफसरों की नजदीकी का रौब, वह जिम में भी दिखाया करता था। इसलिए अन्य ट्रेनर उससे कोई बहस नहीं करते थे। वह अपनी मर्जी से उसी समय आता था, जब उसके खास अफसर ट्रेनिंग के लिए आया करते थे। जब कभी खेल अधिकारियों या ट्रेनर से उसकी कोई शिकायत करता तो वह अफसरों की धौंस देकर उन्हें शांत कर देता था। उसकी पहुंच इतनी मजबूत हो गई थी कि उसने ऑफिसर्स कैंपस में एक कमरा अलाट करवा लिया था। उसका वहां अक्सर आना-जाना था, उसकी गाड़ी को कोई गार्ड रोकता भी नहीं था। वह रोज आठ से दस घंटे उसी कैंपस में रहता भी था। कभी किसी अफसर के घर डिनर करना तो कभी ऑफिसर्स क्लब में अफसरों के साथ घूमना। इसी जिम में मार्च, 2023 में एकता गुप्ता ने भी जॉइन किया। वह अपनी हेल्थ को लेकर बहुत संजीदा थी। छह महीने पहले एक दूसरे के करीब आए विमल और एकता
विमल ने पुलिस का बताया, एकता की जिद पर मैं उसे भी जिम में ट्रेनिंग देने लगा। अप्रैल की बात है, मेरी और एकता गुप्ता के बीच बातचीत शुरू हो गई। वह दिन में भी कई बार फोन करके मुझसे हेल्थ से जुड़ी बातें करती रहती थी। फिर हम दोनों में अफेयर हो गया। हम दोनों जिम के बाहर मिलने लगे, अकसर वो शाम को भी घर से बाहर निकल आती और हम कहीं न कहीं घूमने चले जाते। हम एक दूसरे के ज्यादा करीब आ गए। इसी घर वालों ने मेरी शादी की तैयारी शुरू कर दी। मैं जब कभी भी उससे अपनी शादी की बात करता तो वो नाराज हो जाती थी। फिर कई कई दिन तक हमारी बात नहीं होती थी। मैं उसे बहला-फुसलाकर मना लिया करता था। लेकिन, मेरे घर वालों ने फाइनली शादी तय कर दी। जून में मेरा तिलक हो गया। ये बात जब एकता को पता चली तो वह बहुत नाराज हो गई थी। मैं अब उससे दूर हटने लगा था, लेकिन वो अक्सर मेरे पास आ जाती। कहती कि शादी न करो। मैं बार-बार यही जवाब देता कि ये मेरे परिवार का फैसला है और तुम खुद भी शादीशुदा हो। हम एक साथ कैसे रह सकते हैं? वो नहीं मानती थी, इसीलिए मैंने उसे ठिकाने लगाने का प्लान बना लिया। 24 जून को भी यही हुआ, जब वह जिम से निकली तो सीधे मेरी कार में आ गई। मैंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। तभी चुप कराने के लिए मैंने उसे एक घूंसा मार दिया। घूंसा उसके गले के पास लगा, जिससे वह बेहोश हो गई। मुझे लगा कुछ देर में होश आ जाएगा, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। मैं घबरा गया। सोचने लगा कि लाश कहां ठिकाने लगाऊं। मेरे दिमाग में अजय देवगन की फिल्म दृश्यम गूंजने लगी। मैंने कई बार दृश्यम देखी थी। फिर उसी के हिसाब से लाश को ठिकाने लगाया। लाश ठिकाने लगाने के लिए डीएम कंपाउंड सबसे सुरक्षित जगह मिली
विमल ने बताया, हत्या के बाद सबसे बड़ी चुनौती लाश को ठिकाने लगाने की थी। मैं चूंकि डीएम आवास कंपाउंड में जाता रहता था, यहां पर बहुत सारे पेड़-पौधे और अंदर काफी सुनसान एरिया है। मैंने एकता की डेड बॉडी को पीछे वाली सीट पर लिटा दिया। इसके बाद मैंने एक फावड़े का इंतजाम किया। डीएम कंपाउंड में एंट्री करके कार वहीं अंदर ले जाकर खड़ी कर दी। काफी देर तक वहीं टहलता रहा। मैं अकसर वहां जाता रहता था, इसलिए किसी को शक भी नहीं हुआ। रात के अंधेरे में बहुत तेजी से 5 फीट गहरा और ढाई फीट चौड़ा गड्‌ढा खोदा। उसी में एकता की बॉडी को दफना दिया। फिर मिट्‌टी से शव को दबा दिया। मिट्‌टी के ऊपर पत्ते-झाड़ियां डाल दिए। उस एरिया में जनरली कोई आता-जाता नहीं था, इसलिए किसी को लंबे समय तक पता ही नहीं चला। मैंने सुसाइड की कोशिश भी की, लेकिन डर गया था
लाश को ठिकाने लगाने के बाद मैंने अपना और एकता का फोन और सिम दोनों तोड़ दिए। मैंने दृश्यम फिल्म में देखा था कि अगर मोबाइल नहीं मिला तो जल्दी कोई भी अपराधी पकड़ा नहीं जा सकता। इसके अलावा मैंने बॉडी को इतनी सुरक्षित जगह पर दबाया था कि कभी किसी को कोई शक नहीं होगा। मैं वहां से निकल गया। इसके बाद मैं सीधे गंगा बैराज पहुंचा, वहां दो बार सुसाइड करने की कोशिश की। लेकिन मैं डर गया। फिर, बड़ा चौराहा गया, यहां अपने भतीजे को फोन कर कपड़े मंगवाए। फिर मैं झकरकटी गया और बस पकड़कर फरार हो गया। पहले मैं अपने रिश्तेदार के यहां महोबा गया, कुछ दिन वहां रहने के बाद मैं दिल्ली निकल गया। यहां मैं होटल में काम करता रहा। चूंकि मैं जिम से गायब हो गया था, तो मुझे लगता था कि मेरी तलाश शुरू हो जाएगी। इसलिए और आगे बढ़ता चला गया। दिल्ली के बाद हरियाणा और फिर पंजाब चला गया। यहां भी आखिर यूपी पुलिस पहुंच गई। एक सवाल यह भी- कहीं लाखों रुपए की नकदी और जेवर तो नहीं ले गया
जब एकता गुप्ता जिम से लापता हुई तो उनके परिवार वालों ने नकदी और जेवर के साथ घर से जाने की पुलिस से शिकायत की थी। इसीलिए बहुत लंबे समय तक पुलिस इसे अफेयर मानती रही। पुलिस को लगता था कि इसी जिम ट्रेनर के साथ एकता चली गई है। जब कहीं कोई लोकेशन नहीं मिली और एकता का परिवार लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगाता रहा तब पुलिस ने फिर सर्चिंग शुरू की। सुबह छह बजे जिम आई थीं एकता: पुलिस
पुलिस आयुक्त कानून और व्यवस्था हरीश चन्दर ने बताया कि एकता गुप्ता और ट्रेनर के बीच संबंध थे। इन दोनों के बीच 24 जून को नोकझोंक हुई थी। ट्रेनर की शादी होने वाली थी, इसी से एकता नाराज हो रही थी। गाड़ी में उसने एकता के नाक पर घूंसा मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हम लंबे समय से उसको चेज कर रहे थे, पंजाब तक छापेमारी की। ——————————————— यह 2 खबर भी पढ़ें:- जिम ट्रेनर से उसकी मंगेतर ने तोड़ दिया था रिश्ता:कानपुर में विमल सोनी की भाभी बोलीं-वो सरेंडर करना चाहता था; कहता था-कब तक भागूंगा ​​​​​​​कानपुर में जिम ट्रेनर विमल सोनी ने कारोबारी की पत्नी एकता गुप्ता की हत्या कर दी। इसके बाद शव को डीएम आवास कैंपस में दफना दिया। 4 महीने पहले उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद फरार हो निकला। पढ़ें पूरी खबर… दृश्यम मूवी देखकर महिला की हत्या, DM-आवास कैंपस में दफनाया:वारदात के बाद 4 महीने से फरार था जिम ट्रेनर, पति ने ट्रैक सूट देखकर पहचाना कानपुर के डीएम आवास के ठीक बगल में कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता की लाश दफन मिली। महिला को 4 महीने पहले जिम ट्रेनर ने किडनैप किया था, बाद में उसकी कार में उसकी हत्या कर दी थी। अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से आइडिया लेकर शव को हाई सिक्योरिटी वाले डीएम आवास कैंपस में दफना दिया। पढ़ें पूरी खबर… ‘मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। इस बात से वह काफी नाराज थी, मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उस दिन गुस्से में मैने एकता को एक घूंसा मार दिया, जिससे वह मर गई।’ ये कबूलनामा है, उस जिम ट्रेनर का, जिसने शेयर कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता की हत्या की। चार महीने तक फरार रहा और जब पकड़ा गया तो कई दिन तक पुलिस को गुमराह करता रहा… सबसे पहले पूरा मामला जान लीजिए…. विमल सोनी कानपुर में ग्रीन पार्क की हाई प्रोफाइल जिम का ट्रेनर है। वह रायपुरवा के शक्कर मिल खलवा मकान नंबर 85/65 में रहता है। सिविल लाइंस के शेयर कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता (32) ग्रीन पार्क जिम जाती थी। विमल ने एकता की चार महीने पहले जून में हत्या कर दी। उसने शव को डीएम आवास के कंपाउंड में दफना दिया। पुलिस ने शुरुआत में मामले को अफेयर के एंगल से देखा। एकता और विमल की तलाश में पुलिस ने कानपुर, महोबा, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत कई शहरों में छापा मारा। आखिरकार विमल बीते शनिवार को पकड़ा गया। वह कई दिन तक पुलिस को बरगलाता रहा, लेकिन जब सख्ती की गई तो उसने सारा राज कबूल दिया। अब पुलिस की केस डायरी के हवाले से पूरी कहानी पढ़िए…. कानपुर पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की केस डायरी लिख रही है। उसके हवाले से पूरी कहानी समझिए… 19 फरवरी, 2023 को ग्रीनपार्क में हाईटेक जिम का उद्घाटन हुआ। सरकारी ग्राउंड पर बने इस जिम में ज्यादातर अफसर और उनकी पत्नियां एक्सरसाइज करने आती थीं। यहीं पर विमल सोनी अफसरों को ट्रेनिंग देता था, वह कई बार बड़े अफसरों के साथ उनके कैंपस में जाता और वहां घंटों बैठा रहता। अफसरों की नजदीकी का रौब, वह जिम में भी दिखाया करता था। इसलिए अन्य ट्रेनर उससे कोई बहस नहीं करते थे। वह अपनी मर्जी से उसी समय आता था, जब उसके खास अफसर ट्रेनिंग के लिए आया करते थे। जब कभी खेल अधिकारियों या ट्रेनर से उसकी कोई शिकायत करता तो वह अफसरों की धौंस देकर उन्हें शांत कर देता था। उसकी पहुंच इतनी मजबूत हो गई थी कि उसने ऑफिसर्स कैंपस में एक कमरा अलाट करवा लिया था। उसका वहां अक्सर आना-जाना था, उसकी गाड़ी को कोई गार्ड रोकता भी नहीं था। वह रोज आठ से दस घंटे उसी कैंपस में रहता भी था। कभी किसी अफसर के घर डिनर करना तो कभी ऑफिसर्स क्लब में अफसरों के साथ घूमना। इसी जिम में मार्च, 2023 में एकता गुप्ता ने भी जॉइन किया। वह अपनी हेल्थ को लेकर बहुत संजीदा थी। छह महीने पहले एक दूसरे के करीब आए विमल और एकता
विमल ने पुलिस का बताया, एकता की जिद पर मैं उसे भी जिम में ट्रेनिंग देने लगा। अप्रैल की बात है, मेरी और एकता गुप्ता के बीच बातचीत शुरू हो गई। वह दिन में भी कई बार फोन करके मुझसे हेल्थ से जुड़ी बातें करती रहती थी। फिर हम दोनों में अफेयर हो गया। हम दोनों जिम के बाहर मिलने लगे, अकसर वो शाम को भी घर से बाहर निकल आती और हम कहीं न कहीं घूमने चले जाते। हम एक दूसरे के ज्यादा करीब आ गए। इसी घर वालों ने मेरी शादी की तैयारी शुरू कर दी। मैं जब कभी भी उससे अपनी शादी की बात करता तो वो नाराज हो जाती थी। फिर कई कई दिन तक हमारी बात नहीं होती थी। मैं उसे बहला-फुसलाकर मना लिया करता था। लेकिन, मेरे घर वालों ने फाइनली शादी तय कर दी। जून में मेरा तिलक हो गया। ये बात जब एकता को पता चली तो वह बहुत नाराज हो गई थी। मैं अब उससे दूर हटने लगा था, लेकिन वो अक्सर मेरे पास आ जाती। कहती कि शादी न करो। मैं बार-बार यही जवाब देता कि ये मेरे परिवार का फैसला है और तुम खुद भी शादीशुदा हो। हम एक साथ कैसे रह सकते हैं? वो नहीं मानती थी, इसीलिए मैंने उसे ठिकाने लगाने का प्लान बना लिया। 24 जून को भी यही हुआ, जब वह जिम से निकली तो सीधे मेरी कार में आ गई। मैंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। तभी चुप कराने के लिए मैंने उसे एक घूंसा मार दिया। घूंसा उसके गले के पास लगा, जिससे वह बेहोश हो गई। मुझे लगा कुछ देर में होश आ जाएगा, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। मैं घबरा गया। सोचने लगा कि लाश कहां ठिकाने लगाऊं। मेरे दिमाग में अजय देवगन की फिल्म दृश्यम गूंजने लगी। मैंने कई बार दृश्यम देखी थी। फिर उसी के हिसाब से लाश को ठिकाने लगाया। लाश ठिकाने लगाने के लिए डीएम कंपाउंड सबसे सुरक्षित जगह मिली
विमल ने बताया, हत्या के बाद सबसे बड़ी चुनौती लाश को ठिकाने लगाने की थी। मैं चूंकि डीएम आवास कंपाउंड में जाता रहता था, यहां पर बहुत सारे पेड़-पौधे और अंदर काफी सुनसान एरिया है। मैंने एकता की डेड बॉडी को पीछे वाली सीट पर लिटा दिया। इसके बाद मैंने एक फावड़े का इंतजाम किया। डीएम कंपाउंड में एंट्री करके कार वहीं अंदर ले जाकर खड़ी कर दी। काफी देर तक वहीं टहलता रहा। मैं अकसर वहां जाता रहता था, इसलिए किसी को शक भी नहीं हुआ। रात के अंधेरे में बहुत तेजी से 5 फीट गहरा और ढाई फीट चौड़ा गड्‌ढा खोदा। उसी में एकता की बॉडी को दफना दिया। फिर मिट्‌टी से शव को दबा दिया। मिट्‌टी के ऊपर पत्ते-झाड़ियां डाल दिए। उस एरिया में जनरली कोई आता-जाता नहीं था, इसलिए किसी को लंबे समय तक पता ही नहीं चला। मैंने सुसाइड की कोशिश भी की, लेकिन डर गया था
लाश को ठिकाने लगाने के बाद मैंने अपना और एकता का फोन और सिम दोनों तोड़ दिए। मैंने दृश्यम फिल्म में देखा था कि अगर मोबाइल नहीं मिला तो जल्दी कोई भी अपराधी पकड़ा नहीं जा सकता। इसके अलावा मैंने बॉडी को इतनी सुरक्षित जगह पर दबाया था कि कभी किसी को कोई शक नहीं होगा। मैं वहां से निकल गया। इसके बाद मैं सीधे गंगा बैराज पहुंचा, वहां दो बार सुसाइड करने की कोशिश की। लेकिन मैं डर गया। फिर, बड़ा चौराहा गया, यहां अपने भतीजे को फोन कर कपड़े मंगवाए। फिर मैं झकरकटी गया और बस पकड़कर फरार हो गया। पहले मैं अपने रिश्तेदार के यहां महोबा गया, कुछ दिन वहां रहने के बाद मैं दिल्ली निकल गया। यहां मैं होटल में काम करता रहा। चूंकि मैं जिम से गायब हो गया था, तो मुझे लगता था कि मेरी तलाश शुरू हो जाएगी। इसलिए और आगे बढ़ता चला गया। दिल्ली के बाद हरियाणा और फिर पंजाब चला गया। यहां भी आखिर यूपी पुलिस पहुंच गई। एक सवाल यह भी- कहीं लाखों रुपए की नकदी और जेवर तो नहीं ले गया
जब एकता गुप्ता जिम से लापता हुई तो उनके परिवार वालों ने नकदी और जेवर के साथ घर से जाने की पुलिस से शिकायत की थी। इसीलिए बहुत लंबे समय तक पुलिस इसे अफेयर मानती रही। पुलिस को लगता था कि इसी जिम ट्रेनर के साथ एकता चली गई है। जब कहीं कोई लोकेशन नहीं मिली और एकता का परिवार लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगाता रहा तब पुलिस ने फिर सर्चिंग शुरू की। सुबह छह बजे जिम आई थीं एकता: पुलिस
पुलिस आयुक्त कानून और व्यवस्था हरीश चन्दर ने बताया कि एकता गुप्ता और ट्रेनर के बीच संबंध थे। इन दोनों के बीच 24 जून को नोकझोंक हुई थी। ट्रेनर की शादी होने वाली थी, इसी से एकता नाराज हो रही थी। गाड़ी में उसने एकता के नाक पर घूंसा मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हम लंबे समय से उसको चेज कर रहे थे, पंजाब तक छापेमारी की। ——————————————— यह 2 खबर भी पढ़ें:- जिम ट्रेनर से उसकी मंगेतर ने तोड़ दिया था रिश्ता:कानपुर में विमल सोनी की भाभी बोलीं-वो सरेंडर करना चाहता था; कहता था-कब तक भागूंगा ​​​​​​​कानपुर में जिम ट्रेनर विमल सोनी ने कारोबारी की पत्नी एकता गुप्ता की हत्या कर दी। इसके बाद शव को डीएम आवास कैंपस में दफना दिया। 4 महीने पहले उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद फरार हो निकला। पढ़ें पूरी खबर… दृश्यम मूवी देखकर महिला की हत्या, DM-आवास कैंपस में दफनाया:वारदात के बाद 4 महीने से फरार था जिम ट्रेनर, पति ने ट्रैक सूट देखकर पहचाना कानपुर के डीएम आवास के ठीक बगल में कारोबारी राहुल गुप्ता की पत्नी एकता की लाश दफन मिली। महिला को 4 महीने पहले जिम ट्रेनर ने किडनैप किया था, बाद में उसकी कार में उसकी हत्या कर दी थी। अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से आइडिया लेकर शव को हाई सिक्योरिटी वाले डीएम आवास कैंपस में दफना दिया। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर