<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ में इस बार दिवाली के त्योहार पर इलेक्ट्रिक पटाखों की खास चर्चा हो रही है. ये इलेक्ट्रिक पटाखे पर्यावरण को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, इसलिए इन्हें प्रदूषण मुक्त या इको-फ्रेंडली पटाखों के नाम से जाना जा रहा है. पारंपरिक पटाखों के मुकाबले, इलेक्ट्रिक पटाखों से न तो वायु प्रदूषण होता है, न ही ध्वनि प्रदूषण, जिससे छोटे बच्चे भी आसानी से इनका आनंद ले सकते हैं और किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना भी नहीं रहती. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पटाखे लोगों को एक सुरक्षित और साफ-सुथरी दिवाली का अनुभव दे रहे हैं. स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पहले पटाखों के शोर और धुएं के कारण लोग परेशान रहते थे. लेकिन इस बार इन इलेक्ट्रिक पटाखों के आने से सभी को राहत महसूस हो रही है. इन पटाखों का उपयोग करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है. इस कारण बाजार में इनकी मांग काफी बढ़ रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्साह का माहौल</strong><br />कई लोग इन इलेक्ट्रिक पटाखों को खरीदकर अपने परिवार और बच्चों के साथ दिवाली मना रहे हैं, जिससे घरों में खुशी और उत्साह का माहौल बना हुआ है. इसके साथ ही, इस साल इलेक्ट्रिक सजावट के सामानों की भी खास मांग देखी जा रही है. लोग अपने घरों को सजाने के लिए इलेक्ट्रिक लाइट्स, झालर और अन्य सजावट के उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं. इनसे न केवल घर सुंदर दिखाई देते हैं, बल्कि यह बिजली की भी बचत करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे दिवाली के अवसर पर बिजली की खपत कम होती है और लोग प्रदूषण रहित दिवाली का अनुभव कर पा रहे हैं. दुकानदारों के अनुसार, यह सभी उत्पाद स्वदेशी हैं, यानी इन्हें भारत में ही निर्मित किया जा रहा है. स्वदेशी होने के कारण लोगों में इनका आकर्षण बढ़ रहा है. स्थानीय उत्पादों को अपनाने से न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ हो रहा है, बल्कि यह टिकाऊ और गुणवत्ता वाले भी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kedarnath-bypolls-2024-congress-candidate-manoj-rawat-in-uttarakhand-know-political-career-2811807″>केदारनाथ उपचुनाव: कांग्रेस ने पूर्व विधायक को बनाया प्रत्याशी, जानिए उनका सियासी सफर</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इको फ्रेंडली लाइट की मांग बढ़ी</strong><br />पूरे मामले पर दुकानदार प्रदीप गुप्ता के द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से इको फ्रेंडली लाइट बाजार में आ चुकी है, इससे आम जनता को काफी फायदा होने वाला है. इन लाइटों से किसी भी तरह की परेशानी बच्चों को नहीं होगी. साथ ही बच्चे आसानी से पटाखे की आवाज निकाल कर दीपावली बना सकते हैं. चंद रुपयों में अबकी बार पूरे घर को भी सजाया जा सकता है, यह सारी चीज अलीगढ़ में मिल रही है जिनको बनाने का काम देश में किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि जिस तरह से देश में स्वदेशी सामान तैयार हो रहा है. इससे हमारा देश मजबूत हो रहा है, पहले की अगर बात कही जाए तो पहले बच्चे पटाखे से झुलत जाते थे. काफी जन हानि हुआ करती लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं देखने को मिलेगा. पूरे मामले पर अलीगढ़ के मशहूर डॉक्टर चितरंजन से जब बातचीत की गई तो उनके द्वारा बताया गया वायु प्रदूषण से काफी बचाव हो रहे हैं. तमाम ऐसी चीज दीपावली के मौके पर सामने आ रही है जिसे खास फायदा होने वाला है. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अलीगढ़ में इस बार दिवाली के त्योहार पर इलेक्ट्रिक पटाखों की खास चर्चा हो रही है. ये इलेक्ट्रिक पटाखे पर्यावरण को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, इसलिए इन्हें प्रदूषण मुक्त या इको-फ्रेंडली पटाखों के नाम से जाना जा रहा है. पारंपरिक पटाखों के मुकाबले, इलेक्ट्रिक पटाखों से न तो वायु प्रदूषण होता है, न ही ध्वनि प्रदूषण, जिससे छोटे बच्चे भी आसानी से इनका आनंद ले सकते हैं और किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना भी नहीं रहती. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पटाखे लोगों को एक सुरक्षित और साफ-सुथरी दिवाली का अनुभव दे रहे हैं. स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पहले पटाखों के शोर और धुएं के कारण लोग परेशान रहते थे. लेकिन इस बार इन इलेक्ट्रिक पटाखों के आने से सभी को राहत महसूस हो रही है. इन पटाखों का उपयोग करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है. इस कारण बाजार में इनकी मांग काफी बढ़ रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्साह का माहौल</strong><br />कई लोग इन इलेक्ट्रिक पटाखों को खरीदकर अपने परिवार और बच्चों के साथ दिवाली मना रहे हैं, जिससे घरों में खुशी और उत्साह का माहौल बना हुआ है. इसके साथ ही, इस साल इलेक्ट्रिक सजावट के सामानों की भी खास मांग देखी जा रही है. लोग अपने घरों को सजाने के लिए इलेक्ट्रिक लाइट्स, झालर और अन्य सजावट के उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं. इनसे न केवल घर सुंदर दिखाई देते हैं, बल्कि यह बिजली की भी बचत करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे दिवाली के अवसर पर बिजली की खपत कम होती है और लोग प्रदूषण रहित दिवाली का अनुभव कर पा रहे हैं. दुकानदारों के अनुसार, यह सभी उत्पाद स्वदेशी हैं, यानी इन्हें भारत में ही निर्मित किया जा रहा है. स्वदेशी होने के कारण लोगों में इनका आकर्षण बढ़ रहा है. स्थानीय उत्पादों को अपनाने से न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ हो रहा है, बल्कि यह टिकाऊ और गुणवत्ता वाले भी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/kedarnath-bypolls-2024-congress-candidate-manoj-rawat-in-uttarakhand-know-political-career-2811807″>केदारनाथ उपचुनाव: कांग्रेस ने पूर्व विधायक को बनाया प्रत्याशी, जानिए उनका सियासी सफर</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इको फ्रेंडली लाइट की मांग बढ़ी</strong><br />पूरे मामले पर दुकानदार प्रदीप गुप्ता के द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से इको फ्रेंडली लाइट बाजार में आ चुकी है, इससे आम जनता को काफी फायदा होने वाला है. इन लाइटों से किसी भी तरह की परेशानी बच्चों को नहीं होगी. साथ ही बच्चे आसानी से पटाखे की आवाज निकाल कर दीपावली बना सकते हैं. चंद रुपयों में अबकी बार पूरे घर को भी सजाया जा सकता है, यह सारी चीज अलीगढ़ में मिल रही है जिनको बनाने का काम देश में किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि जिस तरह से देश में स्वदेशी सामान तैयार हो रहा है. इससे हमारा देश मजबूत हो रहा है, पहले की अगर बात कही जाए तो पहले बच्चे पटाखे से झुलत जाते थे. काफी जन हानि हुआ करती लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं देखने को मिलेगा. पूरे मामले पर अलीगढ़ के मशहूर डॉक्टर चितरंजन से जब बातचीत की गई तो उनके द्वारा बताया गया वायु प्रदूषण से काफी बचाव हो रहे हैं. तमाम ऐसी चीज दीपावली के मौके पर सामने आ रही है जिसे खास फायदा होने वाला है. </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड कभी हिमाचल सरकार को देता था कर्ज, आज खुद आर्थिक बदहाली के ‘झटके’ खा रहा बिजली बोर्ड