जींद जिला परिषद चेयरपर्सन BJP में शामिल:रोहतक में मोहनलाल बड़ौली ने जॉइन करवाई पार्टी, 24 को होनी थी कुर्सी से हटाने को वोटिंग

जींद जिला परिषद चेयरपर्सन BJP में शामिल:रोहतक में मोहनलाल बड़ौली ने जॉइन करवाई पार्टी, 24 को होनी थी कुर्सी से हटाने को वोटिंग

जींद जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा भाजपा में शामिल हो गई हैं। रोहतक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने मनीषा रंधावा और उसके पति कुलदीप रंधावा को विधिवत रूप से पार्टी का फटका पहनाकर पार्टी जॉइन की। मनीषा रंधावा जेजेपी के समर्थन से चेयरपर्सन बनी थी और बाद में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की विनेश फोगाट के लिए प्रचार किया था। 24 फरवरी को चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को कुर्सी से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी। इससे पहले तीन बार बैठक होनी निश्चित हो चुकी है लेकिन डीसी के बाहर जाने के कारण बैठक कैंसिल होती रही। इस बार हाई कोर्ट ने हर हाल में बैठक करवाने के निर्देश दिए थे। दो दिसंबर 2024 को 25 सदस्यों वाली जिला परिषद के 18 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र सौंपकर चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव बुलाने की मांग की थी। इसके बाद डीसी ने बैठक के लिए 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई। 13 दिसंबर को डीसी के अचानक छुट्टी पर चले जाने के कारण बैठक स्थगित हो गई। विरोधी गुट नहीं जुटा पा रहा था बहुमत
इसके बाद 22 जनवरी तारीख निर्धारित की गई। इसमें भी डीसी के बैठक मे न पहुंचने पर बैठक स्थगित हो गई। जिस पर चेयरपर्सन ने हाईकोर्ट का सहारा लिया तो 11 फरवरी की तारीख निर्धारित हुई। 11 फरवरी को डीसी को चीफ सेक्रेटरी की मीटिंग में जाना पड़ा, इसलिए तीसरी बार भी बैठक नहीं हो पाई। अब बैठक का समय 24 दिसंबर का निर्धारित किया गया था। विरोधी गुट बहुमत के पार्षद नहीं जुटा पा रहे थे, इस कारण बैठक को बार-बार स्थगित करवाया जा रहा था। चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 9 पार्षदों की जरूरत थी जबकि विरोधी खेमे को 18 पार्षद चाहिए थे। अगर बैठक हो जाती और अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता तो एक साल तक विरोधी बैठक नहीं बुला पाते। जेजेपी के समर्थन से बनी थी चेयरपर्सन, बाद में कांग्रेस का प्रचार किया
मनीषा रंधावा लगभग 2 साल पहले जब वह जिला परिषद चेयरपर्सन बनी थी, तब वह और उनके पति कुलदीप रंधावा दोनों जेजेपी में थे। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मनीषा रंधावा का खुलकर साथ दिया था। विधानसभा चुनावों से पहले कुलदीप रंधावा कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट के साथ नजर आने लगे। चुनावों के बाद जब दोबारा से भाजपा की सरकार बनी तो कुलदीप रंधावा ने भाजपा की ओर रुख कर लिया। करीब एक माह पहले कुलदीप रंधावा ने सीएम नायब सैनी के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डाली थी और कहा था कि अब वह भाजपा के सदस्य हैं लेकिन भाजपा के जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढुल ने इसे नकार दिया था और कहा था कि मनीषा रंधावा भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। अब फिर बदलेगी राजनीति
मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा ने रोहतक में प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के नेतृत्व में भाजपा का दामन थामने के बाद उन पर भाजपा की मोहर लग गई है। अब फिर से जिला परिषद की राजनीति में बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि भाजपा के समर्थन के बाद अब मनीषा रंधावा की कुर्सी पूरी तरह से सेफ हो गई है। दो साल से विकास कार्य पड़े ठप
जिला परिषद की राजनीति में पिछले दो साल से विकास कार्य ठप पड़े हैं। करोड़ों की ग्रांट जिला परिषद के खाते में पड़ी है लेकिन इसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है। पहले चुनावी साल और अब राजनीतिक खींचतान के कारण ग्रांट का वितरण नहीं हो पा रहा है। जींद जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा भाजपा में शामिल हो गई हैं। रोहतक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने मनीषा रंधावा और उसके पति कुलदीप रंधावा को विधिवत रूप से पार्टी का फटका पहनाकर पार्टी जॉइन की। मनीषा रंधावा जेजेपी के समर्थन से चेयरपर्सन बनी थी और बाद में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की विनेश फोगाट के लिए प्रचार किया था। 24 फरवरी को चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को कुर्सी से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी। इससे पहले तीन बार बैठक होनी निश्चित हो चुकी है लेकिन डीसी के बाहर जाने के कारण बैठक कैंसिल होती रही। इस बार हाई कोर्ट ने हर हाल में बैठक करवाने के निर्देश दिए थे। दो दिसंबर 2024 को 25 सदस्यों वाली जिला परिषद के 18 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र सौंपकर चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव बुलाने की मांग की थी। इसके बाद डीसी ने बैठक के लिए 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई। 13 दिसंबर को डीसी के अचानक छुट्टी पर चले जाने के कारण बैठक स्थगित हो गई। विरोधी गुट नहीं जुटा पा रहा था बहुमत
इसके बाद 22 जनवरी तारीख निर्धारित की गई। इसमें भी डीसी के बैठक मे न पहुंचने पर बैठक स्थगित हो गई। जिस पर चेयरपर्सन ने हाईकोर्ट का सहारा लिया तो 11 फरवरी की तारीख निर्धारित हुई। 11 फरवरी को डीसी को चीफ सेक्रेटरी की मीटिंग में जाना पड़ा, इसलिए तीसरी बार भी बैठक नहीं हो पाई। अब बैठक का समय 24 दिसंबर का निर्धारित किया गया था। विरोधी गुट बहुमत के पार्षद नहीं जुटा पा रहे थे, इस कारण बैठक को बार-बार स्थगित करवाया जा रहा था। चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 9 पार्षदों की जरूरत थी जबकि विरोधी खेमे को 18 पार्षद चाहिए थे। अगर बैठक हो जाती और अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता तो एक साल तक विरोधी बैठक नहीं बुला पाते। जेजेपी के समर्थन से बनी थी चेयरपर्सन, बाद में कांग्रेस का प्रचार किया
मनीषा रंधावा लगभग 2 साल पहले जब वह जिला परिषद चेयरपर्सन बनी थी, तब वह और उनके पति कुलदीप रंधावा दोनों जेजेपी में थे। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मनीषा रंधावा का खुलकर साथ दिया था। विधानसभा चुनावों से पहले कुलदीप रंधावा कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट के साथ नजर आने लगे। चुनावों के बाद जब दोबारा से भाजपा की सरकार बनी तो कुलदीप रंधावा ने भाजपा की ओर रुख कर लिया। करीब एक माह पहले कुलदीप रंधावा ने सीएम नायब सैनी के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डाली थी और कहा था कि अब वह भाजपा के सदस्य हैं लेकिन भाजपा के जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढुल ने इसे नकार दिया था और कहा था कि मनीषा रंधावा भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। अब फिर बदलेगी राजनीति
मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा ने रोहतक में प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के नेतृत्व में भाजपा का दामन थामने के बाद उन पर भाजपा की मोहर लग गई है। अब फिर से जिला परिषद की राजनीति में बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि भाजपा के समर्थन के बाद अब मनीषा रंधावा की कुर्सी पूरी तरह से सेफ हो गई है। दो साल से विकास कार्य पड़े ठप
जिला परिषद की राजनीति में पिछले दो साल से विकास कार्य ठप पड़े हैं। करोड़ों की ग्रांट जिला परिषद के खाते में पड़ी है लेकिन इसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है। पहले चुनावी साल और अब राजनीतिक खींचतान के कारण ग्रांट का वितरण नहीं हो पा रहा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर