हरियाणा के जींद में शुक्रवार को उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे धरने पर किसानों की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कंगना रनोट को थप्पड़ मारने वाली सीआइएसएफ कांस्टेबल कुलविंद्र कौर को रिहाई के बाद उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। धरना संयोजक आजाद पालवां ने कहा कि कुलविंद्र कौर के थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया में पहुंची है। उन्होंने कहा कि कंगना अब भी जो बयान दे रही कि उग्रवाद, आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए ये लोग कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि देश के अंदर पूरी शांति है। कुलविंद्र कौर की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, किसी की मां-बाप को गाली देना सही तो कुछ भी नहीं। वे कुलविंद्र कौर के पक्ष में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं द्वारा अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं किया तो देश में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। एक क्रांति का आगाज हो चुका है। किसान नेता ने कहा कि 13 महीने आंदोलन चला, उस दौरान किसानों को कभी आंतकवादी, माववादी, खालिस्तानी पता नहीं क्या-क्या नहीं कहा गया। कमेटी ने फैसला लिया है कि कुलविंद्र कौर जैसे ही जेल से रिहा होकर आएगी तो उसको उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित करने का काम करेंगे। किसान नेत्री सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि वे सरकार से मांग करते है कि कुलविंद्र कौर को नौकरी पर भी वापस लिया जाए। इस मौके पर शीला छात्तर, बीरा करसिंधु, पाला बड़ौदा, मिया सिंह दरोली, पवन मोर, रामफल, बलिंद्र, जंगीर, टेकराम, मेवा, जोधाराम मौजूद रहे। हरियाणा के जींद में शुक्रवार को उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे धरने पर किसानों की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कंगना रनोट को थप्पड़ मारने वाली सीआइएसएफ कांस्टेबल कुलविंद्र कौर को रिहाई के बाद उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। धरना संयोजक आजाद पालवां ने कहा कि कुलविंद्र कौर के थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया में पहुंची है। उन्होंने कहा कि कंगना अब भी जो बयान दे रही कि उग्रवाद, आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए ये लोग कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि देश के अंदर पूरी शांति है। कुलविंद्र कौर की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, किसी की मां-बाप को गाली देना सही तो कुछ भी नहीं। वे कुलविंद्र कौर के पक्ष में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं द्वारा अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं किया तो देश में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। एक क्रांति का आगाज हो चुका है। किसान नेता ने कहा कि 13 महीने आंदोलन चला, उस दौरान किसानों को कभी आंतकवादी, माववादी, खालिस्तानी पता नहीं क्या-क्या नहीं कहा गया। कमेटी ने फैसला लिया है कि कुलविंद्र कौर जैसे ही जेल से रिहा होकर आएगी तो उसको उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित करने का काम करेंगे। किसान नेत्री सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि वे सरकार से मांग करते है कि कुलविंद्र कौर को नौकरी पर भी वापस लिया जाए। इस मौके पर शीला छात्तर, बीरा करसिंधु, पाला बड़ौदा, मिया सिंह दरोली, पवन मोर, रामफल, बलिंद्र, जंगीर, टेकराम, मेवा, जोधाराम मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में पड़ोसियों ने की बुजुर्ग की हत्या:पटाखे फोड़ने से किया था मना, एरिया में फैली सनसनी
फरीदाबाद में पड़ोसियों ने की बुजुर्ग की हत्या:पटाखे फोड़ने से किया था मना, एरिया में फैली सनसनी हरियाणा के जिले फरीदाबाद सेक्टर 18 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में बीती रात पटाखे चलाने से मना करने पर एक बुजुर्ग को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने का मामला सामने आया है। मृतक बुजुर्ग के बेटे विनोद के मुताबिक बीती रात उनके पड़ोस में रहने वाले पड़ोस में राजू, धीरज और नंदू बड़े- बड़े पटाखे उनके घर के आगे फोड़ रहे थे। जिनके चलते उनके पिता ने उन्हें पटाखे फोड़ने से मना किया। वह लोग झगड़े पर उतारु हो गए। देर रात में फिर से पटाखे फोड़े पीड़ित विनोद के मुताबिक उन्होंने उनके हाथ पांव जोड़कर झगड़े से बीच बचाव किया, लेकिन रात के लगभग 1:00 बजे फिर वह अन्य साथियों के साथ आया और वह अपने साथियों के साथ उनके ही गेट पर लोहे की नाल से व बड़े-बड़े पटाखे पटाखे फोड़ने लगा। इसके बाद उनके पिता ने फिर उन्हें पटाखे फोड़ने से रोका और कहा की रात ज्यादा हो गई है। आप भी त्योहार आराम से मनाएं और आराम से सोए। इसी बात को लेकर उन्होंने उनके पिता को घर से बाहर खींच लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। पुलिस ने मदद से किया मना शोर सुनकर वह उनकी पत्नी भी बाहर आए, तो उन्होंने उन पर भी हमला कर दिया। हमले में उनके पिता को काफी गंभीर चोट आई, जिन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पीड़ित विनोद के मुताबिक उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी थी पुलिस मौके पर आई थी, लेकिन पुलिस ने भी उनके पिता को अस्पताल ले जाने की जहमत नहीं उठाई। जबकि वह पुलिस से बार-बार गुहार लगाते रहे। क्योंकि पिता की तबीयत बिगड़ती जा रही है, उन्हें अस्पताल लेकर चलिए, लेकिन पुलिस ने कहा कि यह उनका इलाका नहीं है, वह इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकते। उचित कार्रवाई की रखी मांग पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने दोबारा धमकी दी है और कहा कि एक रात तो तेरी काली हो गई, आज दूसरी रात भी तुम्हारी रात काली कर देंगे। इसके चलते उसे अभी भी अपने ही पड़ोसियों से डर बना हुआ है।वह चाहते हैं कि मैं अपने मकान बेचकर चला जाऊं, तो मैं अपना मकान बेचकर चला जाउंगा। भले वह मेरा मकान ले ले, लेकिन वह चाहता हैं कि पुलिस हत्यारों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करें।
कल भंग हो सकती है हरियाणा विधानसभा:CM सैनी ने अर्जेंट कैबिनेट मीटिंग बुलाई; संवैधानिक संकट से बचने के लिए फैसला लेंगे
कल भंग हो सकती है हरियाणा विधानसभा:CM सैनी ने अर्जेंट कैबिनेट मीटिंग बुलाई; संवैधानिक संकट से बचने के लिए फैसला लेंगे हरियाणा में 12 सितंबर से पहले विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने और विधानसभा भंग करने के संवैधानिक संकट के बीच हरियाणा सरकार ने अर्जेंट मंत्रिमंडल की बैठक बुला ली है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में विधानसभा भंग करने का फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सरकार के अधिकांश मंत्री शामिल होंगे। सुबह BJP के उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के कारण मीटिंग का समय कल शाम को तय किया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से अभी तक बैठक का समय निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन सैनी के मंत्रियों को इसकी सूचना भेजी जा चुकी है। कुछ मंत्रियों के बैठक में शामिल न होने की स्थिति में उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने के आदेश दिए गए हैं। संविधान विशेषज्ञों की राय के अनुसार, ऐसा करना सरकार के लिए जरूरी है। वजह साफ है कि 6 माह के अंतराल से पूर्व सदन का अगला सत्र बुलाना संवैधानिक अनिवार्यता है। बेशक प्रदेश विधानसभा के ताजा चुनाव घोषित कर दिए गए हो। विधानसभा भंग करना ही सिंगल ऑप्शन
विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, उसमें भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा, जिसका कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है, एवं जिसका पिछला एक दिन का विशेष सत्र 5 माह पूर्व 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था। ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा प्रदेश विधानसभा का एक सत्र, बेशक वह एक दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितम्बर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है। क्या कहता है संविधान…
संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि पिछले सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पिछली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। ऐसे में अब सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समयपूर्व भंग करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश करना ही एकमात्र विकल्प बचा है। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण
हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं है। संविधान के जानकार मानते हैं कि वैसे तो यह महज कागजी औपचारिकता है, लेकिन संवैधानिक तौर पर अनिवार्य होने से इसे हर हाल में पूरा करना होगा। ऐसी सूरत में भी सेशन न बुलाया गया हो, ऐसा कोई उदाहरण देश में नहीं है। 14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक
राज्य में इस समय 15वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इसका नोटिफिकेशन 5 सितंबर को जारी हो गया है। 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है।
कॉलेज जमाल में किया पौधारोपण
कॉलेज जमाल में किया पौधारोपण नाथूसरी चौपटा| चौ. केआरएम पीजी गर्ल्स कॉलेज जमाल में 5 सितम्बर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति तथा महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में पौधारोपण कर अनोखे तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रांगण में महाविद्यालय संचालक श्री राजेश कुमार, निदेशक वेदप्रकाश गुप्ता, प्राचार्य डॉ. दलजीत सिंह, खेल प्रशिक्षक डॉ जसवीर सिंह, सुरेश कुमार सहित समस्त प्राध्यापकों ने पौधारोपण कर हरियाली को बढ़ावा देने के लिए सभी छात्राओं को प्रेरित किया। छात्राओं ने उत्साह दिखाते हुए प्राध्यापकों के मार्गदर्शन में पौधे लगाए और उनकी संभाल करने की जिम्मेदारी ली। पौधारोपण के दौरान महाविद्यालय निदेशक वेदप्रकाश गुप्ता द्वारा छात्रों को पौधों का महत्व बताया गया।