हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के पौली गांव में तालाब में डूबने से 2 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की माैत से गांव में मातम छा गया। मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करने का प्रयास किया, परंतु परिजनों ने मना कर दिया। पैर फिसलने से तालाब में गिरा पौली गांव निवासी विनोद का लड़का 2 वर्षीय दुर्गेश बच्चों के संग खेलने के लिए तालाब के पास चला गया। अचानक उसका पैर फिसलने से वह तालाब में गिर गया। परिजनों ने काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नही लगा। उसके बाद परिजन तलाश करने तालाब पहुंचे, तो दुर्गेश का शव तालाब में तैरता हुआ मिला। परिजन उसे लेकर लाखन माजरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दुर्गेश की आकस्मिक मौत से गांव में मातम का माहौल छा गया। कार्रवाई करने से परिजनों ने किया मना जुलाना थाना प्रभारी मुरारी लाल ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पौली गांव में एक बच्चा तालाब में डूब गया। पुलिस ने परिजनों से बात की, तो उन्होंने बताया कि पैर फिसलने से बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने कोई भी कार्यवाही करवाने से मना कर दिया। हरियाणा के जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के पौली गांव में तालाब में डूबने से 2 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की माैत से गांव में मातम छा गया। मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करने का प्रयास किया, परंतु परिजनों ने मना कर दिया। पैर फिसलने से तालाब में गिरा पौली गांव निवासी विनोद का लड़का 2 वर्षीय दुर्गेश बच्चों के संग खेलने के लिए तालाब के पास चला गया। अचानक उसका पैर फिसलने से वह तालाब में गिर गया। परिजनों ने काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नही लगा। उसके बाद परिजन तलाश करने तालाब पहुंचे, तो दुर्गेश का शव तालाब में तैरता हुआ मिला। परिजन उसे लेकर लाखन माजरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दुर्गेश की आकस्मिक मौत से गांव में मातम का माहौल छा गया। कार्रवाई करने से परिजनों ने किया मना जुलाना थाना प्रभारी मुरारी लाल ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पौली गांव में एक बच्चा तालाब में डूब गया। पुलिस ने परिजनों से बात की, तो उन्होंने बताया कि पैर फिसलने से बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने कोई भी कार्यवाही करवाने से मना कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सरकार की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती:SC में याचिका, सरकारी जॉब में 5 नंबर का आरक्षण खारिज किया था, 12 हजार की नौकरी पर खतरा
हरियाणा सरकार की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती:SC में याचिका, सरकारी जॉब में 5 नंबर का आरक्षण खारिज किया था, 12 हजार की नौकरी पर खतरा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। हाईकोर्ट ने 31 मई को सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था। इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर न हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। इसलिए सरकार गई सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट जाने के पीछे सरकार का तर्क है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले ही सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को सही ठहराया हुआ है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को आधार बनाया जाएगा। इतना ही नहीं खंडपीठ ने तो हरियाणा सरकार की तारीफ भी की हुई है। ऐसे में डबल बेंच के फैसले को डबल बेंच नहीं पलट सकती। यदि फैसला पलटना है तो बड़ी बेंच यानी की तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई होनी चाहिए थी। ऐसे में नई खंडपीठ भी दो जजों की बनाई गई थी, जिसने पहली खंडपीठ द्वारा लिए गए फैसले को बदल दिया था। HC ने आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुरूप सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है। इस प्रावधान को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। 12 हजार युवाओं के भविष्य पर खतरा
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट रविंद्र ढुल ने बताया था कि सरकारी नौकरी में सामाजिक-आर्थिक के 5 अंक दिए जाने वाले फैसले को हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। हरियाणा में 2017 से जो भी भर्तियां हो रही हैं, हाईकोर्ट का यह फैसला उन पर लागू होगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला आर्टिकल 14 का वॉयलेशन करता है, यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से पहले जो भी युवा नौकरी पाए हैं, उन्हें कोई भी खतरा नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। CET के तहत हाल ही में हुई भर्तियों में जिन 12 हजार युवाओं को नौकरी मिली है, उनको हटाया जाएगा। अब जो भी ग्रुप सी और डी की भर्तियां हुई हैं, उनके सभी ग्रुपों का एग्जाम दोबारा लेना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार को इसके लिए 6 महीने का टाइम दिया है, जब ये प्रोसेस चलेगा, तब तक किसी को नहीं हटाया जाएगा।
पानीपत में किशोरी को भगा ले गया पड़ोसी:लड़का भी नाबालिग, शादी की नीयत से ले गया, अपहरण का मामला दर्ज
पानीपत में किशोरी को भगा ले गया पड़ोसी:लड़का भी नाबालिग, शादी की नीयत से ले गया, अपहरण का मामला दर्ज हरियाणा के पानीपत शहर में चांदनीबाग थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी से 11 साल की लड़की को पड़ोस में रहने वाला 16 साल का लड़का भगा ले गया। लड़की को बहला-फुसलाकर शादी की नीयत से लड़का लेकर गया है। जिस वक्त बेटी गायब हुई, उस वक्त मां काम पर गई हुई थी। वापस लौटी तो घटना का पता लगा। मां ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर लड़के के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया है। शाम को मां लौटी, तो बेटी गायब मिली
चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में एक मां ने बताया कि वह मूल रूप से यूपी के बदायुं जिला की रहने वाली है। हाल में वह पानीपत में कृष्णा गार्डन के पास रहती हैं। सोमवार को वह काम पर चली गई थी। उसकी 11 वर्षीय बेटी घर पर ही थी। शाम को वह काम से लौटी। उस दौरान देखा कि घर पर उसकी बेटी नहीं है। उसने बेटी की इधर-उधर तलाश की, लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं लगा। उसने पड़ोसियों से भी पूछताछ की, लेकिन किसी को कुछ नहीं पता था। इसके बाद वह सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक स्थल आदि जगहों पर भी गई। लेकिन बेटी वहां भी नहीं मिली। तलाशने के बाद जब वह वापस घर पहुंची, तो वहां और लोगों से पूछताछ शुरू की। जिस दौरान पता लगा कि गली में किराए पर रहने वाला एक 16 वर्षीय लड़का भी गायब है। उक्त लड़के से उसकी बेटी पड़ोसी होने के नाते बात करती थी। मां को पता लगा कि उक्त लड़का ही उसकी बेटी को शादी की नीयत से बहला-फुसला कर भगा ले गया है।
हिसार में रेप-अपहरण के प्रयास में 10 साल की कैद:घर से बच्ची को उठाया, प्लॉट में रेप की कोशिश; मां हॉस्पीटल में थी
हिसार में रेप-अपहरण के प्रयास में 10 साल की कैद:घर से बच्ची को उठाया, प्लॉट में रेप की कोशिश; मां हॉस्पीटल में थी हिसार की जिला अदालत ने 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के दोषी सिकंदर को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक सिंगल की अदालत ने आरोपी पर 80 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर मार्च 2021 में केस दर्ज किया था। जिले के एक गांव में रहने वाली महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 15 मार्च 2021 को वह अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मौजूद थी। उसकी सास का ऑपरेशन हुआ था। रात को उसकी 10 साल की बेटी और उसका पति घर पर सो रहे थे। प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश रात को करीब 12 बजे पति ने फोन कर बताया कि कोई घर में घुस आया और बेटी को बुरी नीयत से उठाकर ले गया। कुछ देर बाद जब वह घर पहुंची तो एक महिला उसकी बेटी को छोड़कर चली गई। उसने बेटी को देखा तो वह काफी डर गई। बाद में पता चला कि सिकंदर उसकी बेटी को घर से उठाकर ले गया था और एक प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट व विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने 11 दिसंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। बुधवार शाम को अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई।