हिमाचल के ज्वालामुखी के निजी होटल में बैठक के दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल ने विधायक संजय रत्न को ‘राजनीतिक ठग’ कहा है। वहीं विधायक संजय रत्न ने पलटवार करते बोले- मैं ठग क्या, भिखारी भी बनने को तैयार है। प्रेम कौशल ने अपने ही बयान को करना पड़ा स्पष्ट ज्वालामुखी में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल के बोल उस वक्त बिगड गए जब वे मंच से संबोधन दे रहे थे। उन्होंने विधायक संजय रत्न को ‘राजनीतिक ठग’ कहा। यह बयान सुनते ही माहौल गर्म हो गया और उपस्थित लोगों में खलबली मच गई। हालांकि, बाद में मीडिया से बात करते हुए प्रेम कौशल ने स्पष्ट किया कि उनका यह बयान एक कहावत के संदर्भ में था। उन्होंने कहा कि संजय रत्न एक कुशल नेता हैं, जो हर सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य करवाने में सफल रहते हैं। विधायक संजय रत्न का पलटवार प्रेम कौशल के बयान पर पलटवार विधायक संजय रत्न ने कहा कि यदि ज्वालामुखी की जनता के विकास के लिए उन्हें ‘ठग’ नहीं बल्कि ‘भिखारी’ भी बनना पड़े, तो वे इसके लिए तैयार हैं। मुझे अपनी जनता के लिए ठगी नहीं भीख भी मांगनी पड़ी तो मांगूंगा। जनता मेरा परिवार है, परिवार को सुखी देखना, साधन संपन्न करना परिवार के मुखिया का कर्तव्य होता है। चाहे वो चोरी -डकैती करे परिवार के मुखिया का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य क्षेत्र का विकास करना है और वे अपनी जनता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए काम करता हूं और हमेशा जनता के हित को प्राथमिकता दूंगा।” हिमाचल के ज्वालामुखी के निजी होटल में बैठक के दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल ने विधायक संजय रत्न को ‘राजनीतिक ठग’ कहा है। वहीं विधायक संजय रत्न ने पलटवार करते बोले- मैं ठग क्या, भिखारी भी बनने को तैयार है। प्रेम कौशल ने अपने ही बयान को करना पड़ा स्पष्ट ज्वालामुखी में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल के बोल उस वक्त बिगड गए जब वे मंच से संबोधन दे रहे थे। उन्होंने विधायक संजय रत्न को ‘राजनीतिक ठग’ कहा। यह बयान सुनते ही माहौल गर्म हो गया और उपस्थित लोगों में खलबली मच गई। हालांकि, बाद में मीडिया से बात करते हुए प्रेम कौशल ने स्पष्ट किया कि उनका यह बयान एक कहावत के संदर्भ में था। उन्होंने कहा कि संजय रत्न एक कुशल नेता हैं, जो हर सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य करवाने में सफल रहते हैं। विधायक संजय रत्न का पलटवार प्रेम कौशल के बयान पर पलटवार विधायक संजय रत्न ने कहा कि यदि ज्वालामुखी की जनता के विकास के लिए उन्हें ‘ठग’ नहीं बल्कि ‘भिखारी’ भी बनना पड़े, तो वे इसके लिए तैयार हैं। मुझे अपनी जनता के लिए ठगी नहीं भीख भी मांगनी पड़ी तो मांगूंगा। जनता मेरा परिवार है, परिवार को सुखी देखना, साधन संपन्न करना परिवार के मुखिया का कर्तव्य होता है। चाहे वो चोरी -डकैती करे परिवार के मुखिया का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य क्षेत्र का विकास करना है और वे अपनी जनता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए काम करता हूं और हमेशा जनता के हित को प्राथमिकता दूंगा।” हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में ठंड को इंतजार:बारिश-बर्फबारी के नहीं आसार, अक्टूबर में 97% कम बादल बरसे, ड्राइ स्पेल के कारण सामान्य से ज्यादा तापमान हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर माह में अब तक सामान्य से 97 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। राज्य में इससे सूखे जैसे हालात पनपने लगे है और अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। चिंता इस बात की है कि अगले 5 दिन तक भी बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। हालांकि 3 दिन पहले मौसम विभाग ने 22 अक्टूबर को 8 जिलों में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया था। मगर वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने से पहले ही कमजोर पड़ गया है। इससे आगामी 26 अक्टूबर तक प्रदेशभर में मौसम साफ बना रहेगा। ड्राइ स्पेल के कारण मैदानी इलाकों में छूट रहे पसीने प्रदेश में लंबे ड्राइ स्पेल के कारण इस बार अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में न्यूनतम और अधिकतम पारा सामान्य से ज्यादा चल रहा है। खासकर प्रदेश के मैदानी इलाकों में दिन के समय लोगों के पसीने छूट रहे हैं। इस बार ठंड को इंतजार लंबा पहाड़ों पर 15 अक्टूबर के बाद खूब ठंड हो जाती थी, लेकिन इस बार ठंड के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। आलम यह है कि प्रदेश के सबसे ठंडे शहरों में शुमार केलांग का अधिकतम तापमान सामान्य से 8.1 डिग्री ज्यादा के साथ 18.1 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। शिमला का अधिकतम तापमान भी सामान्य से 2.1 डिग्री ज्यादा के साथ 23.2 डिग्री, ऊना का 1.6 डिग्री ज्यादा के साथ 32.8 डिग्री और धर्मशाला का नॉर्मल से 1.8 डिग्री ज्यादा के साथ 27 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। मनाली में भी सामान्य से ज्यादा पारा केलांग का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2.2 डिग्री ज्यादा चल रहा है। अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में केलांग का तापमान माइनस में होता है, लेकिन इस बार अभी भी 3.2 डिग्री चल रहा है। यानी रात को भी तापमान अभी जमाव बिंदू तक नहीं पहुंच गया। मनाली का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2.9 डिग्री ज्यादा के साथ 8.9 डिग्री, कल्पा का तापमान नॉर्मल से 1.6 डिग्री के उछाल के साथ 4.8 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी तापमान नॉर्मल से ज्यादा है, क्योंकि इस बार अक्टूबर में 7 जिलों में तो पानी की एक बूंद तक नहीं बरसी। प्रदेश के किस जिला में सामान्य से कितनी कम बारिश हुई
कंगना ने मनाली की जनता से किए वादे निभाए:आभार जताने सांसद के घर पहुंचे लोग; 26 लाख के सेक्शन लेटर जनता को दिए
कंगना ने मनाली की जनता से किए वादे निभाए:आभार जताने सांसद के घर पहुंचे लोग; 26 लाख के सेक्शन लेटर जनता को दिए हिमाचल के मंडी से सांसद कंगना रनोट के मनाली स्थित घर पर आज काफी संख्या में लोग उनका आभार जताने पहुंचे। दरअसल, कंगना ने सितंबर में मनाली के दौरे के दौरान जनता से सड़क, रास्ते और सामुदायिक भवन बनाने का वादा किया था। कंगना ने इन विकास कार्य के लिए बजट मंजूर करवाकर जनता को आज इनके सेंक्शन-लेटर दिए। इस दौरान कंगना ने भरोसा दिया कि मंजूर किए गए प्रोजेक्ट का समयबद्ध काम पूरा किया जाएगा। बता दें कि कंगना ने मनाली गांव के शमशान घाट तक रास्ता बनाने के लिए 10 लाख सांसद निधि से स्वीकृत किए। बीते दिनों मानसून सीजन में भारी बारिश के बाद मनालसु नाले में बाढ़ से रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। तब कंगना चुनाव में मिली जीत का आभार जताने क्षेत्र में आई थी। उस दौरान कंगना ने रास्ता बनाने के लिए बजट देने का वादा किया था। पंचायत को सड़क और कल्वर्ट के लिए 6 लाख दिए कंगना ने ग्राम पंचायत वशिष्ट में सरस्वती माता से वशिष्ठ स्कूल तक सड़क बनाने व कल्वर्ट (पुलिया) के निर्माण को सांसद निधि से 6 लाख रुपए मंजूर किए। यह प्रस्ताव पंचायत द्वारा 30 सितंबर 2024 को सांसद के समक्ष रखा था। सामुदायिक भवन सियाल के लिए 10 लाख कंगना ने अपनी सांसद निधि से सियाल स्थित सामुदायिक भवन के लिए 10 लाख की राशि स्वीकृत की है। इस दौरान कंगना ने सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के लिए भी 17.50 लाख की राशि देने की भी घोषणा की। लगवैली के भल्याणी गांव पहुंची सांसद कंगना कुल्लू जिले की लगवैली के भल्याणी गांव पहुंचीं। यहां भू-भू जोत टनल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने टनल के निर्माण का मामला केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष उठाया है। उन्हें इस बारे में आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लोकसभा चुनाव में प्रचार करने कुल्लू आए थे, तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनका और प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि भू-भू टनल बने।
हिमाचल के किसानों पर सूखे की मार:90% जमीन पर नहीं कर पाए गेंहू की बुवाई; पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बारिश
हिमाचल के किसानों पर सूखे की मार:90% जमीन पर नहीं कर पाए गेंहू की बुवाई; पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल प्रदेश में भयंकर सूखे वाली स्थिति बनती जा रही है। पोस्ट-मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश हुई है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय निकल चुका है। अब मैदानी इलाकों में ही बुवाई के लिए एक सप्ताह शेष बचा है। मगर अभी तक 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाए हैं। 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। 3.26 लाख हैक्टेयर में होती है गेंहू की फसल कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में गेंहू की फसल 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर में होती है। बीते साल 6.20 लाख मीट्रिक टन गेंहू की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार गेंहू की बुवाई मुश्किल से 30 हजार हैक्टेयर में हो पाई है। इससे हिमाचल का किसान चिंता में है। गेंहू के साथ साथ दूसरी नगदी फसलों फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च इत्यादि पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। मानसून में 19% कम, पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल में इस बार मानसून सीजन में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मानसून बीतने यानी पोस्ट-मानसून सीजन में भी सामान्य से (1 अक्टूबर से 8 नवंबर तक) 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 123 सालों में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पोस्ट-मानसून सीजन में इतनी कम बारिश हुई है। 6 जिलों में 38 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी प्रदेश में छह जिले चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो बीते 38 दिनों से पानी की बूंद तक नहीं गिरी। अन्य जिलों में भी नाममात्र बारिश व बूंदाबांदी हुई है। इससे हिमाचल में सूखे के कारण गंभीर हालात बन रहे है। गेंहू की बात करें तो कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, ऊना और चंबा जिला में ज्यादा पैदावार ज्यादा होती है। इन जिलों के किसान ज्यादा परेशान है। 11-12 को बारिश-बर्फबारी मौसम विभाग की माने तो अगले 72 घंटे तक बारिश के आसार नहीं है। मगर 11 और 12 नवंबर को अधिक ऊंचाई वाले व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है, जबकि प्रदेश में गेंहू की ज्यादा फसल मैदानी इलाकों में ही होती है। गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय कृषि विभाग के अनुसार, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक गेंहू की बुवाई की जा सकती है, जबकि मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक गेंहू की फसल की बुवाई का सकती है।