भास्कर न्यूज | झज्जर बीते 52 सालों में झज्जर सीट से यहां की जनता ने तीन महिलाओं को विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजा है। गीता भुक्कल लगातार तीन बार विधायक के रूप में उभर कर आईं हैं। इस बार भी 2024 के चुनाव में 12 प्रत्याशियों में से गीता भुक्कल को छोड़कर किसी भी महिला ने झज्जर सीट से नामांकन नहीं भरा है, जबकि एक महिला विधायक निर्दलीय के तौर पर झज्जर से चुनी गई है। झज्जर की सीट 1982 से आरक्षित घोषित हो गई थी तब से लेकर आज तक दलित समाज के विधायक बनते आए हैं जबकि 1972 और 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां जाट जाति के विधायक चुने गए थे। 1972 में सबसे पहले मांगेराम नेशनल कांग्रेस की टिकट पर झज्जर के पहले विधायक बने थे इसके बाद मांगेराम 1977 में जनता पार्टी के विधायक बने। झज्जर सीट से कांग्रेस की ओर से 2009 से 2019 तक गीता भुक्कल यहां से िवजय रही। अब तक ये बने विधायक 1.2019 गीता भुक्कल कांग्रेस 2. 2014 गीता भुक्कल कांग्रेस 3. 2009 गीता भुक्कल कांग्रेस 4. 2005 हरिराम कांग्रेस 5. 2000 दरियाब सिंह निर्दलीय 6. 1996 रामप्रकाश दहिया हविपा 7.1996 कांता देवी हविपा 8.1991 दरियाव सिंह जनता पार्टी 9.1987 मेधावी कीर्ति निर्दलीय 10.1982 बनारसी दास लोकदल 11.1977 मांगेराम जनता पार्टी 12.1972 मनफूल सिंह नेशनल कांग्रेस पिता के निधन के बाद बेटी बनीं थीं झज्जर की विधायक झज्जर सीट चुने गए विधायक के निधन के बाद परिवार के सदस्य के बाई इलेक्शन में विधायक बनने की भी अपवाद के रूप में झज्जर सीट जानी जाती है। इस सीट से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी की ओर से राम प्रकाश दहिया विधायक बने थे उन्हें 22286 वोट मिले। वे चंडीगढ़ में शपथ ग्रहण करने के लिए जा रहे थे कि रास्ते में एक्सीडेंट से उनकी मौत होने पर उनकी बेटी कांता देवी बाय इलेक्शन में झज्जर की विधायक बनी और हविपा की सरकार बनने पर पार्टी ने उनके पिता की मौत को शोक में मंत्री का पद भी दिया। झज्जर सीट से बीते 52 सालों में एकमात्र निर्दलीय विधायक 1987 में मेधावी कीर्ति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई। उन्हें 26518 वोट मिले थे। तब उस समय यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रभाव वाली हुआ करती थी। एक नेता के द्वारा देवीलाल से बगावत करने से देवीलाल इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने बाबू जगजीवन राम की पोती को दिल्ली से रातों-रात बुलाकर टिकट दिया और चुनाव प्रचार किए बिना ही उन्हें जीत मिल गई उसके बाद से कोई भी महिला यहां निर्दलीय नहीं चुनी गई। भास्कर न्यूज | झज्जर बीते 52 सालों में झज्जर सीट से यहां की जनता ने तीन महिलाओं को विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजा है। गीता भुक्कल लगातार तीन बार विधायक के रूप में उभर कर आईं हैं। इस बार भी 2024 के चुनाव में 12 प्रत्याशियों में से गीता भुक्कल को छोड़कर किसी भी महिला ने झज्जर सीट से नामांकन नहीं भरा है, जबकि एक महिला विधायक निर्दलीय के तौर पर झज्जर से चुनी गई है। झज्जर की सीट 1982 से आरक्षित घोषित हो गई थी तब से लेकर आज तक दलित समाज के विधायक बनते आए हैं जबकि 1972 और 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां जाट जाति के विधायक चुने गए थे। 1972 में सबसे पहले मांगेराम नेशनल कांग्रेस की टिकट पर झज्जर के पहले विधायक बने थे इसके बाद मांगेराम 1977 में जनता पार्टी के विधायक बने। झज्जर सीट से कांग्रेस की ओर से 2009 से 2019 तक गीता भुक्कल यहां से िवजय रही। अब तक ये बने विधायक 1.2019 गीता भुक्कल कांग्रेस 2. 2014 गीता भुक्कल कांग्रेस 3. 2009 गीता भुक्कल कांग्रेस 4. 2005 हरिराम कांग्रेस 5. 2000 दरियाब सिंह निर्दलीय 6. 1996 रामप्रकाश दहिया हविपा 7.1996 कांता देवी हविपा 8.1991 दरियाव सिंह जनता पार्टी 9.1987 मेधावी कीर्ति निर्दलीय 10.1982 बनारसी दास लोकदल 11.1977 मांगेराम जनता पार्टी 12.1972 मनफूल सिंह नेशनल कांग्रेस पिता के निधन के बाद बेटी बनीं थीं झज्जर की विधायक झज्जर सीट चुने गए विधायक के निधन के बाद परिवार के सदस्य के बाई इलेक्शन में विधायक बनने की भी अपवाद के रूप में झज्जर सीट जानी जाती है। इस सीट से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी की ओर से राम प्रकाश दहिया विधायक बने थे उन्हें 22286 वोट मिले। वे चंडीगढ़ में शपथ ग्रहण करने के लिए जा रहे थे कि रास्ते में एक्सीडेंट से उनकी मौत होने पर उनकी बेटी कांता देवी बाय इलेक्शन में झज्जर की विधायक बनी और हविपा की सरकार बनने पर पार्टी ने उनके पिता की मौत को शोक में मंत्री का पद भी दिया। झज्जर सीट से बीते 52 सालों में एकमात्र निर्दलीय विधायक 1987 में मेधावी कीर्ति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई। उन्हें 26518 वोट मिले थे। तब उस समय यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रभाव वाली हुआ करती थी। एक नेता के द्वारा देवीलाल से बगावत करने से देवीलाल इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने बाबू जगजीवन राम की पोती को दिल्ली से रातों-रात बुलाकर टिकट दिया और चुनाव प्रचार किए बिना ही उन्हें जीत मिल गई उसके बाद से कोई भी महिला यहां निर्दलीय नहीं चुनी गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की HCS भर्ती पर विवाद:सिलेक्ट हुए ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों पर सवाल; सुरजेवाला बोले- अधिकारियों की संख्या, सूची, एड्रेस नहीं बता रही सरकार
हरियाणा की HCS भर्ती पर विवाद:सिलेक्ट हुए ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों पर सवाल; सुरजेवाला बोले- अधिकारियों की संख्या, सूची, एड्रेस नहीं बता रही सरकार हरियाणा की HCS भर्ती को लेकर राज्यसभा सांसद व कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने HCS भर्ती में ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों की भर्ती ने खड़े किए सवालिया निशान लगाए हैं। बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस भर्ती में SC-BC युवाओं को जानबूझकर वंचित किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा से बाहर के लोगों की भर्ती छिपाने के लिए भाजपा सरकार षडयंत्रकारी तरीके से चयनित HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ व ‘पता’ नहीं बता रही है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने 2023 HCS भर्ती में 121 पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन दिया। 87,000 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया। 1,706 अभ्यर्थियों ने HCS मेन एग्ज़ाम पास किया। 275 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 14 जून 2024 को 275 अभ्यर्थियों के अंक जारी कर दिए गए, परंतु आज तक 3 सवालों के जवाब नहीं मिल पाए। उन्होंने इन सवालों के जवाब मांगे हैं। यहां पढ़िए क्या हैं सुरजेवाला के सवाल… सीरीज वाइज नंबर पर उठाए सवाल HCS मेन एग्ज़ाम में एक सीरीज़ में बैठे, यानी एक कमरे में आगे-पीछे बैठे व साथ-साथ इंटरव्यू हुए अनेकों अभ्यर्थियों की सलेक्शन हो गई। 275 इंटरव्यू में बैठे अभ्यर्थियों में से 345 अंक (जनरल कैटेगरी) पाने वाले अभ्यर्थी की HCS में सलेक्शन हुई है। सुरजेवाला ने 2311, 2313, 2314, 2317, 2318, 2322, 2325, 2329, 2330, 2332, 2333, 2335, 2338, 2342 इसके अलावा 2301, 2302, 2304 चयनित रोल नंबरों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके पीछे NEET एग्जाम का हवाला दिया है। इस एग्जाम में 8 टॉपर एक दूसरे के आगे-पीछे बैठे पाए गए हैं। SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए? सुरजेवाला ने 15 जून, 2024 को SC-BC के अभ्यर्थियों को लेकर हमने निम्नलिखित गंभीर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा है कि SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए।2022 HCS भर्ती में भी SC आरक्षित 20 पदों में से 14 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए थे? BC (A) के 19 आरक्षित पदों में 19 ही लोग बुलाकर 19 ही सलेक्ट कैसे कर लिए? 3 गुना BC (A) के बच्चों को क्यों नहीं बुलाया गया। 2022 HCS भर्ती में भी इसी प्रकार 10 BC (A) के पदों में से 7 खाली क्यों रह गए थे। BC (B) श्रेणी में 7 आरक्षित पदों पर 8 बच्चों को इंटरव्यू के लिए बुलाकर उन्हीं में से 7 को भर्ती क्यों किया गया? पदों के अनुपात में 3 गुना बच्चों को इंटरव्यू के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? 2022 HCS भर्ती में BC (B) के 5 पदों में से 4 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए? हरियाणा के बाहर के युवाओं को दे रही सरकार भर्ती जहां SC, BC (A), BC (B) के पद ही नहीं भरे जा रहे, या तीन गुना कैंडिडेट इंटरव्यू के लिए बुलाए ही नहीं जा रहे, वहां जनरल कैटेगरी में हरियाणा से बाहर के चहेतों की भर्ती अब आम बात बन गई है। इसी वजह से भाजपा सरकार न तो सलेक्टेड HCS कैंडिडेट्स की संख्या बता रही, न ही उनकी सूची दे रही और न ही सलेक्टेड कैंडिडेट्स का पता बता रही क्योंकि लीपा-पोती से हर बाहर के कैंडिडेट की भर्ती हुई होगी, इसलिए सलेक्टेड HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ और ‘पता’ नहीं बताया जा रहा।

दिल्ली की लड़की से लव जिहाद मामला:हिंदू बनकर युवक ने फंसाया, गर्भवती हुई, शादी के लिए कहने पर हत्या, डेढ़ साल पहले संपर्क
दिल्ली की लड़की से लव जिहाद मामला:हिंदू बनकर युवक ने फंसाया, गर्भवती हुई, शादी के लिए कहने पर हत्या, डेढ़ साल पहले संपर्क दिल्ली की युवती से लव जिहाद का मामले सामने आया है। आरोपी मुस्लिम युवक ने हिंदू बनकर युवती को प्यार के जाल में फंसाया। वहीं जब युवती ने गर्भवती होने के बाद शादी के लिए कहा तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। जिसका शव रोहतक के गांव मदीना के खेतों में मिला। मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआई में लाया गया है। जहां पर डाक्टरों के बोर्ड द्वारा मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। मृतका की पहचान दिल्ली के नांगलोई निवासी करीब 20 वर्षीय सोनी के रूप में हुई है। जिसे करीब एक डेढ़ साल से सलीम ने अपना नाम संजू बताकर प्रेम जाल में फंसाया। इसी बीच लड़की गर्भवती भी हो गई। लड़की के गर्भवती होने के कारण उससे शादी करने का दवाब बना रही थी। जबकि संजू उर्फ सलीम, शादी से इनकार कर दिया था। रास्ते से हटाने के लिए रची हत्या की साजिश
सलीम ने सोनी को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रच डाली। 20 अक्टूबर को करवा चौथ के दिन सोनी को घुमाने के बहाने घर से बुलाया और अपने दो और साथी पंकज और ऋतिक के साथ कार में लेकर चल पड़ा। इसी बीच सलीम ने सोनी का गला दबाकर हत्या कर दी। वहीं, ऋतिक सोनीपत जिले के गांव कथुरा का रहने वाला और गांव मदीना का भांजा है। सोनी की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए ऋतिक उन्हें गांव मदीना के सुनसान खेतो में ले आया और तीनों ने खेत में गड्ढा खोदकर शव को गाड़ दिया और वापस नांगलोई आ गए। फोन पर बातचीत के दौरान हुआ संदेह
मृतका के भाई मनीष ने बताया कि उसने फोन कर संजू उर्फ सलीम से सोनी के घर नहीं आने की बात पूछी और कब तक आएगी तो उसने बहाना बनाया कि उसके साथ नहीं है। वह कहीं जंगल में फोन के दौरान वे गड्ढे की खोदने की बात कर रहे थे। दो दिन तक सोनी घर नहीं आई तो पुलिस में उसके प्रेमी के पास जाने की शिकायत दी। दिल्ली पुलिस ने उसके प्रेमी को हिरासत में लिया तो उसने कबूल किया कि सोनी की गला दबा कर हत्या कर दी और उसका शव मदीना के खेतों में गाड़ हुआ है। नाम बदलकर फंसाया
मनीष ने बताया कि पहले हमें नहीं पता था कि लड़का मुस्लिम है। वह करीब डेढ़ साल से उसके साथ संपर्क में थी। इसी बीच वह गर्भवती हो गई और अब करीब सात माह की गर्भवती थी। इसके बाद युवती ने शादी की बात कही, लेकिन आरोपी इनकार कर रहा था। शादी का झांसा देकर उसे फंसाया है। उसने बताया कि आरोपी ने अपना नाम संजू बताया था। जब आरोपी के परिवार वालों से संपर्क किया तो पता चला कि आरोपी हिंदू नहीं मुस्लिम है और उसका असली नाम सलीम है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं
लड़की के पिता शंकर ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। कई साल से वह नांगलोई (दिल्ली) में रहता है। उसके तीन बच्चे (दो बेटी व एक बेटा) है और वह चारे की दुकान चलाता है। दोनों बेटियों में सोनी बड़ी थी। उसने कहा कि लड़की के बारे में उसे कुछ ज्यादा पता नहीं था। अगर उसे पता होता तो यह नहीं होने देता। उन्हें नहीं पता था कि लड़का हिंदू नहीं है।

हरियाणा BJP को एक दिन में 32 नेताओं ने छोड़ा:टिकट कटने से नाराज, बिशंभर-कविता फूट-फूटकर रोए; CM सैनी डैमेज कंट्रोल कर रहे
हरियाणा BJP को एक दिन में 32 नेताओं ने छोड़ा:टिकट कटने से नाराज, बिशंभर-कविता फूट-फूटकर रोए; CM सैनी डैमेज कंट्रोल कर रहे हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए BJP की पहली सूची जारी होने के साथ ही पार्टी में भगदड़ मच गई है। बुधवार शाम को 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे गिरने शुरू हो गए। यह सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। 24 घंटे से भी कम समय में पार्टी के 32 बड़े चेहरों ने अलविदा कह दिया है। इनमें 1 मंत्री, 1 विधायक, 5 पूर्व विधायक भी शामिल हैं। प्रदेश में रानियां, महम, बाढड़ा, थानेसर, उकलाना, सफीदों, पृथला, रेवाड़ी, इसराना, हिसार, समालखा में बगावत दिखी। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने समर्थकों की मीटिंग बुला कर पार्टी से इस्तीफा दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की। वहीं, देश की चौथी सबसे अमीर महिला एवं BJP सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इन्होंने छोड़ी पार्टी मंत्री: सिरसा के रानियां से ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दिया है। रणजीत ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन मैं वहां से नहीं लड़ना चाहता। मैं इसी समय पार्टी छोड़ रहा हूं। 90% तय है कि रानियां विधानसभा से निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा। आगामी 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर भाजपा को अपनी ताकत दिखाऊंगा। रणजीत चौटाला पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कर हिसार से चुनाव लड़ाया था। हालांकि वे चुनाव हार गए। इसके बाद वह सिरसा के रानियां से अपनी विधानसभा सीट पर फिर टिकट मांग रहे थे। कांग्रेस में गए विधायक
फतेहाबाद की रतिया विधानसभा से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने टिकट की घोषणा के बाद आधी रात को ही अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को भेज दिया। इसके बाद अब वह दिल्ली स्थित पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर पहुंच गए। वहां उन्हें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान और हुड्डा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इन पदाधिकारियों ने BJP का साथ छोड़ा-
– हिसार के बरवाला में जिला पार्षद महंत दर्शनगिरी ने इस्तीफा दिया निर्दलीय लड़ेंगे
– हिसार से गौतम सरदाना, पूर्व मेयर, भाजपा से इस्तीफा
– पीपीपी के राज्य समन्वयक डॉ सतीश खोला ने बीजेपी छोड़ी
– हिसार से तरूण जैन ने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
– हिसार के उकलाना में पूर्व प्रत्याशी सीमा गैबीपुर ने इस्तीफा दिया
– हिसार के उकलाना में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शमशेर गिल
– गुरुग्राम से नवीन गोयल ने दिया बीजेपी से इस्तीफा
– सोनीपत: भाजपा जिला उपाध्यक्ष व पार्षद इंदु वलेचा के पति पूर्व पार्षद संजीव वलेचा ने भी छोड़ी भाजपा
– गुरुग्राम -पंडित GL शर्मा ने बीजेपी छोड़ी, पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा निवास
– सोनीपत से बीजेपी युवा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी अमित जैन ने इस्तीफा दे दिया
– पानीपत में पूर्व जिला परिषद चेयरपर्सन आशु सत्यवान शेरा ने जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट़्ट को अपना इस्तीफा सौंपा
– रेवाड़ी में सुनील राव ने पार्टी छोड़ दी
– रोहतक में अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष एवं विधानसभा संयोजक फतेह सिंह
– बहु अकबरपुर मंडल अध्यक्ष हरेंद्र मोखरा
– किसान मोर्चा महम मंडल अध्यक्ष विकास सिवाच
- मंडल महामंत्री मुकेश कुमार
– महम मंडल अध्यक्ष एवं पूर्व सरपंच रोहताश
- लाखनमाजरा से भाजपा मंडल अध्यक्ष नवीन उप्पल
- महम मंडल के महामंत्री राकेश कुमार ने इस्तीफा दिया
– रेवाड़ी में प्रशांत उर्फ सन्नी यादव
– बवानी खेड़ा से हरियाणा प्रदेश घुमन्तु प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी सुरेश ओड ने पार्टी छोड़ी रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा का इस्तीफा… इसके अलावा हिसार की उकलाना रिजर्व सीट से JJP के पूर्व विधायक अनूप धानक को टिकट देने से नाराज पार्टी के नेता शमशेर गिल और पूर्व उम्मीदवार सीमा गैबीपुर ने भी पार्टी छोड़ दी है। हिसार में कमल गुप्ता को टिकट मिलने पर पहले ही बगावत की घोषणा करने वाले भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरूण जैन भी पार्टी छोड़ने का ऐलान करने वाले हैं। उन्होंने सुबह अपने निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। वहीं, सोनीपत से भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार ने भी भाजपा छोड़ दी है। चरखी दादरी से किसान मोर्चा अध्यक्ष का इस्तीफा चरखी दादरी के बाढड़ा सीट से विधायक रहे सुखविंद्र श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा परिवार पहचान पत्र के स्टेट कोऑर्डिनेट सतीश खोला भी बगावत पर उतर आए हैं। उन्होंने कल अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुला ली है। सुखविंद्र श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखा इस्तीफा… रणजीत चौटाला ने समर्थकों की बैठक बुलाई
रानियां से देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला की टिकट कटने पर उन्होंने आज सिरसा में अपने निवास स्थान पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। रणजीत चौटाला सरकार में बिजली मंत्री हैं और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके। इसके बाद से ही उन्होंने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। अब टिकट कटने के बाद वह आगामी रणनीति बनाएंगे। रणजीत चौटाला निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, वह कांग्रेस के भी संपर्क में हैं। सोनीपत से कविता जैन भी बगावत पर उतर आई हैं। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह BJP उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। कविता जैन पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के OSD रह चुके राजीव जैन की पत्नी हैं। हिसार भाजपा उपाध्यक्ष तरूण जैन ने बुलाई समर्थकों की बैठक
वहीं, हिसार में भाजपा के मौजूदा विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की खुले तौर पर आलोचना करने वाले और दोबारा टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले भाजपा नेता तरूण जैन ने बगावत कर दी है। उन्होंने सुबह 10 बजे अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वह समर्थकों से राय शुमारी कर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। तरूण जैन खुद को टिकट की दौड़ में बता रहे थे। हालांकि, टिकट के लिस्ट में उनका नाम पहले दिन से ही पैनल में नहीं था। सावित्री जिंदल और मंत्री डॉ. कमल गुप्ता में से एक को ही टिकट दिया जा सकता था। पार्टी ने पुराने नेता डॉ. कमल गुप्ता पर विश्वास जताया।