भास्कर न्यूज | झज्जर बीते 52 सालों में झज्जर सीट से यहां की जनता ने तीन महिलाओं को विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजा है। गीता भुक्कल लगातार तीन बार विधायक के रूप में उभर कर आईं हैं। इस बार भी 2024 के चुनाव में 12 प्रत्याशियों में से गीता भुक्कल को छोड़कर किसी भी महिला ने झज्जर सीट से नामांकन नहीं भरा है, जबकि एक महिला विधायक निर्दलीय के तौर पर झज्जर से चुनी गई है। झज्जर की सीट 1982 से आरक्षित घोषित हो गई थी तब से लेकर आज तक दलित समाज के विधायक बनते आए हैं जबकि 1972 और 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां जाट जाति के विधायक चुने गए थे। 1972 में सबसे पहले मांगेराम नेशनल कांग्रेस की टिकट पर झज्जर के पहले विधायक बने थे इसके बाद मांगेराम 1977 में जनता पार्टी के विधायक बने। झज्जर सीट से कांग्रेस की ओर से 2009 से 2019 तक गीता भुक्कल यहां से िवजय रही। अब तक ये बने विधायक 1.2019 गीता भुक्कल कांग्रेस 2. 2014 गीता भुक्कल कांग्रेस 3. 2009 गीता भुक्कल कांग्रेस 4. 2005 हरिराम कांग्रेस 5. 2000 दरियाब सिंह निर्दलीय 6. 1996 रामप्रकाश दहिया हविपा 7.1996 कांता देवी हविपा 8.1991 दरियाव सिंह जनता पार्टी 9.1987 मेधावी कीर्ति निर्दलीय 10.1982 बनारसी दास लोकदल 11.1977 मांगेराम जनता पार्टी 12.1972 मनफूल सिंह नेशनल कांग्रेस पिता के निधन के बाद बेटी बनीं थीं झज्जर की विधायक झज्जर सीट चुने गए विधायक के निधन के बाद परिवार के सदस्य के बाई इलेक्शन में विधायक बनने की भी अपवाद के रूप में झज्जर सीट जानी जाती है। इस सीट से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी की ओर से राम प्रकाश दहिया विधायक बने थे उन्हें 22286 वोट मिले। वे चंडीगढ़ में शपथ ग्रहण करने के लिए जा रहे थे कि रास्ते में एक्सीडेंट से उनकी मौत होने पर उनकी बेटी कांता देवी बाय इलेक्शन में झज्जर की विधायक बनी और हविपा की सरकार बनने पर पार्टी ने उनके पिता की मौत को शोक में मंत्री का पद भी दिया। झज्जर सीट से बीते 52 सालों में एकमात्र निर्दलीय विधायक 1987 में मेधावी कीर्ति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई। उन्हें 26518 वोट मिले थे। तब उस समय यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रभाव वाली हुआ करती थी। एक नेता के द्वारा देवीलाल से बगावत करने से देवीलाल इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने बाबू जगजीवन राम की पोती को दिल्ली से रातों-रात बुलाकर टिकट दिया और चुनाव प्रचार किए बिना ही उन्हें जीत मिल गई उसके बाद से कोई भी महिला यहां निर्दलीय नहीं चुनी गई। भास्कर न्यूज | झज्जर बीते 52 सालों में झज्जर सीट से यहां की जनता ने तीन महिलाओं को विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजा है। गीता भुक्कल लगातार तीन बार विधायक के रूप में उभर कर आईं हैं। इस बार भी 2024 के चुनाव में 12 प्रत्याशियों में से गीता भुक्कल को छोड़कर किसी भी महिला ने झज्जर सीट से नामांकन नहीं भरा है, जबकि एक महिला विधायक निर्दलीय के तौर पर झज्जर से चुनी गई है। झज्जर की सीट 1982 से आरक्षित घोषित हो गई थी तब से लेकर आज तक दलित समाज के विधायक बनते आए हैं जबकि 1972 और 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां जाट जाति के विधायक चुने गए थे। 1972 में सबसे पहले मांगेराम नेशनल कांग्रेस की टिकट पर झज्जर के पहले विधायक बने थे इसके बाद मांगेराम 1977 में जनता पार्टी के विधायक बने। झज्जर सीट से कांग्रेस की ओर से 2009 से 2019 तक गीता भुक्कल यहां से िवजय रही। अब तक ये बने विधायक 1.2019 गीता भुक्कल कांग्रेस 2. 2014 गीता भुक्कल कांग्रेस 3. 2009 गीता भुक्कल कांग्रेस 4. 2005 हरिराम कांग्रेस 5. 2000 दरियाब सिंह निर्दलीय 6. 1996 रामप्रकाश दहिया हविपा 7.1996 कांता देवी हविपा 8.1991 दरियाव सिंह जनता पार्टी 9.1987 मेधावी कीर्ति निर्दलीय 10.1982 बनारसी दास लोकदल 11.1977 मांगेराम जनता पार्टी 12.1972 मनफूल सिंह नेशनल कांग्रेस पिता के निधन के बाद बेटी बनीं थीं झज्जर की विधायक झज्जर सीट चुने गए विधायक के निधन के बाद परिवार के सदस्य के बाई इलेक्शन में विधायक बनने की भी अपवाद के रूप में झज्जर सीट जानी जाती है। इस सीट से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी की ओर से राम प्रकाश दहिया विधायक बने थे उन्हें 22286 वोट मिले। वे चंडीगढ़ में शपथ ग्रहण करने के लिए जा रहे थे कि रास्ते में एक्सीडेंट से उनकी मौत होने पर उनकी बेटी कांता देवी बाय इलेक्शन में झज्जर की विधायक बनी और हविपा की सरकार बनने पर पार्टी ने उनके पिता की मौत को शोक में मंत्री का पद भी दिया। झज्जर सीट से बीते 52 सालों में एकमात्र निर्दलीय विधायक 1987 में मेधावी कीर्ति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई। उन्हें 26518 वोट मिले थे। तब उस समय यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रभाव वाली हुआ करती थी। एक नेता के द्वारा देवीलाल से बगावत करने से देवीलाल इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने बाबू जगजीवन राम की पोती को दिल्ली से रातों-रात बुलाकर टिकट दिया और चुनाव प्रचार किए बिना ही उन्हें जीत मिल गई उसके बाद से कोई भी महिला यहां निर्दलीय नहीं चुनी गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के शहीद मेजर की मां बोली-बहू ने तेवर बदले:कहा- सारा फंड लेकर मायके गई; घर ताला लगाया, सरकार उसे नौकरी न दे
हरियाणा के शहीद मेजर की मां बोली-बहू ने तेवर बदले:कहा- सारा फंड लेकर मायके गई; घर ताला लगाया, सरकार उसे नौकरी न दे हरियाणा के पानीपत के शहीद मेजर आशीष धौंचक की शहादत को 1 साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उनके मां-बाप अब इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए हैं। सरकार की ओर से तमाम घोषणाएं की गई। शहादत फंड भी मिला, इसके बाद भी मां-बाप का बुढ़ापा अंधकार में है। क्योंकि इकलौते बेटे की शहादत के बाद मां-बाप की आस उनकी बहू और पोती है, जोकि अब उनसे दूर चली गई। परिवार का आरोप है कि बहू सरकार से मिलने वाली राशि, घर-मकान समेत अन्य लाभ अपने नाम करवा कर मायके चली गई। कई माह बीत जाने के बाद वह वापस नहीं लौटी। यहां तक कि उसने और उसके परिवार वालों ने बातचीत तक करनी बंद कर दी। जिसके बाद मां-बाप ने हरियाणा पंचायत मंत्री एवं पानीपत ग्रामीण विधानसभा से विधायक महीपाल ढांडा के जरिए सीएम नायब सिंह सैनी से गुहार लगाई है। जिसमें उन्होंने सरकारी नौकरी उनकी बहू को न दिए जाने समेत अन्य मांग रखी है। सीएम ने उचित फैसला लिए जाने का आश्वासन दिया है। आखिरी चेक पर साइन करवा कर चली गई बहू
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में शहीद की मां कमला ने बताया कि 13 सितंबर 2023 को उनका इकलौता बेटा मेजर आशीष धौंचक (36) जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया था। बेटे की शहादत के बाद से बहू ज्योति ने अपने तेवर बदल लिए थे। जब तक सरकार की ओर से निर्धारित पूरी राशि नहीं मिली वह बहुत प्यार से बात करती थी। आखिर चेक आने पर उसने घर से जाने का प्लान बना लिया था। शहादत के कुछ समय बाद ही उसने जींद स्थित अपने मायका में 7 दिन जाने की बात कही थी। इसके बाद वह अपनी ढाई साल की बेटी वामिनी को लेकर घर से चली गई और वापस नहीं लौटी। 30 तोला सोना भी ले गई ज्योति
ज्योति से जब भी बात करते हैं, वह कभी भी वापस न आने की बात कहती है। उसके मां-बाप से बात की तो उन्होंने भी बात करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं पंचायती, सामाजिक तौर पर भी उन्होंने किसी भी तरह की बात करने से मना कर दिया। मां ने कहा कि ज्योति जाते समय घर से 30 तोला सोना भी ले गई है। इसके अलावा फरीदपुर टीडीआई में नवनिर्मित मकान, जोकि आधा आशीष के नाम था वह भी अपने नाम करवा गई। जाते हुए उसने घर के ऊपर वाले हिस्से में ताला लगा दिया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करती हैं कि उनकी बहू ज्योति को सरकारी नौकरी देने का जो प्रस्ताव मंजूर हुआ था, वह नामंजूर किया जाए। क्योंकि ज्योति उनके साथ नहीं रहती है। वह इस नौकरी को अपनी बेटी को दिलवाना चाहती है। क्योंकि बेटी ही उनकी सेवा कर रही है। ये बात पॉलिसी में भी लिखा है कि जिसे नौकरी दी जाएगी, अगर वह मां-बाप की केयर नहीं करेगा/करेगी, तो उसकी नौकरी को मां-बाप के कहने पर नामंजूर किया जाएगा। इसके अलावा मां ने यह भी कहा कि भारतीय सेना की ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। वह अपने कैंटीन कार्ड बनवाने के लिए भी जद्दोजहद कर रही हैं। सेना से कई बार संपर्क किया। सेना की ओर से उन्हें मेडिकल सुविधा भी नहीं दी गई। पंचायत मंत्री ने CM के सामने उठाया मामला
इस मामले को पंचायत मंत्री महीपाल ढांडा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कि हमारे बिंझौल गांव का रहने वाला शहीद मेजर धौंचक का परिवार भटक गया है। उसकी पत्नी ज्योति ने तेहरवीं रस्म भी नहीं होने दी थी और वह चली गई। वह अपना तमाम हिस्सा ले गई। घर पर भी आकर वह ताला लगा गई। उसकी नौकरी का हरियाणा सरकार ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, लेकिन अब जब वह यहां है नहीं तो उसकी जगह पर आशीष की बहन को नौकरी दी जाए। शहीद के नाम पर एक पार्क, स्टैच्यू और सरकारी भवन का नाम दिया जाने की भी घोषणा की थी। हमारी मांग है कि पानीपत के बस स्टैंड का नामकरण शहीद मेजर आशीष धौंचक के नाम पर हो। जिस परिवार का बेटा शहीद हुआ था, उसके मां-बाप दर-दर भटकने को मजबूर हैं, उनके साथ न्याय किया जाए। 3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर हैं। लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की थी। 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक की। इसके बाद वह एमटेक कर रहे थे। इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। इसके बाद वह बठिंडा, बारामूला और मेरठ में तैनात रहे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली। जिसके बाद वह परिवार को साथ नहीं ले गए। उन्होंने पानीपत के सेक्टर 7 में मकान लिया और उन्हें यहां छोड़ दिया। सरकार ने ये किया था ऐलान
पूर्व सीएम मनोहर लाल ने शहीद मेजर आशीष धौंचक के नाम पर टीडीआई में पार्क और पैतृक गांव बिंझौल में स्वागत द्वार बनाने की बात कही थी। साथ ही शहीद परिवार को सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए नकद और पत्नी ज्योति को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दिए जाने का ऐलान किया था। ये खबर भी पढ़ें… शहीद मेजर आशीष का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार:मेजर भाई ने मुखाग्नि दी; अंतिम यात्रा में हाथ जोड़े रहीं मां, बहन करती रही सैल्यूट कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धौंचक (36) का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिंझौल में हुआ। उन्हें चचेरे भाई मेजर विकास ने मुखाग्नि दी। इससे पहले सिख रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया। शहीद मेजर की अंतिम यात्रा पानीपत TDI सिटी से 14 किमी दूर उनके गांव बिंझौल पहुंची। यात्रा के साथ एक किलोमीटर लंबे काफिले में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए। सड़क के दोनों तरफ खड़े लोगों ने आशीष की पार्थिव देह पर फूल बरसाकर उन्हें विदा किया। (पूरी खबर पढ़ें)
रोहतक में मेवात के युवक से लूटपाट:गुरुग्राम से 4 युवकों ने किराए पर ली थी टैक्सी, रोहतक जाते समय मारपीट, नगदी-कार छीनी
रोहतक में मेवात के युवक से लूटपाट:गुरुग्राम से 4 युवकों ने किराए पर ली थी टैक्सी, रोहतक जाते समय मारपीट, नगदी-कार छीनी रोहतक में मेवात के एक टैक्सी चालक से लूट की वारदात सामने आई है। चार युवकों ने गुरुग्राम से रोहतक के लिए टैक्सी किराये पर ली थी। रास्ते में युवकों ने टैक्सी चालक को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की और उससे टैक्सी व नगदी आदि छीन ली। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मेवात के गांव जलालपुर निवासी समिन ने आईएमटी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उसने बताया कि उसने करीब डेढ़ साल पहले स्विफ्ट कार खरीदी थी। इस कार को वह टैक्सी के तौर पर चलाता है। 19 अगस्त की रात को वह अपनी कार में बिलासपुर से गुरुग्राम आ रहा था। रात करीब एक बजे उसे बिलासपुर चौक पर चार लड़के मिले। उन्होंने कार रोकी और गुरुग्राम चलने को कहा। उसने किराया 500 रुपये बताया। उस समय चारों युवक टैक्सी में बैठ गए। रोहतक जाते समय हुई घटना युवकों में से एक ने कहा कि उसके पिता रोहतक पीजीआई में भर्ती हैं और क्या वह टैक्सी से रोहतक पीजीआई जा सकता है। जिस पर समीन ने सहमति जताते हुए किराया 2500 रुपए बताया। उसने चारों को गुरुग्राम के राजीव चौक पर उतार दिया। इसके बाद वह दूसरी सवारी को टैक्सी में बैठाकर वहां से चला गया। कुछ देर बाद आरोपी ने फोन करके उसे रोहतक चलने को कहा। उसने चारों लोगों को टैक्सी में बैठाया और रोहतक के लिए निकल गया। मारपीट कर कार, नगदी व मोबाइल छीन लिया जब उन्होंने खरावर मंदिर से रोहतक शहर की ओर कार मोड़ी तो उनमें से एक लड़के ने कहा कि पहले हम झज्जर में अपनी बहन के घर चलेंगे। फिर पीजीआईएमएस रोहतक चलेंगे। समीन ने कहा कि तुमने पीजीआईएमएस रोहतक के लिए कार बुक करवाई थी। इसलिए मैं तुम्हें पीजीआईएमएस रोहतक ही छोड़ दूंगा, हम झज्जर नहीं जाएंगे। तब उन लड़कों ने कहा कि उन्हें बाथरूम जाना है, कार रोक दो। कार रोकी गई और फिर चारों लड़कों ने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया और गमछी से मेरा गला घोंटना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे जबरन पीछे की सीट पर बैठा दिया और उनमें से एक लड़का कार चलाने लगा। अन्य लड़कों ने उसके साथ मारपीट की और उसकी जेब से जबरन फोन व 4000 रुपए निकाल लिए। उसे कार में बैठाकर इधर-उधर घुमाते रहे। उसके बाद उन चारों लड़कों ने उसे गांव डीघल के पास छोड़ दिया। चारों लड़के कार, मोबाइल फोन व 4000 रुपए लेकर भाग गए। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
हरियाणा में JJP नेता को सिर-छाती, पैर में मारी गोलियां:हीरो एजेंसी के बाहर मोबाइल पर बात करते हत्या, गनमैन सस्पेंड, CCTV में दिखे 4 बदमाश
हरियाणा में JJP नेता को सिर-छाती, पैर में मारी गोलियां:हीरो एजेंसी के बाहर मोबाइल पर बात करते हत्या, गनमैन सस्पेंड, CCTV में दिखे 4 बदमाश हरियाणा में हिसार के हांसी में बदमाशों ने JJP नेता और सैनी हीरो एजेंसी के मालिक की सिर-छाती और पैर में गोली मारी। जिससे उनकी मौत हो गई। सैनी को बुधवार शाम को उनके सैनी हीरो एजेंसी शोरूम के बाहर ही गोलियां मारी गई। जिस वक्त गोलियां मारी गई, सैनी शोरूम के बाहर मोबाइल पर बात कर रहे थे। उनका गनमैन शोरूम के अंदर बैठा हुआ था। गनमैन को ड्यूटी में लापरवाही और बदमाशों पर गोली न चलाने की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है। वारदात में 4 बदमाश शामिल थे। जिनमें से 3 फायरिंग करने शोरूम पर आए। चौथा बिना नंबर की बाइक पर उन्हें भगा ले गया। 3 बदमाशों के शोरूम की तरफ आते और वारदात के बाद चौथे के साथ भागते की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। हिसार में 15 दिन में वाहन एजेंसी पर गोलीबारी की से दूसरी वारदात है। इससे पहले इनेलो नेता के महिंद्रा शोरूम में फायरिंग हुई थी। एक पिट्ठू बैग लिये खड़ा था, चौथे ने बाइक स्टार्ट रखी बदमाश शोरूम में बैठे रविंद्र सैनी की रेकी कर रहे थे। दो युवकों ने गोलीमारी। एक पिट्ठू बैग लेकर खड़ा रहा, चौथे ने बाइक स्टार्ट रखी। रविंद्र सैनी फोन पर बात करने के लिए शाम करीब 6 बजे जैसे ही शोरूम से बाहरखाली प्लॉट में आए उसी दौरान पहले से ही घात लगाए घूम रहे हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। दो युवकों ने गोलियां मारी। एक गोली सिर में, एक टांग पर व एक गोली सीने में मारी गई है।
मौके पर चार खोल बरामद शोरूम के पास जिस जगह पर रविंद्र सैनी की गोली मारकर हत्या की गई, वहां चली हुई गोलियों के चार खोल बरामद हुए हैं। घटना स्थल पर खून भी बिखरा हुआ था। फोरेंसिक टीम व पुलिस की स्पेशल जांच टीम ने करीब 2 घंटे तक घटना स्थल का निरीक्षण किया। घटनास्थल से जरूरी सबूत जुटाए गए। नजदीकी भवनों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई।जिन सीसीटीवी में आरोपियों की रिकॉर्डिंग हुई, कब्जे में ली गई हैं। एसपी मकसूद अहमद, डीएसपी हेडक्वार्टर धीरज कुमार आदि मौके पर मौजूद रहे। जाट आरक्षण आंदोलन में जला था शोरूम जाट आरक्षण आंदोलन केदौरान रविंद्र सैनी को शोरूम को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी। उपद्रवी हिसारकी तरफ से आए थे और भाईजी होटल के साथ-साथ सैनी के शोरूम में भीआग लगा दी थी। आग से उनके शोरूम को भारी नुकसान हुआ था। दस साल से लड़ रहे थे बदमाशों से रविंद्र सैनी पिछले करीब एक दशक से बदमाशोंसे लड़ रहे थे। उनके शोरूम पर हुई मामूली घटनाके बाद उनकी बदमाशों से रंजिश हो गई थी।रंजिश के चलते उनके शोरूम पर दो बार हमले भी हुए। करीब सात साल पहले एक एक घटना में सैनी के शोरूम पर 20 से अधिक नकाबपोश युवकों ने हमला कर दिया था। इन युवकों नेशोरूम पर तोड़फोड़ और कर्मचारियों के साथमारपीट की थी। शोरूम में खड़ी पांच मोटरसाइकिलों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। शोरूम पर एक बार गोलियां चलने की घटना भी हुई थी।पिछले साल सैनी को एक बार फिर धमकी मिलीथी। धमकियों के चलते सैनी को पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही थी। रविंद्र सैनी ने कहा था न डरूंगा और न झुकूंगा लगातार मिल रहीं धमकियों के बीच रविंद्र सैनी ने एक बार भास्कर से बातचीत के दौरान कहा था कि वह डरने और झुकने वाले नहीं हैं।अदालत में ठोक कर गवाहियां दी हैं। बदमाशों कोसजा दिलवाई है। लोग डराने और समझौते के लिए आते हैं। मगर कोई समझौता नहीं करूंगा। जब तक जीवन है,निडर होकर जीऊंगा। एक साल पहले 3 लोग भी मारने आए थे
जानकारी के मुताबिक करीब एक साल पहले कैंट मयड़ रोड़ पर 3 लोगों को CIA की टीम ने पकड़ा था। उन लोगों से CIA टीम को हथियार भी बरामद हुए थे। जिसके बाद उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह हांसी में हीरो एजेंसी मालिक रविन्द्र सैनी की हत्या करने जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक सैनी ने सिक्योरिटी मांगी थी। जिसके बाद सैनी को एक गनमैन दिया गया। सैनी शाम को 6 बजे एजेंसी के बाहर खड़े थे। जबकि गनमैन अंदर था। तभी बाइक सवार बदमाश आए और उन पर गोलियां चला दी। सैनी को 3 गोलियां लगी। जिसके बाद पूरे शोरूम में खलबली मच गई। उन्हें हांसी के नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में पहुंचे सैकड़ों लोग रविंद्र सैनी के मर्डर की खबर मिलते ही शहर के सैकड़ों लोग, व्यापारी, दुकानदार व नेता नागरिक अस्पताल में पहुंच गए। विधायक विनोद भयाना, नागरिक अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारका ढांढ़स बंधाया। पुलिस अधिकारियों से घटना कीपूरी जानकारी ली। अस्पताल में कांग्रेस नेता राहुल मक्कड़, प्रेम सिंह मलिक, नरेश यादव, मनोज राठी,योगेंद्र योगी, पूर्व मंत्री सुभाष गोयल, नगर परिषद के वाइस चेयरमैन अनिल बंसल, पार्षद सुनील सैनी,हरिराम सैनी, अजय सैनी, रिंकू सैनी, प्रवीन तायल,बजरंग दास बंसल सहित अनेक व्यापारी व दुकानदार मौजूद रहे। व्यापारी प्रवीण तायल सहित कईव्यापारियों ने कहा कि गुंडागर्दी के खिलाफ वीरवारको शहर बंद रखा जाएगा। CCTV में भागते दिखे 4 बदमाश
बदमाश वारदात से पहले आते और फिर भागते हुए CCTV कैमरे में कैद हुए हैं। 2 फुटेज सामने आई हैं। इसमें पहले सीसीटीवी में 3 बदमाश रविन्द्र सैनी की एजेंसी की तरफ पैदल आते हुए दिख रहे हैं। बदमाशों ने मुंह नहीं ढके थे। वहीं दूसरी फुटेज बदमाशों के भागते हुए की है। जिसमें एजेंसी की तरफ पैदल गए 3 बदमाश सैनी पर फायरिंग करने के बाद भागे और फिर आगे जाकर बाइक लेकर खड़े साथी के साथ बैठकर फरार हो गए। बजरंग बोले- सरकार अपराध खत्म करने के लिए पुलिस को छूट दे
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने रविंद्र सैनी की हत्या पर दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सरकार को अपराधियों का पुख्ता से पुख्ता इलाज करना चाहिए। प्रदेश में पूरी तरह से जंगल राज कायम है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। अपराधी दिनदहाड़े दुकानों पर फायरिंग करके व्यापारियों से फिरौती व मंथली मांग रहे हैं। सरकार को अपराध खत्म करने लिए पुलिस प्रशासन को खुली छूट दे देनी चाहिए। हिसार में 4 दिन में 3 व्यापारियों को मिल चुकी धमकी
हिसार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। यहां पहले इनेलो नेता के महिंद्रा शोरूम पर फायरिंग हुई। बदमाश बाइक पर आए और सरेआम फायरिंग के बाद हथियार लहराते हुए भाग निकले। इसके बाद ऑटोमोबाइल और तिरपाल व्यापारी को धमकाकर फिरौती मांगी गई। इसके विरोध में व्यापारियों ने पहले प्रदर्शन किया। इसके बाद 5 दिन पहले पेट्रोल पंप और मेडिकल स्टोर के साथ पूरा बाजार बंद कर धरना दिया। इसके बावजूद अचानक यह हत्या हो गई। व्यापारियों ने सरकार को पूरे हरियाणा बंद की चेतावनी भी दी थी।