दादरी की सेवा सबसे बड़ा धर्म: छपारिया

दादरी की सेवा सबसे बड़ा धर्म: छपारिया

चरखी दादरी | किसी भी इंसान की पहचान उसके ओहदे से बडी होनी चाहिए। हमारा व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि क्षेत्र के प्रत्येक हिस्से में हमारे कार्यों के चलते सभी अपने परिवार का हिस्सा समझे। ओहदा तो इंसान के जीवन में परिस्थितियों के अनुसार बदलता व घटता बढता रहता है। लेकिन सभी के सुख दुख में अगर आप काम आते हो तो ताजिंदगी जो प्रेम व समर्थन मिलता है वो किसी भी ओहदे से बडा होता है। यह बात निर्दलीय पंचायती उम्मीदवार संजय छपारिया द्वारा आज क्षेत्र के विभिन्न गांवों अटेला नयां, बिरही कलां, बरसाना, तिवाला, पांडवान, भैरवी, चरखी, मानकावास, अख्तायरपुरा आदि में अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान कहीं। चरखी दादरी | किसी भी इंसान की पहचान उसके ओहदे से बडी होनी चाहिए। हमारा व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि क्षेत्र के प्रत्येक हिस्से में हमारे कार्यों के चलते सभी अपने परिवार का हिस्सा समझे। ओहदा तो इंसान के जीवन में परिस्थितियों के अनुसार बदलता व घटता बढता रहता है। लेकिन सभी के सुख दुख में अगर आप काम आते हो तो ताजिंदगी जो प्रेम व समर्थन मिलता है वो किसी भी ओहदे से बडा होता है। यह बात निर्दलीय पंचायती उम्मीदवार संजय छपारिया द्वारा आज क्षेत्र के विभिन्न गांवों अटेला नयां, बिरही कलां, बरसाना, तिवाला, पांडवान, भैरवी, चरखी, मानकावास, अख्तायरपुरा आदि में अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान कहीं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर