झांसी अग्निकांड में एक और नवजात की मौत हो गई है। इस बच्चे को अग्निकांड के दौरान वार्ड से रेस्क्यू किया गया था। अब तक मरने वाले बच्चों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि डीएम अविनाश कुमार ने कहा- नवजात की मौत बीमारी की वजह से हुई है। वह जला नहीं थी। इधर, अग्निकांड की पहली जांच रिपोर्ट अब 12 घंटे में नहीं आएगी। सरकार ने जांच के बीच ही कमेटी बदल दी। पहले जांच की जिम्मेदारी झांसी के मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे को दी गई थी। अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह को जांच सौंपी गई है। मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने भास्कर को बताया- उनकी अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी रिपोर्ट नहीं देगी। उन्होंने शनिवार को पीड़ित परिवारों और हॉस्पिटल स्टाफ के बयान दर्ज किए थे। हालांकि कमेटी क्यों बदली? इसे लेकर सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है। शनिवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 3 स्तर पर जांच के निर्देश दिए थे। अब तीनों जांच के बाद ही पता चलेगा कि अग्निकांड का जिम्मेदार कौन है? शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में भीषण आग लग गई थी। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। शनिवार शाम को 10 बच्चों का 2-2 डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। सभी बच्चे 80 फीसदी से अधिक जल गए थे। हडि्डयां तक निकल आई थीं। सभी के DNA सैंपल भी लिए गए। 20 घंटे से लापता 8 बच्चों में से 7 मिल गए हैं। सिर्फ 1 बच्चा अभी तक नहीं मिल पाया है। कैसे हुआ हादसा?शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी, फिर धमाका हो गया। पूरे वार्ड में आग फैल गई। वार्ड बॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) चलाया, मगर वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था, इसलिए काम नहीं किया। सूचना पर फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां पहुंचीं। खिड़की तोड़कर पानी की बाैछारें मारीं। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब 2 घंटे में आग पर काबू पाया गया। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। झांसी अग्निकांड में एक और नवजात की मौत हो गई है। इस बच्चे को अग्निकांड के दौरान वार्ड से रेस्क्यू किया गया था। अब तक मरने वाले बच्चों की संख्या 11 हो गई है। हालांकि डीएम अविनाश कुमार ने कहा- नवजात की मौत बीमारी की वजह से हुई है। वह जला नहीं थी। इधर, अग्निकांड की पहली जांच रिपोर्ट अब 12 घंटे में नहीं आएगी। सरकार ने जांच के बीच ही कमेटी बदल दी। पहले जांच की जिम्मेदारी झांसी के मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे को दी गई थी। अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह को जांच सौंपी गई है। मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने भास्कर को बताया- उनकी अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी रिपोर्ट नहीं देगी। उन्होंने शनिवार को पीड़ित परिवारों और हॉस्पिटल स्टाफ के बयान दर्ज किए थे। हालांकि कमेटी क्यों बदली? इसे लेकर सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है। शनिवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 3 स्तर पर जांच के निर्देश दिए थे। अब तीनों जांच के बाद ही पता चलेगा कि अग्निकांड का जिम्मेदार कौन है? शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में भीषण आग लग गई थी। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। शनिवार शाम को 10 बच्चों का 2-2 डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। सभी बच्चे 80 फीसदी से अधिक जल गए थे। हडि्डयां तक निकल आई थीं। सभी के DNA सैंपल भी लिए गए। 20 घंटे से लापता 8 बच्चों में से 7 मिल गए हैं। सिर्फ 1 बच्चा अभी तक नहीं मिल पाया है। कैसे हुआ हादसा?शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी, फिर धमाका हो गया। पूरे वार्ड में आग फैल गई। वार्ड बॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) चलाया, मगर वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था, इसलिए काम नहीं किया। सूचना पर फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां पहुंचीं। खिड़की तोड़कर पानी की बाैछारें मारीं। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब 2 घंटे में आग पर काबू पाया गया। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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GRAP-3: दिल्ली-एनसीआर में इन चीजों पर फिर से लगा बैन, किसे मिलेगी छूट? काम शुरू करने से पहले जानें डिटेल्स <p style=”text-align: justify;”><strong>Grap-3 Restrictions in Delhi NCR:</strong> दिल्ली के मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है. वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी के कारण गुरुवार (9 जनवरी) शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 357 तक पहुंच गया. जबकि बुधवार को एक्यूआई 297 दर्ज किया गया था. इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 को लागू करने को निर्देश दिया था. <br /> <br />दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 लागू करने का मकसद प्रदूषण से बिगड़े हालात को बेकाबू होने से बचाना होता है. ताकि प्रदूषण से हालात न बिगड़े. दिल्ली एनसीआर में इससे पहले रविवार को ग्रैप-3 के तहत प्रतिबंध हटाए गए थे.<br /><strong> </strong><br /><strong>ग्रैप-3 के तहत इन पर लगी रोक </strong></p>
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<li style=”text-align: justify;”>ग्रैप-3 के तहत दिल्ली में गैर-आवश्यक निर्माण कार्यों जैसे बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम, पाइलिंग कार्य, व अन्य विध्वंसक कार्यों पर रोक होता है.</li>
<li style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है.</li>
<li style=”text-align: justify;”>स्कूल प्रबंधकों को आज से कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए ‘हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों)’ में कक्षाएं संचालित करना होगा.</li>
<li style=”text-align: justify;”>छात्रों और अभिभावकों के पास जहां भी उपलब्ध हो, वहां ऑनलाइन पढ़ाई चुनने का विकल्प मौजूद होता है.</li>
<li style=”text-align: justify;”>जीआरएपी-3 के तहत दिल्ली और एनसीआर के जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कार लोग नहीं चला पाएंगे. हालांकि, दिव्यांगजनों को इस प्रतिबंध से छूट हासिल है.</li>
<li style=”text-align: justify;”>जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-4 या पुराने मानकों वाले डीजल-संचालित गैर-जरूरी मध्यम मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध लागू होता है. </li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा एक्यूआई को 4 चरणों में वर्गीकृत किया गया है. इनमें पहला चरण (एक्यूआई 201 से 300 के बीच खराब श्रेणी में), दूसरा चरण (एक्यूआई 301 से 400 के बीच बहुत खराब श्रेणी में), तीसरा चरण (एक्यूआई 401 से 450 के बीच गंभीर श्रेणी में) और चौथा चरण (एक्यूआई 450 से ज्यादा यानी अत्यधिक गंभीर में) शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi Weather: दिल्ली में घने कोहरे का कहर, 4.8 डिग्री तक गिरा तापमान, फिर होगी ठंड बढ़ाने वाली बारिश?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-weather-update-today-dense-fog-and-coldwave-mausam-vibhag-issued-yellow-alert-rain-warning-2859771″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Weather: दिल्ली में घने कोहरे का कहर, 4.8 डिग्री तक गिरा तापमान, फिर होगी ठंड बढ़ाने वाली बारिश?</a></strong></p>
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बनारसी पतंगों की धूम से आसमान हुआ सतरंगी:मुरादाबादी स्पेशल पतंग से ले रही टक्कर, फिजा में गूंज रहा वो काटा… वो मारा… मकर संक्रांति का त्योहार आज हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। सभी की छत पर युवा पतंगबाजी का आनंद ले रहे हैं। काशी के आसमान से गोरखपुर तक हवा में पतंग और जमीन पर पतंगबाजी का शोर है। युवा पतंगबाजी के शोर में डूबे हुए हैं। वाराणसी में मकर संक्रांति की तैयारी अगस्त महीने से शुरू होती है। जब कारखानों में पतंग बनना शुरू हो जाती हैं। वहीं यहाँ मुरादाबाद की पतंगों को भी पसंद किया जाता है। काशी में कई इलाकों में पतंग बनाई जाती है। और कई इलाकों में पतंग के बाजार हैं। पतंग अभी बन रही है और बाजारों तक जा रही है। वहीं पतंग की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का क्या है खुमार और कैसे बनकर आसमान में उड़ती है पतंग। काशी के पतंग बाजार औरंगाबाद और जहां पतंग बनती है वहां पहुंचकर दुकानदार, कारीगर और युवाओं से बात की, पेश है खास रिपोर्ट…. सबसे पहले काशी में पतंग की खरीदारी और युवाओं की पतंगबाजी… औरंगाबाद में सबसे ज्यादा बिकती हैं पतंगें वाराणसी में कई स्थानों पर पतंग का बाजार सजता है। चौक से दालमंडी में घुसते ही बड़ा पतंग बाजार है। इसके अलावा औरंगाबाद में पतंग खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है। चाइनीज मांझा के खतरनाक रूप को देखने के बाद युवा अब बरेली के मांझे को खरीद रहे हैं। यहां वाराणसी शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों से भी युवा पतंग लेने के लिए आये हुए हैं। मुरादाबाद की स्पेशल पतंग की डिमांड ज्यादा औरंगाबाद के दुकानदार रामशंकर गुप्ता ने बताया – सब कागज की पतंग है। जो बरेली, मुरादाबाद और प्रयागराज से आती है। वाराणसी की पतंग भी डिमांड में है। इस बार युवा चाइनीज मांझा नहीं मांग रहे और हम बेच भी नहीं रहे हैं। 24 साल पुरानी हमारी दुकान है। इस बार एक बार फिर बरेली का मांझा लौट आया है।अचानक से हमें माल मांगना पड़ा। जिससे हमें बरेली का मांझा महंगा मिला है। वहीं उन्होंने बताया मुरादाबाद की स्पेशल पतंगों की डिमांड ज्यादा है। युवाओं में मीडियम पतंग का क्रेज आयुष विश्वकर्मा करौंदी के रहने वाले हैं। उन्होंने औरंगाबाद से 60 पतंग भी खरीदा उन्होंने कहा इस बार पतंग उड़ाने के लिए बरेली का मांझा इस्तेमाल करूंगा। ऐसे ही आयुष की तरह युवा पतंग बाजार में पतंग खरीदते नजर आये। इनमे से ज्यादातर ने पतंग के लिए बरेली मांझे को चुना और चाइनीज मांझे की डिमांड नहीं की। वहीं आज सुबह से ही घरों की छतों पर म्यूजिक सिस्टम लगाकर युवा पतंगबाजी करते दिखाई दिए। युवाओं में इस बार मीडियम साइज पतंग का क्रेज है। शहर में हर इलाके में गूंज रहा है वो काटा… शहर के हर इलाके में आज पतंगबाजी की धूम है। वहीं एक दिन पहले से ही छतों पर म्यूजिक सिस्टम के साथ युवा पतंगबाजी करते नजर आये। पतंग को खींचने की कला देखकर लोग एक दूसरे की पतंगबाजी का अंदाजा लगा रहे थे। पतंग उड़ा रहे गोलू ने बताया। पिछले दस सालों से पतंग उड़ा रहा हूं। बीच में चाइनीज मांझे की तरफ सभी लोग भाग गए थे पर इसबार फिर से हम लोग धागे वाला मांझा लेकर आये हैं। उसी से पतंग उड़ा रहे हैं। अब जानिए कब से काशी में बनना शुरू हो जाती हैं पतंगे और कौन-कौन सी पतंग बनाई जाती है इसपर पतंग के कारोबारियों से बातचीत… वाराणसी के कोतवाली थानाक्षेत्र के अम्बियामंडी इलाके में पतंग बनाने के दर्जन भर से अधिक कारखाने हैं। यहां हर किस्म की बनारसी पतंग बनाई जाती है। जिसे कोलकाता के कारीगर अगस्त से आकर बनाएं शुरू कर देते हैं। यहां हर कारोबारी हर सीजन में 40 से 50 हजार पतंग बेचता है। जिसमें सबसे महंगी पतंग 10 रुपए की होती है। जिसे मर्कटे में 15 से 20 रुपए तक की बेची जाती है। मझोली पतंग की डिमांड सबसे ज्यादा पतंग कारोबारी मोहम्मद अकबर का अम्बियामंडी पुलिस चौकी के पास पतंग का कारखाना है। मोहम्मद अकबर ने बताया सबसे ज्यादा मंझोली पतंग की डिमांड होती है। इसकी एक पीस हमारे यहां 4 रुपए है। जो मार्किट में जाकर 8 रुपए की बिकती है। अकबर ने बताया- हम बनाकर व्यापारियों को सप्लाई करते हैं। व्यापारी चौक और औरंगाबाद ले जाते हैं। जहां से पूरे पूर्वांचल में इसकी सप्लाई की जाती है। अगस्त से शुरू हो जाता है काम एक अन्य कारोबारी मोहम्मद मुस्तफा ने बताया- पतंग का कारोबार इस बार अच्छा नहीं हुआ क्योंकि ठंड और कोहरे की वजह से महिलाओं ने इसका काम करने से मना कर दिया। जिस वजह से प्रोडक्शन में कमी आ गई। मुस्तफा ने बताया- हर साल अगस्त से हम लोग पतंग बनाने का काम शुरू कर देते हैं। एक कारीगर एक दिन में 500 पतंग तैयार कर लेता है अगर वह 12 घंटा काम करे तो। अद्धा की ज्यादा होती है डिमांड मुस्तफा ने बताया कि- मझोली यानी अद्धा की ज्यादा डिमांड होती है। इस डिमांड की वजह से इन्हे ज्यादा बनाया जाता है। जिसे कोलकाता से आए कारीगर बनाते हैं। इसमें बहुत मेहनत लगती है।
हरियाणा के नए CID चीफ होंगे सौरभ सिंह:IPS आलोक मित्तल का तबादला, एंटी करप्शन ब्यूरो के ADGP लगाए
हरियाणा के नए CID चीफ होंगे सौरभ सिंह:IPS आलोक मित्तल का तबादला, एंटी करप्शन ब्यूरो के ADGP लगाए हरियाणा पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल हुआ है। जिसके तहत करीब साढ़े 4 साल तक सीआईडी प्रमुख रहे आलोक मित्तल का तबादला कर दिया गया है। अब उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का एडीजीपी नियुक्त किया गया है। जबकि फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर आईपीएस सौरभ सिंह को सीआईडी प्रमुख नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल जुलाई 2020 में सीआईडी के एडीजीपी बने थे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार में सीआईडी प्रमुख बनाया गया था। तब से वह सीआईडी प्रमुख के पद पर थे। अब सैनी सरकार ने उन्हें सीआईडी के एडीजीपी पद से तबादला कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में अपनी प्रतिनियुक्ति पूरी कर लौटे हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस आलोक मित्तल को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) का एडीजीपी बनाया गया। आलोक मित्तल का जन्म 1969 में हुआ था आपको बता दें कि आईपीएस आलोक मित्तल का जन्म वर्ष 1969 में इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर डिग्री, नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया। वे 1993 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने। पुलिस में भर्ती होने से पहले उन्होंने जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में करीब एक साल तक काम किया। आईपीएस आलोक वर्ष 2007 में फरीदाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में महिला पीसीआर शुरू करने वाले देश के पहले व्यक्ति थे। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन के साथ मिलकर उन्होंने गुड़गांव में साइबर सेफ अभियान की शुरुआत की थी। इसमें छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों के बारे में शिक्षित किया गया था। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। एक महीने पहले फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त सीआईडी के एडीजीपी नियुक्त किए गए सौरभ सिंह 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात थे। करीब एक महीने पहले नवंबर में उन्हें फरीदाबाद का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। अब उन्हें फिर से सीआईडी चिप के पद पर ट्रांसफर कर दिया गया है।