पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत आज (मंगलवार) को 50वें दिन में दाखिल हो गया है। अब डल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। उन्हें बोलने में भी काफी दिक्कत आ रही है। शरीर का मांस सिकुड़ रहा है। ऐसे में किसान अब हर पल को काफी अहम मान रहे हैं। वहीं, आज हरियाणा के कैथल जिले से किसानों का जत्था खनौरी पहुंचेगा। अब इस संघर्ष को तेज करने के लिए डल्लेवाल के संदेश को घर-घर पहुंचाया जाएगा। अस्पताल और डॉक्टर तैयार, इलाज से इनकार जगजीत सिंह डल्लेवाल की मेडिकल रिपोर्ट बारे डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत हर पल बिगड़ रही है। उन्हें बोलने में समस्या आ रही है। हालांकि डल्लेवाल ने साफ कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार उनसे बातचीत नहीं करती है। तब तक वह मेडिकल सुविधा नहीं लेंगे। हालांकि पंजाब सरकार की तरफ से मोर्चे के 500 मीटर की दूरी पर एक अस्थाई अस्पताल, डॉक्टरों की टीम और अन्य इंतजाम पूरे किए गए हैं। पंजाब सरकार के अधिकारी लगातार किसानों से मुलाकात कर रहे है। इससे पहले पंजाब सरकार के सात मंत्री भी डल्लेवाल से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने मोर्चे पर पहुंचकर डल्लेवाल से मुलाकात की थी। साथ ही उन्हें कहा था कि वह मरणव्रत जारी रखे, लेकिन वह इलाज जरूर लें। अब एसकेएम के साथ मीटिंग 18 को शंभू और खनौरी मोर्चे पर चल रहे संघर्ष के साथ आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा भी नजर आएगा। एकता को लेकर दोनों दलों की मीटिंगों का दौर जारी है। सोमवार को पटियाला के पातड़ां में तीन मोर्चे के नेताओं की मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद सभी पक्षों के नेताओं ने कहा कि मीटिंग काफी पॉजिटिव माहौल में हुई है। 18 जनवरी को एक और मीटिंग फिर पातड़ां में होगी। इसमें 26 जनवरी को होनी वाली ट्रैक्टर मार्च को लेकर स्ट्रेटजी बनाई जाएगी। आज हरियाणा के सोनीपत से किसानों का एक जत्था जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी मोर्चे पर आया था। पीएम से लेकर संत महापुरुषों तक को लिखा पत्र इस आंदोलन को लेकर जहां डल्लेवाल की तरफ से मरणव्रत रखा गया है। वहीं, अब काफी संख्या में लोग खनौरी पहुंच रहे है तो दूसरी तरफ पत्राचार भी लगातार जारी है। डल्लेवाल देश के प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति, कृषि मंत्री सभी धर्मों के संतों और महापुरुषों को पत्र लिख चुके हैं। साथ ही मांग कर रहे हैं केंद्र सरकार को कहे कि किसानों की मांगों पर ध्यान दे। इससे ही किसानों का फायदा है। इससे पहले किसान पंजाब बंद, महापंचायत और दिल्ली कूच की कोशिश तक चुके हैं। पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत आज (मंगलवार) को 50वें दिन में दाखिल हो गया है। अब डल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। उन्हें बोलने में भी काफी दिक्कत आ रही है। शरीर का मांस सिकुड़ रहा है। ऐसे में किसान अब हर पल को काफी अहम मान रहे हैं। वहीं, आज हरियाणा के कैथल जिले से किसानों का जत्था खनौरी पहुंचेगा। अब इस संघर्ष को तेज करने के लिए डल्लेवाल के संदेश को घर-घर पहुंचाया जाएगा। अस्पताल और डॉक्टर तैयार, इलाज से इनकार जगजीत सिंह डल्लेवाल की मेडिकल रिपोर्ट बारे डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत हर पल बिगड़ रही है। उन्हें बोलने में समस्या आ रही है। हालांकि डल्लेवाल ने साफ कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार उनसे बातचीत नहीं करती है। तब तक वह मेडिकल सुविधा नहीं लेंगे। हालांकि पंजाब सरकार की तरफ से मोर्चे के 500 मीटर की दूरी पर एक अस्थाई अस्पताल, डॉक्टरों की टीम और अन्य इंतजाम पूरे किए गए हैं। पंजाब सरकार के अधिकारी लगातार किसानों से मुलाकात कर रहे है। इससे पहले पंजाब सरकार के सात मंत्री भी डल्लेवाल से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने मोर्चे पर पहुंचकर डल्लेवाल से मुलाकात की थी। साथ ही उन्हें कहा था कि वह मरणव्रत जारी रखे, लेकिन वह इलाज जरूर लें। अब एसकेएम के साथ मीटिंग 18 को शंभू और खनौरी मोर्चे पर चल रहे संघर्ष के साथ आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा भी नजर आएगा। एकता को लेकर दोनों दलों की मीटिंगों का दौर जारी है। सोमवार को पटियाला के पातड़ां में तीन मोर्चे के नेताओं की मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद सभी पक्षों के नेताओं ने कहा कि मीटिंग काफी पॉजिटिव माहौल में हुई है। 18 जनवरी को एक और मीटिंग फिर पातड़ां में होगी। इसमें 26 जनवरी को होनी वाली ट्रैक्टर मार्च को लेकर स्ट्रेटजी बनाई जाएगी। आज हरियाणा के सोनीपत से किसानों का एक जत्था जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी मोर्चे पर आया था। पीएम से लेकर संत महापुरुषों तक को लिखा पत्र इस आंदोलन को लेकर जहां डल्लेवाल की तरफ से मरणव्रत रखा गया है। वहीं, अब काफी संख्या में लोग खनौरी पहुंच रहे है तो दूसरी तरफ पत्राचार भी लगातार जारी है। डल्लेवाल देश के प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति, कृषि मंत्री सभी धर्मों के संतों और महापुरुषों को पत्र लिख चुके हैं। साथ ही मांग कर रहे हैं केंद्र सरकार को कहे कि किसानों की मांगों पर ध्यान दे। इससे ही किसानों का फायदा है। इससे पहले किसान पंजाब बंद, महापंचायत और दिल्ली कूच की कोशिश तक चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री का विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मेरा बेटा लड़ेगा; हुड्डा के मार्गदर्शक कहने पर खुद को एक्टिव पॉलिटिशियन बताया था
हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री का विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मेरा बेटा लड़ेगा; हुड्डा के मार्गदर्शक कहने पर खुद को एक्टिव पॉलिटिशियन बताया था हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से किनारा कर लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए बीरेंद्र ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। बीरेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के साथ चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे। हालांकि वहां हुड्डा ने उन्हें मार्गदर्शक कह दिया। जिसके जवाब में बीरेंद्र ने कहा था कि वे एक्टिव पॉलिटिशियन हैं। बीरेंद्र सिंह बोले- बेटा लड़ेगा
बीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा- ”हमारा परिवार चुनाव लड़ेगा। मेरे बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा के सांसद थे। बेटे ने उचाना विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में आवेदन किया है। यहां से मैं 5 बार विधायक रहा। एक बार मेरी पत्नी प्रेमलता विधायक रहीं। मैं समझता हूं कि उससे उपयुक्त कैंडिडेट नहीं है। मैंने भी ये समझा कि राजनीति के इस युग में युवाओं को और पार्टिसिपेट करने का मौका मिलना चाहिए।” बीरेंद्र सिंह को लोकसभा में झटका दे चुकी कांग्रेस
बीरेंद्र सिंह ने भले ही उचाना सीट से दावा ठोक दिया हो लेकिन कांग्रेस में उनकी राह आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उन्हें झटका दे चुकी है। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से BJP के सिटिंग सांसद थे। इसके बावजूद वह बेटे समेत कांग्रेस में आ गए। लोकसभा में कांग्रेस ने उनके बेटे की टिकट काट दी। बीरेंद्र सिंह ने हिसार और सोनीपत से दावेदारी ठोकी थी। हालांकि विधानसभा में उनके बेटे की दावेदारी को कांग्रेस कितनी तवज्जो देगी, इस पर सबकी नजर है। हुड्डा को छोड़ सैलजा संग नजर आ रहे बीरेंद्र
कांग्रेस में इस वक्त संगठन में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का दबदबा है। हालांकि बीरेंद्र सिंह हुड्डा की विरोधी मानी जाती सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के साथ नजर आ रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव के वक्त भी सैलजा का नामांकन भरवाने गए। अब सैलजा कांग्रेस संदेश यात्रा निकाल रही हैं तो बीरेंद्र सिंह उनके साथ नजर आ रहे हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा था- मेरा बेटा CM की दौड़ में
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के मन में अभी भी हरियाणा का मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस है। हिसार से बेटे बृजेंद्र को कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद बीरेंद्र सिंह ने जींद में समर्थकों से मीटिंग की थी। जिसमें बीरेंद्र सिंह ने इशारों-इशारों में कहा था कि मैं CM नहीं बन पाया तो क्या हुआ, उनका बेटा अब CM की दौड़ में शामिल हो गया है। इस पर बीरेंद्र सिंह ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पिता रणबीर सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के बड़े भाई जोगिंद्र के निधन पर बड़ी संख्या में पूरे देश से बड़े नेता आए हुए थे। तब चौधरी रणबीर सिंह ने यह कहा था कि लोग कहते थे क्या रणबीर सिंह कभी CM नहीं बन पाएगा। आज देखो मेरा बेटा प्रदेश का CM है। यह कहकर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब आप लोग समझ जाओ। हरियाणा की राजनीति के ट्रेजेडी किंग बीरेंद्र सिंह
हरियाणा की सियासत में बीरेंद्र सिंह को ट्रेजेडी किंग कहा जाता है। हरियाणा में जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते इलाके को बांगर बेल्ट कहा जाता है। बांगर का यही इलाका किसानों के सबसे बड़े नेता, सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। 5 बार विधायक और 3 दफा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह कभी CM नहीं बन पाए और इसकी टीस उन्हें हमेशा से रही। वह खुद अनेक बार अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी करते रहे। साफ-सुथरी राजनीति करने वाले बीरेंद्र सिंह हर मुद्दे पर अपना पॉइंट ऑफ व्यू बिना किसी लागलपेट के रखते हैं। जो भी कहना, सीधे मुंह पर कहना, उनकी आदत है। इसी बेबाकी के चलते वह कई बार अपनी ही पार्टी , फिर चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा, के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। वह वाक्या, जिसमें उदयभान और हुड्डा ने बीरेंद्र पर तंज कस दिया चंडीगढ़ में कांग्रेस ने ‘हरियाणा मांगे इंसाफ’ कैंपेन की लॉन्चिंग रखी थी। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीरेंद्र सिंह को माइक देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा- ”हमारे प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बड़ा लंबा तजुर्बा है। (हंसते हुए) 42 साल कांग्रेस का है, 10 साल BJP का है। उनका मार्गदर्शन बहुत ही बेहतर रहा है। वह भी अपने विचार रखेंगे।” इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने उदयभान के हाथ से माइक पकड़कर चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए कहा-”मार्गदर्शक बन चुके हैं।”(यह सुनकर सब हंसने लगे) इस पर बीरेंद्र सिंह ने कहा- और ये (मार्गदर्शक) होने वाले हैं। इसके बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने माइक थामा। उन्होंने कहा- ” मैं जो सोचता हूं। मेरी अपनी असेसमेंट है और ये मैं मार्गदर्शक के रूप में नहीं एक्टिव पॉलिटिशियन के रूप में बता रहा हूं कि हरियाणा में 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है।”
पलवल में अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मारी:एक व्यक्ति की मौत, दूसरा घायल; काम पर जा रहे थे दोनों
पलवल में अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मारी:एक व्यक्ति की मौत, दूसरा घायल; काम पर जा रहे थे दोनों हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर मितरोल गांव के निकट बने फ्लाईओवर पर अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार मजदूर की मौत हो गई, जबकि उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। दुर्घटना के बाद चालक अपने वाहन को लेकर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया। मुंडकटी थाना प्रभारी सुंदरपाल के अनुसार, आली मेव गांव निवासी प्रेमचंद ने शिकायत में कहा कि उसका छोटा भाई कृष्ण प्रतिदिन की तरह 21 जुलाई क मजदूरी पर देवली गांव में अपनी बाइक से जा रहा था। बाइक पर उसके साथ देवली गांव निवासी भूले भी बैठा हुआ था। उनकी बाइक जब नेशनल हाईवे-19 पर बने मितरोल फ्लाईओवर पर पहुंची तभी किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में सीधी टक्कर मार दी। टक्कर लगने से बाइक सड़क पर गिर पड़ी और उसके भाई कृष्ण के सिर में गंभीर चोटें लगी। भूले सिंह भी घायल हो गया। कृष्ण को गंभीर चोटें लगने के कारण उपचार के लिए फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
फतेहाबाद ब्लाक समिति चेयरपर्सन की कुर्सी पर खतरा:अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एडीसी से मिले सदस्य; बोले- काम में किया जा रहा भेदभाव
फतेहाबाद ब्लाक समिति चेयरपर्सन की कुर्सी पर खतरा:अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एडीसी से मिले सदस्य; बोले- काम में किया जा रहा भेदभाव फतेहाबाद के ब्लाक समिति के सदस्य चेयरपर्सन पूजा रानी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। आज ब्लाक समिति सदस्य एडीसी राहुल महाजन से मिलने पहुंचे। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए तारीख की मांग की। इससे पहले रतिया और भट्टू के सदस्य भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग की मांग कर चुके हैं, जिस पर बीते दिन प्रशासन ने 4 दिसंबर को सुबह 11 बजे भट्टू ब्लाक व शाम 4 बजे रतिया ब्लाक समिति के सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग के बुलाई है। 22 सदस्यों के साथ होने का दावा फतेहाबाद ब्लाक समिति में 30 सदस्य शामिल हैं। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव के लिए 20 सदस्य मीटिंग में होने जरूरी हैं। आज ज्ञापन देने पहुंचे सदस्यों ने उनके पास 22 लोगों की संख्या होने का दावा किया और बताया कि आज 21 सदस्य ज्ञापन देने पहुंचे हैं। एडीसी ने जल्द ही मीटिंग की तारीख का आश्वासन दिया है। चेयरपर्सन पर भेदभाव का आरोप एडीसी से मिलने पहुंचे ब्लाक समिति सदस्य वीरेंद्र भादू एडवोकेट, सीमा रानी आदि ने बताया कि चेयरपर्सन पूजा रानी द्वारा ब्लाक समिति के वार्डों में भेदभाव से काम करवाया जा रहा है। किसी वार्ड में काम ज्यादा हो रहे हैं, तो किसी में काम हो ही नहीं रहे। जिस कारण सदस्यों में अविश्वास है और सदस्य नाराज हैं। रतिया व भट्टू ब्लाक समिति प्रधान के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव बता दें कि रतिया और भट्टू के ब्लाक समिति प्रधानों की कुर्सी के ऊपर पहले से ही खतरा मंडराया हुआ है। हालांकि वहां कारण राजनीतिक हैं, लेकिन फतेहाबाद में अविश्वास का कारण भेदभाव बताया गया है। इससे पहले 8 नवंबर को भट्टू ब्लाक समिति के 16 सदस्य डीसी से मिले थे और चेयरपर्सन ज्योति लूणा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग की मांग की थी, जिसके बाद 18 तारीख को मीटिंग का समय तय कर दिया गया था, लेकिन 18 तारीख को एडीसी छुट्टी पर चले गए। वहीं तीन दिन पहले रतिया ब्लाक समिति के 16 सदस्य हस्ताक्षरित मांग पत्र लेकर डीसी से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने ब्लाक समिति चेयरमैन केवल कृष्ण मेहता के खिलाफ अविश्वास जाहिर किया था और उनके खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए डेट की मांग की थी।