भास्कर न्यूज | लुधियाना पदोन्नति समेत अन्य मांगों को लेकर डीसी दफ्तर कर्मचारियों की हड़ताल टल गई है। 25 जनवरी को मांगों को लेकर बैठक के बाद आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, हड़ताल को लेकर असमंजस बनने के कारण शहरवासी भी परेशान रहे। डीसी कर्मचारी यूनियन लुधियाना के प्रधान विक्की जुनेजा ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर लगातार सरकार से मांग की जा रही है लेकिन सरकार की ओर से मांगों को लेकर सिर्फ आश्वासन दिया गया। कहा कि मांगों को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन की घोषणा की थी। 15 से कर्मचारियों ने हड़ताल करनी थी लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल 25 जनवरी तक टाल दी गई है। बताया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर होने वाली मीटिंग में आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। यह हैं मांगें भास्कर न्यूज | लुधियाना पदोन्नति समेत अन्य मांगों को लेकर डीसी दफ्तर कर्मचारियों की हड़ताल टल गई है। 25 जनवरी को मांगों को लेकर बैठक के बाद आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, हड़ताल को लेकर असमंजस बनने के कारण शहरवासी भी परेशान रहे। डीसी कर्मचारी यूनियन लुधियाना के प्रधान विक्की जुनेजा ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर लगातार सरकार से मांग की जा रही है लेकिन सरकार की ओर से मांगों को लेकर सिर्फ आश्वासन दिया गया। कहा कि मांगों को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन की घोषणा की थी। 15 से कर्मचारियों ने हड़ताल करनी थी लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल 25 जनवरी तक टाल दी गई है। बताया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर होने वाली मीटिंग में आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। यह हैं मांगें पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
आतंकी गजिंदर सिंह की पाकिस्तान में मौत:1981 में AI फ्लाइट 423 को किया था हाईजैक; बीमारी के कारण अस्पताल में था भर्ती
आतंकी गजिंदर सिंह की पाकिस्तान में मौत:1981 में AI फ्लाइट 423 को किया था हाईजैक; बीमारी के कारण अस्पताल में था भर्ती दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह हृदय रोग से पीड़ित था। पाकिस्तानी अलगाववादियों ने इसकी पुष्टि की है। गजिंदर सिंह को 1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ्तारी के विरोध में विमान अपहरण के लिए जाना जाता है। गजिंदर की मौत के बाद खालिस्तान आंदोलन को दुनिया में बड़ा झटका लगा है। गजिंदर सिंह की बात करें तो 2021 में एक सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है। 2021 में कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के एक सदस्य ने गजिंदर सिंह की तस्वीर फेसबुक पर शेयर की और उसके पाकिस्तान में होने की जानकारी दी। 1996 से ही भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी लोकेशन का पता लगाने की कोशिश कर रही थीं। पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसन अब्दाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में मौजूद है। भारत के वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था गजिंदर को 2002 में 20 सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया था। वह उन पांच लोगों में शामिल था, जिन्होंने 29 सितंबर, 1981 को 111 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को लेकर उड़ान संख्या AI-423 का अपहरण किया था। यह उड़ान दिल्ली से अमृतसर आ रही थी और इसे अपहरण करके लाहौर में उतरने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद आतंकवादियों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और कई अन्य खालिस्तानी चरमपंथियों की रिहाई के साथ 5 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। पाकिस्तान से रिहा होने के बाद वह लापता हो गया इस घटना के बाद सभी पांच लोगों को पाकिस्तान में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई। 1995 में अपनी सजा पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद गजिंदर 1996 में जर्मनी चला गया। लेकिन भारत द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उसे जर्मनी में प्रवेश नहीं मिला और वह पाकिस्तान लौट आया। इसके बाद गजिंदर सिंह कभी नहीं मिला। भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी तलाश करती रहीं। भारत सरकार कई बार उसे सौंपने की मांग करती रही, लेकिन पाकिस्तान बार-बार उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा।
केन्द्रीय राज्य मंत्री बिट्टू ने सार्वजनिक की अपनी संपत्ति:किसानों की प्रॉपर्टी जांच करवाने की दी थी चेतावनी,किसान नेताओं को कहा था तालिबानी
केन्द्रीय राज्य मंत्री बिट्टू ने सार्वजनिक की अपनी संपत्ति:किसानों की प्रॉपर्टी जांच करवाने की दी थी चेतावनी,किसान नेताओं को कहा था तालिबानी केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लगातार किसानों पर किसी न किसी मुद्दे पर कटाक्ष कर रहे है। दो दिन पहले बिट्टू ने किसान नेताओं को खाद लूटने वाले तालिबानी कहा था। बिट्टू ने चेतावनी भरे लहजे से कहा था कि सरकार किसान नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कराएगी। इनके पास नेता बनने से पहले और बाद में कितनी प्रॉपर्टी हुई। इस बयान के बाद अब बिट्टू ने X पर खुद की संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक कर दिया है। बिट्टू ने X पर लिखा-मैंने घोषणा की थी कि मैं अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा सार्वजनिक रूप से करूंगा। इसी क्रम में मैं इसे अब अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर रहा हूं। 2009 से 2024 तक रवनीत बिट्टू की संपत्ति बिट्टू ने पोस्ट कर 2009 से 2024 तक अपने राजनीतिक कैरियर में कमाई संपत्ति की जानकारी दी है। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि 2009 में बिट्टू के पास नकदी 1 लाख 70 हजार थी। बैंक में 3 लाख 443 रुपए थे और उनके पास मारुति स्टीम गाड़ी थी। गहनों में बिट्टू के पास 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी। इसी तरह 2014 में बिट्टू के पास नकदी 3 लाख 30 हजार नकदी और 7 लाख43 हजार 779 रुपए बैंक में थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। बिट्टू के पास 2019 में 3 लाख 10 हजार रुपए नकदी, 3 लाख 42 हजार 692 रुपए बैंक में जमा थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। अब 2024 में बिट्टू के 3 लाख 39 हजार नकदी, 10 लाख 96 हजार 405 रुपए बैंक खाते में जमा है। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी उनके पास है। इसी तरह बिट्टू ने अपनी अन्य जमीन और लोन संबंधी भी जानकारियां सार्वजनिक की है। ये था पूरा मामला केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू की 3 अहम बातें 1. भाजपा का विरोध किसान नहीं नेता कर रहे
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- किसान कोई विरोध नहीं कर रहा। किसान भाजपा के साथ है। सिर्फ लीडर विरोध कर रहे हैं। किसान के पास कहां टाइम है। किसान मंडियों में है। उसके बाद गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो जाएगा। यह लीडर हैं, जो भेजे जाते हैं। कोई बात नहीं, हमारा भी इलेक्शन में विरोध किया। 2. किसान लीडरों की जांच कराएंगे, ये आढ़ती, इनके शैलर चल रहे
किसान यूनियन के कई बड़े लीडर बने हैं, इनकी जांच कराएंगे। उनकी जमीनों की जांच होगी। उनकी किसान लीडर बनने से पहले और बाद में कितनी जमीन-जायदाद बनी है। कौन सा ऐसा किसान नेता है, जो आढ़तिया नहीं या फिर उनके शैलर नहीं हैं। 3. खाद की ट्रेन लूटी, ये तालिबानी
कहीं ट्रेन लूट ली। खाद भी तो किसी जमींदार को मिलनी है। ये कहते हैं यहां नहीं वहां जाएगी। ये तो तालिबान बन गए। कहीं तो यह काम रोकना पड़ेगा। आने वाले दिनों में किसान भाजपा को ठोक कर वोट डालेगा। किसान को पता है कि किसानों का सुधार केंद्र सरकार से ही हो सकता है। उनके पास पैसे के गफ्फे हैं।
खन्ना में पोस्टमार्टम को लेकर हंगामा:मृतक के परिजनों ने मोर्चरी का गेट तोड़ा, डॉक्टर को गालियां देकर छीने कागजात, केस दर्ज
खन्ना में पोस्टमार्टम को लेकर हंगामा:मृतक के परिजनों ने मोर्चरी का गेट तोड़ा, डॉक्टर को गालियां देकर छीने कागजात, केस दर्ज खन्ना में रोड एक्सीडेंट मामले में पोस्टमार्टम को लेकर हंगामे की खबर सामने आई है। घटना दो दिन पहले 1 जून की बताई जा रही है। जिसका खुलासा आज आरोपियों खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद हुआ। इस मामले में सिटी थाना 2 पुलिस ने सिविल अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर गुरविंदर सिंह कक्कड़ की शिकायत पर सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में जम्मू कश्मीर के कठुआ के रहने वाले मोहम्मद शरीफ चौधरी, शमशेर और सुरमुदीन के इलावा इनके एक दर्जन से अधिक अज्ञात साथियों खिलाफ केस दर्ज किया। क्या है पूरा मामला? जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर के कठुआ के रहने वाले जाकिर हुसैन (22) का कुछ दिनों पहले मलेरकोटला से खन्ना आते समय इकोलाहा गांव के पास हादसा हो गया था। जाकिर की महिंद्रा गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मारी थी। हादसे में घायल जाकिर की पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान 31 मई को मौत हो गई थी। इसके बाद खन्ना सदर थाना के हवलदार अमरजीत सिंह द्वारा पीजीआई से शव को खन्ना सिविल अस्पताल लाया गया। खन्ना में पोस्टमार्टम के लिए आवेदन किया गया। जिसके बाद एसएमओ डॉक्टर मनिंदर सिंह भसीन ने पोस्टमार्टम की मंजूरी देते हुए डॉक्टर गुरविंदर सिंह कक्कड़ की ड्यूटी लगाई। क्योंकि 1 जून को वोटिंग थी। सभी ड्यूटी में लगे थे। इसके बावजूद मृतक के जम्मू कश्मीर से संबंधित होने के चलते अस्पताल प्रशासन ने इंसानियत दिखाते हुए उसी दिन पोस्टमार्टम के लिए सहमति जताई और मेडिकल ऑफिसर की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई। मृतक के परिजनों का हंगामा जब मोर्चरी में जाकिर हुसैन का पोस्टमार्टम किया जा रहा था, तो वहां बाहर बैठे मृतक के परिजन भड़क गए और गेट तोड़कर जबरदस्ती मोर्चरी के अंदर चले गए। वहां इन्होंने हंगामा कर दिया और पोस्टमार्टम से इंकार करने लगे। डॉक्टर गुरविंदर कक्कड़ को गालियां दी गईं। हाथापाई की कोशिश की गई। पोस्टमार्टम की फाइल छीनकर फाड़ने की कोशिश की। जिसके बाद एसएमओ डॉक्टर मनिंदर भसीन ने पुलिस फोर्स बुलाई और दो थानों की फोर्स ने आकर प्रदर्शनकारियों को संभाला। उस दिन वोटिंग के मद्देनजर पुलिस ने किसी तरीके से प्रदर्शनकारियों को शांत करके शव उन्हें सौंप जम्मू भेज दिया था। इसके बाद मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कक्कड़ ने पुलिस कंप्लेंट की और इस पर केस दर्ज किया गया। आरोपी न पकड़ने पर डॉक्टर कर सकते हैं हड़ताल वहीं दूसरी तरफ सिविल अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ में इस घटना को लेकर भारी रोष है। हालांकि खन्ना पुलिस ने एक्शन लेकर आरोपियों खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। लेकिन डॉक्टरों की मांग है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की देरी से डॉक्टर अन्य स्टाफ को लेकर हड़ताल भी कर सकते हैं।